< בראשית 31 >

וישמע את דברי בני לבן לאמר לקח יעקב את כל אשר לאבינו ומאשר לאבינו--עשה את כל הכבד הזה 1
फिर लाबान के पुत्रों की ये बातें याकूब के सुनने में आईं, “याकूब ने हमारे पिता का सब कुछ छीन लिया है, और हमारे पिता के धन के कारण उसकी यह प्रतिष्ठा है।”
וירא יעקב את פני לבן והנה איננו עמו כתמול שלשום 2
और याकूब ने लाबान के चेहरे पर दृष्टि की और ताड़ लिया, कि वह उसके प्रति पहले के समान नहीं है।
ויאמר יהוה אל יעקב שוב אל ארץ אבותיך ולמולדתך ואהיה עמך 3
तब यहोवा ने याकूब से कहा, “अपने पितरों के देश और अपनी जन्म-भूमि को लौट जा, और मैं तेरे संग रहूँगा।”
וישלח יעקב ויקרא לרחל וללאה השדה אל צאנו 4
तब याकूब ने राहेल और लिआ को, मैदान में अपनी भेड़-बकरियों के पास बुलवाकर कहा,
ויאמר להן ראה אנכי את פני אביכן כי איננו אלי כתמל שלשם ואלהי אבי היה עמדי 5
“तुम्हारे पिता के चेहरे से मुझे समझ पड़ता है, कि वह तो मुझे पहले के समान अब नहीं देखता; पर मेरे पिता का परमेश्वर मेरे संग है।
ואתנה ידעתן כי בכל כחי עבדתי את אביכן 6
और तुम भी जानती हो, कि मैंने तुम्हारे पिता की सेवा शक्ति भर की है।
ואביכן התל בי והחלף את משכרתי עשרת מנים ולא נתנו אלהים להרע עמדי 7
फिर भी तुम्हारे पिता ने मुझसे छल करके मेरी मजदूरी को दस बार बदल दिया; परन्तु परमेश्वर ने उसको मेरी हानि करने नहीं दिया।
אם כה יאמר נקדים יהיה שכרך--וילדו כל הצאן נקדים ואם כה יאמר עקדים יהיה שכרך--וילדו כל הצאן עקדים 8
जब उसने कहा, ‘चित्तीवाले बच्चे तेरी मजदूरी ठहरेंगे,’ तब सब भेड़-बकरियाँ चित्तीवाले ही जनने लगीं, और जब उसने कहा, ‘धारीवाले बच्चे तेरी मजदूरी ठहरेंगे,’ तब सब भेड़-बकरियाँ धारीवाले जनने लगीं।
ויצל אלהים את מקנה אביכם ויתן לי 9
इस रीति से परमेश्वर ने तुम्हारे पिता के पशु लेकर मुझ को दे दिए।
ויהי בעת יחם הצאן ואשא עיני וארא בחלום והנה העתדים העלים על הצאן עקדים נקדים וברדים 10
१०भेड़-बकरियों के गाभिन होने के समय मैंने स्वप्न में क्या देखा, कि जो बकरे बकरियों पर चढ़ रहे हैं, वे धारीवाले, चित्तीवाले, और धब्बेवाले हैं।
ויאמר אלי מלאך האלהים בחלום--יעקב ואמר הנני 11
११तब परमेश्वर के दूत ने स्वप्न में मुझसे कहा, ‘हे याकूब,’ मैंने कहा, ‘क्या आज्ञा।’
ויאמר שא נא עיניך וראה כל העתדים העלים על הצאן עקדים נקדים וברדים כי ראיתי את כל אשר לבן עשה לך 12
१२उसने कहा, ‘आँखें उठाकर उन सब बकरों को जो बकरियों पर चढ़ रहे हैं, देख, कि वे धारीवाले, चित्तीवाले, और धब्बेवाले हैं; क्योंकि जो कुछ लाबान तुझ से करता है, वह मैंने देखा है।
אנכי האל בית אל אשר משחת שם מצבה אשר נדרת לי שם נדר עתה קום צא מן הארץ הזאת ושוב אל ארץ מולדתך 13
१३मैं उस बेतेल का परमेश्वर हूँ, जहाँ तूने एक खम्भे पर तेल डाल दिया था और मेरी मन्नत मानी थी। अब चल, इस देश से निकलकर अपनी जन्म-भूमि को लौट जा।’”
ותען רחל ולאה ותאמרנה לו העוד לנו חלק ונחלה בבית אבינו 14
१४तब राहेल और लिआ ने उससे कहा, “क्या हमारे पिता के घर में अब भी हमारा कुछ भाग या अंश बचा है?
