< יחזקאל 22 >

ויהי דבר יהוה אלי לאמר 1
यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुँचा:
ואתה בן אדם התשפט התשפט את עיר הדמים והודעתה את כל תועבותיה 2
“हे मनुष्य के सन्तान, क्या तू उस हत्यारे नगर का न्याय न करेगा? क्या तू उसका न्याय न करेगा? उसको उसके सब घिनौने काम बता दे,
ואמרת כה אמר אדני יהוה עיר שפכת דם בתוכה לבוא עתה ועשתה גלולים עליה לטמאה 3
और कह, परमेश्वर यहोवा यह कहता है: हे नगर तू अपने बीच में हत्या करता है जिससे तेरा समय आए, और अपनी ही हानि करने और अशुद्ध होने के लिये मूरतें बनाता है।
בדמך אשר שפכת אשמת ובגלוליך אשר עשית טמאת ותקריבי ימיך ותבוא עד שנותיך על כן נתתיך חרפה לגוים וקלסה לכל הארצות 4
जो हत्या तूने की है, उससे तू दोषी ठहरी, और जो मूरतें तूने बनाई है, उनके कारण तू अशुद्ध हो गई है; तूने अपने अन्त के दिन को समीप कर लिया, और अपने पिछले वर्षों तक पहुँच गई है। इस कारण मैंने तुझे जाति-जाति के लोगों की ओर से नामधराई का और सब देशों के ठट्ठे का कारण कर दिया है।
הקרבות והרחקות ממך יתקלסו בך--טמאת השם רבת המהומה 5
हे बदनाम, हे हुल्लड़ से भरे हुए नगर, जो निकट और जो दूर है, वे सब तुझे उपहास में उड़ाएँगे।
הנה נשיאי ישראל איש לזרעו היו בך למען שפך דם 6
“देख, इस्राएल के प्रधान लोग अपने-अपने बल के अनुसार तुझ में हत्या करनेवाले हुए हैं।
אב ואם הקלו בך לגר עשו בעשק בתוכך יתום ואלמנה הונו בך 7
तुझ में माता-पिता तुच्छ जाने गए हैं; तेरे बीच परदेशी पर अंधेर किया गया; और अनाथ और विधवा तुझ में पीसी गई हैं।
קדשי בזית ואת שבתתי חללת 8
तूने मेरी पवित्र वस्तुओं को तुच्छ जाना, और मेरे विश्रामदिनों को अपवित्र किया है।
אנשי רכיל היו בך למען שפך דם ואל ההרים אכלו בך זמה עשו בתוכך 9
तुझ में लुच्चे लोग हत्या करने को तत्पर हुए, और तेरे लोगों ने पहाड़ों पर भोजन किया है; तेरे बीच महापाप किया गया है।
ערות אב גלה בך טמאת הנדה ענו בך 10
१०तुझ में पिता की देह उघाड़ी गई; तुझ में ऋतुमती स्त्री से भी भोग किया गया है।
ואיש את אשת רעהו עשה תועבה ואיש את כלתו טמא בזמה ואיש את אחתו בת אביו ענה בך 11
११किसी ने तुझ में पड़ोसी की स्त्री के साथ घिनौना काम किया; और किसी ने अपनी बहू को बिगाड़कर महापाप किया है, और किसी ने अपनी बहन अर्थात् अपने पिता की बेटी को भ्रष्ट किया है।
שחד לקחו בך למען שפך דם נשך ותרבית לקחת ותבצעי רעיך בעשק ואתי שכחת נאם אדני יהוה 12
१२तुझ में हत्या करने के लिये उन्होंने घूस ली है, तूने ब्याज और सूद लिया और अपने पड़ोसियों को पीस-पीसकर अन्याय से लाभ उठाया; और मुझ को तूने भुला दिया है, प्रभु यहोवा की यही वाणी है।
והנה הכיתי כפי אל בצעך אשר עשית ועל דמך אשר היו בתוכך 13
१३“इसलिए देख, जो लाभ तूने अन्याय से उठाया और अपने बीच हत्या की है, उससे मैंने हाथ पर हाथ दे मारा है।
היעמד לבך אם תחזקנה ידיך לימים אשר אני עשה אותך אני יהוה דברתי ועשיתי 14
१४अतः जिन दिनों में तेरा न्याय करूँगा, क्या उनमें तेरा हृदय दृढ़ और तेरे हाथ स्थिर रह सकेंगे? मुझ यहोवा ने यह कहा है, और ऐसा ही करूँगा।
והפיצותי אותך בגוים וזריתיך בארצות והתמתי טמאתך ממך 15
१५मैं तेरे लोगों को जाति-जाति में तितर-बितर करूँगा, और देश-देश में छितरा दूँगा, और तेरी अशुद्धता को तुझ में से नाश करूँगा।
ונחלת בך לעיני גוים וידעת כי אני יהוה 16
१६तू जाति-जाति के देखते हुए अपनी ही दृष्टि में अपवित्र ठहरेगी; तब तू जान लेगी कि मैं यहोवा हूँ।”
ויהי דבר יהוה אלי לאמר 17
१७फिर यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुँचा:
בן אדם היו לי בית ישראל לסוג (לסיג) כלם נחשת ובדיל וברזל ועופרת בתוך כור--סגים כסף היו 18
