< דברים 5 >

ויקרא משה אל כל ישראל ויאמר אלהם שמע ישראל את החקים ואת המשפטים אשר אנכי דבר באזניכם היום ולמדתם אתם ושמרתם לעשתם 1
मूसा ने सारे इस्राएलियों को बुलवाकर कहा, “हे इस्राएलियों, जो-जो विधि और नियम मैं आज तुम्हें सुनाता हूँ वे सुनो, इसलिए कि उन्हें सीखकर मानने में चौकसी करो।
יהוה אלהינו כרת עמנו ברית--בחרב 2
हमारे परमेश्वर यहोवा ने तो होरेब पर हम से वाचा बाँधी।
לא את אבתינו כרת יהוה את הברית הזאת כי אתנו אנחנו אלה פה היום כלנו חיים 3
इस वाचा को यहोवा ने हमारे पितरों से नहीं, हम ही से बाँधा, जो यहाँ आज के दिन जीवित हैं।
פנים בפנים דבר יהוה עמכם בהר--מתוך האש 4
यहोवा ने उस पर्वत पर आग के बीच में से तुम लोगों से आमने-सामने बातें की;
אנכי עמד בין יהוה וביניכם בעת ההוא להגיד לכם את דבר יהוה כי יראתם מפני האש ולא עליתם בהר לאמר 5
उस आग के डर के मारे तुम पर्वत पर न चढ़े, इसलिए मैं यहोवा के और तुम्हारे बीच उसका वचन तुम्हें बताने को खड़ा रहा। तब उसने कहा,
אנכי יהוה אלהיך אשר הוצאתיך מארץ מצרים מבית עבדים לא יהיה לך אלהים אחרים על פני 6
‘तेरा परमेश्वर यहोवा, जो तुझे दासत्व के घर अर्थात् मिस्र देश में से निकाल लाया है, वह मैं हूँ।
לא תעשה לך פסל כל תמונה אשר בשמים ממעל ואשר בארץ מתחת--ואשר במים מתחת לארץ 7
‘मुझे छोड़ दूसरों को परमेश्वर करके न मानना।
לא תשתחוה להם ולא תעבדם כי אנכי יהוה אלהיך אל קנא--פקד עון אבות על בנים ועל שלשים ועל רבעים לשנאי 8
‘तू अपने लिये कोई मूर्ति खोदकर न बनाना, न किसी की प्रतिमा बनाना जो आकाश में, या पृथ्वी पर, या पृथ्वी के जल में है;
ועשה חסד לאלפים--לאהבי ולשמרי מצותו (מצותי) 9
तू उनको दण्डवत् न करना और न उनकी उपासना करना; क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर यहोवा जलन रखनेवाला परमेश्वर हूँ, और जो मुझसे बैर रखते हैं उनके बेटों, पोतों, और परपोतों को पितरों का दण्ड दिया करता हूँ,
לא תשא את שם יהוה אלהיך לשוא כי לא ינקה יהוה את אשר ישא את שמו לשוא 10
१०और जो मुझसे प्रेम रखते और मेरी आज्ञाओं को मानते हैं उन हजारों पर करुणा किया करता हूँ।
שמור את יום השבת לקדשו כאשר צוך יהוה אלהיך 11
११‘तू अपने परमेश्वर यहोवा का नाम व्यर्थ न लेना; क्योंकि जो यहोवा का नाम व्यर्थ ले वह उनको निर्दोष न ठहराएगा।
ששת ימים תעבד ועשית כל מלאכתך 12
१२‘तू विश्रामदिन को मानकर पवित्र रखना, जैसे तेरे परमेश्वर यहोवा ने तुझे आज्ञा दी।
ויום השביעי--שבת ליהוה אלהיך לא תעשה כל מלאכה אתה ובנך ובתך ועבדך ואמתך ושורך וחמרך וכל בהמתך וגרך אשר בשעריך--למען ינוח עבדך ואמתך כמוך 13
१३छः दिन तो परिश्रम करके अपना सारा काम-काज करना;
וזכרת כי עבד היית בארץ מצרים ויצאך יהוה אלהיך משם ביד חזקה ובזרע נטויה על כן צוך יהוה אלהיך לעשות את יום השבת 14
१४परन्तु सातवाँ दिन तेरे परमेश्वर यहोवा के लिये विश्रामदिन है; उसमें न तू किसी भाँति का काम-काज करना, न तेरा बेटा, न तेरी बेटी, न तेरा दास, न तेरी दासी, न तेरा बैल, न तेरा गदहा, न तेरा कोई पशु, न कोई परदेशी भी जो तेरे फाटकों के भीतर हो; जिससे तेरा दास और तेरी दासी भी तेरे समान विश्राम करे।
כבד את אביך ואת אמך כאשר צוך יהוה אלהיך--למען יאריכן ימיך ולמען ייטב לך על האדמה אשר יהוה אלהיך נתן לך 15
१५और इस बात को स्मरण रखना कि मिस्र देश में तू आप दास था, और वहाँ से तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे बलवन्त हाथ और बढ़ाई हुई भुजा के द्वारा निकाल लाया; इस कारण तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे विश्रामदिन मानने की आज्ञा देता है।
לא תרצח ולא תנאף ולא תגנב ולא תענה ברעך עד שוא 16
१६‘अपने पिता और अपनी माता का आदर करना, जैसे कि तेरे परमेश्वर यहोवा ने तुझे आज्ञा दी है; जिससे जो देश तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे देता है उसमें तू बहुत दिन तक रहने पाए, और तेरा भला हो।
