< יחזקאל 17 >
याहवेह का यह वचन मेरे पास आया:
בן אדם חוד חידה ומשל משל אל בית ישראל | 2 |
“हे मनुष्य के पुत्र, एक पहेली बनाओ और इसे इस्राएलियों को एक दृष्टांत के रूप में सुनाओ.
ואמרת כה אמר אדני יהוה הנשר הגדול גדול הכנפים ארך האבר מלא הנוצה אשר לו הרקמה--בא אל הלבנון ויקח את צמרת הארז | 3 |
उनसे कहो, ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: एक बड़ा गरुड़ लबानोन में आया, जिसके शक्तिशाली डैने और लंबे पंख थे और उसके पूरे पंख विभिन्न रंगों के थे. उसने देवदार के पेड़ की चोटी के शाखा को पकड़कर.
את ראש יניקותיו קטף ויביאהו אל ארץ כנען בעיר רכלים שמו | 4 |
उसने सबसे ऊपर की कोमल शाखा को तोड़ लिया और उसे व्यापारियों के एक देश में ले गया, और उसने उसे वहां एक व्यापारियों के शहर में रोप दिया.
ויקח מזרע הארץ ויתנהו בשדה זרע קח על מים רבים צפצפה שמו | 5 |
“‘उसने देश के छोटे पौधों में से एक पौधा लेकर उसे उपजाऊ भूमि में लगा दिया. उसने उसे एक बहुत पानी वाले जगह में एक सरई की तरह लगाया,
ויצמח ויהי לגפן סרחת שפלת קומה לפנות דליותיו אליו ושרשיו תחתיו יהיו ותהי לגפן--ותעש בדים ותשלח פראות | 6 |
और वह बढ़ने लगा और फैलकर अंगूर की एक लता हो गया. उसकी डालियां उसकी ओर झुकी, पर उसकी जड़ें उसके नीचे में ही रहीं. वह अंगूर की एक लता हो गई और उसमें से डालियां निकलीं और ये डालियां पत्तियों से भर गईं.
ויהי נשר אחד גדול גדול כנפים ורב נוצה והנה הגפן הזאת כפנה שרשיה עליו ודליותיו שלחה לו להשקות אותה מערגות מטעה | 7 |
“‘पर वहां एक और बड़ा गरुड़ था जिसके शक्तिशाली डैने थे और वह पंखों से भरा हुआ था. अब अंगूर की लता, जहां वह लगायी गई थी, वहां से उसकी जड़ें उस दूसरे गरुड़ की ओर बढ़ने लगीं और उसकी डालियां पानी के लिये उसकी तरफ फैलने लगीं.
אל שדה טוב אל מים רבים היא שתולה--לעשות ענף ולשאת פרי להיות לגפן אדרת | 8 |
उस लता को अच्छी भूमि पर बहुत पानी वाले जगह में लगाया गया था ताकि उसमें डालियां निकलें; उसमें फल लगें और वह एक बहुत बढ़िया अंगूर की लता हो.’
אמר כה אמר אדני יהוה--תצלח הלוא את שרשיה ינתק ואת פריה יקוסס ויבש כל טרפי צמחה תיבש ולא בזרע גדולה ובעם רב למשאות אותה משרשיה | 9 |
“उनसे कहो, ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: क्या यह बढ़ेगा? क्या इसे उखाड़कर इसके फलों को गिरा दिया नहीं जाएगा ताकि यह सूख जाए? इसकी सब नई अंकुरित पत्तियां सूख जाएंगी. इसे इसके जड़ से उखाड़ने के लिये किसी मजबूत हाथ या बहुत से लोगों की ज़रूरत नहीं होगी.
והנה שתולה התצלח הלא כגעת בה רוח הקדים תיבש יבש על ערגת צמחה תיבש | 10 |
इसे लगाया गया है, पर क्या यह बढ़ेगा? क्या यह पूरी तरह सूख नहीं जाएगी जब इस पर पूर्वी हवा चलेगी? यह उसी भूमि में ही सूख जाएगी, जहां यह उगी थी.’”
ויהי דבר יהוה אלי לאמר | 11 |
तब याहवेह का वचन मेरे पास आया:
אמר נא לבית המרי הלא ידעתם מה אלה אמר הנה בא מלך בבל ירושלם ויקח את מלכה ואת שריה ויבא אותם אליו בבלה | 12 |
“इन विद्रोही लोगों से कहो, ‘क्या तुम इन बातों का अर्थ नहीं समझते?’ उनसे कहो: ‘बाबेल का राजा येरूशलेम गया और उसके राजा और उसके प्रभावशाली लोगों को अपने साथ वापस बाबेल ले आया.
ויקח מזרע המלוכה ויכרת אתו ברית ויבא אתו באלה ואת אילי הארץ לקח | 13 |
तब उसने राजपरिवार के एक सदस्य को लिया और उसे सौगंध दिलाकर उससे एक संधि की. वह अपने साथ देश के मुख्य लोगों को भी ले गया,
להיות ממלכה שפלה לבלתי התנשא לשמר את בריתו לעמדה | 14 |
ताकि वह राज्य कमजोर हो जाए और फिर उन्नति न कर सके, पर सिर्फ उसके द्वारा किए गये संधि पर चलने से बचा रहे.
