< בראשית 20 >
ויסע משם אברהם ארצה הנגב וישב בין קדש ובין שור ויגר בגרר | 1 |
१फिर अब्राहम वहाँ से निकलकर दक्षिण देश में आकर कादेश और शूर के बीच में ठहरा, और गरार में रहने लगा।
ויאמר אברהם אל שרה אשתו אחתי הוא וישלח אבימלך מלך גרר ויקח את שרה | 2 |
२और अब्राहम अपनी पत्नी सारा के विषय में कहने लगा, “वह मेरी बहन है,” इसलिए गरार के राजा अबीमेलेक ने दूत भेजकर सारा को बुलवा लिया।
ויבא אלהים אל אבימלך בחלום הלילה ויאמר לו הנך מת על האשה אשר לקחת והוא בעלת בעל | 3 |
३रात को परमेश्वर ने स्वप्न में अबीमेलेक के पास आकर कहा, “सुन, जिस स्त्री को तूने रख लिया है, उसके कारण तू मर जाएगा, क्योंकि वह सुहागिन है।”
ואבימלך לא קרב אליה ויאמר--אדני הגוי גם צדיק תהרג | 4 |
४परन्तु अबीमेलेक उसके पास न गया था; इसलिए उसने कहा, “हे प्रभु, क्या तू निर्दोष जाति का भी घात करेगा?
הלא הוא אמר לי אחתי הוא והיא גם הוא אמרה אחי הוא בתם לבבי ובנקין כפי עשיתי זאת | 5 |
५क्या उसी ने स्वयं मुझसे नहीं कहा, ‘वह मेरी बहन है?’ और उस स्त्री ने भी आप कहा, ‘वह मेरा भाई है,’ मैंने तो अपने मन की खराई और अपने व्यवहार की सच्चाई से यह काम किया।”
ויאמר אליו האלהים בחלם גם אנכי ידעתי כי בתם לבבך עשית זאת ואחשך גם אנכי אותך מחטו לי על כן לא נתתיך לנגע אליה | 6 |
६परमेश्वर ने उससे स्वप्न में कहा, “हाँ, मैं भी जानता हूँ कि अपने मन की खराई से तूने यह काम किया है और मैंने तुझे रोक भी रखा कि तू मेरे विरुद्ध पाप न करे; इसी कारण मैंने तुझको उसे छूने नहीं दिया।
ועתה השב אשת האיש כי נביא הוא ויתפלל בעדך וחיה ואם אינך משיב--דע כי מות תמות אתה וכל אשר לך | 7 |
७इसलिए अब उस पुरुष की पत्नी को उसे लौटा दे; क्योंकि वह नबी है, और तेरे लिये प्रार्थना करेगा, और तू जीता रहेगा पर यदि तू उसको न लौटाए तो जान रख, कि तू, और तेरे जितने लोग हैं, सब निश्चय मर जाएँगे।”
וישכם אבימלך בבקר ויקרא לכל עבדיו וידבר את כל הדברים האלה באזניהם וייראו האנשים מאד | 8 |
८सवेरे अबीमेलेक ने तड़के उठकर अपने सब कर्मचारियों को बुलवाकर ये सब बातें सुनाईं; और वे लोग बहुत डर गए।
ויקרא אבימלך לאברהם ויאמר לו מה עשית לנו ומה חטאתי לך כי הבאת עלי ועל ממלכתי חטאה גדלה מעשים אשר לא יעשו עשית עמדי | 9 |
९तब अबीमेलेक ने अब्राहम को बुलवाकर कहा, “तूने हम से यह क्या किया है? और मैंने तेरा क्या बिगाड़ा था कि तूने मेरे और मेरे राज्य के ऊपर ऐसा बड़ा पाप डाल दिया है? तूने मेरे साथ वह काम किया है जो उचित न था।”
ויאמר אבימלך אל אברהם מה ראית כי עשית את הדבר הזה | 10 |
१०फिर अबीमेलेक ने अब्राहम से पूछा, “तूने क्या समझकर ऐसा काम किया?”
ויאמר אברהם כי אמרתי רק אין יראת אלהים במקום הזה והרגוני על דבר אשתי | 11 |
११अब्राहम ने कहा, “मैंने यह सोचा था कि इस स्थान में परमेश्वर का कुछ भी भय न होगा; इसलिए ये लोग मेरी पत्नी के कारण मेरा घात करेंगे।
וגם אמנה אחתי בת אבי הוא--אך לא בת אמי ותהי לי לאשה | 12 |
१२इसके अतिरिक्त सचमुच वह मेरी बहन है, वह मेरे पिता की बेटी तो है पर मेरी माता की बेटी नहीं; फिर वह मेरी पत्नी हो गई।
ויהי כאשר התעו אתי אלהים מבית אבי ואמר לה זה חסדך אשר תעשי עמדי אל כל המקום אשר נבוא שמה אמרי לי אחי הוא | 13 |
१३और ऐसा हुआ कि जब परमेश्वर ने मुझे अपने पिता का घर छोड़कर निकलने की आज्ञा दी, तब मैंने उससे कहा, ‘इतनी कृपा तुझे मुझ पर करनी होगी कि हम दोनों जहाँ-जहाँ जाएँ वहाँ-वहाँ तू मेरे विषय में कहना कि यह मेरा भाई है।’”
ויקח אבימלך צאן ובקר ועבדים ושפחת ויתן לאברהם וישב לו את שרה אשתו | 14 |
१४तब अबीमेलेक ने भेड़-बकरी, गाय-बैल, और दास-दासियाँ लेकर अब्राहम को दीं, और उसकी पत्नी सारा को भी उसे लौटा दिया।
ויאמר אבימלך הנה ארצי לפניך בטוב בעיניך שב | 15 |
१५और अबीमेलेक ने कहा, “देख, मेरा देश तेरे सामने है; जहाँ तुझे भाए वहाँ रह।”
ולשרה אמר הנה נתתי אלף כסף לאחיך--הנה הוא לך כסות עינים לכל אשר אתך ואת כל ונכחת | 16 |
१६और सारा से उसने कहा, “देख, मैंने तेरे भाई को रूपे के एक हजार टुकड़े दिए हैं। देख, तेरे सारे संगियों के सामने वही तेरी आँखों का परदा बनेगा, और सभी के सामने तू ठीक होगी।”
ויתפלל אברהם אל האלהים וירפא אלהים את אבימלך ואת אשתו ואמהתיו--וילדו | 17 |
१७तब अब्राहम ने यहोवा से प्रार्थना की, और यहोवा ने अबीमेलेक, और उसकी पत्नी, और दासियों को चंगा किया और वे जनने लगीं।
כי עצר עצר יהוה בעד כל רחם לבית אבימלך על דבר שרה אשת אברהם | 18 |
१८क्योंकि यहोवा ने अब्राहम की पत्नी सारा के कारण अबीमेलेक के घर की सब स्त्रियों की कोखों को पूरी रीति से बन्द कर दिया था।