< בראשית 41 >
ויהי מקץ שנתים ימים ופרעה חלם והנה עמד על היאר | 1 |
पूरे दो साल के बाद फ़िर'औन ने ख़्वाब में देखा कि वह दरिया-ए-नील के किनारे खड़ा है;
והנה מן היאר עלת שבע פרות יפות מראה ובריאת בשר ותרעינה באחו | 2 |
और उस दरिया में से सात ख़ूबसूरत और मोटी — मोटी गायें निकल कर सरकंडों के खेत में चरने लगीं।
והנה שבע פרות אחרות עלות אחריהן מן היאר רעות מראה ודקות בשר ותעמדנה אצל הפרות על שפת היאר | 3 |
उनके बाद और सात बदशक्ल और दुबली — दुबली गायें दरिया से निकलीं और दूसरी गायों के बराबर दरिया के किनारे जा खड़ी हुई।
ותאכלנה הפרות רעות המראה ודקת הבשר את שבע הפרות יפת המראה והבריאת וייקץ פרעה | 4 |
और यह बदशक्ल और दुबली दुबली गायें उन सातों ख़ूबसूरत और मोटी मोटी गायों को खा गई, तब फ़िर'औन जाग उठा।
ויישן ויחלם שנית והנה שבע שבלים עלות בקנה אחד--בריאות וטבות | 5 |
और वह फिर सो गया और उसने दूसरा ख़्वाब देखा कि एक टहनी में अनाज की सात मोटी और अच्छी — अच्छी बालें निकलीं।
והנה שבע שבלים דקות ושדופת קדים--צמחות אחריהן | 6 |
उनके बाद और सात पतली और पूरबी हवा की मारी मुरझाई हुई बालें निकलीं।
ותבלענה השבלים הדקות את שבע השבלים הבריאות והמלאות וייקץ פרעה והנה חלום | 7 |
यह पतली बालें उन सातों मोटी और भरी हुई बालों को निगल गई। और फ़िर'औन जाग गया और उसे मा'लूम हुआ कि यह ख़्वाब था।
ויהי בבקר ותפעם רוחו וישלח ויקרא את כל חרטמי מצרים ואת כל חכמיה ויספר פרעה להם את חלמו ואין פותר אותם לפרעה | 8 |
और सुबह को यूँ हुआ कि उसका जी घबराया तब उसने मिस्र के सब जादूगरों और सब अक्लमन्दों को बुलवा भेजा, और अपना ख़्वाब उनको बताया। लेकिन उनमें से कोई फ़िर'औन के आगे उनकी ता'बीर न कर सका।
וידבר שר המשקים את פרעה לאמר את חטאי אני מזכיר היום | 9 |
उस वक़्त सरदार साक़ी ने फ़िर'औन से कहा, मेरी ख़ताएँ आज मुझे याद आईं।
פרעה קצף על עבדיו ויתן אתי במשמר בית שר הטבחים--אתי ואת שר האפים | 10 |
जब फ़िर'औन अपने ख़ादिमों से नाराज़ था और उसने मुझे और सरदार नानपज़ को जिलौदारों के सरदार के घर में नज़रबन्द करवा दिया।
ונחלמה חלום בלילה אחד אני והוא איש כפתרון חלמו חלמנו | 11 |
तो मैंने और उसने एक ही रात में एक — एक ख़्वाब देखा, यह ख्वाब हम ने अपने अपने होनहार के मुताबिक़ देखे।
ושם אתנו נער עברי עבד לשר הטבחים ונספר לו ויפתר לנו את חלמתינו איש כחלמו פתר | 12 |
वहाँ एक 'इब्री जवान, जिलौदारों के सरदार का नौकर, हमारे साथ था। हम ने उसे अपने ख़्वाब बताए और उसने उनकी ता'बीर की, और हम में से हर एक को हमारे ख़्वाब के मुताबिक़ उसने ता'बीर बताई।
ויהי כאשר פתר לנו כן היה אתי השיב על כני ואתו תלה | 13 |
और जो ता'बीर उसने बताई थी वैसा ही हुआ, क्यूँकि मुझे तो उसने मेरे मन्सब पर बहाल किया था और उसे फाँसी दी थी।
