< שמואל א 10 >
ויקח שמואל את פך השמן ויצק על ראשו--וישקהו ויאמר--הלוא כי משחך יהוה על נחלתו לנגיד | 1 |
और शमुएल ने ज़ैतून के तेल से भरी एक शीशी निकाली, और वह तेल शाऊल के सिर पर उंडेल दिया. तब उन्होंने शाऊल का चुंबन लेते हुए उनसे कहा, “याहवेह ने अपनी मीरास इस्राएल का अगुआ होने के लिए तुम्हारा अभिषेक किया है!
בלכתך היום מעמדי ומצאת שני אנשים עם קברת רחל בגבול בנימן בצלצח ואמרו אליך נמצאו האתנות אשר הלכת לבקש והנה נטש אביך את דברי האתנות ודאג לכם לאמר מה אעשה לבני | 2 |
आज जब तुम मुझसे विदा होकर जाओगे, तुम्हें बिन्यामिन प्रदेश की सीमा पर सेलसाह नामक स्थान पर राहेल की कब्र के निकट दो व्यक्ति मिलेंगे. वे तुमसे कहेंगे, ‘तुम जिन गधों की खोज में निकले थे, वे तो मिल चुके हैं. तुम्हारे पिता को अब गधों की नहीं, बल्कि तुम दोनों की चिंता हो रही है. वह कह रहे हैं, “अब मैं अपने पुत्र के लिए क्या करूं?”’
וחלפת משם והלאה ובאת עד אלון תבור ומצאוך שם שלשה אנשים עלים אל האלהים בית אל אחד נשא שלשה גדיים ואחד נשא שלשת ככרות לחם ואחד נשא נבל יין | 3 |
“तब तुम्हारे आगे बढ़ने पर, जब तुम ताबोर के उस विशाल बांज वृक्ष के निकट पहुंचोगे, तुम्हें वहां तीन व्यक्ति मिलेंगे, जो परमेश्वर की वंदना करने बेथेल जा रहे होंगे. एक तो बकरी के तीन बच्चे ले जा रहा होगा, उनमें से दूसरा तीन रोटियां तथा तीसरा अंगूर के रस की कुप्पी.
ושאלו לך לשלום ונתנו לך שתי לחם ולקחת מידם | 4 |
वे तुम्हारा अभिवादन करेंगे और तुम्हें दो रोटियां दे देंगे, जिन्हें तुम स्वीकार कर लेना.
אחר כן תבוא גבעת האלהים אשר שם נצבי פלשתים ויהי כבאך שם העיר ופגעת חבל נבאים ירדים מהבמה ולפניהם נבל ותף וחליל וכנור והמה מתנבאים | 5 |
“फिर तुम गीबिया-एलोहीम पहुंचोगे, जहां फिलिस्तीनी सेना का गढ़ है. तुम जैसे ही नगर में प्रवेश करोगे, तुम्हें वहां भविष्यवक्ताओं का एक समूह मिलेगा, जो पर्वत शिखर से उतरकर आ रहा होगा और जिनके हाथों में विभिन्न वाद्य यंत्र होंगे, जो भविष्यवाणी कर रहे होंगे.
וצלחה עליך רוח יהוה והתנבית עמם ונהפכת לאיש אחר | 6 |
ठीक उसी समय याहवेह का आत्मा बड़ी सामर्थ्य के साथ तीव्र गति से तुम्हें भर लेगा और तुम स्वयं उनके साथ मिलकर भविष्यवाणी करने लगोगे. यह वह क्षण होगा, जब तुम्हें एक नया व्यक्तित्व प्रदान कर दिया जाएगा.
והיה כי תבאינה (תבאנה) האתות האלה--לך עשה לך אשר תמצא ידך כי האלהים עמך | 7 |
जब तुम इन चिन्हों को होते देखो, तुम वही करना शुरू कर देना, जो तुम्हें सही लगेगा, क्योंकि तब स्वयं परमेश्वर तुम्हारे साथ होंगे.
