< דברים 16 >
שמור את חדש האביב ועשית פסח ליהוה אלהיך כי בחדש האביב הוציאך יהוה אלהיך ממצרים--לילה | 1 |
'तू अबीब के महीने को याद रखना और उसमें ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा की फ़सह करना क्यूँकि ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा अबीब के महीने में रात के वक़्त तुझको मिस्र से निकाल लाया।
וזבחת פסח ליהוה אלהיך צאן ובקר במקום אשר יבחר יהוה לשכן שמו שם | 2 |
और जिस जगह को ख़ुदावन्द अपने नाम के घर के लिए चुने, वहीं तू ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के लिए अपने गाय — बैल और भेड़ — बकरी में से फ़सह की क़ुर्बानी पेश करना।
לא תאכל עליו חמץ שבעת ימים תאכל עליו מצות לחם עני כי בחפזון יצאת מארץ מצרים--למען תזכר את יום צאתך מארץ מצרים כל ימי חייך | 3 |
तू उसके साथ ख़मीरी रोटी न खाना, बल्कि सात दिन तक उसके साथ बेख़मीरी रोटी जो दुख की रोटी है खाना; क्यूँकि तू मुल्क — ए — मिस्र से हड़बड़ी में निकला था। यूँ तू उम्र भर उस दिन को जब तू मुल्क — ए — मिस्र से निकले याद रख सकेगा।
ולא יראה לך שאר בכל גבלך שבעת ימים ולא ילין מן הבשר אשר תזבח בערב ביום הראשון--לבקר | 4 |
और तेरी हदों के अन्दर सात दिन तक कहीं ख़मीर नज़र न आए, और उस क़ुर्बानी में से जिसको तू पहले दिन की शाम को चढ़ाए कुछ गोश्त सुबह तक बाक़ी न रहने पाए।
לא תוכל לזבח את הפסח באחד שעריך אשר יהוה אלהיך נתן לך | 5 |
तू फ़सह की क़ुर्बानी को अपने फाटकों के अन्दर, जिनको ख़ुदावन्द तेरे ख़ुदा ने तुझको दिया हो कहीं न चढ़ाना;
כי אם אל המקום אשר יבחר יהוה אלהיך לשכן שמו--שם תזבח את הפסח בערב כבוא השמש מועד צאתך ממצרים | 6 |
बल्कि जिस जगह को ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा अपने नाम के घर के लिए चुनेगा, वहाँ तू फ़सह की क़ुर्बानी को उस वक़्त जब तू मिस्र से निकला था, या'नी शाम को सूरज डूबते वक़्त अदा करना।
ובשלת ואכלת במקום אשר יבחר יהוה אלהיך בו ופנית בבקר והלכת לאהליך | 7 |
और जिस जगह को ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा चुने वहीं उसे भून कर खाना और फिर सुबह को अपने — अपने ख़ेमे को लौट जाना।
ששת ימים תאכל מצות וביום השביעי עצרת ליהוה אלהיך--לא תעשה מלאכה | 8 |
छ: दिन तक बेख़मीरी रोटी खाना और सातवें दिन ख़ुदावन्द तेरे ख़ुदा की ख़ातिर पाक मजमा' हो, उसमें तू कोई काम न करना।
שבעה שבעת תספר לך מהחל חרמש בקמה תחל לספר שבעה שבעות | 9 |
फिर तू सात हफ़्ते यूँ गिनना, कि जब से हँसुआ लेकर फ़सल काटनी शुरू' करे तब से सात हफ़्ते गिन लेना।
ועשית חג שבעות ליהוה אלהיך--מסת נדבת ידך אשר תתן כאשר יברכך יהוה אלהיך | 10 |
तब जैसी बरकत ख़ुदावन्द तेरे ख़ुदा ने दी हो, उसके मुताबिक़ अपने हाथ की रज़ा की क़ुर्बानी का हदिया लाकर ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के लिए हफ़्तों की 'ईद मनाना।
ושמחת לפני יהוה אלהיך אתה ובנך ובתך ועבדך ואמתך והלוי אשר בשעריך והגר והיתום והאלמנה אשר בקרבך--במקום אשר יבחר יהוה אלהיך לשכן שמו שם | 11 |
