< שמות 15 >
אז ישיר משה ובני ישראל את השירה הזאת ליהוה ויאמרו לאמר אשירה ליהוה כי גאה גאה סוס ורכבו רמה בים | 1 |
तब मूसा और बनी — इस्राईल ने ख़ुदावन्द के लिए यह गीत गाया और यूँ कहने लगे, “मैं ख़ुदा वन्द की सना गाँऊगा क्यूँकि वह जलाल के साथ फ़तहमन्द हुआ; उस ने घोड़े को सवार समेत समुन्द्र में डाल दिया।
עזי וזמרת יה ויהי לי לישועה זה אלי ואנוהו אלהי אבי וארממנהו | 2 |
ख़ुदावन्द मेरी ताक़त और राग है, वही मेरी नजात भी ठहरा। वह मेरा ख़ुदा है, मैं उसकी बड़ाई करूँगा, वह मेरे बाप का ख़ुदा है मैं उसकी बुजु़र्गी करूँगा।
יהוה איש מלחמה יהוה שמו | 3 |
ख़ुदावन्द साहिब — ए — जंग है, यहोवा उसका नाम है।
מרכבת פרעה וחילו ירה בים ומבחר שלשיו טבעו בים סוף | 4 |
फ़िर'औन के रथों और लश्कर को उसने समुन्दर में डाल दिया; और उसके चुने सरदार बहर — ए — कु़लजु़म में डूब गये।
תהמת יכסימו ירדו במצולת כמו אבן | 5 |
गहरे पानी ने उनको छिपा लिया; वह पत्थर की तरह तह में चले गए।
ימינך יהוה נאדרי בכח ימינך יהוה תרעץ אויב | 6 |
ऐ ख़ुदावन्द, तेरा दहना हाथ कु़दरत की वजह से जलाली है। ऐ ख़ुदावन्द तेरा दहना हाथ दुश्मन को चकनाचूर कर देता है।
וברב גאונך תהרס קמיך תשלח חרנך--יאכלמו כקש | 7 |
तू अपनी 'अज़मत के ज़ोर से अपने मुख़ालिफ़ों को हलाक करता है; तू अपना क़हर भेजता है, और वह उनको खूँटी की तरह भस्म कर डालता है।
וברוח אפיך נערמו מים נצבו כמו נד נזלים קפאו תהמת בלב ים | 8 |
तेरे नथनों के दम से पानी का ढेर लग गया, सैलाब तूदे की तरह सीधे खड़े हो गए, और गहरा पानी समन्दर के बीच में जम गया।
אמר אויב ארדף אשיג אחלק שלל תמלאמו נפשי-- אריק חרבי תורישמו ידי | 9 |
दुश्मन ने तो यह कहा था, मैं पीछा करूँगा, मैं जा पकड़ूँगा, मैं लूट का माल बाटूँगा, उनकी तबाही से मेरा कलेजा ठंडा होगा। मैं अपनी तलवार खींच कर अपने ही हाथ से उनको हलाक करूँगा।
נשפת ברוחך כסמו ים צללו כעופרת במים אדירים | 10 |
तूने अपनी आँधी की फूँक मारी, तो समन्दर ने उनको छिपा लिया। वह ज़ोर के पानी में शीसे की तरह डूब गए।
מי כמכה באלם יהוה מי כמכה נאדר בקדש נורא תהלת עשה פלא | 11 |
मा'बूदों में ऐ ख़ुदावन्द तेरी तरह कौन है? कौन है जो तेरी तरह अपनी पाकीज़गी की वजह से जलाली और अपनी मदह की वजह से रौ'ब वाला और साहिब — ए — करामात है?
