< בראשית 45 >
ולא יכל יוסף להתאפק לכל הנצבים עליו ויקרא הוציאו כל איש מעלי ולא עמד איש אתו בהתודע יוסף אל אחיו | 1 |
तब यूसुफ़ उनके आगे जो उसके आस पास खड़े थे, अपने को रोक न कर सका और चिल्ला कर कहा, “हर एक आदमी को मेरे पास से बाहर कर दो।” चुनांचे जब यूसुफ़ ने अपने आप को अपने भाइयों पर ज़ाहिर किया उस वक़्त और कोई उसके साथ न था।
ויתן את קלו בבכי וישמעו מצרים וישמע בית פרעה | 2 |
और वह ज़ोर ज़ोर से रोने लगा; और मिस्रियों ने सुना, और फ़िर'औन के महल में भी आवाज़ गई।
ויאמר יוסף אל אחיו אני יוסף העוד אבי חי ולא יכלו אחיו לענות אתו כי נבהלו מפניו | 3 |
और यूसुफ़ ने अपने भाइयों से कहा, “मैं यूसुफ़ हूँ! क्या मेरा बाप अब तक ज़िन्दा है?” और उसके भाई उसे कुछ जवाब न दे सके, क्यूँकि वह उसके सामने घबरा गए।
ויאמר יוסף אל אחיו גשו נא אלי ויגשו ויאמר אני יוסף אחיכם אשר מכרתם אתי מצרימה | 4 |
और यूसुफ़ ने अपने भाइयों से कहा, “ज़रा नज़दीक आ जाओ।” और वह नज़दीक आए। तब उसने कहा, “मैं तुम्हारा भाई यूसुफ़ हूँ, जिसको तुम ने बेच कर मिस्र पहुँचवाया।
ועתה אל תעצבו ואל יחר בעיניכם כי מכרתם אתי הנה כי למחיה שלחני אלהים לפניכם | 5 |
और इस बात से कि तुम ने मुझे बेच कर यहाँ पहुँचवाया, न तो ग़मगीन हो और न अपने — अपने दिल में परेशान हो; क्यूँकि ख़ुदा ने जानों को बचाने के लिए मुझे तुम से आगे भेजा।
כי זה שנתים הרעב בקרב הארץ ועוד חמש שנים אשר אין חריש וקציר | 6 |
इसलिए कि अब दो साल से मुल्क में काल है, और अभी पाँच साल और ऐसे हैं जिनमें न तो हल चलेगा और न फसल कटेगी।
וישלחני אלהים לפניכם לשום לכם שארית בארץ ולהחיות לכם לפליטה גדלה | 7 |
और ख़ुदा ने मुझ को तुम्हारे आगे भेजा, ताकि तुम्हारा बक़िया ज़मीन पर सलामत रख्खे और तुम को बड़ी रिहाई के वसीले से ज़िन्दा रख्खे।
ועתה לא אתם שלחתם אתי הנה כי האלהים וישימני לאב לפרעה ולאדון לכל ביתו ומשל בכל ארץ מצרים | 8 |
फिर तुम ने नहीं बल्कि ख़ुदा ने मुझे यहाँ भेजा, और उसने मुझे गोया फ़िर'औन का बाप और उसके सारे घर का ख़ुदावन्द और सारे मुल्क — ए — मिस्र का हाकिम बनाया।
מהרו ועלו אל אבי ואמרתם אליו כה אמר בנך יוסף שמני אלהים לאדון לכל מצרים רדה אלי אל תעמד | 9 |
इसलिए तुम जल्द मेरे बाप के पास जाकर उससे कहो, 'तेरा बेटा यूसुफ़ यूँ कहता है, कि ख़ुदावन्द ने मुझ को सारे मिस्र का मालिक कर दिया है। तू मेरे पास चला आ, देर न कर।
וישבת בארץ גשן והיית קרוב אלי--אתה ובניך ובני בניך וצאנך ובקרך וכל אשר לך | 10 |
तू जशन के इलाक़े में रहना, और तू और तेरे बेटे और तेरे पोते और तेरी भेड़ बकरियाँ और गायें बैल और तेरा माल ओ — मता'अ, यह सब मेरे नज़दीक होंगे।
וכלכלתי אתך שם כי עוד חמש שנים רעב פן תורש אתה וביתך וכל אשר לך | 11 |
और वहीं मैं तेरी परवरिश करूँगा; ऐसा न हो कि तुझ को और तेरे घराने और तेरे माल — ओ — मता'अ को ग़रीबी आ दबाए, क्यूँकि काल के अभी पाँच साल और हैं।
והנה עיניכם ראות ועיני אחי בנימין כי פי המדבר אליכם | 12 |
और देखो, तुम्हारी आँखें और मेरे भाई बिनयमीन की आँखें देखती हैं कि खुद मेरे मुँह से ये बातें तुम से हो रही हैं।
והגדתם לאבי את כל כבודי במצרים ואת כל אשר ראיתם ומהרתם והורדתם את אבי הנה | 13 |
और तुम मेरे बाप से मेरी सारी शान — ओ — शौकत का जो मुझे मिस्र में हासिल है, और जो कुछ तुम ने देखा है सबका ज़िक्र करना; और तुम बहुत जल्द मेरे बाप को यहाँ ले आना।”
ויפל על צוארי בנימן אחיו ויבך ובנימן--בכה על צואריו | 14 |