וישלח פרעה ויקרא את יוסף ויריצהו מן הבור ויגלח ויחלף שמלתיו ויבא אל פרעה | 14 |
तब फ़िर'औन ने यूसुफ़ को बुलवा भेजा: तब उन्होंने जल्द उसे क़ैद खाने से बाहर निकाला, और उसने हजामत बनवाई और कपड़े बदल कर फ़िर'औन के सामने आया।
ויאמר פרעה אל יוסף חלום חלמתי ופתר אין אתו ואני שמעתי עליך לאמר תשמע חלום לפתר אתו | 15 |
फ़िर'औन ने यूसुफ़ से कहा, “मैंने एक ख़्वाब देखा है जिसकी ता'बीर कोई नहीं कर सकता, और मुझ से तेरे बारे में कहते हैं कि तू ख़्वाब को सुन कर उसकी ता'बीर करता है।”
ויען יוסף את פרעה לאמר בלעדי אלהים יענה את שלום פרעה | 16 |
यूसुफ़ ने फ़िर'औन को जवाब दिया, “मैं कुछ नहीं जानता, ख़ुदा ही फ़िर'औन को सलामती बख़्श जवाब देगा।”
וידבר פרעה אל יוסף בחלמי הנני עמד על שפת היאר | 17 |
तब फ़िर'औन ने यूसुफ़ से कहा, मैंने ख़्वाब में देखा कि मैं दरिया-ए-नील के किनारे खड़ा हूँ।
והנה מן היאר עלת שבע פרות בריאות בשר ויפת תאר ותרעינה באחו | 18 |
और उस दरिया में से सात मोटी और ख़ूबसूरत गायें निकल कर सरकंडों के खेत में चरने लगीं।
והנה שבע פרות אחרות עלות אחריהן דלות ורעות תאר מאד ורקות בשר לא ראיתי כהנה בכל ארץ מצרים לרע | 19 |
उनके बाद और सात ख़राब और निहायत बदशक्ल और दुबली गायें निकलीं, और वह इस क़दर बुरी थीं कि मैंने सारे मुल्क — ए — मिस्र में ऐसी कभी नहीं देखीं।
ותאכלנה הפרות הרקות והרעות--את שבע הפרות הראשנות הבריאת | 20 |
और वह दुबली और बदशक्ल गायें उन पहली सातों मोटी गायों को खा गई;
ותבאנה אל קרבנה ולא נודע כי באו אל קרבנה ומראיהן רע כאשר בתחלה ואיקץ | 21 |
और उनके खा जाने के बाद यह मा'लूम भी नहीं होता था कि उन्होंने उनको खा लिया है, बल्कि वह पहले की तरह जैसी की तैसी बदशक्ल रहीं। तब मैं जाग गया।
וארא בחלמי והנה שבע שבלים עלת בקנה אחד--מלאת וטבות | 22 |
और फिर ख़्वाब में देखा कि एक टहनी में सात भरी और अच्छी — अच्छी बालें निकलीं।
והנה שבע שבלים צנמות דקות שדפות קדים--צמחות אחריהם | 23 |
और उनके बाद और सात सूखी और पतली और पूरबी हवा की मारी मुरझाई हुई बालें निकलीं।
ותבלען השבלים הדקת את שבע השבלים הטבות ואמר אל החרטמים ואין מגיד לי | 24 |
और यह पतली बाले उन सातों अच्छी — अच्छी बालों को निगल गई। और मैंने इन जादूगरों से इसका बयान किया लेकिन ऐसा कोई न निकला जो मुझे इसका मतलब बताता।
ויאמר יוסף אל פרעה חלום פרעה אחד הוא את אשר האלהים עשה הגיד לפרעה | 25 |
तब यूसुफ़ ने फ़िर'औन से कहा कि फ़िर'औन का ख़्वाब एक ही है, जो कुछ ख़ुदा करने को है उसे उसने फ़िर'औन पर ज़ाहिर किया है।
שבע פרת הטבת שבע שנים הנה ושבע השבלים הטבת שבע שנים הנה חלום אחד הוא | 26 |
