< בראשית 43 >
देश में अब भी अकाल बहुत भयंकर था.
ויהי כאשר כלו לאכל את השבר אשר הביאו ממצרים ויאמר אליהם אביהם שבו שברו לנו מעט אכל | 2 |
जब उनके द्वारा मिस्र देश से लाया हुआ अन्न खत्म होने लगा, तब उनके पिता ने कहा, “जाओ, थोड़ा और अनाज खरीद कर लाओ.”
ויאמר אליו יהודה לאמר העד העד בנו האיש לאמר לא תראו פני בלתי אחיכם אתכם | 3 |
किंतु यहूदाह ने उनसे कहा, “बड़ी गंभीरता पूर्वक उस प्रशासक ने हमें चेतावनी दी थी, ‘यदि तुम अपने साथ अपने भाई को न लाओ तो मुझे अपना मुख न दिखाना.’
אם ישך משלח את אחינו אתנו--נרדה ונשברה לך אכל | 4 |
अन्न मोल लेने हम तब ही वहां जायेंगे, जब आप हमारे साथ हमारे भाई को भी भेजेंगे.
ואם אינך משלח לא נרד כי האיש אמר אלינו לא תראו פני בלתי אחיכם אתכם | 5 |
यदि आप उसे हमारे साथ नहीं भेजेंगे, तो हम भी नहीं जाएंगे. क्योंकि उस अधिपति ने कहा था, ‘मेरे सामने ही न आना, यदि तुम्हारा भाई तुम्हारे साथ न होगा.’”
ויאמר ישראל למה הרעתם לי--להגיד לאיש העוד לכם אח | 6 |
इस्राएल ने कहा, “क्यों तुम लोगों ने उसे यह बताकर मेरा अनर्थ कर दिया कि तुम्हारा एक भाई और भी है?”
ויאמרו שאול שאל האיש לנו ולמולדתנו לאמר העוד אביכם חי היש לכם אח ונגד לו על פי הדברים האלה הידוע נדע--כי יאמר הורידו את אחיכם | 7 |
किंतु उन्होंने अपने पिता को यह बताया, “वह व्यक्ति ही हमसे हमारे विषय में तथा हमारे संबंधियों के विषय में पूछ रहा था, ‘क्या तुम्हारा पिता अब भी जीवित है? क्या तुम्हारा कोई अन्य भाई भी है?’ हम केवल उसके प्रश्नों का उत्तर दे रहे थे. हमें क्या मालूम था कि वह हमसे ऐसा कहेंगे ‘अपने उस भाई को यहां ले आओ?’”
ויאמר יהודה אל ישראל אביו שלחה הנער אתי--ונקומה ונלכה ונחיה ולא נמות גם אנחנו גם אתה גם טפנו | 8 |
यहूदाह ने अपने पिता इस्राएल से कहा, “इस लड़के को मेरे साथ भेज दीजिए, तब हम यहां से जाएंगे, ताकि अकाल में हमारी मृत्यु न हो जाए और आप, और हमारे बच्चे नहीं मरें और सब जीवित रह सकें.
אנכי אערבנו--מידי תבקשנו אם לא הביאתיו אליך והצגתיו לפניך וחטאתי לך כל הימים | 9 |
मैं इस लड़के की जवाबदारी अपने ऊपर लेता हूं; अगर उसे आपके पास लौटा न लाऊं, तो मैं सदा-सर्वदा आपका दोषी बना रहूंगा.
כי לולא התמהמהנו--כי עתה שבנו זה פעמים | 10 |
यदि हम देरी न करते तो हम वहां दो बार जाकर आ गए होते.”
ויאמר אלהם ישראל אביהם אם כן אפוא זאת עשו--קחו מזמרת הארץ בכליכם והורידו לאיש מנחה מעט צרי ומעט דבש נכאת ולט בטנים ושקדים | 11 |
यह सुन उनके पिता इस्राएल ने उनसे कहा, “अगर यही बात है, तो ठीक है, यही करो. लेकिन आप लोग अपने-अपने बोरों में उस व्यक्ति के लिए उपहार स्वरूप बलसान, मधु, गोंद, गन्धरस, पिस्ता तथा बादाम ले जाओ.