הלוא נכריות נחשבנו לו כי מכרנו ויאכל גם אכול את כספנו 15
१५क्या हम उसकी दृष्टि में पराए न ठहरीं? देख, उसने हमको तो बेच डाला, और हमारे रूपे को खा बैठा है।
כי כל העשר אשר הציל אלהים מאבינו--לנו הוא ולבנינו ועתה כל אשר אמר אלהים אליך--עשה 16
१६इसलिए परमेश्वर ने हमारे पिता का जितना धन ले लिया है, वह हमारा, और हमारे बच्चों का है; अब जो कुछ परमेश्वर ने तुझ से कहा है, वही कर।”
ויקם יעקב וישא את בניו ואת נשיו על הגמלים 17
१७तब याकूब ने अपने बच्चों और स्त्रियों को ऊँटों पर चढ़ाया;
וינהג את כל מקנהו ואת כל רכשו אשר רכש--מקנה קנינו אשר רכש בפדן ארם לבוא אל יצחק אביו ארצה כנען 18
१८और जितने पशुओं को वह पद्दनराम में इकट्ठा करके धनाढ्य हो गया था, सब को कनान में अपने पिता इसहाक के पास जाने की मनसा से, साथ ले गया।
ולבן הלך לגזז את צאנו ותגנב רחל את התרפים אשר לאביה 19
१९लाबान तो अपनी भेड़ों का ऊन कतरने के लिये चला गया था, और राहेल अपने पिता के गृहदेवताओं को चुरा ले गई।
ויגנב יעקב את לב לבן הארמי--על בלי הגיד לו כי ברח הוא 20
२०अतः याकूब लाबान अरामी के पास से चोरी से चला गया, उसको न बताया कि मैं भागा जाता हूँ।
ויברח הוא וכל אשר לו ויקם ויעבר את הנהר וישם את פניו הר הגלעד 21
२१वह अपना सब कुछ लेकर भागा, और महानद के पार उतरकर अपना मुँह गिलाद के पहाड़ी देश की ओर किया।
ויגד ללבן ביום השלישי כי ברח יעקב 22
२२तीसरे दिन लाबान को समाचार मिला कि याकूब भाग गया है।
ויקח את אחיו עמו וירדף אחריו דרך שבעת ימים וידבק אתו בהר הגלעד 23
२३इसलिए उसने अपने भाइयों को साथ लेकर उसका सात दिन तक पीछा किया, और गिलाद के पहाड़ी देश में उसको जा पकड़ा।
ויבא אלהים אל לבן הארמי בחלם הלילה ויאמר לו השמר לך פן תדבר עם יעקב--מטוב עד רע 24
२४तब परमेश्वर ने रात के स्वप्न में अरामी लाबान के पास आकर कहा, “सावधान रह, तू याकूब से न तो भला कहना और न बुरा।”
וישג לבן את יעקב ויעקב תקע את אהלו בהר ולבן תקע את אחיו בהר הגלעד 25
२५और लाबान याकूब के पास पहुँच गया। याकूब अपना तम्बू गिलाद नामक पहाड़ी देश में खड़ा किए पड़ा था; और लाबान ने भी अपने भाइयों के साथ अपना तम्बू उसी पहाड़ी देश में खड़ा किया।
ויאמר לבן ליעקב מה עשית ותגנב את לבבי ותנהג את בנתי כשביות חרב 26
२६तब लाबान याकूब से कहने लगा, “तूने यह क्या किया, कि मेरे पास से चोरी से चला आया, और मेरी बेटियों को ऐसा ले आया, जैसा कोई तलवार के बल से बन्दी बनाई गई हों?
למה נחבאת לברח ותגנב אתי ולא הגדת לי ואשלחך בשמחה ובשרים בתף ובכנור 27
२७तू क्यों चुपके से भाग आया, और मुझसे बिना कुछ कहे मेरे पास से चोरी से चला आया; नहीं तो मैं तुझे आनन्द के साथ मृदंग और वीणा बजवाते, और गीत गवाते विदा करता?
ולא נטשתני לנשק לבני ולבנתי עתה הסכלת עשו 28
२८तूने तो मुझे अपने बेटे-बेटियों को चूमने तक न दिया? तूने मूर्खता की है।
יש לאל ידי לעשות עמכם רע ואלהי אביכם אמש אמר אלי לאמר השמר לך מדבר עם יעקב--מטוב עד רע 29
२९तुम लोगों की हानि करने की शक्ति मेरे हाथ में तो है; पर तुम्हारे पिता के परमेश्वर ने मुझसे बीती हुई रात में कहा, ‘सावधान रह, याकूब से न तो भला कहना और न बुरा।’
ועתה הלך הלכת כי נכסף נכספתה לבית אביך למה גנבת את אלהי 30
३०भला, अब तू अपने पिता के घर का बड़ा अभिलाषी होकर चला आया तो चला आया, पर मेरे देवताओं को तू क्यों चुरा ले आया है?”