और वह अपने भाई बिनयमीन के गले लग कर रोया और बिनयमीन भी उसके गले लगकर रोया।
וינשק לכל אחיו ויבך עלהם ואחרי כן דברו אחיו אתו | 15 |
और उसने सब भाइयों को चूमा और उनसे मिल कर रोया, इसके बाद उसके भाई उससे बातें करने लगे।
והקל נשמע בית פרעה לאמר באו אחי יוסף וייטב בעיני פרעה ובעיני עבדיו | 16 |
और फ़िर'औन के महल में इस बात का ज़िक्र हुआ कि यूसुफ़ के भाई आए हैं और इस से फ़िर'औन के नौकर चाकर बहुत खुश हुए।
ויאמר פרעה אל יוסף אמר אל אחיך זאת עשו טענו את בעירכם ולכו באו ארצה כנען | 17 |
और फ़िर'औन ने यूसुफ़ से कहा कि अपने भाइयों से कह, “तुम यह काम करो कि अपने जानवरों को लाद कर मुल्क — ए — कना'न को चले जाओ।
וקחו את אביכם ואת בתיכם ובאו אלי ואתנה לכם את טוב ארץ מצרים ואכלו את חלב הארץ | 18 |
और अपने बाप को और अपने — अपने घराने को लेकर मेरे पास आ जाओ, और जो कुछ मुल्क — ए — मिस्र में अच्छे से अच्छा है वह मैं तुम को दूँगा और तुम इस मुल्क की उम्दा उम्दा चीज़ें खाना।
ואתה צויתה זאת עשו קחו לכם מארץ מצרים עגלות לטפכם ולנשיכם ונשאתם את אביכם ובאתם | 19 |
तुझे हुक्म मिल गया है, कि उनसे कहे, 'तुम यह करो कि अपने बाल बच्चों और अपनी बीवियों के लिए मुल्क — ए — मिस्र से अपने साथ गाड़ियाँ ले जाओ, और अपने बाप को भी साथ लेकर चले आओ।
ועינכם אל תחס על כליכם כי טוב כל ארץ מצרים לכם הוא | 20 |
और अपने अस्बाब का कुछ अफ़सोस न करना, क्यूँकि मुल्क — ए — मिस्र की सब अच्छी चीज़ें तुम्हारे लिए हैं।”
ויעשו כן בני ישראל ויתן להם יוסף עגלות על פי פרעה ויתן להם צדה לדרך | 21 |
और इस्राईल के बेटों ने ऐसा ही किया; और यूसुफ़ ने फ़िर'औन के हुक्म के मुताबिक़ उनको गाड़ियाँ दीं और सफ़र का सामान भी दिया।
לכלם נתן לאיש חלפות שמלת ולבנימן נתן שלש מאות כסף וחמש חלפת שמלת | 22 |
और उसने उनमें से हर एक को एक — एक जोड़ा कपड़ा दिया, लेकिन बिनयमीन को चाँदी के तीन सौ सिक्के और पाँच जोड़े कपड़े दिए।
ולאביו שלח כזאת עשרה חמרים נשאים מטוב מצרים ועשר אתנת נשאת בר ולחם ומזון לאביו--לדרך | 23 |
और अपने बाप के लिए उसने यह चीज़ें भेजीं, या'नी दस गधे जो मिस्र की अच्छी चीज़ों से लदे हुए थे, और दस गधियाँ जो उसके बाप के रास्ते के लिए ग़ल्ला और रोटी और सफ़र के सामान से लदी हुई थीं।
וישלח את אחיו וילכו ויאמר אלהם אל תרגזו בדרך | 24 |
चुनांचे उसने अपने भाइयों को रवाना किया और वह चल पड़े; और उसने उनसे कहा, “देखना, कहीं रास्ते में तुम झगड़ा न करना।”
ויעלו ממצרים ויבאו ארץ כנען אל יעקב אביהם | 25 |
और वह मिस्र से रवाना हुए और मुल्क — ए — कना'न में अपने बाप या'क़ूब के पास पहुँचे,
ויגדו לו לאמר עוד יוסף חי וכי הוא משל בכל ארץ מצרים ויפג לבו כי לא האמין להם | 26 |
और उससे कहा, “यूसुफ़ अब तक ज़िन्दा है और वही सारे मुल्क — ए — मिस्र का हाकिम है।” और या'क़ूब का दिल धक से रह गया, क्यूँकि उसने उनका यक़ीन न किया।
וידברו אליו את כל דברי יוסף אשר דבר אלהם וירא את העגלות אשר שלח יוסף לשאת אתו ותחי רוח יעקב אביהם | 27 |
तब उन्होंने उसे वह सब बातें जो यूसुफ़ ने उनसे कही थीं बताई, और जब उनके बाप या'क़ूब ने वह गाड़ियाँ देख लीं जो यूसुफ़ ने उसके लाने को भेजीं थीं, तब उसकी जान में जान आई।
ויאמר ישראל רב עוד יוסף בני חי אלכה ואראנו בטרם אמות | 28 |
और इस्राईल कहने लगा, “यह बस है कि मेरा बेटा यूसुफ़ अब तक ज़िन्दा है। मैं अपने मरने से पहले जाकर उसे देख तो लूँगा।”