< בראשית 44 >
ויצו את אשר על ביתו לאמר מלא את אמתחת האנשים אכל כאשר יוכלון שאת ושים כסף איש בפי אמתחתו | 1 |
योसेफ़ ने अपने घर के भंडारी को आदेश दिया: “इनके बोरों को जितना वे ले जा सकते हैं उतने अन्न से भर दो और हर एक का दिया गया धन उसी के बोरे में डाल देना.
ואת גביעי גביע הכסף תשים בפי אמתחת הקטן ואת כסף שברו ויעש כדבר יוסף אשר דבר | 2 |
तब सबसे छोटे भाई के बोरे में मेरा चांदी का कटोरा तथा अन्न के लिए लिया गया धन भी रख देना.” भंडारी ने योसेफ़ के आदेश के अनुरूप ही किया.
הבקר אור והאנשים שלחו המה וחמריהם | 3 |
भोर होते ही उन्हें उनके अपने-अपने गधों के साथ विदा कर दिया गया.
הם יצאו את העיר לא הרחיקו ויוסף אמר לאשר על ביתו קום רדף אחרי האנשים והשגתם ואמרת אלהם למה שלמתם רעה תחת טובה | 4 |
वे नगर के बाहर निकले ही थे कि योसेफ़ ने अपने घर के भंडारी को आदेश दिया, “उठो, उनका पीछा करो. जब तुम उन तक पहुंच जाओ, तो उनसे कहना, ‘भलाई का बदला तुम बुरे से क्यों दे रहे हो?
הלוא זה אשר ישתה אדני בו והוא נחש ינחש בו הרעתם אשר עשיתם | 5 |
क्या यह वही पात्र नहीं है, जिससे हमारे स्वामी पीते हैं, जिससे वह भावी जानते हैं? आप लोगों ने यह उचित नहीं किया है.’”
וישגם וידבר אלהם את הדברים האלה | 6 |
वह भंडारी उन तक जा पहुंचा और उनसे वही सब कह दिया.
ויאמרו אליו--למה ידבר אדני כדברים האלה חלילה לעבדיך מעשות כדבר הזה | 7 |
उन्होंने उसे उत्तर दिया, “मेरे स्वामी, आप यह क्या कह रहे हैं? आपके सेवक ऐसा कुछ भी नहीं कर सकते!
הן כסף אשר מצאנו בפי אמתחתינו--השיבנו אליך מארץ כנען ואיך נגנב מבית אדניך כסף או זהב | 8 |
आप देख लीजिए कि वह राशि, जो हमारे साथ चली गई थी, कनान देश से हमने आपको लौटा दी है. तो हम आपके स्वामी के आवास से चांदी अथवा स्वर्ण क्यों चुराते?
אשר ימצא אתו מעבדיך ומת וגם אנחנו נהיה לאדני לעבדים | 9 |
जिस किसी के पास वह पात्र पाया जाए, उसे प्राण-दंड दे दिया जाए, और हम सभी आपके अधिपति के दास बन जाएंगे.”
ויאמר גם עתה כדבריכם כן הוא אשר ימצא אתו יהיה לי עבד ואתם תהיו נקים | 10 |
भंडारी ने उनसे कहा, “ठीक है, जैसा तुम लोगों ने कहा है, वैसा ही होगा, जिसके पास से वह पात्र पाया जाएगा, वह मेरा दास हो जाएगा, शेष निर्दोष होंगे.”
וימהרו ויורדו איש את אמתחתו--ארצה ויפתחו איש אמתחתו | 11 |
शीघ्र ही उन्होंने अपने-अपने बोरे नीचे उतारे. हर एक ने अपना बोरा खोल दिया.
ויחפש--בגדול החל ובקטן כלה וימצא הגביע באמתחת בנימן | 12 |
उसने खोजना प्रारंभ किया, सबसे बड़े से सबसे छोटे के क्रम में, और कटोरा बिन्यामिन के बोरे में पाया गया.
ויקרעו שמלתם ויעמס איש על חמרו וישבו העירה | 13 |
यह देख हर एक ने अपने-अपने वस्त्र फाड़ डाले, गधों पर सामग्री लादी और नगर को लौट गए.