וירדת לפני הגלגל והנה אנכי ירד אליך להעלות עלות לזבח זבחי שלמים שבעת ימים תוחל עד בואי אליך והודעתי לך את אשר תעשה | 8 |
“तब तुम मुझसे पहले गिलगाल पहुंच जाना. मैं तुमसे वहीं मिलूंगा, कि वहां अग्निबलि एवं मेल की भेंटें अर्पित करूं. आवश्यक होगा कि तुम सात दिन प्रतीक्षा करो—जब तक मैं वहां पहुंचकर तुम्हें यह न समझाऊं कि तुम्हारा क्या करना सही होगा.”
והיה כהפנתו שכמו ללכת מעם שמואל ויהפך לו אלהים לב אחר ויבאו כל האתות האלה ביום ההוא | 9 |
जैसे ही शाऊल शमुएल से विदा होकर मुड़ा, परमेश्वर ने उनका मन बदल दिया, और ये सभी चिन्ह उस दिन पूर्ण हो गए.
ויבאו שם הגבעתה והנה חבל נבאים לקראתו ותצלח עליו רוח אלהים ויתנבא בתוכם | 10 |
जब वे गिबियाह पहुंचे, उनसे भेंटकरने भविष्यवक्ताओं का एक समूह आ रहा था. तब परमेश्वर का आत्मा तीव्र गति से उनके ऊपर उतरा और वह उनके साथ भविष्यवाणी करने लगे.
ויהי כל יודעו מאתמול שלשם ויראו והנה עם נבאים נבא ויאמר העם איש אל רעהו מה זה היה לבן קיש--הגם שאול בנביאים | 11 |
जो लोग शाऊल से पूर्व परिचित थे, उन्हें भविष्यवक्ताओं के साथ भविष्यवाणी करते देख, परस्पर कहने लगे, “क्या हो गया है कीश के पुत्र को? क्या शाऊल भी भविष्यद्वक्ता वृन्द का सदस्य है?”
ויען איש משם ויאמר ומי אביהם על כן היתה למשל הגם שאול בנבאים | 12 |
वहां खड़े एक व्यक्ति ने प्रश्न किया, “और उनके पिता कौन हैं?” तब वहां यह लोकोक्ति हो गई: “क्या शाऊल भी भविष्यवक्ताओं में से एक हैं?”
ויכל מהתנבות ויבא הבמה | 13 |
जब शाऊल अपनी भविष्यवाणी पूर्ण कर चुके, वह पर्वत शिखर पर चले गए.
ויאמר דוד שאול אליו ואל נערו אן הלכתם ויאמר לבקש את האתנות ונראה כי אין ונבוא אל שמואל | 14 |
शाऊल के चाचा ने शाऊल से एवं उनके सेवक से पूछा, “कहां चले गए थे तुम दोनों?” शाऊल ने उत्तर दिया, “गधों को ढूंढने. मगर जब हमें यह लगा कि गधे खो चुके हैं, तो हम शमुएल से भेंटकरने चले गए.”
ויאמר דוד שאול הגידה נא לי מה אמר לכם שמואל | 15 |
शाऊल के चाचा ने उनसे पूछा, “मुझे बताओ कि शमुएल ने तुमसे क्या-क्या कहा है.”
ויאמר שאול אל דודו הגד הגיד לנו כי נמצאו האתנות ואת דבר המלוכה לא הגיד לו אשר אמר שמואל | 16 |
शाऊल ने अपने चाचा को उत्तर दिया, “शमुएल ने हमें आश्वासन दिया, कि गधे मिल चुके हैं.” शाऊल ने अपने चाचा को राजत्व से संबंधित कुछ भी नहीं बताया.
ויצעק שמואל את העם אל יהוה המצפה | 17 |
तब शमुएल ने मिज़पाह में याहवेह के सामने एक सार्वजनिक सभा बुलाई.
ויאמר אל בני ישראל כה אמר יהוה אלהי ישראל אנכי העליתי את ישראל ממצרים ואציל אתכם מיד מצרים ומיד כל הממלכות הלחצים אתכם | 18 |
उन्होंने इस्राएल को संबोधित करते हुए कहा, “याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर का संदेश यह है: ‘मैंने इस्राएल को मिस्र देश से बाहर निकाल लिया, और मैंने ही मिस्रियों तथा उन सभी राज्यों के कष्टों से छुड़ाया है जो तुम्हें सताते रहते थे.’