और उसी जगह जिसे ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा अपने नाम के घर के लिए चुनेगा, तू और तेरे बेटे बेटियाँ और तेरे ग़ुलाम और लौंडियाँ और वह लावी जो तेरे फाटकों के अन्दर हो, और मुसाफ़िर और यतीम और बेवा जो तेरे बीच हों, सब मिल कर ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के सामने ख़ुशी मनाना।
וזכרת כי עבד היית במצרים ושמרת ועשית את החקים האלה | 12 |
और याद रखना के तू मिस्र में ग़ुलाम था और इन हुक्मों पर एहतियात करके 'अमल करना।
חג הסכת תעשה לך שבעת ימים באספך--מגרנך ומיקבך | 13 |
जब तू अपने खलीहान और कोल्हू का माल जमा' कर चुके, तो सात दिन तक 'ईद — ए — ख़ियाम करना।
ושמחת בחגך אתה ובנך ובתך ועבדך ואמתך והלוי והגר והיתום והאלמנה אשר בשעריך | 14 |
और तू और तेरे बेटे बेटियाँ और ग़ुलाम और लौंडियाँ और लावी, और मुसाफ़िर और यतीम और बेवा जो तेरे फाटकों के अन्दर हों, सब तेरी इस 'ईद में ख़ुशी मनाएँ।
שבעת ימים תחג ליהוה אלהיך במקום אשר יבחר יהוה כי יברכך יהוה אלהיך בכל תבואתך ובכל מעשה ידיך והיית אך שמח | 15 |
सात दिन तक तू ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के लिए उसी जगह जिसे ख़ुदावन्द चुने, 'ईद करना, इसलिए कि ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा तेरे सारे माल में और सब कामों में जिनको तू हाथ लगाये तुझको बरकत बख़्शेगा, इसलिए तू पूरी — पूरी ख़ुशी करना।
שלוש פעמים בשנה יראה כל זכורך את פני יהוה אלהיך במקום אשר יבחר--בחג המצות ובחג השבעות ובחג הסכות ולא יראה את פני יהוה ריקם | 16 |
और साल में तीन बार, या'नी बेख़मीरी रोटी की 'ईद और हफ़्तों की 'ईद और 'ईद — ए — ख़ियाम के मौक़े' पर तेरे यहाँ के सब मर्द ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के आगे, उसी जगह हाज़िर हुआ करें जिसे वह चुनेगा। और जब आएँ तो ख़ुदावन्द के सामने ख़ाली हाथ न आएँ;
איש כמתנת ידו כברכת יהוה אלהיך אשר נתן לך | 17 |
बल्कि हर मर्द जैसी बरकत ख़ुदावन्द तेरे ख़ुदा ने तुझको बख़्शी हो अपनी तौफ़ीक़ के मुताबिक़ दे।
שפטים ושטרים תתן לך בכל שעריך אשר יהוה אלהיך נתן לך לשבטיך ושפטו את העם משפט צדק | 18 |
तू अपने क़बीलों की सब बस्तियों में जिनको ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा तुझको दे, क़ाज़ी और हाकिम मुक़र्रर करना जो सदाक़त से लोगों की 'अदालत करें।
לא תטה משפט לא תכיר פנים ולא תקח שחד--כי השחד יעור עיני חכמים ויסלף דברי צדיקם | 19 |
तू इन्साफ़ का ख़ून न करना। तू न तो किसी की रूरि'आयत करना और न रिश्वत लेना, क्यूँकि रिश्वत 'अक़्लमन्द की आँखों को अन्धा कर देती है और सादिक़ की बातों को पलट देती है।
צדק צדק תרדף--למען תחיה וירשת את הארץ אשר יהוה אלהיך נתן לך | 20 |
जो कुछ बिल्कुल हक़ है तू उसी की पैरवी करना, ताकि तू ज़िन्दा रहे और उस मुल्क का मालिक बन जाये जो ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा तुझको देता है।
לא תטע לך אשרה כל עץ אצל מזבח יהוה אלהיך--אשר תעשה לך | 21 |
जो मज़बह तू ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के लिए बनाये उसके क़रीब किसी क़िस्म के दरख़्त की यसीरत न लगाना,
ולא תקים לך מצבה אשר שנא יהוה אלהיך | 22 |
और न कोई सुतून अपने लिए खड़ा कर लेना, जिससे ख़ुदावन्द तेरे ख़ुदा को नफ़रत है।