< דברים 26 >
והיה כי תבוא אל הארץ אשר יהוה אלהיך נתן לך נחלה וירשתה וישבת בה | 1 |
१“फिर जब तू उस देश में जिसे तेरा परमेश्वर यहोवा तेरा निज भाग करके तुझे देता है पहुँचे, और उसका अधिकारी होकर उसमें बस जाए,
ולקחת מראשית כל פרי האדמה אשר תביא מארצך אשר יהוה אלהיך נתן לך--ושמת בטנא והלכת אל המקום אשר יבחר יהוה אלהיך לשכן שמו שם | 2 |
२तब जो देश तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे देता है, उसकी भूमि की भाँति-भाँति की जो पहली उपज तू अपने घर लाएगा, उसमें से कुछ टोकरी में लेकर उस स्थान पर जाना, जिसे तेरा परमेश्वर यहोवा अपने नाम का निवास करने को चुन ले।
ובאת אל הכהן אשר יהיה בימים ההם ואמרת אליו הגדתי היום ליהוה אלהיך כי באתי אל הארץ אשר נשבע יהוה לאבתינו לתת לנו | 3 |
३और उन दिनों के याजक के पास जाकर यह कहना, ‘मैं आज हमारे परमेश्वर यहोवा के सामने स्वीकार करता हूँ, कि यहोवा ने हम लोगों को जिस देश के देने की हमारे पूर्वजों से शपथ खाई थी उसमें मैं आ गया हूँ।’
ולקח הכהן הטנא מידך והניחו--לפני מזבח יהוה אלהיך | 4 |
४तब याजक तेरे हाथ से वह टोकरी लेकर तेरे परमेश्वर यहोवा की वेदी के सामने रख दे।
וענית ואמרת לפני יהוה אלהיך ארמי אבד אבי וירד מצרימה ויגר שם במתי מעט ויהי שם לגוי גדול עצום ורב | 5 |
५तब तू अपने परमेश्वर यहोवा से इस प्रकार कहना, ‘मेरा मूलपुरुष एक अरामी मनुष्य था जो मरने पर था; और वह अपने छोटे से परिवार समेत मिस्र को गया, और वहाँ परदेशी होकर रहा; और वहाँ उससे एक बड़ी, और सामर्थी, और बहुत मनुष्यों से भरी हुई जाति उत्पन्न हुई।
וירעו אתנו המצרים ויענונו ויתנו עלינו עבדה קשה | 6 |
६और मिस्रियों ने हम लोगों से बुरा बर्ताव किया, और हमें दुःख दिया, और हम से कठिन सेवा ली।
ונצעק אל יהוה אלהי אבתינו וישמע יהוה את קלנו וירא את ענינו ואת עמלנו ואת לחצנו | 7 |
७परन्तु हमने अपने पूर्वजों के परमेश्वर यहोवा की दुहाई दी, और यहोवा ने हमारी सुनकर हमारे दुःख-श्रम और अत्याचार पर दृष्टि की;
ויוצאנו יהוה ממצרים ביד חזקה ובזרע נטויה ובמרא גדל--ובאתות ובמפתים | 8 |
८और यहोवा ने बलवन्त हाथ और बढ़ाई हुई भुजा से अति भयानक चिन्ह और चमत्कार दिखलाकर हमको मिस्र से निकाल लाया;
ויבאנו אל המקום הזה ויתן לנו את הארץ הזאת ארץ זבת חלב ודבש | 9 |
९और हमें इस स्थान पर पहुँचाकर यह देश जिसमें दूध और मधु की धाराएँ बहती हैं हमें दे दिया है।
ועתה הנה הבאתי את ראשית פרי האדמה אשר נתתה לי יהוה והנחתו לפני יהוה אלהיך והשתחוית לפני יהוה אלהיך | 10 |
१०अब हे यहोवा, देख, जो भूमि तूने मुझे दी है उसकी पहली उपज मैं तेरे पास ले आया हूँ।’ तब तू उसे अपने परमेश्वर यहोवा के सामने रखना; और यहोवा को दण्डवत् करना;
ושמחת בכל הטוב אשר נתן לך יהוה אלהיך--ולביתך אתה והלוי והגר אשר בקרבך | 11 |