ויבא יהודה ואחיו ביתה יוסף והוא עודנו שם ויפלו לפניו ארצה | 14 |
जब यहूदाह तथा उसके भाई योसेफ़ के आवास पर पहुंचे, योसेफ़ वहीं थे. वे उनके समक्ष नत हुए.
ויאמר להם יוסף מה המעשה הזה אשר עשיתם הלוא ידעתם כי נחש ינחש איש אשר כמני | 15 |
योसेफ़ ने उनसे कहा, “यह क्या किया है आप लोगों ने? क्या आपको यह बोध नहीं कि मैं अपने इस पद पर होने के कारण वास्तव में भविष्य ज्ञात कर सकता हूं?”
ויאמר יהודה מה נאמר לאדני מה נדבר ומה נצטדק האלהים מצא את עון עבדיך--הננו עבדים לאדני גם אנחנו גם אשר נמצא הגביע בידו | 16 |
इसका उत्तर यहूदाह ने दिया, “हम अपने स्वामी से क्या कहें? हमारे पास तो कहने के लिए शब्द ही नहीं हैं. हम स्वयं को निर्दोष प्रमाणित ही नहीं कर सकते. परमेश्वर ही ने आपके सेवकों की पापिष्ठता ज्ञात कर ली है. देखिए, हम अपने अधिपति के दास होने के लिए तैयार हैं; हम सभी तथा वह जिसके बोरे में वह कटोरा पाया गया है.”
ויאמר--חלילה לי מעשות זאת האיש אשר נמצא הגביע בידו הוא יהיה לי עבד ואתם עלו לשלום אל אביכם | 17 |
योसेफ़ ने उत्तर दिया, “मैं ऐसा कभी नहीं कर सकता. मेरा दास वही व्यक्ति बनाया जाएगा, जिसके बोरे में वह कटोरा पाया गया है. शेष आप सभी अपने पिता के पास शांतिपूर्वक लौट जाएं.”
ויגש אליו יהודה ויאמר בי אדני ידבר נא עבדך דבר באזני אדני ואל יחר אפך בעבדך כי כמוך כפרעה | 18 |
यह सुन यहूदाह योसेफ़ के निकट गए और उनसे आग्रह किया, “मेरे अधिपति महोदय, क्या आप अपने सेवक को अपने कानों में कुछ कहने की अनुमति प्रदान करेंगे? कृपया आप मुझ अपने सेवक पर क्रुद्ध न हों, क्योंकि आप तो पद में फ़रोह के समान हैं.
אדני שאל את עבדיו לאמר היש לכם אב או אח | 19 |
मेरे अधिपति, आपने अपने सेवकों से पूछा था, ‘क्या तुम्हारे पिता अथवा भाई हैं?’
ונאמר אל אדני יש לנו אב זקן וילד זקנים קטן ואחיו מת ויותר הוא לבדו לאמו ואביו אהבו | 20 |
हमने अपने अधिपति को उत्तर दिया था, ‘हमारे वयोवृद्ध पिता हैं तथा उनकी वृद्धावस्था में एक बालक भी है. हां, उसके भाई की मृत्यु हो चुकी है. अब वह अपनी माता का एकमात्र पुत्र रह गया है. वह अपने पिता का अत्यंत प्रिय पुत्र है.’
ותאמר אל עבדיך הורדהו אלי ואשימה עיני עליו | 21 |
“तब महोदय ने अपने इन सेवकों को आदेश दिया था, ‘उस पुत्र को यहां ले आओ, कि मैं उसे देख सकूं.’
ונאמר אל אדני לא יוכל הנער לעזב את אביו ועזב את אביו ומת | 22 |
किंतु हमने अपने अधिपति से निवेदन किया था, ‘यह किशोर अपने पिता से दूर नहीं रह सकता, क्योंकि यदि उसे पिता से दूर किया जाएगा, तो उसके पिता की मृत्यु हो जाएगी.’
ותאמר אל עבדיך אם לא ירד אחיכם הקטן אתכם--לא תספון לראות פני | 23 |
किंतु आपने तो अपने इन सेवकों से कहा था, ‘यदि तुम्हारा वह कनिष्ठ भाई तुम्हारे साथ यहां नहीं आएगा, तो तुम मेरा मुख न देखोगे.’
