< קֹהֶלֶת 3 >

לכל זמן ועת לכל חפץ תחת השמים 1
हर चीज़ का एक मौक़ा' और हर काम का जो आसमान के नीचे होता है एक वक़्त है।
עת ללדת ועת למות עת לטעת ועת לעקור נטוע 2
पैदा होने का एक वक़्त है, और मर जाने का एक वक़्त है; दरख़्त लगाने का एक वक़्त है, और लगाए हुए को उखाड़ने का एक वक़्त है;
עת להרוג ועת לרפוא עת לפרוץ ועת לבנות 3
मार डालने का एक वक़्त है, और शिफ़ा देने का एक वक़्त है; ढाने का एक वक़्त है, और ता'मीर करने का एक वक़्त है;
עת לבכות ועת לשחוק עת ספוד ועת רקוד 4
रोने का एक वक़्त है, और हँसने का एक वक़्त है; ग़म खाने का एक वक़्त है, और नाचने का एक वक़्त है;
עת להשליך אבנים ועת כנוס אבנים עת לחבוק ועת לרחק מחבק 5
पत्थर फेंकने का एक वक़्त है, और पत्थर बटोरने का एक वक़्त है; एक साथ होने का एक वक़्त है, और एक साथ होने से बाज़ रहने का एक वक़्त है;
עת לבקש ועת לאבד עת לשמור ועת להשליך 6
हासिल करने का एक वक़्त है, और खो देने का एक वक़्त है; रख छोड़ने का एक वक़्त है, और फेंक देने का एक वक़्त है;
עת לקרוע ועת לתפור עת לחשות ועת לדבר 7
फाड़ने का एक वक़्त है, और सोने का एक वक़्त है; चुप रहने का एक वक़्त है, और बोलने का एक वक़्त है;
עת לאהב ועת לשנא עת מלחמה ועת שלום 8
मुहब्बत का एक वक़्त है, और 'अदावत का एक वक़्त है; जंग का एक वक़्त है, और सुलह का एक वक़्त है।
מה יתרון העושה באשר הוא עמל 9
काम करनेवाले को उससे जिसमें वह मेहनत करता है, क्या हासिल होता है?
ראיתי את הענין אשר נתן אלהים לבני האדם--לענות בו 10
मैंने उस सख़्त दुख को देखा, जो ख़ुदा ने बनी आदम को दिया है कि वह मशक्क़त में मुब्तिला रहें।
את הכל עשה יפה בעתו גם את העלם נתן בלבם--מבלי אשר לא ימצא האדם את המעשה אשר עשה האלהים מראש ועד סוף 11
उसने हर एक चीज़ को उसके वक़्त में खू़ब बनाया और उसने अबदियत को भी उनके दिल में जागुज़ीन किया है; इसलिए कि इंसान उस काम को जो ख़ुदा शुरू' से आख़िर तक करता हैं दरियाफ़्त नहीं कर सकता।
ידעתי כי אין טוב בם--כי אם לשמוח ולעשות טוב בחייו 12
मैं यक़ीनन जानता हूँ कि इंसान के लिए यही बेहतर है कि खु़श वक़्त हो, और जब तक ज़िन्दा रहे नेकी करे;
וגם כל האדם שיאכל ושתה וראה טוב בכל עמלו--מתת אלהים היא 13
और ये भी कि हर एक इंसान खाए और पिए और अपनी सारी मेहनत से फ़ायदा उठाए: ये भी ख़ुदा की बख़्शिश है।
ידעתי כי כל אשר יעשה האלהים הוא יהיה לעולם--עליו אין להוסיף וממנו אין לגרע והאלהים עשה שיראו מלפניו 14
और मुझ को यक़ीन है कि सब कुछ जो ख़ुदा करता है हमेशा के लिए है; उसमे कुछ कमी बेशी नहीं हो सकती और ख़ुदा ने ये इसलिए किया है कि लोग उसके सामने डरते रहें।
מה שהיה כבר הוא ואשר להיות כבר היה והאלהים יבקש את נרדף 15
जो कुछ है वह पहले हो चुका; और जो कुछ होने को है, वह भी हो चुका; और ख़ुदा गुज़िश्ता को फिर तलब करता है।
ועוד ראיתי תחת השמש מקום המשפט שמה הרשע ומקום הצדק שמה הרשע 16
फिर मैंने दुनिया में देखा कि 'अदालतगह में ज़ुल्म है, और सदाक़त के मकान में शरारत है।
אמרתי אני בלבי--את הצדיק ואת הרשע ישפט האלהים כי עת לכל חפץ ועל כל המעשה שם 17
तब मैंने दिल मे कहा कि ख़ुदा रास्तबाज़ों और शरीरों की 'अदालत करेगा क्यूँकि हर एक अम्र और हर काम का एक वक़्त है।
אמרתי אני בלבי--על דברת בני האדם לברם האלהים ולראות שהם בהמה המה להם 18
मैंने दिल में कहा कि “ये बनी आदम के लिए है कि ख़ुदा उनको जाँचे और वह समझ लें कि हम ख़ुद हैवान हैं।”
כי מקרה בני האדם ומקרה הבהמה ומקרה אחד להם--כמות זה כן מות זה ורוח אחד לכל ומותר האדם מן הבהמה אין כי הכל הבל 19
क्यूँकि जो कुछ बनी आदम पर गुज़रता है, वही हैवान पर गुज़रता है; एक ही हादसा दोनों पर गुज़रता है, जिस तरह ये मरता है उसी तरह वह मरता है। हाँ, सब में एक ही साँस है, और इंसान को हैवान पर कुछ मर्तबा नहीं; क्यूँकि सब बेकार है।
הכל הולך אל מקום אחד הכל היה מן העפר והכל שב אל העפר 20
सब के सब एक ही जगह जाते हैं; सब के सब ख़ाक से हैं, और सब के सब फिर ख़ाक से जा मिलते हैं।
מי יודע רוח בני האדם--העלה היא למעלה ורוח הבהמה--הירדת היא למטה לארץ 21
कौन जानता है कि इंसान की रूह ऊपर चढ़ती और हैवान की रूह ज़मीन की तरफ़ नीचे को जाती है?
וראיתי כי אין טוב מאשר ישמח האדם במעשיו--כי הוא חלקו כי מי יביאנו לראות במה שיהיה אחריו 22
फिर मैंने देखा कि इंसान के लिए इससे बेहतर कुछ नहीं कि वह अपने कारोबार में ख़ुश रहे, इसलिए कि उसका हिस्सा यही है; क्यूँकि कौन उसे वापस लाएगा कि जो कुछ उसके बाद होगा देख ले?

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