११और जितने अच्छे पदार्थ तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे और तेरे घराने को दे, उनके कारण तू लेवियों और अपने मध्य में रहनेवाले परदेशियों सहित आनन्द करना।
כי תכלה לעשר את כל מעשר תבואתך בשנה השלישת--שנת המעשר ונתתה ללוי לגר ליתום ולאלמנה ואכלו בשעריך ושבעו | 12 |
१२“तीसरे वर्ष जो दशमांश देने का वर्ष ठहरा है, जब तू अपनी सब भाँति की बढ़ती के दशमांश को निकाल चुके, तब उसे लेवीय, परदेशी, अनाथ, और विधवा को देना, कि वे तेरे फाटकों के भीतर खाकर तृप्त हों;
ואמרת לפני יהוה אלהיך בערתי הקדש מן הבית וגם נתתיו ללוי ולגר ליתום ולאלמנה ככל מצותך אשר צויתני לא עברתי ממצותיך ולא שכחתי | 13 |
१३और तू अपने परमेश्वर यहोवा से कहना, ‘मैंने तेरी सब आज्ञाओं के अनुसार पवित्र ठहराई हुई वस्तुओं को अपने घर से निकाला, और लेवीय, परदेशी, अनाथ, और विधवा को दे दिया है; तेरी किसी आज्ञा को मैंने न तो टाला है, और न भूला है।
לא אכלתי באני ממנו ולא בערתי ממנו בטמא ולא נתתי ממנו למת שמעתי בקול יהוה אלהי--עשיתי ככל אשר צויתני | 14 |
१४उन वस्तुओं में से मैंने शोक के समय नहीं खाया, और न उनमें से कोई वस्तु अशुद्धता की दशा में घर से निकाली, और न कुछ शोक करनेवालों को दिया; मैंने अपने परमेश्वर यहोवा की सुन ली, मैंने तेरी सब आज्ञाओं के अनुसार किया है।
השקיפה ממעון קדשך מן השמים וברך את עמך את ישראל ואת האדמה אשר נתתה לנו--כאשר נשבעת לאבתינו ארץ זבת חלב ודבש | 15 |
१५तू स्वर्ग में से जो तेरा पवित्र धाम है दृष्टि करके अपनी प्रजा इस्राएल को आशीष दे, और इस दूध और मधु की धाराओं के देश की भूमि पर आशीष दे, जिसे तूने हमारे पूर्वजों से खाई हुई शपथ के अनुसार हमें दिया है।’
היום הזה יהוה אלהיך מצוך לעשות את החקים האלה--ואת המשפטים ושמרת ועשית אותם בכל לבבך ובכל נפשך | 16 |
१६“आज के दिन तेरा परमेश्वर यहोवा तुझको इन्हीं विधियों और नियमों के मानने की आज्ञा देता है; इसलिए अपने सारे मन और सारे प्राण से इनके मानने में चौकसी करना।
את יהוה האמרת היום להיות לך לאלהים וללכת בדרכיו ולשמר חקיו ומצותיו ומשפטיו--ולשמע בקלו | 17 |
१७तूने तो आज यहोवा को अपना परमेश्वर मानकर यह वचन दिया है, कि मैं तेरे बताए हुए मार्गों पर चलूँगा, और तेरी विधियों, आज्ञाओं, और नियमों को माना करूँगा, और तेरी सुना करूँगा।
ויהוה האמירך היום להיות לו לעם סגלה כאשר דבר לך ולשמר כל מצותיו | 18 |
१८और यहोवा ने भी आज तुझको अपने वचन के अनुसार अपना प्रजारूपी निज धन-सम्पत्ति माना है, कि तू उसकी सब आज्ञाओं को माना करे,
ולתתך עליון על כל הגוים אשר עשה לתהלה ולשם ולתפארת ולהיתך עם קדש ליהוה אלהיך כאשר דבר | 19 |
१९और कि वह अपनी बनाई हुई सब जातियों से अधिक प्रशंसा, नाम, और शोभा के विषय में तुझको प्रतिष्ठित करे, और तू उसके वचन के अनुसार अपने परमेश्वर यहोवा की पवित्र प्रजा बना रहे।”