< דברים 4 >
ועתה ישראל שמע אל החקים ואל המשפטים אשר אנכי מלמד אתכם לעשות--למען תחיו ובאתם וירשתם את הארץ אשר יהוה אלהי אבתיכם נתן לכם | 1 |
हे इस्राएल, उन विधियों और नियमों को ध्यान से सुन लो, जिनका पालन करने की शिक्षा मैं तुम्हें दे रहा हूं, कि तुम जीवित रहते हुए उस देश में प्रवेश कर उस पर अधिकार कर लो, जो तुम्हारे पूर्वजों के परमेश्वर याहवेह तुम्हें दे रहे हैं.
לא תספו על הדבר אשר אנכי מצוה אתכם ולא תגרעו ממנו--לשמר את מצות יהוה אלהיכם אשר אנכי מצוה אתכם | 2 |
तुम मेरी बातों में, जिसका आदेश मैं तुम्हें आज दे रहा हूं, न तो कुछ जोड़ोगे और न ही घटाओगे, कि तुम याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर के आदेशों का पालन कर सको, जो मैंने भेज रखा है.
עיניכם הראות את אשר עשה יהוה בבעל פעור כי כל האיש אשר הלך אחרי בעל פעור--השמידו יהוה אלהיך מקרבך | 3 |
यह तो तुमने खुद ही देख लिया है कि याहवेह ने बाल-पिओर के साथ क्या किया है. जितनों ने बाल-पिओर के पीछे चलने का निश्चय किया, याहवेह तुम्हारे परमेश्वर ने उन्हें तुम्हारे बीच से नाश कर दिया,
ואתם הדבקים ביהוה אלהיכם--חיים כלכם היום | 4 |
मगर तुम, जो याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर के प्रति सच्चे बने रहे, तुममें से सबके सब आज भी जीवित हो.
ראה למדתי אתכם חקים ומשפטים כאשר צוני יהוה אלהי לעשות כן--בקרב הארץ אשר אתם באים שמה לרשתה | 5 |
याद रहे, मैं तुम्हें नियमों और विधियों की शिक्षा दे चुका हूं, ठीक जैसा, मेरे लिए याहवेह, मेरे परमेश्वर का आदेश था, कि तुम्हारा चालचलन उस देश में, जहां तुम उस पर अधिकार के उद्देश्य से प्रवेश करने पर हो, इन्हीं के अनुसार हो.
ושמרתם ועשיתם--כי הוא חכמתכם ובינתכם לעיני העמים אשר ישמעון את כל החקים האלה ואמרו רק עם חכם ונבון הגוי הגדול הזה | 6 |
तब इनका पालन करो; क्योंकि इनका पालन करना और इन पर चलना ही उन लोगों की दृष्टि में तुम्हारी समझ और बुद्धिमानी होगी, जो इन विधियों का वर्णन सुनेंगे और तब उनके शब्द होंगे, “निश्चय यह सम्पन्न राष्ट्र एक बुद्धिमान और ज्ञानवान राष्ट्र है.”
כי מי גוי גדול אשר לו אלהים קרבים אליו כיהוה אלהינו בכל קראנו אליו | 7 |
क्योंकि किस सम्पन्न राष्ट्र का ऐसा ईश्वर है, जो उसके ऐसे पास रहता है, जैसे याहवेह, हमारे परमेश्वर उस मौके पर होते हैं, जब हम उन्हें पुकारते हैं?
ומי גוי גדול אשר לו חקים ומשפטים צדיקם ככל התורה הזאת אשר אנכי נתן לפניכם היום | 8 |
अथवा ऐसा कौन सम्पन्न राष्ट्र है, जिसकी विधियां और नियम ऐसे रीत हैं जैसे इस सारी व्यवस्था के हैं, जो आज मैं तुम्हारे सामने रखने जा रहा हूं?
רק השמר לך ושמר נפשך מאד פן תשכח את הדברים אשר ראו עיניך ופן יסורו מלבבך כל ימי חייך והודעתם לבניך ולבני בניך | 9 |
सिर्फ सावधानी बनाए रखो और बड़ी ही चौकसी से अपने भले की सुरक्षा बनाए रखो, कि तुम्हारी आंखों से खुद तुम्हारे द्वारा देखा गया घटनाक्रम गायब न हो जाए, कि आजीवन वे तुम्हारे हृदय से न निकलें, बल्कि तुम अपने पुत्र और पोतों को इन्हें सिखाते रहो.
