< שמואל ב 24 >

ויסף אף יהוה לחרות בישראל ויסת את דוד בהם לאמר לך מנה את ישראל ואת יהודה 1
यहोवा का कोप इस्राएलियों पर फिर भड़का, और उसने दाऊद को उनकी हानि के लिये यह कहकर उभारा, “इस्राएल और यहूदा की गिनती ले।”
ויאמר המלך אל יואב שר החיל אשר אתו שוט נא בכל שבטי ישראל מדן ועד באר שבע ופקדו את העם וידעתי את מספר העם 2
इसलिए राजा ने योआब सेनापति से जो उसके पास था कहा, “तू दान से बेर्शेबा तक रहनेवाले सब इस्राएली गोत्रों में इधर-उधर घूम, और तुम लोग प्रजा की गिनती लो, ताकि मैं जान लूँ कि प्रजा की कितनी गिनती है।”
ויאמר יואב אל המלך ויוסף יהוה אלהיך אל העם כהם וכהם מאה פעמים ועיני אדני המלך ראות ואדני המלך למה חפץ בדבר הזה 3
योआब ने राजा से कहा, “प्रजा के लोग कितने भी क्यों न हों, तेरा परमेश्वर यहोवा उनको सौ गुणा बढ़ा दे, और मेरा प्रभु राजा इसे अपनी आँखों से देखने भी पाए; परन्तु, हे मेरे प्रभु, हे राजा, यह बात तू क्यों चाहता है?”
ויחזק דבר המלך אל יואב ועל שרי החיל ויצא יואב ושרי החיל לפני המלך לפקד את העם את ישראל 4
तो भी राजा की आज्ञा योआब और सेनापतियों पर प्रबल हुई। अतः योआब और सेनापति राजा के सम्मुख से इस्राएली प्रजा की गिनती लेने को निकल गए।
ויעברו את הירדן ויחנו בערוער ימין העיר אשר בתוך הנחל הגד--ואל יעזר 5
उन्होंने यरदन पार जाकर अरोएर नगर की दाहिनी ओर डेरे खड़े किए, जो गाद की घाटी के मध्य में और याजेर की ओर है।
ויבאו הגלעדה ואל ארץ תחתים חדשי ויבאו דנה יען וסביב אל צידון 6
तब वे गिलाद में और तहतीम्होदशी नामक देश में गए, फिर दान्यान को गए, और चक्कर लगाकर सीदोन में पहुँचे;
ויבאו מבצר צר וכל ערי החוי והכנעני ויצאו אל נגב יהודה באר שבע 7
तब वे सोर नामक दृढ़ गढ़, और हिब्बियों और कनानियों के सब नगरों में गए; और उन्होंने यहूदा देश की दक्षिण में बेर्शेबा में दौरा निपटाया।
וישטו בכל הארץ ויבאו מקצה תשעה חדשים ועשרים יום--ירושלם 8
इस प्रकार सारे देश में इधर-उधर घूम घूमकर वे नौ महीने और बीस दिन के बीतने पर यरूशलेम को आए।
ויתן יואב את מספר מפקד העם אל המלך ותהי ישראל שמנה מאות אלף איש חיל שלף חרב ואיש יהודה חמש מאות אלף איש 9
तब योआब ने प्रजा की गिनती का जोड़ राजा को सुनाया; और तलवार चलानेवाले योद्धा इस्राएल के तो आठ लाख, और यहूदा के पाँच लाख निकले।
ויך לב דוד אתו אחרי כן ספר את העם ויאמר דוד אל יהוה חטאתי מאד אשר עשיתי ועתה יהוה העבר נא את עון עבדך כי נסכלתי מאד 10
१०प्रजा की गणना करने के बाद दाऊद का मन व्याकुल हुआ। अतः दाऊद ने यहोवा से कहा, “यह काम जो मैंने किया वह महापाप है। तो अब, हे यहोवा, अपने दास का अधर्म दूर कर; क्योंकि मुझसे बड़ी मूर्खता हुई है।”
ויקם דוד בבקר ודבר יהוה היה אל גד הנביא חזה דוד לאמר 11
११सवेरे जब दाऊद उठा, तब यहोवा का यह वचन गाद नामक नबी के पास जो दाऊद का दर्शी था पहुँचा,
הלוך ודברת אל דוד כה אמר יהוה--שלש אנכי נוטל עליך בחר לך אחת מהם ואעשה לך 12
१२“जाकर दाऊद से कह, ‘यहोवा यह कहता है, कि मैं तुझको तीन विपत्तियाँ दिखाता हूँ; उनमें से एक को चुन ले, कि मैं उसे तुझ पर डालूँ।’”
ויבא גד אל דוד ויגד לו ויאמר לו התבוא לך שבע שנים רעב בארצך אם שלשה חדשים נסך לפני צריך והוא רדפך ואם היות שלשת ימים דבר בארצך--עתה דע וראה מה אשיב שלחי דבר 13
१३अतः गाद ने दाऊद के पास जाकर इसका समाचार दिया, और उससे पूछा, “क्या तेरे देश में सात वर्ष का अकाल पड़े? या तीन महीने तक तेरे शत्रु तेरा पीछा करते रहें और तू उनसे भागता रहे? या तेरे देश में तीन दिन तक मरी फैली रहे? अब सोच विचार कर, कि मैं अपने भेजनेवाले को क्या उत्तर दूँ।”
