< שמואל א 14 >

ויהי היום ויאמר יונתן בן שאול אל הנער נשא כליו לכה ונעברה אל מצב פלשתים אשר מעבר הלז ולאביו לא הגיד 1
एक दिन योनातन ने अपने शस्‍त्रवाहक से कहा, “चलो, उस ओर चलें, जहां फिलिस्तीनी सेना की छावनी है.” उसकी सूचना उसने अपने पिता को नहीं दी.
ושאול יושב בקצה הגבעה תחת הרמון אשר במגרון והעם אשר עמו כשש מאות איש 2
शाऊल मिगरोन नामक स्थान पर एक अनार के पेड़ के नीचे बैठे हुए थे. यह स्थान गिबियाह की सीमा के निकट था. उनके साथ के सैनिकों की संख्या लगभग छः सौ थी,
ואחיה בן אחטוב אחי איכבוד בן פינחס בן עלי כהן יהוה בשלו--נשא אפוד והעם לא ידע כי הלך יונתן 3
इस समय अहीयाह एफ़ोद धारण किए हुए उनके साथ था. वह अहीतूब का पुत्र था, जो एली के पुत्र, फिनिहास के पुत्र इखाबोद का भाई था. एली शीलो में याहवेह के पुरोहित थे. सेना इस बात से बिलकुल अनजान थी कि योनातन वहां से जा चुके थे.
ובין המעברות אשר בקש יונתן לעבר על מצב פלשתים--שן הסלע מהעבר מזה ושן הסלע מהעבר מזה ושם האחד בוצץ ושם האחד סנה 4
उस संकरे मार्ग के दोनों ओर चट्टानों की तीव्र ढलान थी. योनातन यहीं से होकर फिलिस्तीनी सेना शिविर तक पहुंचने की योजना बना रहे थे. एक चट्टान का नाम था बोसेस और दूसरी का सेनेह.
השן האחד מצוק מצפון מול מכמש והאחד מנגב מול גבע 5
उत्तरी दिशा की चट्टान मिकमाश के निकट थी तथा दक्षिण दिशा की चट्टान गेबा के.
ויאמר יהונתן אל הנער נשא כליו לכה ונעברה אל מצב הערלים האלה--אולי יעשה יהוה לנו כי אין ליהוה מעצור להושיע ברב או במעט 6
योनातन ने अपने शस्‍त्रवाहक से कहा, “चलो, इन खतना-रहितों की छावनी तक चलें. संभव है कि याहवेह हमारे लिए सक्रिय हो जाएं. किसमें है यह क्षमता कि याहवेह को रोके? वह छुड़ौती किसी भी परिस्थिति में दे सकते हैं, चाहे थोड़ों के द्वारा या बहुतों के द्वारा.”
ויאמר לו נשא כליו עשה כל אשר בלבבך נטה לך הנני עמך כלבבך 7
उनके शस्‍त्रवाहक ने उनसे कहा, “जो कुछ आपको सही लग रहा है, वही कीजिए. जो आपने निश्चय कर लिया है, उसे पूरा कीजिए. मैं हर एक परिस्थिति में आपके साथ हूं.”
ויאמר יהונתן הנה אנחנו עברים אל האנשים ונגלינו אליהם 8
योनातन ने कहा, “बहुत बढ़िया! हम उन लोगों के सामने जाएंगे कि वे हमें देख सकें.
אם כה יאמרו אלינו דמו עד הגיענו אליכם--ועמדנו תחתינו ולא נעלה אליהם 9
यदि वे हमसे यह कहें, ‘हमारे वहां पहुंचने तक वहीं ठहरे रहना,’ तब हम वहीं खड़े रहेंगे, और उनके पास नहीं जाएंगे.
ואם כה יאמרו עלו עלינו ועלינו--כי נתנם יהוה בידנו וזה לנו האות 10
मगर यदि वे यह कहें, ‘यहां हमारे पास आओ,’ तब हम उनके निकट चले जाएंगे; क्योंकि यह हमारे लिए एक चिन्ह होगा कि याहवेह ने उन्हें हमारे अधीन कर दिया है.”
ויגלו שניהם אל מצב פלשתים ויאמרו פלשתים--הנה עברים יצאים מן החרים אשר התחבאו שם 11
जब उन दोनों ने स्वयं को फिलिस्तीनी सेना पर प्रकट किया, फिलिस्तीनियों ने उन्हें देखा, वे आपस में विचार करने लगे, “देखो, देखो, इब्री अब अपनी उन गुफाओं में से निकलकर बाहर आ रहे हैं, जहां वे अब तक छिपे हुए थे.”