וכסף משנה קחו בידכם ואת הכסף המושב בפי אמתחתיכם תשיבו בידכם--אולי משגה הוא | 12 |
दो गुणा रुपया भी ले जाओ और जो रुपया तुम्हारे बोरे में वहां से आया था वह भी वापस कर देना, शायद भूल हो गई होगी.
ואת אחיכם קחו וקומו שובו אל האיש | 13 |
अपने भाई को अपने साथ ले जाओ, देरी न करो.
ואל שדי יתן לכם רחמים לפני האיש ושלח לכם את אחיכם אחר ואת בנימין ואני כאשר שכלתי שכלתי | 14 |
प्रार्थना है कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर उस व्यक्ति के दिल में दया डाले ताकि वह तुम्हारे उस भाई बिन्यामिन को छोड़ दे. अगर बिछड़ना ही है, तो ऐसा ही होने दो.”
ויקחו האנשים את המנחה הזאת ומשנה כסף לקחו בידם ואת בנימן ויקמו וירדו מצרים ויעמדו לפני יוסף | 15 |
तब उन्होंने उपहार, दो गुणा रुपया तथा अपने साथ बिन्यामिन को लिया और मिस्र के लिए रवाना हुए, और योसेफ़ के पास पहुंचे.
וירא יוסף אתם את בנימין ויאמר לאשר על ביתו הבא את האנשים הביתה וטבח טבח והכן כי אתי יאכלו האנשים בצהרים | 16 |
जब योसेफ़ ने अपने भाइयों के साथ बिन्यामिन को देखा, तब उन्होंने अपने घर के सेवक से कहा, “इन लोगों को मेरे घर ले जाओ, एक पशु का वध कर भोजन तैयार करो. ये सभी दोपहर का भोजन मेरे साथ करेंगे.”
ויעש האיש כאשר אמר יוסף ויבא האיש את האנשים ביתה יוסף | 17 |
सेवक से जैसा कहा गया उसने वैसा ही किया और इन भाइयों को योसेफ़ के घर पर ले गए.
וייראו האנשים כי הובאו בית יוסף ויאמרו על דבר הכסף השב באמתחתינו בתחלה אנחנו מובאים--להתגלל עלינו ולהתנפל עלינו ולקחת אתנו לעבדים ואת חמרינו | 18 |
योसेफ़ के घर आकर सब डर गए. सबने सोचा, “जो रुपया हम सबके बोरे में था, वे हम लोगों को अपराधी सिद्ध करने लिए उनका उपयोग करेंगे. तब वे हम लोगों के गधों को ले लेंगे और हम लोगों को दास बनाएंगे.”
ויגשו אל האיש אשר על בית יוסף וידברו אליו פתח הבית | 19 |
इसलिये घर के पास आकर उन्होंने योसेफ़ के गृह सेवक से कहा,
ויאמרו בי אדני ירד ירדנו בתחלה לשבר אכל | 20 |
“महोदय, विश्वास कीजिए, जब हम पिछले बार भी मात्र अनाज खरीदने ही आये थे
ויהי כי באנו אל המלון ונפתחה את אמתחתינו והנה כסף איש בפי אמתחתו כספנו במשקלו ונשב אתו בידנו | 21 |
तब हमने धर्मशाला पहुंचकर अपने-अपने बोरे खोले, तो हमने देखा कि जो रुपया हमने यहां अनाज के लिए दिया था वह वापस हमारे बोरे में रखा गया; तब हम वह रुपया अपने साथ लाए हैं.
וכסף אחר הורדנו בידנו לשבר אכל לא ידענו מי שם כספנו באמתחתינו | 22 |
दुबारा खरीदने के लिए भी रुपया लाए हैं. हमें कुछ भी नहीं पता कि किसने रुपया हमारे बोरों में रखा था.”
ויאמר שלום לכם אל תיראו אלהיכם ואלהי אביכם נתן לכם מטמון באמתחתיכם--כספכם בא אלי ויוצא אלהם את שמעון | 23 |
उस सेवक ने उनसे कहा, “शांत हो जाइए, डरिये नहीं, आपके परमेश्वर, तुम्हारे पिता के परमेश्वर ने आपके बोरों में रुपया रखा होगा. मुझे तो रुपया मिल चुका है.” यह कहते हुए वह शिमओन को उनके पास बाहर लाए.
