< מלכים ב 19 >

ויהי כשמע המלך חזקיהו ויקרע את בגדיו ויתכס בשק ויבא בית יהוה 1
जब राजा हिज़किय्याह ने यह सब सुना, उसने अपने वस्त्र फाड़ दिए, टाट पहन लिया और याहवेह के भवन में चला गया.
וישלח את אליקים אשר על הבית ושבנא הספר ואת זקני הכהנים מתכסים בשקים--אל ישעיהו הנביא בן אמוץ 2
राजा ने गृह प्रबंधक एलियाकिम, सचिव शेबना, पुरनियों और पुरोहितों को, जो टाट धारण किए हुए थे, आमोज़ के पुत्र भविष्यद्वक्ता यशायाह के पास भेजा.
ויאמרו אליו כה אמר חזקיהו יום צרה ותוכחה ונאצה היום הזה כי באו בנים עד משבר וכח אין ללדה 3
उन्होंने जाकर यशायाह से विनती की, “हिज़किय्याह की यह विनती है, ‘आज का दिन संकट, फटकार और अपमान का दिन है. प्रसव का समय आ पहुंचा है, मगर प्रसूता में प्रसव के लिए शक्ति ही नहीं रह गई.
אולי ישמע יהוה אלהיך את כל דברי רבשקה אשר שלחו מלך אשור אדניו לחרף אלהים חי והוכיח בדברים אשר שמע יהוה אלהיך ונשאת תפלה בעד השארית הנמצאה 4
संभव है याहवेह, आपके परमेश्वर प्रमुख सेनापति द्वारा कहे गए सभी शब्द सुन लें, जो उसके स्वामी, अश्शूर के राजा ने जीवित परमेश्वर की निंदा में उससे कहलवाए थे. संभव है इन शब्दों को सुनकर याहवेह, आपके परमेश्वर उसे फटकार लगाएं. इसलिये कृपा कर यहां प्रजा के बचे हुओं के लिए आकर प्रार्थना कीजिए.’”
ויבאו עבדי המלך חזקיהו--אל ישעיהו 5
जब राजा हिज़किय्याह के सेवक यशायाह के पास पहुंचे,
ויאמר להם ישעיהו כה תאמרון אל אדניכם כה אמר יהוה אל תירא מפני הדברים אשר שמעת אשר גדפו נערי מלך אשור אתי 6
यशायाह ने उनसे कहा, “अपने स्वामी से कहना, ‘याहवेह का संदेश यह है, उन शब्दों के कारण जो तुमने सुने हैं, जिनके द्वारा अश्शूर के राजा के सेवकों ने मेरी निंदा की है, तुम डरना मत.
הנני נתן בו רוח ושמע שמועה ושב לארצו והפלתיו בחרב בארצו 7
तुम देख लेना मैं उसमें एक ऐसी आत्मा ड़ाल दूंगा कि उसे उड़ते-उड़ते समाचार सुनाई देने लगेंगे और वह अपने देश को लौट जाएगा और ऐसा कुछ करूंगा कि वह अपने ही देश में तलवार का कौर हो जाएगा.’”
וישב רבשקה וימצא את מלך אשור נלחם על לבנה כי שמע כי נסע מלכיש 8
जब प्रमुख सेनापति येरूशलेम से लौटा, उसने पाया कि अश्शूर राजा लाकीश छोड़कर जा चुका था, और वह लिबनाह से युद्ध कर रहा था.
וישמע אל תרהקה מלך כוש לאמר הנה יצא להלחם אתך וישב וישלח מלאכים אל חזקיהו לאמר 9
जब उसने कूश के राजा तिरहाकाह से यह सुना कि, वह उससे युद्ध करने निकल पड़ा है, तब उसने अपने संदेशवाहकों को हिज़किय्याह के पास यह कहकर भेजा,
כה תאמרון אל חזקיהו מלך יהודה לאמר אל ישאך אלהיך אשר אתה בטח בו לאמר לא תנתן ירושלם ביד מלך אשור 10
“तुम यहूदिया के राजा हिज़किय्याह से यह कहना, ‘जिस परमेश्वर पर तुम भरोसा करते हो, वह तुमसे यह प्रतिज्ञा करते हुए छल न करने पाए, कि येरूशलेम अश्शूर के राजा के अधीन नहीं किया जाएगा.