יום אשר עמדת לפני יהוה אלהיך בחרב באמר יהוה אלי הקהל לי את העם ואשמעם את דברי אשר ילמדון ליראה אתי כל הימים אשר הם חיים על האדמה ואת בניהם ילמדון | 10 |
वह दिन भूल न जाओ जिस दिन तुम होरेब पर्वत पर याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर के सामने उपस्थित हुए थे, जब याहवेह ने मुझे संबोधित किया, “मेरे सामने लोगों को इकट्ठा करो, कि मैं उन्हें अपनी आवाज सुना सकूं, कि फलस्वरूप उनमें आजीवन मेरे प्रति श्रद्धा और भय बना रह जाए; और वे अपनी संतान को इसकी शिक्षा दे सकें.”
ותקרבון ותעמדון תחת ההר וההר בער באש עד לב השמים--חשך ענן וערפל | 11 |
तुम सब पास आकर पर्वत के नीचे इकट्ठा हो गए. पर्वत पर आग की लपटें आकाश चूम रही थीं. हर जगह अंधकार, मेघ और घना धुआं फैल चुका था.
וידבר יהוה אליכם מתוך האש קול דברים אתם שמעים ותמונה אינכם ראים זולתי קול | 12 |
तब याहवेह ने आग में से तुमसे बातें की. तुम्हें शब्द और आवाज तो सुनाई दे रहे थे, मगर किसी भी प्रकार का स्वरूप दिखाई नहीं दे रहा था-वहां सिर्फ आवाज ही सुनाई दे रही थी.
ויגד לכם את בריתו אשר צוה אתכם לעשות--עשרת הדברים ויכתבם על שני לחות אבנים | 13 |
वहां याहवेह ने अपनी उस वाचा की घोषणा, जिसके पालन करने का आदेश उन्होंने तुम्हें दिया था, अर्थात् वे दस आदेश. ये आदेश याहवेह ने दो पट्टियों पर उकेर दिए थे.
ואתי צוה יהוה בעת ההוא ללמד אתכם חקים ומשפטים לעשתכם אתם--בארץ אשר אתם עברים שמה לרשתה | 14 |
उस समय याहवेह का यही आदेश था, कि मैं तुम्हें इन विधियों और नियमों की शिक्षा दूं, कि तुम उस देश में पहुंचकर इनका पालन कर सको, जिस देश में जाकर तुम उस पर अधिकार करने पर हो.
ונשמרתם מאד לנפשתיכם כי לא ראיתם כל תמונה ביום דבר יהוה אליכם בחרב מתוך האש | 15 |
इसलिये बहुत सावधान रहो, क्योंकि जिस दिन होरेब पर्वत पर याहवेह आग के बीच से तुमसे अभिमुख हुए थे. तुम्हें उनका कोई भी स्वरूप दिखाई नहीं दिया था,
פן תשחתון--ועשיתם לכם פסל תמונת כל סמל תבנית זכר או נקבה | 16 |
कि तुम्हारा चरित्र दूषित न हो जाए और तुम अपने लिए किसी भी स्वरूप में मूर्ति न ढाल लो, नर अथवा नारी के रूप में,
תבנית כל בהמה אשר בארץ תבנית כל צפור כנף אשר תעוף בשמים | 17 |
अथवा पृथ्वी तल पर के किसी पशु की मूर्ति, अथवा आकाश में उड़ते पक्षी की,
תבנית כל רמש באדמה תבנית כל דגה אשר במים מתחת לארץ | 18 |
या किसी रेंगते जंतु की, किसी मछली की मूर्ति न ढाल लो जो पृथ्वी सतह से नीचे जल में पाई जाती है.
ופן תשא עיניך השמימה וראית את השמש ואת הירח ואת הכוכבים כל צבא השמים ונדחת והשתחוית להם ועבדתם--אשר חלק יהוה אלהיך אתם לכל העמים תחת כל השמים | 19 |
सावधान रहो, कि तुम अपनी दृष्टि आकाश की ओर उठाकर सूर्य, चंद्रमा और तारों; हां, नक्षत्रों की ओर उठाकर उनकी ओर आकर्षित हो जाओ और उनकी आराधना और स्तुति करना शुरू कर दो. इन्हें तो याहवेह तुम्हारे परमेश्वर ने सारी पृथ्वी की जनताओं के हित में प्रदान किए हैं.
