< מלכים א 13 >

והנה איש אלהים בא מיהודה בדבר יהוה--אל בית אל וירבעם עמד על המזבח להקטיר 1
तब यहोवा से वचन पाकर परमेश्वर का एक जन यहूदा से बेतेल को आया, और यारोबाम धूप जलाने के लिये वेदी के पास खड़ा था।
ויקרא על המזבח בדבר יהוה ויאמר מזבח מזבח כה אמר יהוה הנה בן נולד לבית דוד יאשיהו שמו וזבח עליך את כהני הבמות המקטרים עליך ועצמות אדם ישרפו עליך 2
उस जन ने यहोवा से वचन पाकर वेदी के विरुद्ध यह पुकारा, “वेदी, हे वेदी! यहोवा यह कहता है, कि सुन, दाऊद के कुल में योशिय्याह नामक एक लड़का उत्पन्न होगा, वह उन ऊँचे स्थानों के याजकों को जो तुझ पर धूप जलाते हैं, तुझ पर बलि कर देगा; और तुझ पर मनुष्यों की हड्डियाँ जलाई जाएँगी।”
ונתן ביום ההוא מופת לאמר זה המופת אשר דבר יהוה הנה המזבח נקרע ונשפך הדשן אשר עליו 3
और उसने, उसी दिन यह कहकर उस बात का एक चिन्ह भी बताया, “यह वचन जो यहोवा ने कहा है, इसका चिन्ह यह है कि यह वेदी फट जाएगी, और इस पर की राख गिर जाएगी।”
ויהי כשמע המלך את דבר איש האלהים אשר קרא על המזבח בבית אל וישלח ירבעם את ידו מעל המזבח לאמר תפשהו ותיבש ידו אשר שלח עליו ולא יכל להשיבה אליו 4
तब ऐसा हुआ कि परमेश्वर के जन का यह वचन सुनकर जो उसने बेतेल की वेदी के विरुद्ध पुकारकर कहा, यारोबाम ने वेदी के पास से हाथ बढ़ाकर कहा, “उसको पकड़ लो!” तब उसका हाथ जो उसकी ओर बढ़ाया गया था, सूख गया और वह उसे अपनी ओर खींच न सका।
והמזבח נקרע וישפך הדשן מן המזבח כמופת אשר נתן איש האלהים--בדבר יהוה 5
और वेदी फट गई, और उस पर की राख गिर गई; अतः वह चिन्ह पूरा हुआ, जो परमेश्वर के जन ने यहोवा से वचन पाकर कहा था।
ויען המלך ויאמר אל איש האלהים חל נא את פני יהוה אלהיך והתפלל בעדי ותשב ידי אלי ויחל איש האלהים את פני יהוה ותשב יד המלך אליו ותהי כבראשנה 6
तब राजा ने परमेश्वर के जन से कहा, “अपने परमेश्वर यहोवा को मना और मेरे लिये प्रार्थना कर, कि मेरा हाथ ज्यों का त्यों हो जाए!” तब परमेश्वर के जन ने यहोवा को मनाया और राजा का हाथ फिर ज्यों का त्यों हो गया।
וידבר המלך אל איש האלהים באה אתי הביתה וסעדה ואתנה לך מתת 7
तब राजा ने परमेश्वर के जन से कहा, “मेरे संग घर चलकर अपना प्राण ठंडा कर, और मैं तुझे दान भी दूँगा।”
ויאמר איש האלהים אל המלך אם תתן לי את חצי ביתך לא אבא עמך ולא אכל לחם ולא אשתה מים במקום הזה 8
परमेश्वर के जन ने राजा से कहा, “चाहे तू मुझे अपना आधा घर भी दे, तो भी तेरे घर न चलूँगा और इस स्थान में मैं न तो रोटी खाऊँगा और न पानी पीऊँगा।
כי כן צוה אתי בדבר יהוה לאמר לא תאכל לחם ולא תשתה מים ולא תשוב בדרך אשר הלכת 9
क्योंकि यहोवा के वचन के द्वारा मुझे यह आज्ञा मिली है, कि न तो रोटी खाना, और न पानी पीना, और न उस मार्ग से लौटना जिससे तू जाएगा।”
וילך בדרך אחר ולא שב בדרך אשר בא בה אל בית אל 10
१०इसलिए वह उस मार्ग से जिससे बेतेल को गया था न लौटकर, दूसरे मार्ग से चला गया।
ונביא אחד זקן ישב בבית אל ויבוא בנו ויספר לו את כל המעשה אשר עשה איש האלהים היום בבית אל את הדברים אשר דבר אל המלך ויספרום לאביהם 11
११बेतेल में एक बूढ़ा नबी रहता था, और उसके एक बेटे ने आकर उससे उन सब कामों का वर्णन किया जो परमेश्वर के जन ने उस दिन बेतेल में किए थे; और जो बातें उसने राजा से कही थीं, उनको भी उसने अपने पिता से कह सुनाया।
וידבר אלהם אביהם אי זה הדרך הלך ויראו בניו את הדרך אשר הלך איש האלהים אשר בא מיהודה 12
१२उसके बेटों ने तो यह देखा था, कि परमेश्वर का वह जन जो यहूदा से आया था, किस मार्ग से चला गया, अतः उनके पिता ने उनसे पूछा, “वह किस मार्ग से चला गया?”