ויענו אנשי המצבה את יונתן ואת נשא כליו ויאמרו עלו אלינו ונודיעה אתכם דבר ויאמר יונתן אל נשא כליו עלה אחרי--כי נתנם יהוה ביד ישראל 12
तब उन सैनिकों ने योनातन तथा उनके हथियार उठानेवाले से कहा, “इधर आ जाओ कि हम तुम्हें एक-दो पाठ पढ़ा सकें.” योनातन ने अपने हथियार उठानेवाले से कहा, “चलो, चलो. मेरे पीछे चले आओ, क्योंकि याहवेह ने उन्हें इस्राएल के अधीन कर दिया है.”
ויעל יונתן על ידיו ועל רגליו ונשא כליו אחריו ויפלו לפני יונתן ונשא כליו ממותת אחריו 13
तब योनातन अपने हाथों और पैरों का उपयोग करते हुए ऊपर चढ़ने लगे और उनका शस्‍त्रवाहक उनके पीछे-पीछे चढ़ता चला गया. योनातन फिलिस्तीनियों को मारते चले गए और पीछे-पीछे उनके शस्‍त्रवाहक ने भी फिलिस्तीनियों को मार गिराया.
ותהי המכה הראשנה אשר הכה יונתן ונשא כליו--כעשרים איש כבחצי מענה צמד שדה 14
उस पहली मार में योनातन और उनके शस्‍त्रवाहक ने लगभग बीस सैनिकों को मार गिराया था और वह क्षेत्र लगभग आधा एकड़ था.
ותהי חרדה במחנה בשדה ובכל העם--המצב והמשחית חרדו גם המה ותרגז הארץ ותהי לחרדת אלהים 15
उससे फिलिस्तीनी शिविर में, मैदान में तथा सभी लोगों में आतंक छा गया. सैनिक चौकी में तथा छापामार दलों में भी आतंक छा गया. भूमि कांपने लगी जिससे सब में आतंक और भी अधिक गहरा हो गया.
ויראו הצפים לשאול בגבעת בנימן והנה ההמון נמוג וילך והלם 16
बिन्यामिन प्रदेश की सीमा में स्थित गिबिया में शाऊल का पहरेदार देख रहा था कि फिलिस्तीनी सैनिक बड़ी संख्या में इधर-उधर हर दिशा में भाग रहे थे.
ויאמר שאול לעם אשר אתו פקדו נא וראו מי הלך מעמנו ויפקדו והנה אין יונתן ונשא כליו 17
तब शाऊल ने अपने साथ के सैनिकों को आदेश दिया, “सबको इकट्ठा करो और मालूम करो कि कौन-कौन यहां नहीं है.” जब सैनिक इकट्ठा हो गए तो यह मालूम हुआ कि योनातन और उनका शस्त्र उठानेवाला वहां नहीं थे.
ויאמר שאול לאחיה הגישה ארון האלהים כי היה ארון האלהים ביום ההוא--ובני ישראל 18
तब शाऊल ने अहीयाह से कहा, “एफ़ोद यहां लाया जाए.” (उस समय अहीयाह एफ़ोद धारण करता था.)
ויהי עד דבר שאול אל הכהן וההמון אשר במחנה פלשתים וילך הלוך ורב ויאמר שאול אל הכהן אסף ידך 19
यहां जब शाऊल पुरोहित से बातें कर ही रहे थे, फिलिस्तीनी शिविर में आतंक गहराता ही जा रहा था. तब शाऊल ने पुरोहित को आदेश दिया, “अपना हाथ बाहर निकाल लीजिए.”
ויזעק שאול וכל העם אשר אתו ויבאו עד המלחמה והנה היתה חרב איש ברעהו--מהומה גדולה מאד 20
शाऊल और उनके साथ जितने व्यक्ति थे युद्ध के लिए चल पड़े. फिलिस्तीनी शिविर में उन्होंने देखा कि घोर आतंक में फिलिस्तीनी सैनिक एक दूसरे को ही तलवार से घात किए जा रहे थे.
והעברים היו לפלשתים כאתמול שלשום אשר עלו עמם במחנה סביב וגם המה להיות עם ישראל אשר עם שאול ויונתן 21
वहां कुछ इब्री सैनिक ऐसे भी थे, जो शाऊल की सेना छोड़ फिलिस्तीनियों से जा मिले थे. अब वे भी विद्रोही होकर शाऊल और योनातन के साथ मिल गए.