הנה אתה שמעת את אשר עשו מלכי אשור לכל הארצות--להחרימם ואתה תנצל 11
तुम यह सुन ही चुके हो, कि अश्शूर के राजाओं ने सारी राष्ट्रों को कैसे नाश कर दिया है. क्या तुम बचकर सुरक्षित रह सकोगे?
ההצילו אתם אלהי הגוים אשר שחתו אבותי את גוזן ואת חרן ורצף ובני עדן אשר בתלאשר 12
जब मेरे पूर्वजों ने गोज़ान, हारान, रेत्सेफ़ और तेलास्सार में एदेन की प्रजा को खत्म कर डाला था, क्या उनके देवता उनको बचा सके थे?
איו מלך חמת ומלך ארפד ומלך לעיר ספרוים הנע ועוה 13
कहां है हामाथ का राजा, अरपाद का राजा, सेफरवाइम नगर का राजा और हेना और इव्वाह के राजा?’”
ויקח חזקיהו את הספרים מיד המלאכים ויקראם ויעל בית יהוה ויפרשהו חזקיהו לפני יהוה 14
इसके बाद हिज़किय्याह ने पत्र ले आने वालों से वह पत्र लेकर उसे पढ़ा, और याहवेह के भवन को चला गया, और उस पत्र को खोलकर याहवेह के सामने रख दिया.
ויתפלל חזקיהו לפני יהוה ויאמר יהוה אלהי ישראל ישב הכרבים אתה הוא האלהים לבדך לכל ממלכות הארץ אתה עשית את השמים ואת הארץ 15
हिज़किय्याह ने याहवेह से यह प्रार्थना की: “सर्वशक्तिमान याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर, आप, जो करूबों के बीच सिंहासन पर विराजमान हैं, परमेश्वर आप ही ने स्वर्ग और पृथ्वी को बनाया.
הטה יהוה אזנך ושמע פקח יהוה עיניך וראה ושמע את דברי סנחריב אשר שלחו לחרף אלהים חי 16
अपने कान मेरी ओर कीजिए, याहवेह, मेरी प्रार्थना सुन लीजिए. अपनी आंखें खोल दीजिए और याहवेह, देख लीजिए और उन शब्दों को सुन लीजिए, जो सेनहेरीब ने जीवित परमेश्वर का मज़ाक उड़ाते हुए कहे हैं.
אמנם יהוה החריבו מלכי אשור את הגוים--ואת ארצם 17
“याहवेह, यह सच है कि अश्शूर के राजाओं ने जनताओं को और उनकी भूमि को उजाड़ कर छोड़ा है.
ונתנו את אלהיהם באש כי לא אלהים המה כי אם מעשה ידי אדם עץ ואבן--ויאבדום 18
और उनके देवताओं को आग में डाल दिया है, सिर्फ इसलिये कि वे देवता थे ही नहीं, वे तो सिर्फ मनुष्य के बनाए हुए थे, सिर्फ लकड़ी और पत्थर. इसलिये वे नाश कर दिए गए.
ועתה יהוה אלהינו הושיענו נא מידו וידעו כל ממלכות הארץ כי אתה יהוה אלהים לבדך 19
अब, हे याहवेह, हमारे परमेश्वर, हमें उनके हाथ से बचा ताकि पूरी पृथ्वी को यह मालूम हो जाए कि याहवेह, केवल आप ही परमेश्वर हैं.”