ויאמר דוד אל גד צר לי מאד נפלה נא ביד יהוה כי רבים רחמו וביד אדם אל אפלה 14
१४दाऊद ने गाद से कहा, “मैं बड़े संकट में हूँ; हम यहोवा के हाथ में पड़ें, क्योंकि उसकी दया बड़ी है; परन्तु मनुष्य के हाथ में मैं न पड़ूँगा।”
ויתן יהוה דבר בישראל מהבקר ועד עת מועד וימת מן העם מדן ועד באר שבע שבעים אלף איש 15
१५तब यहोवा इस्राएलियों में सवेरे से ले ठहराए हुए समय तक मरी फैलाए रहा; और दान से लेकर बेर्शेबा तक रहनेवाली प्रजा में से सत्तर हजार पुरुष मर गए।
וישלח ידו המלאך ירושלם לשחתה וינחם יהוה אל הרעה ויאמר למלאך המשחית בעם רב עתה הרף ידך ומלאך יהוה היה עם גרן האורנה (הארונה) היבסי 16
१६परन्तु जब दूत ने यरूशलेम का नाश करने को उस पर अपना हाथ बढ़ाया, तब यहोवा वह विपत्ति डालकर शोकित हुआ, और प्रजा के नाश करनेवाले दूत से कहा, “बस कर; अब अपना हाथ खींच।” यहोवा का दूत उस समय अरौना नामक एक यबूसी के खलिहान के पास था।
ויאמר דוד אל יהוה בראתו את המלאך המכה בעם ויאמר הנה אנכי חטאתי ואנכי העויתי ואלה הצאן מה עשו תהי נא ידך בי ובבית אבי 17
१७तो जब प्रजा का नाश करनेवाला दूत दाऊद को दिखाई पड़ा, तब उसने यहोवा से कहा, “देख, पाप तो मैं ही ने किया, और कुटिलता मैं ही ने की है; परन्तु इन भेड़ों ने क्या किया है? सो तेरा हाथ मेरे और मेरे पिता के घराने के विरुद्ध हो।”
ויבא גד אל דוד ביום ההוא ויאמר לו עלה הקם ליהוה מזבח בגרן ארניה (ארונה) היבסי 18
१८उसी दिन गाद ने दाऊद के पास आकर उससे कहा, “जाकर अरौना यबूसी के खलिहान में यहोवा की एक वेदी बनवा।”
ויעל דוד כדבר גד כאשר צוה יהוה 19
१९अतः दाऊद यहोवा की आज्ञा के अनुसार गाद का वह वचन मानकर वहाँ गया।
וישקף ארונה וירא את המלך ואת עבדיו עברים עליו ויצא ארונה וישתחו למלך אפיו ארצה 20
२०जब अरौना ने दृष्टि कर दाऊद को कर्मचारियों समेत अपनी ओर आते देखा, तब अरौना ने निकलकर भूमि पर मुँह के बल गिर राजा को दण्डवत् की।
ויאמר ארונה מדוע בא אדני המלך אל עבדו ויאמר דוד לקנות מעמך את הגרן לבנות מזבח ליהוה ותעצר המגפה מעל העם 21
२१और अरौना ने कहा, “मेरा प्रभु राजा अपने दास के पास क्यों पधारा है?” दाऊद ने कहा, “तुझ से यह खलिहान मोल लेने आया हूँ, कि यहोवा की एक वेदी बनवाऊँ, इसलिए कि यह महामारी प्रजा पर से दूर की जाए।”
ויאמר ארונה אל דוד יקח ויעל אדני המלך הטוב בעינו ראה הבקר לעלה והמרגים וכלי הבקר לעצים 22
२२अरौना ने दाऊद से कहा, “मेरा प्रभु राजा जो कुछ उसे अच्छा लगे उसे लेकर चढ़ाए; देख, होमबलि के लिये तो बैल हैं, और दाँवने के हथियार, और बैलों का सामान ईंधन का काम देंगे।”
הכל נתן ארונה המלך--למלך ויאמר ארונה אל המלך יהוה אלהיך ירצך 23
२३यह सब अरौना ने राजा को दे दिया। फिर अरौना ने राजा से कहा, “तेरा परमेश्वर यहोवा तुझ से प्रसन्न हो।”
ויאמר המלך אל ארונה לא כי קנו אקנה מאותך במחיר ולא אעלה ליהוה אלהי עלות חנם ויקן דוד את הגרן ואת הבקר בכסף שקלים חמשים 24
२४राजा ने अरौना से कहा, “ऐसा नहीं, मैं ये वस्तुएँ तुझ से अवश्य दाम देकर लूँगा; मैं अपने परमेश्वर यहोवा को सेंत-मेंत के होमबलि नहीं चढ़ाने का।” सो दाऊद ने खलिहान और बैलों को चाँदी के पचास शेकेल में मोल लिया।
ויבן שם דוד מזבח ליהוה ויעל עלות ושלמים ויעתר יהוה לארץ ותעצר המגפה מעל ישראל 25
२५और दाऊद ने वहाँ यहोवा की एक वेदी बनवाकर होमबलि और मेलबलि चढ़ाए। और यहोवा ने देश के निमित विनती सुन ली, तब वह महामारी इस्राएल पर से दूर हो गई।

< שמואל ב 24 >