< קֹהֶלֶת 6 >
יש רעה אשר ראיתי תחת השמש ורבה היא על האדם | 1 |
१एक बुराई जो मैंने सूर्य के नीचे देखी है, वह मनुष्यों को बहुत भारी लगती है:
איש אשר יתן לו האלהים עשר ונכסים וכבוד ואיננו חסר לנפשו מכל אשר יתאוה ולא ישליטנו האלהים לאכל ממנו--כי איש נכרי יאכלנו זה הבל וחלי רע הוא | 2 |
२किसी मनुष्य को परमेश्वर धन-सम्पत्ति और प्रतिष्ठा यहाँ तक देता है कि जो कुछ उसका मन चाहता है उसे उसकी कुछ भी घटी नहीं होती, तो भी परमेश्वर उसको उसमें से खाने नहीं देता, कोई दूसरा ही उसे खाता है; यह व्यर्थ और भयानक दुःख है।
אם יוליד איש מאה ושנים רבות יחיה ורב שיהיו ימי שניו ונפשו לא תשבע מן הטובה וגם קבורה לא היתה לו--אמרתי טוב ממנו הנפל | 3 |
३यदि किसी पुरुष के सौ पुत्र हों, और वह बहुत वर्ष जीवित रहे और उसकी आयु बढ़ जाए, परन्तु न उसका प्राण प्रसन्न रहे और न उसकी अन्तिम क्रिया की जाए, तो मैं कहता हूँ कि ऐसे मनुष्य से अधूरे समय का जन्मा हुआ बच्चा उत्तम है।
כי בהבל בא ובחשך ילך ובחשך שמו יכסה | 4 |
४क्योंकि वह व्यर्थ ही आया और अंधेरे में चला गया, और उसका नाम भी अंधेरे में छिप गया;
גם שמש לא ראה ולא ידע נחת לזה מזה | 5 |
५और न सूर्य को देखा, न किसी चीज को जानने पाया; तो भी इसको उस मनुष्य से अधिक चैन मिला।
ואלו חיה אלף שנים פעמים וטובה לא ראה--הלא אל מקום אחד הכל הולך | 6 |
६हाँ चाहे वह दो हजार वर्ष जीवित रहे, और कुछ सुख भोगने न पाए, तो उसे क्या? क्या सब के सब एक ही स्थान में नहीं जाते?
כל עמל האדם לפיהו וגם הנפש לא תמלא | 7 |
७मनुष्य का सारा परिश्रम उसके पेट के लिये होता है तो भी उसका मन नहीं भरता।
כי מה יותר לחכם מן הכסיל מה לעני יודע להלך נגד החיים | 8 |
८जो बुद्धिमान है वह मूर्ख से किस बात में बढ़कर है? और कंगाल जो यह जानता है कि इस जीवन में किस प्रकार से चलना चाहिये, वह भी उससे किस बात में बढ़कर है?
טוב מראה עינים מהלך נפש גם זה הבל ורעות רוח | 9 |
९आँखों से देख लेना मन की चंचलता से उत्तम है: यह भी व्यर्थ और वायु को पकड़ना है।
מה שהיה כבר נקרא שמו ונודע אשר הוא אדם ולא יוכל לדין עם שהתקיף (שתקיף) ממנו | 10 |
१०जो कुछ हुआ है उसका नाम युग के आरम्भ से रखा गया है, और यह प्रगट है कि वह आदमी है, कि वह उससे जो उससे अधिक शक्तिमान है झगड़ा नहीं कर सकता है।
כי יש דברים הרבה מרבים הבל מה יתר לאדם | 11 |
११बहुत सी ऐसी बातें हैं जिनके कारण जीवन और भी व्यर्थ होता है तो फिर मनुष्य को क्या लाभ?
כי מי יודע מה טוב לאדם בחיים מספר ימי חיי הבלו--ויעשם כצל אשר מי יגיד לאדם מה יהיה אחריו תחת השמש | 12 |
१२क्योंकि मनुष्य के क्षणिक व्यर्थ जीवन में जो वह परछाई के समान बिताता है कौन जानता है कि उसके लिये अच्छा क्या है? क्योंकि मनुष्य को कौन बता सकता है कि उसके बाद सूर्य के नीचे क्या होगा?