וישלח ישעיהו בן אמוץ אל חזקיהו לאמר כה אמר יהוה אלהי ישראל אשר התפללת אלי אל סנחרב מלך אשור שמעתי 20
तब आमोज़ के पुत्र यशायाह ने हिज़किय्याह से कहा, “याहवेह, इस्राएल का परमेश्वर, यों कहते हैं: इसलिये कि तुमने अश्शूर के राजा सेनहेरीब के संबंध में मुझसे विनती की,
זה הדבר אשר דבר יהוה עליו בזה לך לעגה לך בתולת בת ציון--אחריך ראש הניעה בת ירושלם 21
उसके विरुद्ध कहे गए याहवेह के शब्द ये है: “‘ज़ियोन की कुंवारी कन्या ने तुम्हें तुच्छ समझा है, तुम्हारा मज़ाक उड़ाया है. येरूशलेम की पुत्री पलायन करनेवाले तुम्हारी पीठ देखकर सिर हिलाती है.
את מי חרפת וגדפת ועל מי הרימות קול ותשא מרום עיניך על קדוש ישראל 22
तुमने किसका अपमान और किसकी निंदा की है? किसके विरुद्ध तुमने आवाज ऊंची की है? और किसके विरुद्ध तुम्हारी दृष्टि घमण्ड़ से उठी है? इस्राएल के महा पवित्र की ओर!
ביד מלאכיך חרפת אדני ותאמר ברכב (ברב) רכבי אני עליתי מרום הרים ירכתי לבנון ואכרת קומת ארזיו מבחור ברשיו ואבואה מלון קצה יער כרמלו 23
तुमने अपने दूतों के द्वारा याहवेह की निंदा की है. तुमने कहा, “अपने रथों की बड़ी संख्या लेकर मैं पहाड़ों की ऊंचाइयों पर चढ़ आया हूं, हां, लबानोन के दुर्गम, दूर के स्थानों तक; मैंने सबसे ऊंचे देवदार के पेड़ काट गिराए हैं, इसके सबसे उत्तम सनोवरों को भी; मैंने इसके दूर-दूर के घरों में प्रवेश किया, हां, इसके घने वनों में भी.
אני קרתי ושתיתי מים זרים ואחרב בכף פעמי כל יארי מצור 24
मैंने कुएं खोदे और परदेश का जल पिया, अपने पांवों के तलवों से मैंने मिस्र की सभी नदियां सुखा दीं.”
הלא שמעת למרחוק אתה עשיתי למימי קדם ויצרתיה עתה הביאתיה--ותהי להשות גלים נצים ערים בצרות 25
“‘क्या तुमने सुना नहीं? इसका निश्चय मैंने बहुत साल पहले कर लिया था? इसकी योजना मैंने बहुत पहले ही बना ली थी, जिसको मैं अब पूरा कर रहा हूं, कि तुम गढ़ नगरों को खंडहरों का ढेर बना दो.
וישביהן קצרי יד--חתו ויבשו היו עשב שדה וירק דשא חציר גגות ושדפה לפני קמה 26
जब नगरवासियों का बल जाता रहा, उनमें निराशा और लज्जा फैल गई. वे मैदान की वनस्पति और जड़ी-बूटी के समान हरे हो गए. वैसे ही, जैसे छत पर उग आई घास बढ़ने के पहले ही मुरझा जाती है.
ושבתך וצאתך ובאך ידעתי ואת התרגזך אלי 27
“‘मगर तुम्हारा उठना-बैठना मेरी दृष्टि में है, तुम्हारा भीतर आना और बाहर जाना भी; और मेरे विरुद्ध तुम्हारा तेज गुस्सा भी!