ואתכם לקח יהוה ויוצא אתכם מכור הברזל ממצרים להיות לו לעם נחלה כיום הזה | 20 |
मगर सच यह है कि मिस्र देश में से याहवेह मानो आग की भट्टी से तुम्हें निकालकर लाए हैं, कि तुम जैसा आज देख ही रहे हो, तुम याहवेह ही की संपत्ति होकर रहो.
ויהוה התאנף בי על דבריכם וישבע לבלתי עברי את הירדן ולבלתי בא אל הארץ הטובה אשר יהוה אלהיך נתן לך נחלה | 21 |
तुम्हारे कारण मैं याहवेह के क्रोध का शिकार हो गया! उन्होंने यह शपथ ली, कि मैं यरदन नदी के पार नहीं जा सकूंगा, कि मैं उस उत्तम देश में प्रवेश नहीं करूंगा, जो याहवेह तुम्हारे परमेश्वर तुम्हें मीरास के रूप में दे रहे हैं.
כי אנכי מת בארץ הזאת אינני עבר את הירדן ואתם עברים וירשתם את הארץ הטובה הזאת | 22 |
मेरी मृत्यु इसी देश में होनी तय है. मैं यरदन नदी के पार नहीं जाऊंगा पर तुम लोग जाओगे और इस श्रेष्ठ भूमि पर अधिकार करोगे.
השמרו לכם פן תשכחו את ברית יהוה אלהיכם אשר כרת עמכם ועשיתם לכם פסל תמונת כל אשר צוך יהוה אלהיך | 23 |
इसलिये सावधान रहो; कि तुम उस वाचा को भुला न डालो, जो याहवेह तुम्हारे परमेश्वर ने तुम्हारे साथ बांधी है. इसलिये अपने लिए उनमें से किसी भी प्रकार की मूर्ति न बनाना, जिसके लिए याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर की ओर से मनाही की गई है.
כי יהוה אלהיך אש אכלה הוא אל קנא | 24 |
क्योंकि याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर भस्म करनेवाली आग हैं, एक जलन रखनेवाला परमेश्वर.
כי תוליד בנים ובני בנים ונושנתם בארץ והשחתם ועשיתם פסל תמונת כל ועשיתם הרע בעיני יהוה אלהיך להכעיסו | 25 |
जब तुम्हारे संतान उत्पन्न होगी और फिर उनकी भी संतान पैदा होगी और उस देश में तुम पीढ़ी से पीढ़ी तक निवास कर चुके होगे और तब अपना चालचलन बिगाड़कर किसी भी वस्तु की मूर्ति बना लो, जो कि याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर की दृष्टि में गलत है और इसके द्वारा तुम उनको क्रोध से भर दो,
העידתי בכם היום את השמים ואת הארץ כי אבד תאבדון מהר מעל הארץ אשר אתם עברים את הירדן שמה לרשתה לא תאריכן ימים עליה כי השמד תשמדון | 26 |
तो मैं तुम्हारे विरुद्ध गवाह होने के लिए आज आकाश और पृथ्वी को बुला रहा हूं, कि तुम निःसंदेह उस देश में, जहां तुम यरदन के पार उतरकर उस पर अधिकार करने पर हो, शीघ्र ही पूरी तरह नाश हो जाओगे.
והפיץ יהוה אתכם בעמים ונשארתם מתי מספר בגוים אשר ינהג יהוה אתכם שמה | 27 |
याहवेह तुम्हें राष्ट्रों के बीच तितर-बितर कर देंगे. याहवेह तुम्हें जिन जनताओं में ठहराएंगे, तुम वहां थोड़ी गिनती में होकर रह जाओगे.
ועבדתם שם אלהים מעשה ידי אדם עץ ואבן--אשר לא יראון ולא ישמעון ולא יאכלון ולא יריחן | 28 |
तुम उन राष्ट्रों में ऐसे देवताओं की उपासना करेंगे, जो लकड़ी और पत्थर की सिर्फ मानव की कलाकृति हैं, जो देख न सकते है, न सुन सकते है, और न ही सूंघने और भोजन करने की क्षमता.