וימרד בו לשלח מלאכיו מצרים לתת לו סוסים ועם רב היצלח הימלט העשה אלה והפר ברית ונמלט | 15 |
परंतु उस राज्य के राजा ने अपने दूतों को घोड़े और एक बड़ी सेना लाने के लिये मिस्र देश भेजा और इस प्रकार उसने बाबेल के राजा से विद्रोह किया. क्या वह सफल होगा? क्या वह, जो ऐसा काम करता है, बच निकलेगा? क्या वह संधि को तोड़कर भी बच जाएगा?
חי אני נאם אדני יהוה אם לא במקום המלך הממליך אתו אשר בזה את אלתו ואשר הפר את בריתו--אתו בתוך בבל ימות | 16 |
“‘मेरे जीवन की सौगंध, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है, वह उस राजा के देश बाबेल में मरेगा, जिसने उसे सिंहासन पर बैठाया, जिसकी शपथ को उसने तुच्छ जाना और जिसके संधि को उसने तोड़ा.
ולא בחיל גדול ובקהל רב יעשה אותו פרעה במלחמה בשפך סללה ובבנות דיק--להכרית נפשות רבות | 17 |
जब ढलानें बनायी जाएंगी और लोगों को मारने के लिये घेराबंदी का काम किया जाएगा, तो फ़रोह, उसकी बड़ी सेना और उसका बड़ा उपद्रवी झुंड भी युद्ध में उसके कोई काम न आएगा.
ובזה אלה להפר ברית והנה נתן ידו וכל אלה עשה לא ימלט | 18 |
उसने वाचा को तोड़ने के द्वारा शपथ को तुच्छ जाना. क्योंकि उसने अपने हाथ को गिरवी रखा और फिर भी ये सब काम किया, इसलिये वह बच नहीं पाएगा.
לכן כה אמר אדני יהוה חי אני אם לא אלתי אשר בזה ובריתי אשר הפיר--ונתתיו בראשו | 19 |
“‘इसलिये परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: मैं अपने जीवन की शपथ खाकर कहता हूं, निश्चयतः, मैं उससे मेरी शपथ को तुच्छ समझने और मेरी वाचा को तोड़ने का बदला लूंगा.
ופרשתי עליו רשתי ונתפש במצודתי והביאותיהו בבלה ונשפטתי אתו שם מעלו אשר מעל בי | 20 |
मैं उसके लिये अपना जाल फैलाऊंगा, और वह मेरे फंदे में फंसेगा. मैं उसे बाबेल ले जाऊंगा और वहां उसे दंड दूंगा क्योंकि उसने मेरे साथ विश्वासघात किया.
ואת כל מברחו בכל אגפיו בחרב יפלו והנשארים לכל רוח יפרשו וידעתם כי אני יהוה דברתי | 21 |
उसके उत्तम सैन्य दल तलवार से मारे जाएंगे, और बचे हुए लोग चारों तरफ तितर-बितर हो जाएंगे. तब तुम जानोगे कि मैं, याहवेह ने यह कहा है.
כה אמר אדני יהוה ולקחתי אני מצמרת הארז הרמה ונתתי מראש ינקותיו רך אקטף ושתלתי אני על הר גבה ותלול | 22 |
“‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: मैं एक देवदार वृक्ष की सबसे ऊंची डाली के अंकुर को लेकर लगाऊंगा; मैं उसकी सबसे ऊंची शाखाओं में से एक कोमल डाली को तोड़ूंगा और उसे एक ऊंचे पहाड़ पर लगाऊंगा.
בהר מרום ישראל אשתלנו ונשא ענף ועשה פרי והיה לארז אדיר ושכנו תחתיו כל צפור כל כנף--בצל דליותיו תשכנה | 23 |
मैं उसे इस्राएल के पहाड़ की ऊंचाइयों में लगाऊंगा; इसमें शाखाएं निकलेंगी और फल लगेगा और यह एक शानदार देवदार का पेड़ होगा. हर प्रकार के पक्षी उसमें घोंसला बनाएंगे; वे उसकी शाखाओं की छाया में बसेरा करेंगे.
וידעו כל עצי השדה כי אני יהוה השפלתי עץ גבה הגבהתי עץ שפל הובשתי עץ לח והפרחתי עץ יבש אני יהוה דברתי ועשיתי | 24 |
बंजर भूमि के सब वृक्ष जान लेंगे कि मैं याहवेह ऊंचे वृक्ष को नीचे लाता और छोटे वृक्ष को बढ़ाकर ऊंचा करता हूं. मैं हरे-भरे वृक्ष को सुखा देता और सूखे वृक्ष को हरा-भरा करके बढ़ाता हूं. “‘मैं याहवेह ने कहा है, और मैं इसे पूरा करूंगा.’”