< प्रकाशित वाक्य 6 >
1 फेर मन्नै देख्या, के मेम्ने नै उन सात्तु मोहरां म्ह तै एक ताहीं खोल्या, अर उन च्यारु प्राणियाँ म्ह तै एक का गरजण जिसा शब्द सुण्या, के आ जाओ।
Και είδον, ότε ήνοιξε το Αρνίον μίαν εκ των σφραγίδων, και ήκουσα εν εκ των τεσσάρων ζώων λέγον ως φωνήν βροντής· Έρχου και βλέπε.
2 अर मन्नै निगांह करी, अर देक्खो, मन्नै एक धोळा घोड़ा दिख्या, अर उसका सवार धनुष लिए होड़ सै, अर उस ताहीं एक ताज पिहराया गया, अर वो सुर्ग तै चाल्या अर धरती पै लिकड़ा, जो पैहले तै ए जीत चुका सै, अर फेर तै वो जीत जावैगा।
Και είδον, και ιδού, ίππος λευκός· και ο καθήμενος επ' αυτόν είχε τόξον· και εδόθη εις αυτόν στέφανος, και εξήλθε νικών και διά να νικήση.
3 अर जिब मेम्ने नै दुसरी मोंहर खोल्ली, तो मन्नै दुसरे प्राणी ताहीं न्यू कहन्दे सुण्या, के आ।
Και ότε ήνοιξε την δευτέραν σφραγίδα, ήκουσα το δεύτερον ζώον λέγον· Έρχου και βλέπε.
4 फेर एकदम तै एक और घोड़ा लिकड़या, जो लाल रंग का था, उसकै सवार ताहीं यो हक दिया गया, के धरती पै तै मेळ-मिलाप ठा ले, ताके माणस एक-दुसरे नै मारै, अर उस ताहीं एक बड्डी तलवार दी गई थी।
Και εξήλθεν άλλος ίππος κόκκινος, και εις τον καθήμενον επ' αυτόν εδόθη να σηκώση την ειρήνην από της γης, και να σφάξωσιν αλλήλους, και εδόθη εις αυτόν μάχαιρα μεγάλη.
5 अर जिब उसनै तीसरी मोंहर खोल्ली, तो मन्नै तीसरे प्राणी ताहीं न्यू कहन्दे सुण्या, के “आ” अर मन्नै निगांह करी, अर देक्खो, मन्नै एक काळे घोड़े ताहीं लिकड़दे देख्या, अर उसकै सवार कै हाथ म्ह एक ताखड़ी सै।
Και ότε ήνοιξε την τρίτην σφραγίδα, ήκουσα το τρίτον ζώον λέγον· Έρχου και βλέπε. Και είδον, και ιδού, ίππος μέλας, και ο καθήμενος επ' αυτόν είχε ζυγαρίαν εν τη χειρί αυτού.
6 अर मन्नै उन च्यारु प्राणियाँ कै बिचाळै तै एक शब्द न्यू कहन्दे सुण्या, के एक दीनार एक दिन की मजदूरी भोत सै, एक किलो गेहूँ, या तीन किलो जौ लेण खात्तर, पर तेल अर अंगूर के रस की किम्मत ना बदलिये।
Και ήκουσα φωνήν εν μέσω των τεσσάρων ζώων λέγουσαν· Μία χοίνιξ σίτου δι' εν δηνάριον και τρεις χοίνικες κριθής δι' εν δηνάριον, και το έλαιον και τον οίνον μη βλάψης.
7 अर जिब मेम्ने नै चौथी मोंहर खोल्ली, तो मन्नै चौथे प्राणी का बोल न्यू कहन्दे सुण्या, के आ।
Και ότε ήνοιξε την σφραγίδα την τετάρτην, ήκουσα φωνήν του τετάρτου ζώου λέγουσαν· Έρχου και βλέπε.
8 अर मन्नै निगांह करी, अर देक्खो, एक पीळा-सा घोड़ा सै, अर उसकै सवार का नाम मौत सै: अर अधोलोक उसकै पाच्छै-पाच्छै आण लागरया था, अर उन ताहीं धरती पै रहण आळे चार माणस (या एक चौथाई माणसां) म्ह तै एक-एक ताहीं मारण का हक मिल्या, उननै तलवार, भूख, बीमारी, अर धरती के जंगली-जानवरां कै जरिये माणसां ताहीं मार दिया। (Hadēs )
Και είδον, και ιδού, ίππος ωχρός, και ο καθήμενος επάνω αυτού ωνομάζετο θάνατος, και ο Άδης ηκολούθει μετ' αυτού· και εδόθη εις αυτούς εξουσία επί το τέταρτον της γης, να θανατώσωσι με ρομφαίαν και με πείναν και με θάνατον και με τα θηρία της γης. (Hadēs )
9 अर जिब मेम्ने नै पाँचवी मोंहर खोल्ली, तो मन्नै वेदी कै तळै उनके प्राणां ताहीं देख्या, जो परमेसवर कै वचन कै कारण, अर उसपै बिश्वास करण के कारण मारे गये थे।
Και ότε ήνοιξε την πέμπτην σφραγίδα, είδον υποκάτω του θυσιαστηρίου τας ψυχάς των εσφαγμένων διά τον λόγον του Θεού και διά την μαρτυρίαν, την οποίαν είχον.