וכל איש ישראל המתחבאים בהר אפרים שמעו כי נסו פלשתים וידבקו גם המה אחריהם במלחמה 22
इसी प्रकार, वे इस्राएली, जो एफ्राईम प्रदेश के पर्वतों में जा छिपे थे, यह सुनकर कि फिलिस्तीनी भाग रहे हैं, वे भी युद्ध में उनका पीछा करने में जुट गए.
ויושע יהוה ביום ההוא את ישראל והמלחמה--עברה את בית און 23
इस प्रकार याहवेह ने उस दिन इस्राएल को छुड़ौती दी. युद्ध बेथ-आवेन के परे फैल चुका था.
ואיש ישראל נגש ביום ההוא ויאל שאול את העם לאמר ארור האיש אשר יאכל לחם עד הערב ונקמתי מאיבי ולא טעם כל העם לחם 24
उस दिन इस्राएल सैनिक बहुत ही थक चुके थे क्योंकि शाऊल ने शपथ ले रखी थी, “शापित होगा वह व्यक्ति, जो शाम होने के पहले भोजन करेगा, इसके पहले कि मैं अपने शत्रुओं से बदला ले लूं.” तब किसी भी सैनिक ने भोजन नहीं किया.
וכל הארץ באו ביער ויהי דבש על פני השדה 25
सेना वन में प्रवेश कर चुकी थी और वहां भूमि पर शहद का छत्ता पड़ा हुआ था.
ויבא העם אל היער והנה הלך דבש ואין משיג ידו אל פיו כי ירא העם את השבעה 26
जब सैनिक वन में आगे बढ़ रहे थे वहां शहद बहा चला जा रहा था, मगर किसी ने शहद नहीं खाया क्योंकि उन पर शपथ का भय छाया हुआ था.
ויונתן לא שמע בהשביע אביו את העם וישלח את קצה המטה אשר בידו ויטבל אותה ביערת הדבש וישב ידו אל פיו ותראנה (ותארנה) עיניו 27
मगर योनातन ने अपने पिता द्वारा सेना को दी गई शपथ को नहीं सुना था. उसने अपनी लाठी का छोर शहद के छत्ते में डाल दिया. और जब उसने उस शहद को खाया, उसकी आंखों में चमक आ गई.
ויען איש מהעם ויאמר השבע השביע אביך את העם לאמר ארור האיש אשר יאכל לחם היום ויעף העם 28
तब सैनिकों में से एक ने उन्हें बताया, “तुम्हारे पिता ने सेना को इन शब्दों में यह शपथ दी थी, ‘शापित होगा वह व्यक्ति जो आज भोजन करेगा!’ इसलिये सब सैनिक बहुत ही थके मांदे हैं.”
ויאמר יונתן עכר אבי את הארץ ראו נא כי ארו עיני--כי טעמתי מעט דבש הזה 29
योनातन ने कहा, “राष्ट्र के लिए मेरे पिता ने ही संकट उत्पन्‍न किया है. देख लो, मेरे शहद के चखने पर ही मेरी आंखें कैसी चमकने लगीं हैं.
אף כי לוא אכל אכל היום העם משלל איביו אשר מצא כי עתה לא רבתה מכה בפלשתים 30
कितना अच्छा होता यदि आज सभी सैनिकों ने शत्रुओं से लूटी सामग्री में से भोजन कर लिया होता! तब शत्रुओं पर हमारी जय और भी अधिक उल्लेखनीय होती.”
ויכו ביום ההוא בפלשתים ממכמש אילנה ויעף העם מאד 31
उस दिन सेना ने फिलिस्तीनियों को मिकमाश से लेकर अय्जालोन तक हरा दिया. तब वे बहुत ही थक चुके थे.
ויעש (ויעט) העם אל שלל (השלל) ויקחו צאן ובקר ובני בקר וישחטו ארצה ויאכל העם על הדם 32
तब सैनिक शत्रुओं की सामग्री पर लालच कर टूट पड़े. उन्होंने भेड़ें गाय-बैल तथा बछड़े लूट लिए. उन्होंने वहीं भूमि पर उनका वध किया और सैनिक उन्हें लहू समेत खाने लगे.