ולא תחמד אשת רעך ולא תתאוה בית רעך שדהו ועבדו ואמתו שורו וחמרו וכל אשר לרעך 17
१७‘तू खून न करना।
את הדברים האלה דבר יהוה אל כל קהלכם בהר מתוך האש הענן והערפל--קול גדול ולא יסף ויכתבם על שני לחת אבנים ויתנם אלי 18
१८‘तू व्यभिचार न करना।
ויהי כשמעכם את הקול מתוך החשך וההר בער באש ותקרבון אלי כל ראשי שבטיכם וזקניכם 19
१९‘तू चोरी न करना।
ותאמרו הן הראנו יהוה אלהינו את כבדו ואת גדלו ואת קלו שמענו מתוך האש היום הזה ראינו כי ידבר אלהים את האדם וחי 20
२०‘तू किसी के विरुद्ध झूठी साक्षी न देना।
ועתה למה נמות כי תאכלנו האש הגדלה הזאת אם יספים אנחנו לשמע את קול יהוה אלהינו עוד--ומתנו 21
२१‘तू न किसी की पत्नी का लालच करना, और न किसी के घर का लालच करना, न उसके खेत का, न उसके दास का, न उसकी दासी का, न उसके बैल या गदहे का, न उसकी किसी और वस्तु का लालच करना।’
כי מי כל בשר אשר שמע קול אלהים חיים מדבר מתוך האש כמנו--ויחי 22
२२यही वचन यहोवा ने उस पर्वत पर आग, और बादल, और घोर अंधकार के बीच में से तुम्हारी सारी मण्डली से पुकारकर कहा; और इससे अधिक और कुछ न कहा। और उन्हें उसने पत्थर की दो पटियाओं पर लिखकर मुझे दे दिया।
קרב אתה ושמע את כל אשר יאמר יהוה אלהינו ואת תדבר אלינו את כל אשר ידבר יהוה אלהינו אליך--ושמענו ועשינו 23
२३“जब पर्वत आग से दहक रहा था, और तुम ने उस शब्द को अंधियारे के बीच में से आते सुना, तब तुम और तुम्हारे गोत्रों के सब मुख्य-मुख्य पुरुष और तुम्हारे पुरनिए मेरे पास आए;
וישמע יהוה את קול דבריכם בדברכם אלי ויאמר יהוה אלי שמעתי את קול דברי העם הזה אשר דברו אליך--היטיבו כל אשר דברו 24
२४और तुम कहने लगे, ‘हमारे परमेश्वर यहोवा ने हमको अपना तेज और अपनी महिमा दिखाई है, और हमने उसका शब्द आग के बीच में से आते हुए सुना; आज हमने देख लिया कि यद्यपि परमेश्वर मनुष्य से बातें करता है तो भी मनुष्य जीवित रहता है।
מי יתן והיה לבבם זה להם ליראה אתי ולשמר את כל מצותי--כל הימים למען ייטב להם ולבניהם לעלם 25
२५अब हम क्यों मर जाएँ? क्योंकि ऐसी बड़ी आग से हम भस्म हो जाएँगे; और यदि हम अपने परमेश्वर यहोवा का शब्द फिर सुनें, तब तो मर ही जाएँगे।
לך אמר להם שובו לכם לאהליכם 26
२६क्योंकि सारे प्राणियों में से कौन ऐसा है जो हमारे समान जीवित और अग्नि के बीच में से बोलते हुए परमेश्वर का शब्द सुनकर जीवित बचा रहे?
ואתה פה עמד עמדי ואדברה אליך את כל המצוה והחקים והמשפטים אשר תלמדם ועשו בארץ אשר אנכי נתן להם לרשתה 27
२७इसलिए तू समीप जा, और जो कुछ हमारा परमेश्वर यहोवा कहे उसे सुन ले; फिर जो कुछ हमारा परमेश्वर यहोवा कहे उसे हम से कहना; और हम उसे सुनेंगे और उसे मानेंगे।’
ושמרתם לעשות כאשר צוה יהוה אלהיכם אתכם לא תסרו ימין ושמאל 28
२८“जब तुम मुझसे ये बातें कह रहे थे तब यहोवा ने तुम्हारी बातें सुनीं; तब उसने मुझसे कहा, ‘इन लोगों ने जो-जो बातें तुझ से कही हैं मैंने सुनी हैं; इन्होंने जो कुछ कहा वह ठीक ही कहा।
בכל הדרך אשר צוה יהוה אלהיכם אתכם--תלכו למען תחיון וטוב לכם והארכתם ימים בארץ אשר תירשון 29
२९भला होता कि उनका मन सदैव ऐसा ही बना रहे, कि वे मेरा भय मानते हुए मेरी सब आज्ञाओं पर चलते रहें, जिससे उनकी और उनके वंश की सदैव भलाई होती रहे!
30
३०इसलिए तू जाकर उनसे कह दे, कि अपने-अपने डेरों को लौट जाओ।
31
३१परन्तु तू यहीं मेरे पास खड़ा रह, और मैं वे सारी आज्ञाएँ और विधियाँ और नियम जिन्हें तुझे उनको सिखाना होगा तुझ से कहूँगा, जिससे वे उन्हें उस देश में जिसका अधिकार मैं उन्हें देने पर हूँ मानें।’
32
३२इसलिए तुम अपने परमेश्वर यहोवा की आज्ञा के अनुसार करने में चौकसी करना; न तो दाएँ मुड़ना और न बाएँ।
33
३३जिस मार्ग पर चलने की आज्ञा तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने तुम को दी है उस सारे मार्ग पर चलते रहो, कि तुम जीवित रहो, और तुम्हारा भला हो, और जिस देश के तुम अधिकारी होगे उसमें तुम बहुत दिनों के लिये बने रहो।

< דברים 5 >