< तीतुस 2 >
1 पर तीतुस तेरे खात्तर योए सही सै के तू बिश्वासियाँ ताहीं वोए सीखा जो सच्ची शिक्षा कै मुताबिक हो।
१पर तू, ऐसी बातें कहा कर जो खरे सिद्धान्त के योग्य हैं।
2 यानी के बूढ़े माणस शान्त गम्भीर अर संयमी हो, अर उनका बिश्वास, प्यार अर धीरज पक्का हो।
२अर्थात् वृद्ध पुरुष सचेत और गम्भीर और संयमी हों, और उनका विश्वास और प्रेम और धीरज पक्का हो।
3 इस ढाळ बूढ़ी बिरबानियाँ का बरताव इसा हो के परमेसवर नै महिमा मिलै, वे लाच्छण लगाण आळी अर पियक्कड़ न्ही हो, पर आच्छी बात सिखाण आळी हो।
३इसी प्रकार बूढ़ी स्त्रियों का चाल चलन भक्तियुक्त लोगों के समान हो, वे दोष लगानेवाली और पियक्कड़ नहीं; पर अच्छी बातें सिखानेवाली हों।
4 जवान बिरबानियाँ नै तीतुस तै न्ही बल्के बूढ़ी बिरबानियाँ तै निर्देश पाणा चाहिए, ताके वो उन ताहीं सीखा सकै किस तरियां अपणे धणी अर बाळकां तै प्यार करै।
४ताकि वे जवान स्त्रियों को चेतावनी देती रहें, कि अपने पतियों और बच्चों से प्रेम रखें;
5 अर वे मन पै काब्बू राक्खण आळी, पतिव्रता, घर का कामकाज सम्भाळण आळी, भली अर अपणे-अपणे धणी कै प्रति बिश्वास लायक हो, ताके कोए परमेसवर के वचन की बुराई ना कर सकै।
५और संयमी, पतिव्रता, घर का कारबार करनेवाली, भली और अपने-अपने पति के अधीन रहनेवाली हों, ताकि परमेश्वर के वचन की निन्दा न होने पाए।
6 इसे तरियां जवान माणसां नै भी समझाया कर, के वे खराई तै चाल्लण आळे हो।
६ऐसे ही जवान पुरुषों को भी समझाया कर, कि संयमी हों।
7 हरेक काम म्ह तू अपणे आच्छे बरताव तै दुसरयां खात्तर एक मिसाल बण जा, जिब तू बिश्वासियाँ ताहीं परमेसवर के बारें म्ह सिखावै सै, तो उन ताहीं आच्छे मकसद तै सीखा, अर इसा सीखा ताके लोग तेरा आदर कर सकै।
७सब बातों में अपने आपको भले कामों का नमूना बना; तेरे उपदेश में सफाई, गम्भीरता
8 तेरी शिक्षाओं म्ह हमेशा सच्चाई हो, जिसकी आलोचना ना हो सकै, जिसतै बिरोधी नै म्हारै म्ह कोए दोष लगाण का मौक्का ना मिलै अर वो खुद पै शर्मिन्दा हो जावै।
८और ऐसी खराई पाई जाए, कि कोई उसे बुरा न कह सके; जिससे विरोधी हम पर कोई दोष लगाने का अवसर न पाकर लज्जित हों।
9 नौकरां नै समझा के अपणे-अपणे माल्लिक कै कह्ये म्ह रहवै, अर सारी बात्तां म्ह उसनै राज्जी राक्खै, अर उल्ट कै जवाब ना दे।
९दासों को समझा, कि अपने-अपने स्वामी के अधीन रहें, और सब बातों में उन्हें प्रसन्न रखें, और उलटकर जवाब न दें;
10 चोरी चलाकी ना करो, अर हमेशा यो दिक्खै के वो बिश्वास लायक सै, अर थारे आच्छे सुभाव नै देखकै, वे भी म्हारे उद्धारकर्ता परमेसवर की शिक्षा ताहीं सुणणा चाहवैगें।
१०चोरी चालाकी न करें; पर सब प्रकार से पूरे विश्वासी निकलें, कि वे सब बातों में हमारे उद्धारकर्ता परमेश्वर के उपदेश की शोभा बढ़ा दें।
11 परमेसवर नै अपणा अनुग्रह इस बात म्ह जाहिर करया के उसनै मसीह यीशु ताहीं म्हारा उद्धारकर्ता बणाकै भेज दिया, ताके हरेक माणस बचाए जा सकै।
११क्योंकि परमेश्वर का अनुग्रह प्रगट है, जो सब मनुष्यों में उद्धार लाने में सक्षम है।
12 अपणी दया के कारण परमेसवर म्हारे ताहीं सिखावै सै, के हम उन तरिक्कां तै बरताव करणा बन्द कर द्या, जो उस ताहीं खुश न्ही कर सकदे, अर इसी लालसा ना राक्खा जिसी अबिश्वासी लोग राक्खै सै, पर बुध्दिमानी अर धार्मिकता तै बरताव करां, अर इसा बरताव करा जो परमेसवर नै पसन्द हो, जिब तक हम दुनिया म्ह रहवां। (aiōn )
१२और हमें चिताता है, कि हम अभक्ति और सांसारिक अभिलाषाओं से मन फेरकर इस युग में संयम और धार्मिकता से और भक्ति से जीवन बिताएँ; (aiōn )
13 हम इस तरिक्कें तै बरताव करा, जिसा के हम उस अदभुत दिन की बाट देखदे हो, जिसकी हम आस राक्खां सां, यो वो दिन सै जिब यीशु मसीह जो म्हारा परमेसवर अर उद्धारकर्ता सै बड़ी महिमा म्ह इस दुनिया म्ह बोहड़ के आवैगा।
१३और उस धन्य आशा की अर्थात् अपने महान परमेश्वर और उद्धारकर्ता यीशु मसीह की महिमा के प्रगट होने की प्रतीक्षा करते रहें।
14 इस मसीह यीशु नै अपणे-आप ताहीं म्हारे पापां खात्तर बलिदान कर दिया, ताके हम सारे पापां तै आजाद हो जावां, अर म्हारे ताहीं शुद्ध करया ताके हम उसके अपणे खास माणस बण जावां, जो भले काम करण की बड़ी इच्छा राक्खै सै।
१४जिसने अपने आपको हमारे लिये दे दिया, कि हमें हर प्रकार के अधर्म से छुड़ा ले, और शुद्ध करके अपने लिये एक ऐसी जाति बना ले जो भले-भले कामों में सरगर्म हो।
15 पूरे अधिकार कै गैल इन सारी बात्तां की शिक्षा देते होए लोग्गां नै समझा अर उत्साहित करदा रह, अर कोए तन्नै तुच्छ न्ही जाणण पावै।
१५पूरे अधिकार के साथ ये बातें कह और समझा और सिखाता रह। कोई तुझे तुच्छ न जानने पाए।