ויאמר אל בניו חבשו לי החמור ויחבשו לו החמור וירכב עליו 13
१३और उसने अपने बेटों से कहा, “मेरे लिये गदहे पर काठी बाँधो;” तब उन्होंने गदहे पर काठी बाँधी, और वह उस पर चढ़ा,
וילך אחרי איש האלהים וימצאהו ישב תחת האלה ויאמר אליו האתה איש האלהים אשר באת מיהודה--ויאמר אני 14
१४और परमेश्वर के जन के पीछे जाकर उसे एक बांज वृक्ष के तले बैठा हुआ पाया; और उससे पूछा, “परमेश्वर का जो जन यहूदा से आया था, क्या तू वही है?”
ויאמר אליו לך אתי הביתה ואכל לחם 15
१५उसने कहा, “हाँ, वही हूँ।” उसने उससे कहा, “मेरे संग घर चलकर भोजन कर।”
ויאמר לא אוכל לשוב אתך--ולבוא אתך ולא אכל לחם ולא אשתה אתך מים במקום הזה 16
१६उसने उससे कहा, “मैं न तो तेरे संग लौट सकता, और न तेरे संग घर में जा सकता हूँ और न मैं इस स्थान में तेरे संग रोटी खाऊँगा, न पानी पीऊँगा।
כי דבר אלי בדבר יהוה לא תאכל לחם ולא תשתה שם מים לא תשוב ללכת בדרך אשר הלכת בה 17
१७क्योंकि यहोवा के वचन के द्वारा मुझे यह आज्ञा मिली है, कि वहाँ न तो रोटी खाना और न पानी पीना, और जिस मार्ग से तू जाएगा उससे न लौटना।”
ויאמר לו גם אני נביא כמוך ומלאך דבר אלי בדבר יהוה לאמר השבהו אתך אל ביתך ויאכל לחם וישת מים כחש לו 18
१८उसने कहा, “जैसा तू नबी है वैसा ही मैं भी नबी हूँ; और मुझसे एक दूत ने यहोवा से वचन पाकर कहा, कि उस पुरुष को अपने संग अपने घर लौटा ले आ, कि वह रोटी खाए, और पानी पीए।” यह उसने उससे झूठ कहा।
וישב אתו ויאכל לחם בביתו--וישת מים 19
१९अतएव वह उसके संग लौट गया और उसके घर में रोटी खाई और पानी पीया।
ויהי הם ישבים אל השלחן ויהי דבר יהוה אל הנביא אשר השיבו 20
२०जब वे मेज पर बैठे ही थे, कि यहोवा का वचन उस नबी के पास पहुँचा, जो दूसरे को लौटा ले आया था।
ויקרא אל איש האלהים אשר בא מיהודה לאמר כה אמר יהוה יען כי מרית פי יהוה ולא שמרת את המצוה אשר צוך יהוה אלהיך 21
२१उसने परमेश्वर के उस जन को जो यहूदा से आया था, पुकारके कहा, “यहोवा यह कहता है इसलिए कि तूने यहोवा का वचन न माना, और जो आज्ञा तेरे परमेश्वर यहोवा ने तुझे दी थी उसे भी नहीं माना;
ותשב ותאכל לחם ותשת מים במקום אשר דבר אליך אל תאכל לחם ואל תשת מים--לא תבוא נבלתך אל קבר אבתיך 22
२२परन्तु जिस स्थान के विषय उसने तुझ से कहा था, ‘उसमें न तो रोटी खाना और न पानी पीना,’ उसी में तूने लौटकर रोटी खाई, और पानी भी पिया है इस कारण तुझे अपने पुरखाओं के कब्रिस्तान में मिट्टी नहीं दी जाएगी।”
ויהי אחרי אכלו לחם--ואחרי שתותו ויחבש לו החמור לנביא אשר השיבו 23
२३जब वह खा पी चुका, तब उसने परमेश्वर के उस जन के लिये जिसको वह लौटा ले आया था गदहे पर काठी बँधाई।
וילך וימצאהו אריה בדרך וימיתהו ותהי נבלתו משלכת בדרך והחמור עמד אצלה והאריה עמד אצל הנבלה 24
२४जब वह मार्ग में चल रहा था, तो एक सिंह उसे मिला, और उसको मार डाला, और उसका शव मार्ग पर पड़ा रहा, और गदहा उसके पास खड़ा रहा और सिंह भी लोथ के पास खड़ा रहा।