יען התרגזך אלי ושאננך עלה באזני--ושמתי חחי באפך ומתגי בשפתיך והשבתיך בדרך אשר באת בה 28
मेरे विरुद्ध तुम्हारे तेज गुस्से के कारण और इसलिये कि मैंने तुम्हारे घमण्ड़ के विषय में सुन लिया है, मैं तुम्हारी नाक में अपनी नकेल डालूंगा, और तुम्हारे मुख में लगाम और तब मैं तुम्हें मोड़कर उसी मार्ग पर चलाऊंगा जिससे तुम आए थे.’
וזה לך האות--אכול השנה ספיח ובשנה השנית סחיש ובשנה השלישית זרעו וקצרו ונטעו כרמים--ואכלו פרים 29
“तब हिज़किय्याह, तुम्हारे लिए यह चिन्ह होगा: “इस साल तुम्हारा भोजन उस उपज का होगा, जो अपने आप उगती है; अगले साल वह, जो इसी से उपजेगी; तीसरे साल तुम बीज बोओगे, उपज काटोगे, अंगूर के बगीचे लगाओगे और उनके फल खाओगे.
ויספה פליטת בית יהודה הנשארה--שרש למטה ועשה פרי למעלה 30
तब यहूदाह गोत्र का बचा हुआ भाग दोबारा अपनी जड़ें भूमि में गहरे जाकर मजबूत करता जाएगा, और ऊपर वृक्ष फलवंत होता जाएगा.
כי מירושלם תצא שארית ופליטה מהר ציון קנאת יהוה (צבאות) תעשה זאת 31
क्योंकि येरूशलेम से एक बचा हुआ भाग ही विकसित होगा, ज़ियोन पर्वत से जो भागे हुए लोग. सेनाओं के याहवेह के जलन ही यह सब करेगा.
לכן כה אמר יהוה אל מלך אשור לא יבא אל העיר הזאת ולא יורה שם חץ ולא יקדמנה מגן ולא ישפך עליה סללה 32
“इसलिये अश्शूर के राजा के बारे में मेरा यह संदेश है; “‘वह न तो इस नगर में प्रवेश करेगा, न वह वहां बाण चलाएगा. न वह इसके सामने ढाल लेकर आएगा, और न ही वह इसकी घेराबंदी के लिए ढलान ही बना पाएगा.
בדרך אשר יבא בה ישוב ואל העיר הזאת לא יבא נאם יהוה 33
वह तो उसी मार्ग से लौट जाएगा जिससे वह आया था. वह इस नगर में प्रवेश ही न करेगा. यह याहवेह का संदेश है.
וגנותי אל העיר הזאת להושיעה--למעני ולמען דוד עבדי 34
क्योंकि अपनी और अपने सेवक दावीद की महिमा के लिए मैं इसके नगर की रक्षा करूंगा.’”
ויהי בלילה ההוא ויצא מלאך יהוה ויך במחנה אשור מאה שמונים וחמשה אלף וישכימו בבקר והנה כלם פגרים מתים 35
उसी रात ऐसा हुआ कि याहवेह के एक दूत ने अश्शूरी सेना के शिविर में जाकर एक लाख पचासी हज़ार सैनिकों को मार दिया. सुबह जागने पर लोगों ने पाया कि सारे सैनिक मर चुके थे.
ויסע וילך וישב סנחריב מלך אשור וישב בנינוה 36
यह होने पर अश्शूर का राजा सेनहेरीब अपने देश लौट गया, और नीनवेह नगर में रहने लगा.
ויהי הוא משתחוה בית נסרך אלהיו ואדרמלך ושראצר (בניו) הכהו בחרב והמה נמלטו ארץ אררט וימלך אסר חדן בנו תחתיו 37
एक बार, जब वह अपने देवता निसरोक के मंदिर में उसकी उपासना कर रहा था, उसी के पुत्रों, अद्राम्मेलेख और शारेज़र ने तलवार से उस पर वार किया और वे अरारात प्रदेश में जाकर छिप गए. उसके स्थान पर उसके पुत्र एसारहद्दन ने शासन करना शुरू किया.

< מלכים ב 19 >