१८“हे मनुष्य के सन्तान, इस्राएल का घराना मेरी दृष्टि में धातु का मैल हो गया है; वे सब के सब भट्ठी के बीच के पीतल और राँगे और लोहे और शीशे के समान बन गए; वे चाँदी के मैल के समान हो गए हैं।
לכן כה אמר אדני יהוה יען היות כלכם לסגים לכן הנני קבץ אתכם אל תוך ירושלם 19
१९इस कारण प्रभु यहोवा उनसे यह कहता है: इसलिए कि तुम सब के सब धातु के मैल के समान बन गए हो, अतः देखो, मैं तुम को यरूशलेम के भीतर इकट्ठा करने पर हूँ।
קבצת כסף ונחשת וברזל ועופרת ובדיל אל תוך כור לפחת עליו אש להנתיך כן אקבץ באפי ובחמתי והנחתי והתכתי אתכם 20
२०जैसे लोग चाँदी, पीतल, लोहा, शीशा, और राँगा इसलिए भट्ठी के भीतर बटोरकर रखते हैं कि उन्हें आग फूँककर पिघलाएँ, वैसे ही मैं तुम को अपने कोप और जलजलाहट से इकट्ठा करके वहीं रखकर पिघला दूँगा।
וכנסתי אתכם ונפחתי עליכם באש עברתי ונתכתם בתוכה 21
२१मैं तुम को वहाँ बटोरकर अपने रोष की आग से फूँकूँगा, और तुम उसके बीच पिघलाए जाओगे।
כהתוך כסף בתוך כור כן תתכו בתוכה וידעתם כי אני יהוה שפכתי חמתי עליכם 22
२२जैसे चाँदी भट्ठी के बीच में पिघलाई जाती है, वैसे ही तुम उसके बीच में पिघलाए जाओगे; तब तुम जान लोगे कि जिसने हम पर अपनी जलजलाहट भड़काई है, वह यहोवा है।”
ויהי דבר יהוה אלי לאמר 23
२३फिर यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुँचा:
בן אדם--אמר לה את ארץ לא מטהרה היא לא גשמה ביום זעם 24
२४“हे मनुष्य के सन्तान, उस देश से कह, तू ऐसा देश है जो शुद्ध नहीं हुआ, और जलजलाहट के दिन में तुझ पर वर्षा नहीं हुई;
קשר נביאיה בתוכה כארי שואג טרף טרף נפש אכלו חסן ויקר יקחו--אלמנותיה הרבו בתוכה 25
२५तेरे भविष्यद्वक्ताओं ने तुझ में राजद्रोह की गोष्ठी की, उन्होंने गरजनेवाले सिंह के समान अहेर पकड़ा और प्राणियों को खा डाला है; वे रखे हुए अनमोल धन को छीन लेते हैं, और तुझ में बहुत स्त्रियों को विधवा कर दिया है।
כהניה חמסו תורתי ויחללו קדשי--בין קדש לחל לא הבדילו ובין הטמא לטהור לא הודיעו ומשבתותי העלימו עיניהם ואחל בתוכם 26
२६उसके याजकों ने मेरी व्यवस्था का अर्थ खींच-खांचकर लगाया है, और मेरी पवित्र वस्तुओं को अपवित्र किया है; उन्होंने पवित्र-अपवित्र का कुछ भेद नहीं माना, और न औरों को शुद्ध-अशुद्ध का भेद सिखाया है, और वे मेरे विश्रामदिनों के विषय में निश्चिन्त रहते हैं, जिससे मैं उनके बीच अपवित्र ठहरता हूँ।
שריה בקרבה כזאבים טרפי טרף--לשפך דם לאבד נפשות למען בצע בצע 27
२७उसके प्रधान भेड़ियों के समान अहेर पकड़ते, और अन्याय से लाभ उठाने के लिये हत्या करते हैं और प्राण घात करने को तत्पर रहते हैं।
ונביאיה טחו להם תפל--חזים שוא וקסמים להם כזב אמרים כה אמר אדני יהוה ויהוה לא דבר 28
२८उसके भविष्यद्वक्ता उनके लिये कच्ची पुताई करते हैं, उनका दर्शन पाना मिथ्या है; यहोवा के बिना कुछ कहे भी वे यह कहकर झूठी भावी बताते हैं कि ‘प्रभु यहोवा यह कहता है।’
עם הארץ עשקו עשק וגזלו גזל ועני ואביון הונו ואת הגר עשקו בלא משפט 29
२९देश के साधारण लोग भी अंधेर करते और पराया धन छीनते हैं, वे दीन दरिद्र को पीसते और न्याय की चिन्ता छोड़कर परदेशी पर अंधेर करते हैं।
ואבקש מהם איש גדר גדר ועמד בפרץ לפני בעד הארץ--לבלתי שחתה ולא מצאתי 30
३०मैंने उनमें ऐसा मनुष्य ढूँढ़ना चाहा जो बाड़े को सुधारें और देश के निमित्त नाके में मेरे सामने ऐसा खड़ा हो कि मुझे उसको नाश न करना पड़े, परन्तु ऐसा कोई न मिला।
ואשפך עליהם זעמי באש עברתי כליתים דרכם בראשם נתתי נאם אדני יהוה 31
३१इस कारण मैंने उन पर अपना रोष भड़काया और अपनी जलजलाहट की आग से उन्हें भस्म कर दिया है; मैंने उनकी चाल उन्हीं के सिर पर लौटा दी है, परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है।”

< יחזקאל 22 >