ויגידו לשאול לאמר הנה העם חטאים ליהוה לאכל על הדם ויאמר בגדתם גלו אלי היום אבן גדולה 33
इसकी सूचना शाऊल को दी गई, “देखिए, सेना याहवेह के विरुद्ध पाप कर रही है—वे लहू के साथ उन्हें खा रहे हैं.” शाऊल ने उत्तर दिया, “तुम सभी ने विश्वासघात किया है. एक बड़ा पत्थर लुढ़का कर यहां मेरे सामने लाओ.”
ויאמר שאול פצו בעם ואמרתם להם הגישו אלי איש שורו ואיש שיהו ושחטתם בזה ואכלתם ולא תחטאו ליהוה לאכל אל הדם ויגשו כל העם איש שורו בידו הלילה--וישחטו שם 34
उन्होंने आगे आदेश दिया, “तुम सब सैनिकों के बीच में जाकर उनसे यह कहो, ‘तुममें से हर एक अपना अपना बैल या अपनी-अपनी भेड़ यहां मेरे सामने उस स्थान पर लाकर उसका वध करे और तब उसे खाए, मगर मांस को लहू सहित खाकर याहवेह के विरुद्ध पाप न करो.’” तब उस रात हर एक ने अपना अपना बैल वहीं लाकर उसका वध किया.
ויבן שאול מזבח ליהוה אתו החל לבנות מזבח ליהוה 35
फिर शाऊल ने याहवेह के लिए एक वेदी बनाई. यह उनके द्वारा याहवेह के लिए बनाई पहली वेदी थी.
ויאמר שאול נרדה אחרי פלשתים לילה ונבזה בהם עד אור הבקר ולא נשאר בהם איש ויאמרו כל הטוב בעיניך עשה ויאמר הכהן נקרבה הלם אל האלהים 36
शाऊल ने अपनी सेना से कहा, “रात में हम फिलिस्तीनियों पर हमला करें. सुबह होते-होते हम उन्हें लूट लेंगे. उनमें से एक भी सैनिक जीवित न छोड़ा जाए.” उन्होंने सहमति में उत्तर दिया, “वही कीजिए, जो आपको सही लग रहा है.” मगर पुरोहित ने सुझाव दिया, “सही यह होगा कि इस विषय में हम परमेश्वर की सलाह ले लें.”
וישאל שאול באלהים הארד אחרי פלשתים התתנם ביד ישראל ולא ענהו ביום ההוא 37
तब शाऊल ने परमेश्वर से पूछा, “क्या मैं फिलिस्तीनियों पर हमला करूं? क्या आप उन्हें इस्राएल के अधीन कर देंगे?” मगर परमेश्वर ने उस समय उन्हें कोई उत्तर न दिया.
ויאמר שאול--גשו הלם כל פנות העם ודעו וראו--במה היתה החטאת הזאת היום 38
तब शाऊल ने सभी सैन्य अधिकारियों को अपने पास बुलाकर उनसे कहा, “तुम सभी प्रधानों, यहां आओ कि हम यह पता करें कि आज यह पाप किस प्रकार किया गया है.
כי חי יהוה המושיע את ישראל--כי אם ישנו ביונתן בני כי מות ימות ואין ענהו מכל העם 39
इस्राएल के रखवाले जीवित याहवेह की शपथ, यदि यह पाप स्वयं मेरे पुत्र योनातन द्वारा भी किया गया हो, उसके लिए मृत्यु दंड तय है.” सारी सेना में से एक भी सैनिक ने कुछ भी न कहा.
ויאמר אל כל ישראל אתם תהיו לעבר אחד ואני ויונתן בני נהיה לעבר אחד ויאמרו העם אל שאול הטוב בעיניך עשה 40
तब शाऊल ने संपूर्ण इस्राएली सेना से कहा, “ठीक है. एक ओर मैं और योनातन खड़े होंगे और दूसरी ओर तुम सभी.” सेना ने उत्तर दिया, “आपको जो कुछ सही लगे, कीजिए.”
ויאמר שאול אל יהוה אלהי ישראל--הבה תמים וילכד יונתן ושאול והעם יצאו 41
तब शाऊल ने यह प्रार्थना की, “याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर, यदि यह पाप मेरे द्वारा या मेरे पुत्र योनातन द्वारा ही किया गया है, तब याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर, तब उरीम के द्वारा इसकी पुष्टि कीजिए. यदि यह पाप आपकी प्रजा इस्राएल के द्वारा किया गया है, तब इसकी पुष्टि थुम्मीम द्वारा कीजिए.” इस प्रक्रिया से चिट्ठियों द्वारा योनातन तथा शाऊल सूचित किए गए और सेना निर्दोष घोषित कर दी गई.