ויען יעקב ויאמר ללבן כי יראתי--כי אמרתי פן תגזל את בנותיך מעמי 31
३१याकूब ने लाबान को उत्तर दिया, “मैं यह सोचकर डर गया था कि कहीं तू अपनी बेटियों को मुझसे छीन न ले।
עם אשר תמצא את אלהיך לא יחיה--נגד אחינו הכר לך מה עמדי וקח לך ולא ידע יעקב כי רחל גנבתם 32
३२जिस किसी के पास तू अपने देवताओं को पाए, वह जीवित न बचेगा। मेरे पास तेरा जो कुछ निकले, उसे भाई-बन्धुओं के सामने पहचानकर ले ले।” क्योंकि याकूब न जानता था कि राहेल गृहदेवताओं को चुरा ले आई है।
ויבא לבן באהל יעקב ובאהל לאה ובאהל שתי האמהת--ולא מצא ויצא מאהל לאה ויבא באהל רחל 33
३३यह सुनकर लाबान, याकूब और लिआ और दोनों दासियों के तम्बुओं में गया; और कुछ न मिला। तब लिआ के तम्बू में से निकलकर राहेल के तम्बू में गया।
ורחל לקחה את התרפים ותשמם בכר הגמל--ותשב עליהם וימשש לבן את כל האהל ולא מצא 34
३४राहेल तो गृहदेवताओं को ऊँट की काठी में रखकर उन पर बैठी थी। लाबान ने उसके सारे तम्बू में टटोलने पर भी उन्हें न पाया।
ותאמר אל אביה אל יחר בעיני אדני כי לוא אוכל לקום מפניך כי דרך נשים לי ויחפש ולא מצא את התרפים 35
३५राहेल ने अपने पिता से कहा, “हे मेरे प्रभु; इससे अप्रसन्न न हो, कि मैं तेरे सामने नहीं उठी; क्योंकि मैं मासिक धर्म से हूँ।” अतः उसके ढूँढ़-ढाँढ़ करने पर भी गृहदेवता उसको न मिले।
ויחר ליעקב וירב בלבן ויען יעקב ויאמר ללבן מה פשעי מה חטאתי כי דלקת אחרי 36
३६तब याकूब क्रोधित होकर लाबान से झगड़ने लगा, और कहा, “मेरा क्या अपराध है? मेरा क्या पाप है, कि तूने इतना क्रोधित होकर मेरा पीछा किया है?
כי מששת את כל כלי מה מצאת מכל כלי ביתך--שים כה נגד אחי ואחיך ויוכיחו בין שנינו 37
३७तूने जो मेरी सारी सामग्री को टटोलकर देखा, तो तुझको अपने घर की सारी सामग्री में से क्या मिला? कुछ मिला हो तो उसको यहाँ अपने और मेरे भाइयों के सामने रख दे, और वे हम दोनों के बीच न्याय करें।
זה עשרים שנה אנכי עמך רחליך ועזיך לא שכלו ואילי צאנך לא אכלתי 38
३८इन बीस वर्षों से मैं तेरे पास रहा; इनमें न तो तेरी भेड़-बकरियों के गर्भ गिरे, और न तेरे मेढ़ों का माँस मैंने कभी खाया।
טרפה לא הבאתי אליך--אנכי אחטנה מידי תבקשנה גנבתי יום וגנבתי לילה 39
३९जिसे जंगली जन्तुओं ने फाड़ डाला उसको मैं तेरे पास न लाता था, उसकी हानि मैं ही उठाता था; चाहे दिन को चोरी जाता चाहे रात को, तू मुझ ही से उसको ले लेता था।
הייתי ביום אכלני חרב וקרח בלילה ותדד שנתי מעיני 40
४०मेरी तो यह दशा थी कि दिन को तो घाम और रात को पाला मुझे खा गया; और नींद मेरी आँखों से भाग जाती थी।
זה לי עשרים שנה בביתך עבדתיך ארבע עשרה שנה בשתי בנתיך ושש שנים בצאנך ותחלף את משכרתי עשרת מנים 41
४१बीस वर्ष तक मैं तेरे घर में रहा; चौदह वर्ष तो मैंने तेरी दोनों बेटियों के लिये, और छः वर्ष तेरी भेड़-बकरियों के लिये सेवा की; और तूने मेरी मजदूरी को दस बार बदल डाला।
לולי אלהי אבי אלהי אברהם ופחד יצחק היה לי--כי עתה ריקם שלחתני את עניי ואת יגיע כפי ראה אלהים--ויוכח אמש 42
४२मेरे पिता का परमेश्वर अर्थात् अब्राहम का परमेश्वर, जिसका भय इसहाक भी मानता है, यदि मेरी ओर न होता, तो निश्चय तू अब मुझे खाली हाथ जाने देता। मेरे दुःख और मेरे हाथों के परिश्रम को देखकर परमेश्वर ने बीती हुई रात में तुझे डाँटा।”
ויען לבן ויאמר אל יעקב הבנות בנתי והבנים בני והצאן צאני וכל אשר אתה ראה לי הוא ולבנתי מה אעשה לאלה היום או לבניהן אשר ילדו 43
४३लाबान ने याकूब से कहा, “ये बेटियाँ तो मेरी ही हैं, और ये पुत्र भी मेरे ही हैं, और ये भेड़-बकरियाँ भी मेरे ही हैं, और जो कुछ तुझे देख पड़ता है वह सब मेरा ही है परन्तु अब मैं अपनी इन बेटियों और इनकी सन्तान से क्या कर सकता हूँ?