נטית ימינך--תבלעמו ארץ | 12 |
तूने अपना दहना हाथ बढ़ाया, तो ज़मीन उनको निगल गई।
נחית בחסדך עם זו גאלת נהלת בעזך אל נוה קדשך | 13 |
“अपनी रहमत से तूने उन लोगों की जिनको तूने छुटकारा बख़्शा रहनुमाई की, और अपने ज़ोर से तू उनको अपने मुक़द्दस मकान को ले चला है।
שמעו עמים ירגזון חיל אחז ישבי פלשת | 14 |
क़ौमें सुन कर काँप गई हैं। और फ़िलिस्तीन के रहने वालों की जान पर आ बनी है।
אז נבהלו אלופי אדום-- אילי מואב יאחזמו רעד נמגו כל ישבי כנען | 15 |
अदोम के उहदे दार हैरान हैं, मोआब के पहलवानों को कपकपी लग गई है; कनान के सब रहने वालों के दिल पिघले जाते हैं।
תפל עליהם אימתה ופחד בגדל זרועך ידמו כאבן עד יעבר עמך יהוה עד יעבר עם זו קנית | 16 |
ख़ौफ़ — ओ — हिरास उन पर तारी है; तेरे बाजू़ की 'अज़मत की वजह से वह पत्थर की तरह बेहिस — ओ — हरकत हैं। जब तक ऐ ख़ुदावन्द, तेरे लोग निकल न जाएँ, जब तक तेरे लोग जिनको तूने ख़रीदा है पार न हो जाएँ,
תבאמו ותטעמו בהר נחלתך-- מכון לשבתך פעלת יהוה מקדש אדני כוננו ידיך | 17 |
तू उनको वहाँ ले जाकर अपनी मीरास के पहाड़ पर दरख़्त की तरह लगाएगा, तू उनको उसी जगह ले जाएगा जिसे तूने अपनी सुकूनत के लिए बनाया है। ऐ ख़ुदावन्द! वह तेरी जा — ए — मुक़द्दस है, जिसे तेरे हाथों ने क़ाईम किया है।
ख़ुदावन्द हमेशा से हमेशा तक सल्तनत करेगा।”
כי בא סוס פרעה ברכבו ובפרשיו בים וישב יהוה עלהם את מי הים ובני ישראל הלכו ביבשה בתוך הים | 19 |
इस हम्द की वजह यह थी कि फ़िर'औन के सवार घोड़ों और रथों समेत समन्दर में गए, और ख़ुदावन्द समन्दर के पानी को उन पर लौटा लाया; लेकिन बनी — इस्राईल समन्दर के बीच में से ख़ुश्क ज़मीन पर चल कर निकल गए।
ותקח מרים הנביאה אחות אהרן את התף--בידה ותצאן כל הנשים אחריה בתפים ובמחלת | 20 |
तब हारून की बहन मरियम नबिया ने दफ़ हाथ में लिया, और सब 'औरतें दफ़ लिए नाचती हुई उसके पीछे चलीं।
ותען להם מרים שירו ליהוה כי גאה גאה סוס ורכבו רמה בים | 21 |
और मरियम उनके हम्द के जवाब में यह गाती थी, “ख़ुदावन्द की हम्द — ओ — सना गाओ, क्यूँकि वह जलाल के साथ फ़तहमन्द हुआ है; उसने घोड़े को उसके सवार समेत समन्दर में डाल दिया है।”
ויסע משה את ישראל מים סוף ויצאו אל מדבר שור וילכו שלשת ימים במדבר ולא מצאו מים | 22 |
फ़िर मूसा बनी — इस्राईल को बहर — ए — कु़लजु़म से आगे ले गया और वह शोर के वीराने में आए, और वीराने में चलते हुए तीन दिन तक उनको कोई पानी का चश्मा न मिला।
ויבאו מרתה--ולא יכלו לשתת מים ממרה כי מרים הם על כן קרא שמה מרה | 23 |
और जब वह मारह में आए तो मारह का पानी पी न सके क्यूँकि वह कड़वा था, इसीलिए उस जगह का नाम मारह पड़ गया।
וילנו העם על משה לאמר מה נשתה | 24 |
तब वह लोग मूसा पर बड़बड़ा कर कहने लगे, कि हम क्या पिएँ?
ויצעק אל יהוה ויורהו יהוה עץ וישלך אל המים וימתקו המים שם שם לו חק ומשפט ושם נסהו | 25 |
उसने ख़ुदावन्द से फ़रियाद की; ख़ुदावन्द ने उसे एक पेड़ दिखाया जिसे जब उसने पानी में डाला तो पानी मीठा हो गया। वहीं ख़ुदावन्द ने उनके लिए एक क़ानून और शरी'अत बनाई और वहीं यह कह कर उनकी आज़माइश की,
ויאמר אם שמוע תשמע לקול יהוה אלהיך והישר בעיניו תעשה והאזנת למצותיו ושמרת כל חקיו--כל המחלה אשר שמתי במצרים לא אשים עליך כי אני יהוה רפאך | 26 |
कि “अगर तू दिल लगा कर ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा की बात सुने और वही काम करे जो उसकी नज़र में भला है और उसके हुक्मों को माने और उसके क़ानूनों पर 'अमल करे, तो मैं उन बीमारियों में से जो मैंने मिस्रियों पर भेजीं तुझ पर कोई न भेजूँगा क्यूँकि मैं ख़ुदावन्द तेरा शाफ़ी हूँ।”
ויבאו אילמה--ושם שתים עשרה עינת מים ושבעים תמרים ויחנו שם על המים | 27 |
फिर वह एलीम में आए जहाँ पानी के बारह चश्मे और खजूर के सत्तर दरख़्त थे, और वहीं पानी के क़रीब उन्होंने अपने ख़ेमे लगाए।