वह सात अच्छी — अच्छी गायें सात साल हैं, और वह सात अच्छी अच्छी बालें भी सात साल हैं; ख़्वाब एक ही है।
ושבע הפרות הרקות והרעת העלת אחריהן שבע שנים הנה ושבע השבלים הרקות שדפות הקדים--יהיו שבע שני רעב | 27 |
और वह सात बदशक्ल और दुबली गायें जो उनके बाद निकलीं, और वह सात ख़ाली और पूरबी हवा की मारी मुरझाई हुई बालें भी सात साल ही हैं; मगर काल के सात बरस।
הוא הדבר אשר דברתי אל פרעה אשר האלהים עשה הראה את פרעה | 28 |
यह वही बात है जो मैं फ़िर'औन से कह चुका हूँ कि जो कुछ ख़ुदा करने को है उसे उसने फ़िर'औन पर ज़ाहिर किया है।
הנה שבע שנים באות--שבע גדול בכל ארץ מצרים | 29 |
देख! सारे मुल्क — ए — मिस्र में सात साल तो पैदावार ज़्यादा के होंगे।
וקמו שבע שני רעב אחריהן ונשכח כל השבע בארץ מצרים וכלה הרעב את הארץ | 30 |
उनके बाद सात साल काल के आएँगे और तमाम मुल्क ए — मिस्र में लोग इस सारी पैदावार को भूल जाएँगे और यह काल मुल्क को तबाह कर देगा।
ולא יודע השבע בארץ מפני הרעב ההוא אחרי כן כי כבד הוא מאד | 31 |
और अज़ानी मुल्क में याद भी नहीं रहेगी, क्यूँकि जो काल बाद में पड़ेगा वह निहायत ही सख़्त होगा।
ועל השנות החלום אל פרעה פעמים--כי נכון הדבר מעם האלהים וממהר האלהים לעשתו | 32 |
और फ़िर'औन ने जो यह ख़्वाब दो दफ़ा' देखा तो इसकी वजह यह है कि यह बात ख़ुदा की तरफ़ से मुक़र्रर हो चुकी है, और ख़ुदा इसे जल्द पूरा करेगा।
ועתה ירא פרעה איש נבון וחכם וישיתהו על ארץ מצרים | 33 |
इसलिए फ़िर'औन को चाहिए कि एक समझदार और 'अक़्लमन्द आदमी को तलाश कर ले और उसे मुल्क — ए — मिस्र पर मुख़्तार बनाए।
יעשה פרעה ויפקד פקדים על הארץ וחמש את ארץ מצרים בשבע שני השבע | 34 |
फ़िर'औन यह करे ताकि उस आदमी को इख़्तियार हो कि वह मुल्क में नाज़िरों को मुक़र्रर कर दे, और अज़ानी के सात बरसों में सारे मुल्क — ए — मिस्र की पैदावार का पाँचवा हिस्सा ले ले।
ויקבצו את כל אכל השנים הטבות הבאת האלה ויצברו בר תחת יד פרעה אכל בערים--ושמרו | 35 |
और वह उन अच्छे बरसों में जो आते हैं सब खाने की चीजें जमा' करें और शहर — शहर में गल्ला जो फ़िर'औन के इख़्तियार में हो, ख़ुराक के लिए फ़राहम करके उसकी हिफ़ाज़त करें।
והיה האכל לפקדון לארץ לשבע שני הרעב אשר תהיין בארץ מצרים ולא תכרת הארץ ברעב | 36 |
यही ग़ल्ला मुल्क के लिए ज़ख़ीरा होगा, और सातों साल के लिए जब तक मुल्क में काल रहेगा काफ़ी होगा, ताकि काल की वजह से मुल्क बर्बाद न हो जाए।
וייטב הדבר בעיני פרעה ובעיני כל עבדיו | 37 |
य बात फ़िर'औन और उसके सब ख़ादिमों को पसंद आई।
ויאמר פרעה אל עבדיו הנמצא כזה--איש אשר רוח אלהים בו | 38 |
तब फ़िर'औन ने अपने ख़ादिमों से कहा कि क्या हम को ऐसा आदमी जैसा यह है, जिसमें ख़ुदा का रूह है मिल सकता है?
