< שמואל א 5 >
ופלשתים לקחו את ארון האלהים ויבאהו מאבן העזר אשדודה | 1 |
तब फिलिस्तीनियों ने परमेश्वर के संदूक को छीनकर उसे एबेन-एज़र से अशदोद को ले गए.
ויקחו פלשתים את ארון האלהים ויבאו אתו בית דגון ויציגו אתו אצל דגון | 2 |
उन्होंने परमेश्वर के संदूक को दागोन के मंदिर में ले जाकर उसे देवता के पास ही रख दिया.
וישכמו אשדודים ממחרת והנה דגון נפל לפניו ארצה לפני ארון יהוה ויקחו את דגון וישבו אתו למקומו | 3 |
तड़के, जब अशदोदवासी जागे, उन्होंने देखा कि याहवेह के संदूक के सामने दागोन भूमि पर मुंह के बल पड़ा हुआ था. तब उन्होंने दागोन को उठाकर दोबारा उसके स्थान पर स्थापित कर दिया.
וישכמו בבקר ממחרת והנה דגון נפל לפניו ארצה לפני ארון יהוה וראש דגון ושתי כפות ידיו כרתות אל המפתן--רק דגון נשאר עליו | 4 |
जब वे अगले दिन सुबह उठे, उन्होंने देखा कि दागोन दोबारा याहवेह के संदूक के सामने मुंह के बल भूमि पर पड़ा हुआ था. इसके अलावा दागोन का सिर और उसके दोनों हाथ कटे हुए ड्योढ़ी पर पड़े हुए थे-मुंह के बल उसका धड़ समूचा था.
על כן לא ידרכו כהני דגון וכל הבאים בית דגון על מפתן דגון--באשדוד עד היום הזה | 5 |
वही कारण है कि आज तक, न तो दागोन के पुरोहित और न ही कोई भी, जो दागोन के मंदिर में प्रवेश करता है, अशदोद नगर में दागोन के मंदिर की ड्योढ़ी पर पैर नहीं रखता.
ותכבד יד יהוה אל האשדודים וישמם ויך אתם בעפלים (בטחרים) את אשדוד ואת גבוליה | 6 |
याहवेह ने अशदोद नगरवासियों पर प्रबल प्रहार किया. अशदोद तथा अन्य निकटवर्ती क्षेत्रों में लोगों को गिल्टियों से पीड़ित किया.
ויראו אנשי אשדוד כי כן ואמרו לא ישב ארון אלהי ישראל עמנו--כי קשתה ידו עלינו ועל דגון אלהינו | 7 |
जब अशदोदवासियों ने स्थिति की विवेचना की, वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे, “यह सही नहीं कि इस्राएल के परमेश्वर की मंजूषा हमारे मध्य में रहे, क्योंकि उनके परमेश्वर ने न केवल हम पर, बल्कि हमारे देवता दागोन तक पर प्रहार किया है.”
וישלחו ויאספו את כל סרני פלשתים אליהם ויאמרו מה נעשה לארון אלהי ישראל ויאמרו גת יסב ארון אלהי ישראל ויסבו את ארון אלהי ישראל | 8 |
इसलिये उन्होंने फिलिस्तीनियों के सभी अगुओं को इकट्ठा किया और उनके सामने इस प्रश्न पर विचार किया गया, “इस्राएल के परमेश्वर के संदूक के विषय में क्या किया जाना सही होगा?” सबने कहा, “इस्राएल के परमेश्वर के संदूक को गाथ नगर भेज दिया जाना सही होगा.” तो इस्राएल के परमेश्वर के संदूक का स्थान बदलकर गाथ नगर कर दिया गया.
ויהי אחרי הסבו אתו ותהי יד יהוה בעיר מהומה גדולה מאד ויך את אנשי העיר מקטן ועד גדול וישתרו להם עפלים (טחרים) | 9 |
यह होने पर याहवेह ने उस नगर पर भी वार किया. इससे वहां घोर आतंक फैल गया. याहवेह ने उस नगर के हर एक व्यक्ति पर वार किया, तब उन सभी को गिल्टियां निकल आए.
וישלחו את ארון האלהים עקרון ויהי כבוא ארון האלהים עקרון ויזעקו העקרנים לאמר הסבו אלי את ארון אלהי ישראל להמיתני ואת עמי | 10 |
तब उन्होंने परमेश्वर के संदूक को एक्रोन नगर भेज दिया, मगर जब परमेश्वर का संदूक एक्रोन नगर पहुंचा, एक्रोन वासी यह चिल्लाने लगे, “हमें मारने के उद्देश्य से इस्राएल के परमेश्वर का संदूक यहां लाया गया है.”
וישלחו ויאספו את כל סרני פלשתים ויאמרו שלחו את ארון אלהי ישראל וישב למקומו ולא ימית אתי ואת עמי כי היתה מהומת מות בכל העיר כבדה מאד יד האלהים שם | 11 |
तब फिलिस्तीनियों के सभी अगुओं की सभा बुलाई गई और यह प्रस्ताव निकाला गया. “इस्राएल के परमेश्वर का संदूक यहां से बाहर भेज दिया जाए. सही है कि यह उसके निर्धारित स्थान पर जाए, कि यह हमारी और हमारी प्रजा की हत्या न कर सकें.” पूरा नगर मृत्यु के आतंक की चपेट में आ पड़ा था. वहां परमेश्वर उन पर बहुत ही प्रबल प्रहार कर रहे थे.
והאנשים אשר לא מתו הכו בעפלים (בטחרים) ותעל שועת העיר השמים | 12 |
जिन लोगों की अभी मृत्यु नहीं हुई थी, उनकी देह गिल्टियों से भरी पड़ी थी. नगर की दोहाई स्वर्ग तक जा पहुंची.