< שמואל א 2 >

ותתפלל חנה ותאמר עלץ לבי ביהוה רמה קרני ביהוה רחב פי על אויבי כי שמחתי בישועתך 1
फिर हन्‍नाह ने यह प्रार्थना गीत गाया: “मेरा हृदय याहवेह में आनंद कर रहा है; याहवेह ने मेरे सींग को ऊंचा किया है, मैं ऊंचे स्वर में शत्रुओं के विरुद्ध बोलूंगी, क्योंकि मैं अपनी जय में आनंदित हूं.
אין קדוש כיהוה כי אין בלתך ואין צור כאלהינו 2
“पवित्रता में कोई भी याहवेह समान नहीं है; आपके अलावा दूसरा कोई भी नहीं है; हमारे परमेश्वर समान चट्टान कोई नहीं.
אל תרבו תדברו גבהה גבהה יצא עתק מפיכם כי אל דעות יהוה ולא (ולו) נתכנו עללות 3
“घमण्ड़ की बातें अब खत्म कर दी जाए, कि कोई भी अहंकार भरी बातें तुम्हारे मुंह से न निकले, क्योंकि याहवेह वह परमेश्वर हैं, जो सर्वज्ञानी हैं, वह मनुष्य के कामों को परखते रहते हैं.
קשת גברים חתים ונכשלים אזרו חיל 4
“वीरों के धनुष तोड़ दिए गए हैं, मगर जो कमजोर थे उनका बल स्थिर हो गया.
שבעים בלחם נשכרו ורעבים חדלו עד עקרה ילדה שבעה ורבת בנים אמללה 5
वे, जो भरपेट भोजन कर संतुष्ट रहते थे, वे अब मजदूरी पाने के लिए काम ढूंढ़ रहे हैं. मगर अब, जो भूखे रहा करते थे, भूखे न रहे. वह जो बांझ हुआ करती थी, आज सात संतान की जननी है, मगर वह, जो अनेक संतान की माता है, उसकी स्थिति दयनीय हो गई है.
יהוה ממית ומחיה מוריד שאול ויעל (Sheol h7585) 6
“याहवेह ही हैं, जो प्राण ले लेते तथा जीवनदान देते हैं; वही अधोलोक में भेज देते, तथा वही जीवित करते हैं. (Sheol h7585)
יהוה מוריש ומעשיר משפיל אף מרומם 7
याहवेह ही कंगाल बनाते, तथा वही धनी बनाते हैं; वही गिराते हैं और वही उन्‍नत करते हैं.
מקים מעפר דל מאשפת ירים אביון להושיב עם נדיבים וכסא כבוד ינחלם כי ליהוה מצקי ארץ וישת עליהם תבל 8
वह निर्धन को धूलि से उठाते हैं, वही दरिद्रों को भस्म के ढेर से उठाकर उन्‍नत करते हैं; कि वे प्रधानों के सामने बैठ सम्मानित किए जाएं, तथा वे ऊंचे पद पर बैठाए जाएं. “पृथ्वी की नींव याहवेह की है; उन्होंने इन्हीं पर पृथ्वी की स्थापना की है.
רגלי חסידו ישמר ורשעים בחשך ידמו כי לא בכח יגבר איש 9
वह अपने श्रद्धालुओं की रक्षा करते रहते हैं, मगर दुष्टों को अंधकार में निःशब्द कर दिया जाता है. “क्योंकि कोई भी व्यक्ति अपने बल के कारण विजयी नहीं होता;
יהוה יחתו מריבו עלו בשמים ירעם--יהוה ידין אפסי ארץ ויתן עז למלכו וירם קרן משיחו 10
याहवेह के विरोधी चकनाचूर कर दिए जाएंगे. याहवेह स्वर्ग से उनके विरुद्ध बिजली गिराएंगे; याहवेह का न्याय पृथ्वी के एक छोर से दूसरे तक होता है. “वह अपने राजा को शक्ति-सम्पन्‍न करते हैं, तथा अपने अभिषिक्त के सींग को ऊंचा कर देते हैं.”