ויאמר פרעה אל יוסף אחרי הודיע אלהים אותך את כל זאת אין נבון וחכם כמוך | 39 |
और फ़िर'औन ने यूसुफ़ से कहा, चूँकि ख़ुदा ने तुझे यह सब कुछ समझा दिया है, इसलिए तेरी तरह समझदार और अक़्लमन्द कोई नहीं।
אתה תהיה על ביתי ועל פיך ישק כל עמי רק הכסא אגדל ממך | 40 |
इसलिए तू मेरे घर का मुख़्तार होगा और मेरी सारी रि'आया तेरे हुक्म पर चलेगी, सिर्फ़ तख़्त का मालिक होने की वजह से मैं बुज़ुर्गतर हूँगा।
ויאמר פרעה אל יוסף ראה נתתי אתך על כל ארץ מצרים | 41 |
और फ़िर'औन ने यूसुफ़ से कहा कि देख, मैं तुझे सारे मुल्क — ए — मिस्र का हाकिम बनाता हूँ
ויסר פרעה את טבעתו מעל ידו ויתן אתה על יד יוסף וילבש אתו בגדי שש וישם רבד הזהב על צוארו | 42 |
और फ़िर'औन ने अपनी अंगूठी अपने हाथ से निकाल कर यूसुफ़ के हाथ में पहना दी, और उसे बारीक कतान के लिबास में आरास्ता करवा कर सोने का हार उसके गले में पहनाया।
וירכב אתו במרכבת המשנה אשר לו ויקראו לפניו אברך ונתון אתו על כל ארץ מצרים | 43 |
और उसने उसे अपने दूसरे रथ में सवार करा कर उसके आगे — आगे यह 'ऐलान करवा दिया, कि घुटने टेको और उसने उसे सारे मुल्क — ए — मिस्र का हाकिम बना दिया।
ויאמר פרעה אל יוסף אני פרעה ובלעדיך לא ירים איש את ידו ואת רגלו--בכל ארץ מצרים | 44 |
और फ़िर'औन ने यूसुफ़ से कहा, “मैं फ़िर'औन हूँ और तेरे हुक्म के बग़ैर कोई आदमी इस सारे मुल्क — ए — मिस्र में अपना हाथ या पाँव हिलाने न पाएगा।”
ויקרא פרעה שם יוסף צפנת פענח ויתן לו את אסנת בת פוטי פרע כהן אן לאשה ויצא יוסף על ארץ מצרים | 45 |
और फ़िर'औन ने यूसुफ़ का नाम सिफ़्नात फ़ा'नेह रख्खा, और उसने ओन के पुजारी फ़ोतीफ़िरा' की बेटी आसिनाथ को उससे ब्याह दिया, और यूसुफ़ मुल्क — ए — मिस्र में दौरा करने लगा।
ויוסף בן שלשים שנה בעמדו לפני פרעה מלך מצרים ויצא יוסף מלפני פרעה ויעבר בכל ארץ מצרים | 46 |
और यूसुफ़ तीस साल का था जब वह मिस्र के बादशाह फ़िर'औन के सामने गया, और उसने फ़िर'औन के पास से रुख़्सत हो कर सारे मुल्क — ए — मिस्र का दौरा किया।
ותעש הארץ בשבע שני השבע--לקמצים | 47 |
और अज़ानी के सात बरसों में इफ़्रात से फ़स्ल हुई।
ויקבץ את כל אכל שבע שנים אשר היו בארץ מצרים ויתן אכל בערים אכל שדה העיר אשר סביבתיה נתן בתוכה | 48 |