ובקשתם משם את יהוה אלהיך ומצאת כי תדרשנו בכל לבבך ובכל נפשך | 29 |
मगर तुम उसी परिस्थिति में याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर के खोजने वाले हो जाओगे; वहां तुम उन्हें पा भी लोगे, यदि तुम सच्चाई से पूरे हृदय से उनकी खोज करोगे.
בצר לך--ומצאוך כל הדברים האלה באחרית הימים ושבת עד יהוה אלהיך ושמעת בקלו | 30 |
जब तुम संकट की स्थिति में जा पड़ो और ये सारी मुसीबतें तुम्हें आ घेरें, तब अंततः तुम याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर की ओर लौट आओगे और तुम्हें उनकी आवाज भी सुनाई पड़ेगी.
כי אל רחום יהוה אלהיך לא ירפך ולא ישחיתך ולא ישכח את ברית אבתיך אשר נשבע להם | 31 |
क्योंकि याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर दयालु-कृपालु परमेश्वर हैं; न वह तुम्हें छोड़ देंगे, न तुम्हें नाश कर देंगे और न ही वह तुम्हारे पूर्वजों से शपथपूर्वक की गई वाचा को भुला देंगे.
כי שאל נא לימים ראשנים אשר היו לפניך למן היום אשר ברא אלהים אדם על הארץ ולמקצה השמים ועד קצה השמים הנהיה כדבר הגדול הזה או הנשמע כמהו | 32 |
अच्छा चलो, अब कुछ पहले के युगों के बारे में जान लो, जब परमेश्वर ने पृथ्वी पर मनुष्य को बनाया था. इसके विषय में आकाश के एक छोर से दूसरे छोर तक पूछताछ कर डालो. क्या ऐसे अद्भुत काम कहीं और हुए हैं? या ऐसा कुछ भी कभी सुना गया है?
השמע עם קול אלהים מדבר מתוך האש כאשר שמעת אתה--ויחי | 33 |
क्या किसी भी दूसरे राष्ट्र ने आग के बीच में से परमेश्वर को बातचीत करते हुए सुना और फिर भी जीवित रह गए?
או הנסה אלהים לבוא לקחת לו גוי מקרב גוי במסת באתת ובמופתים ובמלחמה וביד חזקה ובזרוע נטויה ובמוראים גדלים ככל אשר עשה לכם יהוה אלהיכם במצרים--לעיניך | 34 |
या क्या याहवेह तुम्हारे परमेश्वर जैसा कोई परमेश्वर भी हुआ है, जिसने विपत्तियों, अद्भुत चिन्हों, चमत्कारों द्वारा, युद्ध द्वारा, अपने भुजबल और बढ़ाई हुई भुजा के द्वारा एक राष्ट्र के बीच में से अपने लिए एक राष्ट्र को तुम्हारे ही देखते-देखते निकालकर लिया हो?
אתה הראת לדעת כי יהוה הוא האלהים אין עוד מלבדו | 35 |
यह सब तुम्हारे सामने इसलिये दिखाया गया, कि वह, जो याहवेह हैं, वही परमेश्वर हैं; कोई भी नहीं है उनके अलावा.
מן השמים השמיעך את קלו ליסרך ועל הארץ הראך את אשו הגדולה ודבריו שמעת מתוך האש | 36 |
वह स्वर्ग से तुमसे बातें करते रहे कि तुम्हें शिक्षा देकर अनुशासित कर सकें. यहां पृथ्वी पर उन्होंने यह सही समझा कि तुम उनकी उस बड़ी आग पर नज़र कर सको. तब तुमने आग के बीच से उनकी बातें सुन लीं.
ותחת כי אהב את אבתיך ויבחר בזרעו אחריו ויוצאך בפניו בכחו הגדל ממצרים | 37 |
यह सिर्फ इसलिये कि तुम्हारे पूर्वजों से याहवेह को प्रेम था, इसलिये उन्होंने उनके वंशजों को उनके बाद अपना लिया. उन्होंने तो व्यक्तिगत रूप से अपनी बड़ी सामर्थ्य के द्वारा तुम्हें मिस्र देश से निकाला है,
להוריש גוים גדלים ועצמים ממך--מפניך להביאך לתת לך את ארצם נחלה--כיום הזה | 38 |
उन्होंने तुम्हारे सामने से ऐसी जनताओं को खदेड़ दिया, जो तुमसे गिनती में भी बहुत थे और शक्ति में तुमसे बहुत बलशाली भी, कि वह तुम्हें मीरास के लिए उनके देश प्रदान कर दें; जैसा आज तुम्हारे सामने साफ़ ही है.