ויבא האיש את האנשים ביתה יוסף ויתן מים וירחצו רגליהם ויתן מספוא לחמריהם | 24 |
जब सेवक उन्हें योसेफ़ के घर के भीतर ले गये, उसने उन्हें पांव धोने के लिए पानी दिया, सबने अपने पांव धोए, सेवक ने उनके गधों को चारा भी दिया.
ויכינו את המנחה עד בוא יוסף בצהרים כי שמעו כי שם יאכלו לחם | 25 |
दोपहर में योसेफ़ के घर पहुंचने से पहले योसेफ़ को देने के लिए जो भेंट वे लाए थे उन्हें तैयार किया क्योंकि योसेफ़ इन सबके साथ खाना खाने आनेवाले थे.
ויבא יוסף הביתה ויביאו לו את המנחה אשר בידם הביתה וישתחוו לו ארצה | 26 |
योसेफ़ के घर पहुंचते ही जो भेंट वे उनके लिए लाए थे उन्हें उनको दिया और प्रणाम किया.
וישאל להם לשלום ויאמר השלום אביכם הזקן אשר אמרתם--העודנו חי | 27 |
योसेफ़ ने सबका हाल पूछा और कहा, “क्या तुम्हारे बूढ़े पिता जिनके विषय में तुमने मुझे बताया था वह जीवित हैं?”
ויאמרו שלום לעבדך לאבינו--עודנו חי ויקדו וישתחו (וישתחוו) | 28 |
उन्होंने कहा, “हमारे पिता ठीक हैं, अभी तक जीवित हैं.” और आदर के साथ सिर झुकाकर प्रणाम किया.
וישא עיניו וירא את בנימין אחיו בן אמו ויאמר הזה אחיכם הקטן אשר אמרתם אלי ויאמר אלהים יחנך בני | 29 |
तब योसेफ़ ने बिन्यामिन को देखा, योसेफ़ ने पूछा, “क्या यही तुम्हारा छोटा भाई है, जिसके विषय में तुमने मुझसे बताया था?” योसेफ़ ने कहा, “मेरे पुत्र, तुम पर परमेश्वर की कृपा बनी रहे.”
וימהר יוסף כי נכמרו רחמיו אל אחיו ויבקש לבכות ויבא החדרה ויבך שמה | 30 |
यह कहकर योसेफ़ एकदम उठकर चले गए, क्योंकि अपने भाई को देखकर प्यार से उनकी आंखें भर आईं और एकांत में जाकर रोने लगे.
וירחץ פניו ויצא ויתאפק--ויאמר שימו לחם | 31 |
वे अपना मुंह धोकर वापस बाहर आये और अपने आपको संभाला और कहा, “खाना परोसो.”
וישימו לו לבדו ולהם לבדם ולמצרים האכלים אתו לבדם--כי לא יוכלון המצרים לאכל את העברים לחם כי תועבה הוא למצרים | 32 |
योसेफ़ खाना खाने अलग बैठ गए और भाइयों को दूसरी ओर अलग बिठाया, क्योंकि मिस्री और इब्री एक साथ भोजन नहीं कर सकते.
וישבו לפניו--הבכר כבכרתו והצעיר כצערתו ויתמהו האנשים איש אל רעהו | 33 |
योसेफ़ के भाइयों को उनके सामने ही अपनी-अपनी आयु के क्रम से पंक्ति में बैठा गया; सबके पहले सबसे बड़ा, फिर उसका छोटा, फिर उसका छोटा. सभी भाई एक दूसरे को आश्चर्य से देखते रहे.
וישא משאת מאת פניו אלהם ותרב משאת בנימן ממשאת כלם חמש ידות וישתו וישכרו עמו | 34 |
योसेफ़ ने अपने लिए परोसे गए भोजन में से सबको दिया, लेकिन बिन्यामिन को पांच गुणा ज्यादा दिया गया. सबने योसेफ़ के साथ भरपेट खाया और पिया.