और वह लगातार सातों साल हर क़िस्म की ख़ुराक, जो मुल्क — ए — मिस्र में पैदा होती थी, जमा' कर करके शहरों में उसका ज़ख़ीरा करता गया। हर शहर की चारों तरफ़ो की ख़ुराक वह उसी शहर में रखता गया।
ויצבר יוסף בר כחול הים הרבה מאד--עד כי חדל לספר כי אין מספר | 49 |
और यूसुफ़ ने ग़ल्ला समुन्दर की रेत की तरह निहायत कसरत से ज़ख़ीरा किया, यहाँ तक कि हिसाब रखना भी छोड़ दिया क्यूँ कि वह बे — हिसाब था।
וליוסף ילד שני בנים בטרם תבוא שנת הרעב אשר ילדה לו אסנת בת פוטי פרע כהן און | 50 |
और काल से पहले ओन के पुजारी फ़ोतीफ़िरा' की बेटी आसिनाथ के यूसुफ़ से दो बेटे पैदा हुए।
ויקרא יוסף את שם הבכור מנשה כי נשני אלהים את כל עמלי ואת כל בית אבי | 51 |
और यूसुफ़ ने पहलौठे का नाम मनस्सी यह कह कर रख्खा, कि 'ख़ुदा ने मेरी और मेरे बाप के घर की सब मुसीबत मुझ से भुला दी।
ואת שם השני קרא אפרים כי הפרני אלהים בארץ עניי | 52 |
और दूसरे का नाम इफ़्राईम यह कह कर रख्खा, कि 'ख़ुदा ने मुझे मेरी मुसीबत के मुल्क में फलदार किया।
ותכלינה שבע שני השבע אשר היה בארץ מצרים | 53 |
और अज़ानी के वह सात साल जो मुल्क — ए — मिस्र में हुए तमाम हो गए, और यूसुफ़ के कहने के मुताबिक़ काल के सात साल शुरू' हुए।
ותחלינה שבע שני הרעב לבוא כאשר אמר יוסף ויהי רעב בכל הארצות ובכל ארץ מצרים היה לחם | 54 |
और सब मुल्कों में तो काल था लेकिन मुल्क — ए — मिस्र में हर जगह खुराक मौजूद थी।
ותרעב כל ארץ מצרים ויצעק העם אל פרעה ללחם ויאמר פרעה לכל מצרים לכו אל יוסף אשר יאמר לכם תעשו | 55 |
और जब मुल्क — ए — मिस्र में लोग भूकों मरने लगे तो रोटी के लिए फ़िर'औन के आगे चिल्लाए। फ़िर'औन ने मिस्रियों से कहा कि यूसुफ़ के पास जाओ, जो कुछ वह तुम से कहे वह करो।
והרעב היה על כל פני הארץ ויפתח יוסף את כל אשר בהם וישבר למצרים ויחזק הרעב בארץ מצרים | 56 |
और तमाम रू — ए — ज़मीन पर काल था; और यूसुफ़ अनाज के ज़खीरह को खुलवा कर मिस्रियों के हाथ बेचने लगा, और मुल्क — ए — मिस्र में सख़्त काल हो गया।
וכל הארץ באו מצרימה לשבר אל יוסף כי חזק הרעב בכל הארץ | 57 |
और सब मुल्कों के लोग अनाज मोल लेने के लिए यूसुफ़ के पास मिस्र में आने लगे, क्यूँकि सारी ज़मीन पर सख़्त काल पड़ा था।