10 अर उसनै जोर तै रुक्का मारकै परमेसवर तै कह्या, हे माल्लिक, हे पवित्र, अर सच्चे प्रभु, तू इतनी बाट क्यूँ देखण लागरया सै, उन बुरे माणसां ताहीं दण्ड देण खात्तर, जो इस धरती पै रहण लागरे सै? हम तेरे तै बिनती करां सां, के तू उन माणसां तै बदला ले, जिननै म्हारे ताहीं जान तै मार दिया सै।
Και έκραξαν μετά φωνής μεγάλης, λέγοντες· Έως πότε, ω Δέσποτα άγιε και αληθινέ, δεν κρίνεις και εκδικείς το αίμα ημών από των κατοικούντων επί της γης;
11 अर उन म्ह तै हरेक ताहीं धोळे लत्ते देकै, परमेसवर नै उनतै कह्या, के और थोड़ी-देर ताहीं आराम करो, जिब ताहीं के थारे संगी दास, अर बिश्वासी भाई, जो थारी तरियां मरण आळे सै, उनकी भी गिणती पूरी ना हो लेवै।
Και εδόθησαν εις έκαστον στολαί λευκαί, και ερρέθη προς αυτούς να αναπαυθώσιν έτι ολίγον καιρόν, εωσού συμπληρωθώσι και οι σύνδουλοι αυτών και οι αδελφοί αυτών οι μέλλοντες να φονευθώσιν ως και αυτοί.
12 जिब मेम्ने नै छटी मोंहर खोल्ली, तो मन्नै देख्या, के एक बड्ड़ा हाल्लण होया, अर सूरज का रंग मोट्टे काळे काम्बळ की ढाळ काळा पड़ग्या, अर पूरा चाँद लहू जिसा लाल होग्या।
Και είδον, ότε ήνοιξε την σφραγίδα την έκτην, και ιδού, έγεινε σεισμός μέγας, και ο ήλιος έγεινε μέλας ως σάκκος τρίχινος και η σελήνη έγεινεν ως αίμα,
13 अर अकास के तारे धरती पै इस ढाळ पड़गे जिस तरियां आँधी तै हालकै अंजीर कै दरखत म्ह तै काच्चे फळ झड़ैं सै।
και οι αστέρες του ουρανού έπεσαν εις την γην, καθώς η συκή ρίπτει τα άωρα σύκα αυτής, σειομένη υπό μεγάλου ανέμου,
14 आसमान पाटग्या अर एक किताब की ढाळ सुकड ग्या था, अर हरेक पहाड़, अर टापू, अपणी-अपणी जगहां तै हटगे।
και ο ουρανός απεχωρίσθη ως βιβλίον τυλιγμένον, και παν όρος και νήσος εκινήθησαν εκ των τόπων αυτών·
15 अर इसका नतिज्जां यो होया के, धरती के राजा, प्रधान, सरदार, साहूकार, अर सामर्थी माणस, हरेक गुलाम, अर हरेक आजाद माणस, पहाड़ां की खोह म्ह, अर चट्टानां म्ह जा लुह्के।
και οι βασιλείς της γης και οι μεγιστάνες και οι πλούσιοι και οι χιλίαρχοι και οι δυνατοί και πας δούλος και πας ελεύθερος έκρυψαν εαυτούς εις τα σπήλαια και εις τας πέτρας των ορέων,
16 अर पहाड़ां, अर चट्टानां तै कहण लाग्गे, के “म्हारे ताहीं लह्को ल्यो, अर म्हारै ताहीं उसकै मुँह तै जो सिंहासन पै बेठ्या सै, अर मेम्ने कै प्रकोप तै लह्को ल्यो।
και λέγουσι προς τα όρη και προς τας πέτρας· Πέσατε εφ' ημάς και κρύψατε ημάς από προσώπου του καθημένου επί του θρόνου και από της οργής του Αρνίου,
17 क्यूँके उनकै प्रकोप के भयानक दिन जिब परमेसवर अर मेम्ना उन सारया का न्याय करैगा तो कोए भी उननै दण्ड तै बचा न्ही पावैगा।”
διότι ήλθεν η ημέρα η μεγάλη της οργής αυτού, και τις δύναται να σταθή;