ויאמר שאול--הפילו ביני ובין יונתן בני וילכד יונתן 42
तब शाऊल ने आदेश दिया, “चिट्ठियां मेरे तथा योनातन के बीच डाली जाएं.” इसमें चिट्ठी द्वारा योनातन चुना गया.
ויאמר שאול אל יונתן הגידה לי מה עשיתה ויגד לו יונתן ויאמר טעם טעמתי בקצה המטה אשר בידי מעט דבש--הנני אמות 43
तब शाऊल ने योनातन को आदेश दिया, “अब बताओ, क्या किया है तुमने?” योनातन ने उन्हें बताया, “सच यह है कि मैंने अपनी लाठी का सिरा शहद के छत्ते से लगा, उसमें लगे थोड़े से शहद को सिर्फ चखा ही था. क्या यह मृत्यु दंड योग्य अपराध है!”
ויאמר שאול כה יעשה אלהים וכה יוסף כי מות תמות יונתן 44
“योनातन, यदि मैं तुम्हें मृत्यु दंड न दूं तो परमेश्वर मुझे कठोर दंड देंगे,” शाऊल ने उत्तर दिया.
ויאמר העם אל שאול היונתן ימות אשר עשה הישועה הגדולה הזאת בישראל--חלילה חי יהוה אם יפל משערת ראשו ארצה כי עם אלהים עשה היום הזה ויפדו העם את יונתן ולא מת 45
मगर सारी सेना इनकार कर कहने लगी, “क्या योनातन वास्तव में मृत्यु दंड के योग्य है, जिसके द्वारा आज हमें ऐसी महान विजय प्राप्‍त हुई है? कभी नहीं, कभी नहीं! जीवित याहवेह की शपथ, उसके सिर के एक केश तक की हानि न होगी, क्योंकि जो कुछ उसने आज किया है, वह उसने परमेश्वर की सहायता ही से किया है.” इस प्रकार सेना ने योनातन को निश्चित मृत्यु दंड से बचा लिया.
ויעל שאול מאחרי פלשתים ופלשתים הלכו למקומם 46
इसके बाद शाऊल ने फिलिस्तीनियों का पीछा करने का विचार ही त्याग दिया, और फिलिस्ती अपनी-अपनी जगह पर लौट गए.
ושאול לכד המלוכה על ישראל וילחם סביב בכל איביו במואב ובבני עמון ובאדום ובמלכי צובה ובפלשתים ובכל אשר יפנה ירשיע 47
जब शाऊल इस्राएल के राजा के रूप में प्रतिष्ठित हो गए, उन्होंने उनके निकटवर्ती सभी शत्रुओं से युद्ध करना शुरू कर दिया: मोआबियों, अम्मोनियों, एदोमियों, ज़ोबाह के राजाओं तथा फिलिस्तीनियों से.
ויעש חיל ויך את עמלק ויצל את ישראל מיד שסהו 48
उन्होंने अमालेकियों को मार गिराया और इस्राएल को उसके शत्रुओं से छुड़ौती प्रदान की.
ויהיו בני שאול יונתן וישוי ומלכישוע ושם שתי בנתיו--שם הבכירה מרב ושם הקטנה מיכל 49
शाऊल के पुत्र थे, योनातन, इशवी तथा मालखी-शुआ. उनकी दो पुत्रियां भी थी: बड़ी का नाम था मेराब तथा छोटी का मीखल.
ושם אשת שאול אחינעם בת אחימעץ ושם שר צבאו אבינר בן נר דוד שאול 50
शाऊल की पत्नी का नाम अहीनोअम था, जो अहीमाज़ की बेटी थी. उनकी सेना के प्रधान थे नेर के पुत्र अबनेर. नेर शाऊल के पिता कीश के भाई थे.
וקיש אבי שאול ונר אבי אבנר בן אביאל 51
शाऊल के पिता कीश तथा अबनेर के पिता नेर, दोनों ही अबीएल के पुत्र थे.
ותהי המלחמה חזקה על פלשתים כל ימי שאול וראה שאול כל איש גבור וכל בן חיל ויאספהו אליו 52
शाऊल के पूरे जीवनकाल में इस्राएलियों और फिलिस्तीनियों के बीच लगातार युद्ध चलता रहा. जब कभी शाऊल की दृष्टि किसी साहसी और बलवान युवक पर पड़ती थी, वह उसे अपनी सेना में शामिल कर लेते थे.

< שמואל א 14 >