וילך אלקנה הרמתה על ביתו והנער היה משרת את יהוה את פני עלי הכהן 11
यह सब होने के बाद एलकाना रामाह नगर में अपना घर लौट गए, मगर वह बालक पुरोहित एली की उपस्थिति में रहकर याहवेह की सेवा करने लगा.
ובני עלי בני בליעל לא ידעו את יהוה 12
एली के पुत्र बुरे चरित्र के थे. उनके लिए न तो याहवेह के अधिकार का कोई महत्व था;
ומשפט הכהנים את העם--כל איש זבח זבח ובא נער הכהן כבשל הבשר והמזלג שלש השנים בידו 13
और न ही बलि चढ़ाने की प्रक्रिया में जनसाधारण के साथ पुरोहितों की सामान्य रीति का. होता यह था कि जब बलि चढ़ाई जा चुकी थी, और बर्तन में मांस उबाला जा रहा था, पुरोहित का सेवक एक तीन तरफा कांटा लिए हुए बर्तन के निकट आता था,
והכה בכיור או בדוד או בקלחת או בפרור--כל אשר יעלה המזלג יקח הכהן בו ככה יעשו לכל ישראל הבאים שם בשלה 14
वह इसे बर्तन में डालकर चुभोता था और जितना मांस तीन तरफा कांटा में लगा हुआ आता था, उसे पुरोहित अपने लिए रख लेता था. ऐसा वे शीलो नगर में आए सभी इस्राएलियों के साथ करते थे.
גם בטרם יקטרון את החלב ובא נער הכהן ואמר לאיש הזבח תנה בשר לצלות לכהן ולא יקח ממך בשר מבשל כי אם חי 15
यहां तक कि सांस्कारिक रीति से चर्बी के जलाए जाने के पहले ही पुरोहित के सेवक आकर बलि चढ़ाने वाले व्यक्ति को आदेश देते थे, “बर्तन में डाले जाने के पहले ही पुरोहित के लिए निर्धारित मांस हमें कच्चा ही दे दो कि उसे भूनकर प्रयुक्त किया जा सके.”
ויאמר אליו האיש קטר יקטירון כיום החלב וקח לך כאשר תאוה נפשך ואמר לו (לא) כי עתה תתן--ואם לא לקחתי בחזקה 16
यदि बलि अर्पित करनेवाला व्यक्ति उत्तर में यह कहता था, “ज़रा वसा तो जल जाने दो, फिर जो चाहे वह अंश ले लेना,” वे कहते थे, “नहीं, यह तो हम अभी ही ले जाएंगे; यदि नहीं दोगे, तो हम ज़बरदस्ती ले जाएंगे.”
ותהי חטאת הנערים גדולה מאד את פני יהוה כי נאצו האנשים את מנחת יהוה 17
याहवेह की दृष्टि में यह बहुत ही गंभीर पाप था; क्योंकि ऐसा करते हुए वे याहवेह को चढ़ाई गई बलि का अपमान कर रहे थे.
ושמואל משרת את פני יהוה נער חגור אפוד בד 18
इस समय शमुएल याहवेह की उपस्थिति में रहते हुए सेवा कर रहे थे. वह पुरोहितों के समान ही वस्त्र धारण करते थे.
ומעיל קטן תעשה לו אמו והעלתה לו מימים ימימה--בעלותה את אישה לזבח את זבח הימים 19
जब उनकी माता अपने पति के साथ वार्षिक बलि चढ़ाने के लिए वहां आती थी, वह बालक शमुएल के लिए नियमित रूप से ऐसे वस्त्र बनाकर लाया करती थी.
וברך עלי את אלקנה ואת אשתו ואמר ישם יהוה לך זרע מן האשה הזאת תחת השאלה אשר שאל ליהוה והלכו למקומו 20
एलकाना तथा उनकी पत्नी के लिए एली इस प्रकार के आशीर्वाद दिया करते थे: “याहवेह तुम्हारे लिए इस स्त्री के द्वारा संतान प्रदान करें, कि जिस बालक को इसने याहवेह को समर्पित किया है, उसका खालीपन भर जाए.” तब वे अपने घर लौट जाते थे.