והנה אנשים עברים ויראו את הנבלה משלכת בדרך ואת האריה עמד אצל הנבלה ויבאו וידברו בעיר אשר הנביא הזקן ישב בה 25
२५जो लोग उधर से चले आ रहे थे उन्होंने यह देखकर कि मार्ग पर एक शव पड़ा है, और उसके पास सिंह खड़ा है, उस नगर में जाकर जहाँ वह बूढ़ा नबी रहता था यह समाचार सुनाया।
וישמע הנביא אשר השיבו מן הדרך ויאמר איש האלהים הוא אשר מרה את פי יהוה ויתנהו יהוה לאריה וישברהו וימתהו כדבר יהוה אשר דבר לו 26
२६यह सुनकर उस नबी ने जो उसको मार्ग पर से लौटा ले आया था, कहा, “परमेश्वर का वही जन होगा, जिसने यहोवा के वचन के विरुद्ध किया था, इस कारण यहोवा ने उसको सिंह के पंजे में पड़ने दिया; और यहोवा के उस वचन के अनुसार जो उसने उससे कहा था, सिंह ने उसे फाड़कर मार डाला होगा।”
וידבר אל בניו לאמר חבשו לי את החמור ויחבשו 27
२७तब उसने अपने बेटों से कहा, “मेरे लिये गदहे पर काठी बाँधो;” जब उन्होंने काठी बाँधी,
וילך וימצא את נבלתו משלכת בדרך וחמור והאריה עמדים אצל הנבלה לא אכל האריה את הנבלה ולא שבר את החמור 28
२८तब उसने जाकर उस जन का शव मार्ग पर पड़ा हुआ, और गदहे, और सिंह दोनों को शव के पास खड़े हुए पाया, और यह भी कि सिंह ने न तो शव को खाया, और न गदहे को फाड़ा है।
וישא הנביא את נבלת איש האלהים וינחהו אל החמור--וישיבהו ויבא אל עיר הנביא הזקן לספד ולקברו 29
२९तब उस बूढ़े नबी ने परमेश्वर के जन के शव को उठाकर गदहे पर लाद लिया, और उसके लिये छाती पीटने लगा, और उसे मिट्टी देने को अपने नगर में लौटा ले गया।
וינח את נבלתו בקברו ויספדו עליו הוי אחי 30
३०और उसने उसके शव को अपने कब्रिस्तान में रखा, और लोग “हाय, मेरे भाई!” यह कहकर छाती पीटने लगे।
ויהי אחרי קברו אתו ויאמר אל בניו לאמר במותי וקברתם אתי בקבר אשר איש האלהים קבור בו אצל עצמתיו הניחו את עצמתי 31
३१फिर उसे मिट्टी देकर उसने अपने बेटों से कहा, “जब मैं मर जाऊँगा तब मुझे इसी कब्रिस्तान में रखना, जिसमें परमेश्वर का यह जन रखा गया है, और मेरी हड्डियाँ उसी की हड्डियों के पास रख देना।
כי היה יהיה הדבר אשר קרא בדבר יהוה על המזבח אשר בבית אל ועל כל בתי הבמות אשר בערי שמרון 32
३२क्योंकि जो वचन उसने यहोवा से पाकर बेतेल की वेदी और सामरिया के नगरों के सब ऊँचे स्थानों के भवनों के विरुद्ध पुकारके कहा है, वह निश्चय पूरा हो जाएगा।”
אחר הדבר הזה לא שב ירבעם מדרכו הרעה וישב ויעש מקצות העם כהני במות--החפץ ימלא את ידו ויהי כהני במות 33
३३इसके बाद यारोबाम अपनी बुरी चाल से न फिरा। उसने फिर सब प्रकार के लोगों में से ऊँचे स्थानों के याजक बनाए, वरन् जो कोई चाहता था, उसका संस्कार करके, वह उसको ऊँचे स्थानों का याजक होने को ठहरा देता था।
ויהי בדבר הזה לחטאת בית ירבעם ולהכחיד ולהשמיד מעל פני האדמה 34
३४यह बात यारोबाम के घराने का पाप ठहरी, इस कारण उसका विनाश हुआ, और वह धरती पर से नाश किया गया।

< מלכים א 13 >