< שמות 25 >

וידבר יהוה אל משה לאמר 1
यहोवा ने मूसा से कहा,
דבר אל בני ישראל ויקחו לי תרומה מאת כל איש אשר ידבנו לבו תקחו את תרומתי 2
“इस्राएलियों से यह कहना कि मेरे लिये भेंट लाएँ; जितने अपनी इच्छा से देना चाहें उन्हीं सभी से मेरी भेंट लेना।
וזאת התרומה אשר תקחו מאתם זהב וכסף ונחשת 3
और जिन वस्तुओं की भेंट उनसे लेनी हैं वे ये हैं; अर्थात् सोना, चाँदी, पीतल,
ותכלת וארגמן ותולעת שני ושש ועזים 4
नीले, बैंगनी और लाल रंग का कपड़ा, सूक्ष्म सनी का कपड़ा, बकरी का बाल,
וערת אילם מאדמים וערת תחשים ועצי שטים 5
लाल रंग से रंगी हुई मेढ़ों की खालें, सुइसों की खालें, बबूल की लकड़ी,
שמן למאר בשמים לשמן המשחה ולקטרת הסמים 6
उजियाले के लिये तेल, अभिषेक के तेल के लिये और सुगन्धित धूप के लिये सुगन्ध-द्रव्य,
אבני שהם ואבני מלאים לאפד ולחשן 7
एपोद और चपरास के लिये सुलैमानी पत्थर, और जड़ने के लिये मणि।
ועשו לי מקדש ושכנתי בתוכם 8
और वे मेरे लिये एक पवित्रस्थान बनाएँ, कि मैं उनके बीच निवास करूँ।
ככל אשר אני מראה אותך את תבנית המשכן ואת תבנית כל כליו וכן תעשו 9
जो कुछ मैं तुझे दिखाता हूँ, अर्थात् निवास-स्थान और उसके सब सामान का नमूना, उसी के अनुसार तुम लोग उसे बनाना।
ועשו ארון עצי שטים אמתים וחצי ארכו ואמה וחצי רחבו ואמה וחצי קמתו 10
१०“बबूल की लकड़ी का एक सन्दूक बनाया जाए; उसकी लम्बाई ढाई हाथ, और चौड़ाई और ऊँचाई डेढ़-डेढ़ हाथ की हो।
וצפית אתו זהב טהור מבית ומחוץ תצפנו ועשית עליו זר זהב סביב 11
११और उसको शुद्ध सोने से भीतर और बाहर मढ़वाना, और सन्दूक के ऊपर चारों ओर सोने की बाड़ बनवाना।
ויצקת לו ארבע טבעת זהב ונתתה על ארבע פעמתיו ושתי טבעת על צלעו האחת ושתי טבעת על צלעו השנית 12
१२और सोने के चार कड़े ढलवा कर उसके चारों पायों पर, एक ओर दो कड़े और दूसरी ओर भी दो कड़े लगवाना।
ועשית בדי עצי שטים וצפית אתם זהב 13
१३फिर बबूल की लकड़ी के डंडे बनवाना, और उन्हें भी सोने से मढ़वाना।
והבאת את הבדים בטבעת על צלעת הארן לשאת את הארן בהם 14
१४और डंडों को सन्दूक की दोनों ओर के कड़ों में डालना जिससे उनके बल सन्दूक उठाया जाए।
בטבעת הארן יהיו הבדים לא יסרו ממנו 15
१५वे डंडे सन्दूक के कड़ों में लगे रहें; और उससे अलग न किए जाएँ।
ונתת אל הארן--את העדת אשר אתן אליך 16
१६और जो साक्षीपत्र मैं तुझे दूँगा उसे उसी सन्दूक में रखना।
ועשית כפרת זהב טהור אמתים וחצי ארכה ואמה וחצי רחבה 17
१७“फिर शुद्ध सोने का एक प्रायश्चित का ढकना बनवाना; उसकी लम्बाई ढाई हाथ, और चौड़ाई डेढ़ हाथ की हो।
ועשית שנים כרבים זהב מקשה תעשה אתם משני קצות הכפרת 18
१८और सोना ढालकर दो करूब बनवाकर प्रायश्चित के ढकने के दोनों सिरों पर लगवाना।
ועשה כרוב אחד מקצה מזה וכרוב אחד מקצה מזה מן הכפרת תעשו את הכרבים על שני קצותיו 19
१९एक करूब तो एक सिरे पर और दूसरा करूब दूसरे सिरे पर लगवाना; और करूबों को और प्रायश्चित के ढकने को उसके ही टुकड़े से बनाकर उसके दोनों सिरों पर लगवाना।
והיו הכרבים פרשי כנפים למעלה סככים בכנפיהם על הכפרת ופניהם איש אל אחיו אל הכפרת--יהיו פני הכרבים 20
२०और उन करूबों के पंख ऊपर से ऐसे फैले हुए बनें कि प्रायश्चित का ढकना उनसे ढँपा रहे, और उनके मुख आमने-सामने और प्रायश्चित के ढकने की ओर रहें।
ונתת את הכפרת על הארן מלמעלה ואל הארן--תתן את העדת אשר אתן אליך 21
२१और प्रायश्चित के ढकने को सन्दूक के ऊपर लगवाना; और जो साक्षीपत्र मैं तुझे दूँगा उसे सन्दूक के भीतर रखना।
ונועדתי לך שם ודברתי אתך מעל הכפרת מבין שני הכרבים אשר על ארון העדת--את כל אשר אצוה אותך אל בני ישראל 22