כי פקד יהוה את חנה ותהר ותלד שלשה בנים ושתי בנות ויגדל הנער שמואל עם יהוה 21
तब याहवेह ने अपनी कृपादृष्टि में हन्‍नाह की सुधि ली. उसने गर्भधारण किया और उनके तीन पुत्र और दो पुत्रियां पैदा हुए. बालक शमुएल याहवेह के भवन में विकसित होते चले गए.
ועלי זקן מאד ושמע את כל אשר יעשון בניו לכל ישראל ואת אשר ישכבון את הנשים הצבאות פתח אהל מועד 22
इस समय एली बहुत ही बूढ़े हो चुके थे. उन्हें इसकी सूचना दी जा चुकी थी कि अपने पुत्र इस्राएल के साथ दुर्व्यवहार कर रहे हैं और वे उन स्त्रियों के साथ शारीरिक संबंध भी करते थे, जिन्हें मिलाप तंबू के प्रवेश पर सेवा के लिए नियुक्त किया जाता था.
ויאמר להם למה תעשון כדברים האלה אשר אנכי שמע את דבריכם רעים מאת כל העם אלה 23
एली ने अपने पुत्रों से कहा, “तुम ये सब क्यों कर रहे हो? तुम्हारे इन सभी बुरे कामों की ख़बरें मुझे सभी के द्वारा मिल रही हैं.
אל בני כי לוא טובה השמעה אשר אנכי שמע מעברים עם יהוה 24
मेरे पुत्रो, यह गलत है. आज याहवेह की प्रजा में तुम्हारे किए हुए कामों की ख़बर जो फैली है, वह ठीक नहीं है.
אם יחטא איש לאיש ופללו אלהים ואם ליהוה יחטא איש מי יתפלל לו ולא ישמעו לקול אביהם כי חפץ יהוה להמיתם 25
यदि एक व्यक्ति किसी दूसरे के विरुद्ध पाप करे, तो उसके लिए परमेश्वर द्वारा विनती संभव है; मगर यदि कोई याहवेह ही के विरुद्ध पाप करे, तब उसकी विनती के लिए कौन बाकी रह जाता है?” मगर एली के पुत्रों को उनके पिता का तर्क अस्वीकार ही रहा, क्योंकि याहवेह उनके प्राण लेने का निश्चय कर चुके थे.
והנער שמואל הלך וגדל וטוב גם עם יהוה וגם עם אנשים 26
इस समय बालक शमुएल बढ़ता जा रहा था. उस पर याहवेह की कृपादृष्टि तथा लोगों का प्रेम बना था.
ויבא איש אלהים אל עלי ויאמר אליו כה אמר יהוה הנגלה נגליתי אל בית אביך בהיותם במצרים לבית פרעה 27
परमेश्वर द्वारा भेजा हुआ एक व्यक्ति एली के पास आया और उनसे कहा, “यह याहवेह का संदेश है: ‘क्या मैंने तुम्हारे पूर्वजों पर अपने आपको साफ़-साफ़ प्रकट नहीं किया था, जब वे मिस्र देश में फ़रोह के परिवार के अधीन थे?
ובחר אתו מכל שבטי ישראל לי לכהן לעלות על מזבחי להקטיר קטרת לשאת אפוד לפני ואתנה לבית אביך את כל אשי בני ישראל 28
इस्राएल के सारा गोत्रों में से मैंने तुम्हारे गोत्र को अपना पुरोहित होने के लिए नामित किया कि वे मेरी वेदी पर बलि अर्पण करें, उस पर धूप जलाएं तथा मेरे सामने पुरोहितों के लिए निर्धारित पुरोहित कपड़ा, एफ़ोद पहनकर मेरे सामने उपस्थित हुआ करें. मैंने ही तुम्हारे पूर्वजों को यह आज्ञा दी कि इस्राएली प्रजा द्वारा अर्पित अग्निबलि का हिस्सा तुम्हें दे दी जाएं.