וידעת היום והשבת אל לבבך כי יהוה הוא האלהים בשמים ממעל ועל הארץ מתחת אין עוד | 39 |
इसलिये आज यह समझ लो: जो याहवेह हैं, वही ऊपर आकाश और स्वर्ग में और यहां नीचे धरती पर परमेश्वर हैं, दूसरा कोई भी नहीं.
ושמרת את חקיו ואת מצותיו אשר אנכי מצוך היום אשר ייטב לך ולבניך אחריך--ולמען תאריך ימים על האדמה אשר יהוה אלהיך נתן לך כל הימים | 40 |
इसलिये तुम उनके नियमों और उनके आदेशों का पालन करोगे, जो आज मैं तुम्हें दे रहा हूं, कि तुम्हारा हित होता रहे और तुम्हारे बाद तुम्हारे वंशजों का भी, और तुम उस देश में, जो याहवेह तुम्हारे परमेश्वर तुम्हें स्थायी रूप से प्रदान कर रहे हैं, लंबी आयु तक रह सको.
אז יבדיל משה שלש ערים בעבר הירדן מזרחה שמש | 41 |
फिर मोशेह ने यरदन के पार पूर्व दिशा में तीन नगरों को इस उद्देश्य से अलग किया,
לנס שמה רוצח אשר ירצח את רעהו בבלי דעת והוא לא שנא לו מתמל שלשם ונס אל אחת מן הערים האל--וחי | 42 |
कि किसी व्यक्ति से बिना किसी मन मुटाव के असावधानी में किसी की बिना योजना के हत्या हो गई हो, ऐसा व्यक्ति भागकर इनमें से किसी नगर में आकर बस जाए, कि वह जीवित रह सके.
את בצר במדבר בארץ המישר לראובני ואת ראמת בגלעד לגדי ואת גולן בבשן למנשי | 43 |
निर्जन प्रदेश में बेज़र, जो रियूबेन के घराने को दिए गए पठार पर हैं, गाद-वंशजों को दिए गए गिलआद में रामोथ और मनश्शेह-वंशजों का दिया गया बाशान का गोलान.
וזאת התורה אשר שם משה לפני בני ישראל | 44 |
इस्राएलियों के सामने, जो विधि मोशेह ने तय की थी, वह यह है.
אלה העדת והחקים והמשפטים--אשר דבר משה אל בני ישראל בצאתם ממצרים | 45 |
जब इस्राएल मिस्र देश से निकलकर यरदन नदी की पूर्व दिशा की घाटी में बेथ-पिओर नगर के सामने आ चुके थे,
בעבר הירדן בגיא מול בית פעור בארץ סיחן מלך האמרי אשר יושב בחשבון--אשר הכה משה ובני ישראל בצאתם ממצרים | 46 |
तब मोशेह ने उन्हें ये अध्यादेश अधिनियम और आज्ञाएं दीं. यह वह क्षेत्र था, जहां हेशबोन नगर में अमोरियों के राजा सीहोन का शासन था. मिस्र से आते हुए मोशेह और इस्राएलियों ने उसे हरा दिया था.
ויירשו את ארצו ואת ארץ עוג מלך הבשן שני מלכי האמרי אשר בעבר הירדן--מזרח שמש | 47 |
उन्होंने उसके देश का और बाशान के राजा ओग के देश पर अधिकार कर लिया. ये दो अमोरी राजा थे, जो यरदन नदी के पूर्व में रहते थे.
מערער אשר על שפת נחל ארנן ועד הר שיאן--הוא חרמון | 48 |
इस देश की सीमा आरनोन की घाटी की सीमा से शुरू होकर सियोन पर्वत (अर्थात् हरमोन पर्वत) तक फैली थी,
וכל הערבה עבר הירדן מזרחה ועד ים הערבה--תחת אשדת הפסגה | 49 |
इसमें यरदन नदी के पूर्व का क्षेत्र भी शामिल था, जो पिसगाह पर्वत के ढलानों से लगे अराबाह सागर तक फैला था.