< אסתר 7 >
ויבא המלך והמן לשתות עם אסתר המלכה | 1 |
तब बादशाह और हामान आए कि आस्तर मलिका के साथ खाएँ — पिएँ।
ויאמר המלך לאסתר גם ביום השני במשתה היין--מה שאלתך אסתר המלכה ותנתן לך ומה בקשתך עד חצי המלכות ותעש | 2 |
और बादशाह ने दूसरे दिन मेहमान नवाज़ी पर मयनौशी के वक़्त आस्तर से फिर पूछा, “आस्तर मलिका, तेरा क्या सवाल है? वह मन्ज़ूर होगा। और तेरी क्या दरख़्वास्त है? आधी बादशाहत तक वह पूरी की जाएगी।”
ותען אסתר המלכה ותאמר--אם מצאתי חן בעיניך המלך ואם על המלך טוב תנתן לי נפשי בשאלתי ועמי בבקשתי | 3 |
आस्तर मलिका ने जवाब दिया, “ऐ बादशाह, अगर मैं तेरी नज़र में मक़्बूल हूँ और बादशाह को मंज़ूर हो, तो मेरे सवाल पर मेरी जान बख़्शी हो और मेरी दरख़्वास्त पर मेरी क़ौम मुझे मिले।
כי נמכרנו אני ועמי להשמיד להרוג ולאבד ואלו לעבדים ולשפחות נמכרנו החרשתי--כי אין הצר שוה בנזק המלך | 4 |
क्यूँकि मैं और मेरे लोग हलाक और क़त्ल किए जाने, और नेस्त — ओ — नाबूद होने को बेच दिए गए हैं। अगर हम लोग ग़ुलाम और लौंडियाँ बनने के लिए बेच डाले जाते तो मैं चुप रहती, अगरचे उस दुश्मन को बादशाह के नुक़्सान का मु'आवज़ा देने की ताक़त न होती।”
ויאמר המלך אחשורוש ויאמר לאסתר המלכה מי הוא זה ואי זה הוא אשר מלאו לבו לעשות כן | 5 |
तब अख़्सूयरस बादशाह ने आस्तर मलिका से कहा “वह कौन है और कहाँ है जिसने अपने दिल में ऐसा ख़्याल करने की हिम्मत की?”
ותאמר אסתר--איש צר ואויב המן הרע הזה והמן נבעת מלפני המלך והמלכה | 6 |
आस्तर ने कहा, वह मुख़ालिफ़ और वह दुश्मन, यही ख़बीस हामान है! “तब हामान बादशाह और मलिका के सामने परेशान हुआ।
והמלך קם בחמתו ממשתה היין אל גנת הביתן והמן עמד לבקש על נפשו מאסתר המלכה--כי ראה כי כלתה אליו הרעה מאת המלך | 7 |
और बादशाह ग़ुस्सा होकर मयनौशी से उठा, और महल के बाग़ में चला गया; और हामान आस्तर मलिका से अपनी जान बख़्शी की दरख़्वास्त करने को उठ खड़ा हुआ, क्यूँकि उसने देखा कि बादशाह ने मेरे ख़िलाफ़ बदी की ठान ली है।
והמלך שב מגנת הביתן אל בית משתה היין והמן נפל על המטה אשר אסתר עליה ויאמר המלך הגם לכבוש את המלכה עמי בבית הדבר יצא מפי המלך ופני המן חפו | 8 |
और बादशाह महल के बाग़ से लौटकर मयनौशी की जगह आया, और हामान उस तख़्त के ऊपर जिस पर आस्तर बैठी थी पड़ा था। तब बादशाह ने कहा, क्या यह घर ही में मेरे सामने मलिका पर जब्र करना चाहता है?” इस बात का बादशाह के मुँह से निकलना था कि उन्होंने हामान का मुँह ढाँक दिया।
ויאמר חרבונה אחד מן הסריסים לפני המלך גם הנה העץ אשר עשה המן למרדכי אשר דבר טוב על המלך עמד בבית המן--גבה חמשים אמה ויאמר המלך תלהו עליו | 9 |
फिर उन ख़्वाजासराओं में से जो ख़िदमत करते थे, एक ख़्वाजासरा ख़रबूनाह ने दरख़्वास्त की, “हुज़ूर! इसके अलावा हामान के घर में वह पचास हाथ ऊँची सूली खड़ी है, जिसको हामान ने मर्दकै के लिए तैयार किया जिसने बादशाह के फ़ाइदे की बात बताई।” बादशाह ने फ़रमाया, “उसे उस पर टाँग दो।”
ויתלו את המן על העץ אשר הכין למרדכי וחמת המלך שככה | 10 |
तब उन्होंने हामान को उसी सूली पर, जो उसने मर्दकै के लिए तैयार की थी टाँग दिया। तब बादशाह का ग़ुस्सा ठंडा हुआ।