ואתם היום מאסתם את אלהיכם אשר הוא מושיע לכם מכל רעותיכם וצרתיכם ותאמרו לו כי מלך תשים עלינו ועתה התיצבו לפני יהוה לשבטיכם ולאלפיכם | 19 |
मगर आज वह दिन है, जब तुमने अपने परमेश्वर को अस्वीकृत कर दिया है, जो तुम्हारी सभी पीड़ाओं और मुसीबतों से तुम्हें बचाते हैं. तुम्हारी ही यह मांग थी, ‘नहीं! हमारे लिए एक राजा नियुक्त कीजिए.’ ठीक है! याहवेह के सामने अपने गोत्रों एवं वंशों के अनुसार अपना अपना स्थान ले लो.”
ויקרב שמואל את כל שבטי ישראל וילכד שבט בנימן | 20 |
तब शमुएल ने इस्राएल के सभी गोत्रों को निकट बुलाया और बिन्यामिन का गोत्र चुना गया.
ויקרב את שבט בנימן למשפחתו ותלכד משפחת המטרי וילכד שאול בן קיש ויבקשהו ולא נמצא | 21 |
तब बिन्यामिन गोत्र के परिवार निकट लाए गए और मत्री का परिवार चुना गया. और अंततः कीश के पुत्र शाऊल को चुना गया. मगर जब उन्हें खोजा गया तो वह कहीं भी दिखाई न दिया.
וישאלו עוד ביהוה הבא עוד הלם איש ויאמר יהוה הנה הוא נחבא אל הכלים | 22 |
तब उन्होंने पुनः याहवेह से इस विषय में पूछताछ की, “क्या शाऊल यहां आ चुके हैं?” याहवेह ने उत्तर दिया, “जाकर देखो, वह भण्डारगृह में सामान के बीच में छिपा हुआ है.”
וירצו ויקחהו משם ויתיצב בתוך העם ויגבה מכל העם משכמו ומעלה | 23 |
तब वे दौड़कर गए और उन्हें वहां से ले आए. जब शाऊल उनके मध्य में खड़े हुए, सभी उनके कंधों तक ही पहुंच रहे थे.
ויאמר שמואל אל כל העם הראיתם אשר בחר בו יהוה כי אין כמהו בכל העם וירעו כל העם ויאמרו יחי המלך | 24 |
तब जनसभा को संबोधित करते हुए शमुएल ने लोगों से कहा, “क्या उसे देख रहे हो, जिसे याहवेह ने नामित किया है? निःसंदेह सभी लोगों में उसके तुल्य कोई नहीं है!” सारे जनसमूह ने उच्च घोष किया, “राजा को लंबी आयु मिले!”
וידבר שמואל אל העם את משפט המלכה ויכתב בספר וינח לפני יהוה וישלח שמואל את כל העם איש לביתו | 25 |
तब शमुएल ने राजा के अधिकारों और कामों से संबंधित नीतियां लोगों के सामने स्पष्ट कर दीं. ये सब उन्होंने एक पुस्तक में लिखकर याहवेह के सामने रख दिया. यह सब होने पर शमुएल ने सब लोगों को उनके घर विदा कर दिया.
וגם שאול--הלך לביתו גבעתה וילכו עמו--החיל אשר נגע אלהים בלבם | 26 |
शाऊल भी गिबियाह में अपने घर चले गए. कुछ शूरवीर युवक भी उनके साथ गए. ये युवक परमेश्वर द्वारा चुने गए थे.
ובני בליעל אמרו מה ישענו זה ויבזהו ולא הביאו לו מנחה ויהי כמחריש | 27 |
मगर कुछ निकम्मे लोग कहने लगे, “यह व्यक्ति कैसे हमारी रक्षा कर सकेगा?” उन्हें शाऊल से घृणा हो गई, यहां तक कि उन्होंने उन्हें कोई भेंट भी नहीं दी. मगर शाऊल ने इस विषय को कोई महत्व नहीं दिया.