२२और मैं उसके ऊपर रहकर तुझ से मिला करूँगा; और इस्राएलियों के लिये जितनी आज्ञाएँ मुझ को तुझे देनी होंगी, उन सभी के विषय मैं प्रायश्चित के ढकने के ऊपर से और उन करूबों के बीच में से, जो साक्षीपत्र के सन्दूक पर होंगे, तुझ से वार्तालाप किया करूँगा।
ועשית שלחן עצי שטים אמתים ארכו ואמה רחבו ואמה וחצי קמתו 23
२३“फिर बबूल की लकड़ी की एक मेज बनवाना; उसकी लम्बाई दो हाथ, चौड़ाई एक हाथ, और ऊँचाई डेढ़ हाथ की हो।
וצפית אתו זהב טהור ועשית לו זר זהב סביב 24
२४उसे शुद्ध सोने से मढ़वाना, और उसके चारों ओर सोने की एक बाड़ बनवाना।
ועשית לו מסגרת טפח סביב ועשית זר זהב למסגרתו סביב 25
२५और उसके चारों ओर चार अंगुल चौड़ी एक पटरी बनवाना, और इस पटरी के चारों ओर सोने की एक बाड़ बनवाना।
ועשית לו ארבע טבעת זהב ונתת את הטבעת על ארבע הפאת אשר לארבע רגליו 26
२६और सोने के चार कड़े बनवाकर मेज के उन चारों कोनों में लगवाना जो उसके चारों पायों में होंगे।
לעמת המסגרת תהיין הטבעת--לבתים לבדים לשאת את השלחן 27
२७वे कड़े पटरी के पास ही हों, और डंडों के घरों का काम दें कि मेज उन्हीं के बल उठाई जाए।
ועשית את הבדים עצי שטים וצפית אתם זהב ונשא בם את השלחן 28
२८और डंडों को बबूल की लकड़ी के बनवाकर सोने से मढ़वाना, और मेज उन्हीं से उठाई जाए।
ועשית קערתיו וכפתיו וקשותיו ומנקיתיו אשר יסך בהן זהב טהור תעשה אתם 29
२९और उसके परात और धूपदान, और चमचे और उण्डेलने के कटोरे, सब शुद्ध सोने के बनवाना।
ונתת על השלחן לחם פנים לפני תמיד 30
३०और मेज पर मेरे आगे भेंट की रोटियाँ नित्य रखा करना।
ועשית מנרת זהב טהור מקשה תעשה המנורה ירכה וקנה גביעיה כפתריה ופרחיה ממנה יהיו 31
३१“फिर शुद्ध सोने की एक दीवट बनवाना। सोना ढलवा कर वह दीवट, पाये और डण्डी सहित बनाया जाए; उसके पुष्पकोष, गाँठ और फूल, सब एक ही टुकड़े के बनें;
וששה קנים יצאים מצדיה שלשה קני מנרה מצדה האחד ושלשה קני מנרה מצדה השני 32
३२और उसके किनारों से छः डालियाँ निकलें, तीन डालियाँ तो दीवट की एक ओर से और तीन डालियाँ उसकी दूसरी ओर से निकली हुई हों;
שלשה גבעים משקדים בקנה האחד כפתר ופרח ושלשה גבעים משקדים בקנה האחד כפתר ופרח כן לששת הקנים היצאים מן המנרה 33
३३एक-एक डाली में बादाम के फूल के समान तीन-तीन पुष्पकोष, एक-एक गाँठ, और एक-एक फूल हों; दीवट से निकली हुई छहों डालियों का यही आकार या रूप हो;
ובמנרה ארבעה גבעים משקדים--כפתריה ופרחיה 34
३४और दीवट की डण्डी में बादाम के फूल के समान चार पुष्पकोष अपनी-अपनी गाँठ और फूल समेत हों;
וכפתר תחת שני הקנים ממנה וכפתר תחת שני הקנים ממנה וכפתר תחת שני הקנים ממנה--לששת הקנים היצאים מן המנרה 35
३५और दीवट से निकली हुई छहों डालियों में से दो-दो डालियों के नीचे एक-एक गाँठ हो, वे दीवट समेत एक ही टुकड़े के बने हुए हों।
כפתריהם וקנתם ממנה יהיו כלה מקשה אחת זהב טהור 36
३६उनकी गाँठें और डालियाँ, सब दीवट समेत एक ही टुकड़े की हों, शुद्ध सोना ढलवा कर पूरा दीवट एक ही टुकड़े का बनवाना।
ועשית את נרתיה שבעה והעלה את נרתיה והאיר על עבר פניה 37
३७और सात दीपक बनवाना; और दीपक जलाए जाएँ कि वे दीवट के सामने प्रकाश दें।
ומלקחיה ומחתתיה זהב טהור 38
३८और उसके गुलतराश और गुलदान सब शुद्ध सोने के हों।
ככר זהב טהור יעשה אתה--את כל הכלים האלה 39
३९वह सब इन समस्त सामान समेत किक्कार भर शुद्ध सोने का बने।
וראה ועשה בתבניתם--אשר אתה מראה בהר 40
४०और सावधान रहकर इन सब वस्तुओं को उस नमूने के समान बनवाना, जो तुझे इस पर्वत पर दिखाया गया है।

< שמות 25 >