למה תבעטו בזבחי ובמנחתי אשר צויתי מעון ותכבד את בניך ממני להבריאכם מראשית כל מנחת ישראל לעמי 29
फिर क्या कारण है कि मेरे आवास से संबंधित जिन बलियों तथा भेटों का मैंने आदेश दिया था, तुम उनकी अवहेलना कर रहे हो? मेरी प्रजा इस्राएल द्वारा अर्पित सभी भेटों के सर्वोत्तम अंशों को खा-खाकर वे स्वयं पुष्ट हुए जा रहे हैं! यह करते हुए तुमने मेरी अपेक्षा अपने पुत्रों को अधिक सम्मान दिया है?’
לכן נאם יהוה אלהי ישראל אמור אמרתי ביתך ובית אביך יתהלכו לפני עד עולם ועתה נאם יהוה חלילה לי כי מכבדי אכבד ובזי יקלו 30
“इसलिये याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर की यह घोषणा, ‘मैंने यह अवश्य कहा था कि तुम्हारा वंश तथा तुम्हारे पूर्वजों का वंश सदा-सर्वदा मेरी सेवा करता रहेगा,’ मगर अब याहवेह की यह वाणी है, ‘अब मैं यह कभी न होने दूंगा! क्योंकि मैं उन्हें ही सम्मान दूंगा, जो मुझे सम्मान देते हैं, तथा जो मुझे तुच्छ मानते हैं, वे शापित हो जाएंगे.
הנה ימים באים וגדעתי את זרעך ואת זרע בית אביך--מהיות זקן בביתך 31
निकट हैं वे दिन, जब मैं न केवल तुम्हारा, परंतु तुम्हारे पिता के संपूर्ण वंश का बल शून्य कर दूंगा, यहां तक कि तुम्हारे परिवार में कोई भी व्यक्ति कभी भी बुढ़ापे तक नहीं पहुंचेगा.
והבטת צר מעון בכל אשר ייטיב את ישראל ולא יהיה זקן בביתך כל הימים 32
तब तुम पीड़ित होकर धुंधली आंखों से इस्राएल को दी जा रही समृद्धि को स्वयं देखोगे. तुम्हारे परिवार में कभी भी कोई व्यक्ति बूढ़ा न हो सकेगा.
ואיש לא אכרית לך מעם מזבחי לכלות את עיניך ולאדיב את נפשך וכל מרבית ביתך ימותו אנשים 33
फिर भी तुम्हारे परिवार के जो सदस्य को मैं वेदी की सेवा से वंचित न करूंगा, वह अपने हृदय की दारुण वेदना में रोते-रोते अपने नेत्रों की ज्योति खो बैठेगा. तुम्हारे सभी वंशज मनुष्यों द्वारा चलाई तलवार से घात किए जाएंगे. तुम्हारे परिवार के हर एक व्यक्ति का निधन जीवन के जवानी में ही हो जाएगा.
וזה לך האות אשר יבא אל שני בניך--אל חפני ופינחס ביום אחד ימותו שניהם 34
“‘तुम्हारे लिए इसकी पुष्टि का चिन्ह यह होगा कि तुम्हारे दोनों पुत्रों, होफ़नी तथा फिनिहास में होगी: दोनों एक ही दिन में मर जाएंगे.
והקימתי לי כהן נאמן כאשר בלבבי ובנפשי יעשה ובניתי לו בית נאמן והתהלך לפני משיחי כל הימים 35
जब यह सब हो जाएगा, तब मैं अपने लिए एक विश्वसनीय पुरोहित को तैयार करूंगा. वह मेरे हृदय और आत्मा की अभिलाषा पूर्ण करेगा. उसके लिए मैं उसके वंश को स्थिरता प्रदान करूंगा. वही सदा-सर्वदा मेरे चुने हुए का पौरोहित्य करता रहेगा.
והיה כל הנותר בביתך יבוא להשתחות לו לאגורת כסף וככר לחם ואמר ספחני נא אל אחת הכהנות--לאכל פת לחם 36
तुम्हारे परिवार में जो कोई शेष रह जाएगा, वह उसके सामने झुककर उससे सिर्फ चांदी के एक सिक्‍के के लिए या रोटी के एक टुकड़े के लिए विनती करेगा. हर एक की याचना यह होगी, “मुझे पुरोहित के काम में लगा लीजिए, कि कम से कम मैं रोटी का एक टुकड़ा तो खा सकूं.”’”

< שמואל א 2 >