ויהי כי עלינו אל עבדך אבי ונגד לו--את דברי אדני | 24 |
तब हुआ यह कि जब हम लौटकर अपने पिता के यहां पहुंचे, हमने उन्हें अपने अधिपति, आप का आदेश सुना दिया.
ויאמר אבינו שבו שברו לנו מעט אכל | 25 |
“हमारे पिता का आदेश था, ‘पुनः मिस्र जाकर हमारे उपभोग के लिए कुछ अन्न ले आओ.’
ונאמר לא נוכל לרדת אם יש אחינו הקטן אתנו וירדנו--כי לא נוכל לראות פני האיש ואחינו הקטן איננו אתנו | 26 |
हमने प्रतिवाद किया, ‘हम वहां बिना हमारे कनिष्ठ भाई के नहीं जा सकते; क्योंकि हम अधिपति की उपस्थिति में बिना अपने कनिष्ठ भाई के प्रवेश कर ही नहीं सकेंगे.’
ויאמר עבדך אבי אלינו אתם ידעתם כי שנים ילדה לי אשתי | 27 |
“आपके सेवक हमारे पिता ने हमें स्मरण दिलाया, ‘तुम्हें स्मरण ही है कि मेरी पत्नी से मुझे दो पुत्र पैदा हुए थे,
ויצא האחד מאתי ואמר אך טרף טרף ולא ראיתיו עד הנה | 28 |
एक तो मैं खो चुका हूं. निश्चय ही वह कोई हिंसक पशु द्वारा फाड़ डाला गया है, तब से मैंने उसे नहीं देखा है.
ולקחתם גם את זה מעם פני וקרהו אסון--והורדתם את שיבתי ברעה שאלה (Sheol ) | 29 |
अब यदि तुम इस कनिष्ठ को भी मुझसे दूर ले जाना चाह रहे हो और यदि उसका भी कुछ अनिष्ट हो जाता है, तो इस वृद्धावस्था में तुम मुझ पर विषादपूर्ण मृत्यु ले आओगे.’ (Sheol )
ועתה כבאי אל עבדך אבי והנער איננו אתנו ונפשו קשורה בנפשו | 30 |
“इसलिये अब आपके सेवक मेरे पिता के पास लौटूंगा और यदि यह किशोर हमारे साथ न होगा तो; वस्तुस्थिति यह है कि हमारे पिता का प्राण इस किशोर के प्राणों से संयुक्त है,
והיה כראותו כי אין הנער--ומת והורידו עבדיך את שיבת עבדך אבינו ביגון--שאלה (Sheol ) | 31 |
जब वह यह पाएंगे, कि हम इस किशोर को साथ लेकर नहीं लौटे हैं, तो उनके प्राण ही निकल जाएंगे. हम, आपके सेवक, हमारे पिता को उनकी वृद्धावस्था में घोर शोक के साथ अधोलोक भेज देंगे. (Sheol )
כי עבדך ערב את הנער מעם אבי לאמר אם לא אביאנו אליך וחטאתי לאבי כל הימים | 32 |
मैं आपका सेवक, अपने पिता के समक्ष इस किशोर के लिए प्रतिभूति होकर आया हूं. मैंने पिता को आश्वासन दिया था, ‘यदि मैं उसे लौटाकर आपके समक्ष लाने में असमर्थ पाया जाऊं, तो मैं अपने पिता के समक्ष सदा-सर्वदा के लिए दोषी बना रहूंगा.’
ועתה ישב נא עבדך תחת הנער--עבד לאדני והנער יעל עם אחיו | 33 |
“तब हे स्वामी, अब कृपा कर इस किशोर के स्थान पर मुझे अपना दास बना लीजिए.
כי איך אעלה אל אבי והנער איננו אתי פן אראה ברע אשר ימצא את אבי | 34 |
क्योंकि मैं अब अपने पिता के समक्ष कैसे जा सकता हूं, यदि यह किशोर हमारे साथ न होगा? मुझे भय है कि इससे मेरे पिता पर अनिष्ट ही आ पड़ेगा!”