ועתה לכה נכרתה ברית--אני ואתה והיה לעד ביני ובינך 44
४४अब आ, मैं और तू दोनों आपस में वाचा बाँधें, और वह मेरे और तेरे बीच साक्षी ठहरी रहे।”
ויקח יעקב אבן וירימה מצבה 45
४५तब याकूब ने एक पत्थर लेकर उसका खम्भा खड़ा किया।
ויאמר יעקב לאחיו לקטו אבנים ויקחו אבנים ויעשו גל ויאכלו שם על הגל 46
४६तब याकूब ने अपने भाई-बन्धुओं से कहा, “पत्थर इकट्ठा करो,” यह सुनकर उन्होंने पत्थर इकट्ठा करके एक ढेर लगाया और वहीं ढेर के पास उन्होंने भोजन किया।
ויקרא לו לבן יגר שהדותא ויעקב קרא לו גלעד 47
४७उस ढेर का नाम लाबान ने तो जैगर सहादुथा, पर याकूब ने गिलियाद रखा।
ויאמר לבן הגל הזה עד ביני ובינך היום על כן קרא שמו גלעד 48
४८लाबान ने कहा, “यह ढेर आज से मेरे और तेरे बीच साक्षी रहेगा।” इस कारण उसका नाम गिलियाद रखा गया,
והמצפה אשר אמר יצף יהוה ביני ובינך כי נסתר איש מרעהו 49
४९और मिस्पा भी; क्योंकि उसने कहा, “जब हम एक दूसरे से दूर रहें तब यहोवा मेरी और तेरी देख-भाल करता रहे।
אם תענה את בנתי ואם תקח נשים על בנתי--אין איש עמנו ראה אלהים עד ביני ובינך 50
५०यदि तू मेरी बेटियों को दुःख दे, या उनके सिवाय और स्त्रियाँ ब्याह ले, तो हमारे साथ कोई मनुष्य तो न रहेगा; पर देख मेरे तेरे बीच में परमेश्वर साक्षी रहेगा।”
ויאמר לבן ליעקב הנה הגל הזה והנה המצבה אשר יריתי ביני ובינך 51
५१फिर लाबान ने याकूब से कहा, “इस ढेर को देख और इस खम्भे को भी देख, जिनको मैंने अपने और तेरे बीच में खड़ा किया है।
עד הגל הזה ועדה המצבה אם אני לא אעבר אליך את הגל הזה ואם אתה לא תעבר אלי את הגל הזה ואת המצבה הזאת לרעה 52
५२यह ढेर और यह खम्भा दोनों इस बात के साक्षी रहें कि हानि करने की मनसा से न तो मैं इस ढेर को लाँघकर तेरे पास जाऊँगा, न तू इस ढेर और इस खम्भे को लाँघकर मेरे पास आएगा।
אלהי אברהם ואלהי נחור ישפטו בינינו--אלהי אביהם וישבע יעקב בפחד אביו יצחק 53
५३अब्राहम और नाहोर और उनके पिता; तीनों का जो परमेश्वर है, वही हम दोनों के बीच न्याय करे।” तब याकूब ने उसकी शपथ खाई जिसका भय उसका पिता इसहाक मानता था।
ויזבח יעקב זבח בהר ויקרא לאחיו לאכל לחם ויאכלו לחם וילינו בהר 54
५४और याकूब ने उस पहाड़ पर बलि चढ़ाया, और अपने भाई-बन्धुओं को भोजन करने के लिये बुलाया, तब उन्होंने भोजन करके पहाड़ पर रात बिताई।
וישכם לבן בבקר וינשק לבניו ולבנותיו--ויברך אתהם וילך וישב לבן למקמו 55
५५भोर को लाबान उठा, और अपने बेटे-बेटियों को चूमकर और आशीर्वाद देकर चल दिया, और अपने स्थान को लौट गया।

< בראשית 31 >