< प्रकाशित वाक्य 11 >

1 फेर मेरै ताहीं नाप्पण कै खात्तर एक सरकण्डा दिया, जो नाप्पण के यन्त्र जिसा था, अर किसे नै मेरे तै कह्या, “उठ, परमेसवर के मन्दर अर वेदी ताहीं नाप ले, अर उस म्ह आराधना करण आळा की गिणती करले।
وَأُعْطِيتُ عَصَا قِيَاسٍ، وَأُمِرْتُ أَنْ أَقِيسَ هَيْكَلَ اللهِ وَالْمَذْبَحَ، وَأَنْ أُحْصِيَ عَدَدَ الْمُتَعَبِّدِينَ فِيهِ.١
2 अर मन्दर कै बाहर का आँगण छोड़दे, उसनै मतना नाप, क्यूँके वो गैर यहूदियाँ ताहीं दिया गया सै, अर वे पवित्र नगर नै बियाळीस महिन्ने ताहीं रौंदैगी।
وَقِيلَ لِي: «لا تَقِسِ السَّاحَةَ الْخَارِجِيَّةَ لأَنَّهَا خُصِّصَتْ لِلأُمَمِ، وَسَيَدُوسُونَ الْمَدِينَةَ المُقَدَّسَةَ مُدَّةَ اثْنَيْنِ وَأَرْبَعِينَ شَهْراً،٢
3 अर मै अपणे दो गवाहां ताहीं यो हक देऊँगा, के टाट ओढ़ होए एक हजार दो सौ साठ दिन ताहीं भविष्यवाणी करै।”
وَلَكِنِّي سَأَمْنَحُ شَاهِدَيَّ أَنْ يَتَنَبَّآ مُدَّةَ أَلْفٍ وَمِئَتَيْنِ وَسِتِّينَ يَوْماً، وَهُمَا يَلْبَسَانِ ثَوْبَيْنِ مِنَ الْوَبَرِ».٣
4 ये वैए जैतून के दो दरखत अर दो दीवट की तरियां सै, जो धरती कै प्रभु कै स्याम्ही खड़े रहवैं सै।
هَذَانِ الشَّاهِدَانِ هُمَا شَجَرَتَا الزَّيْتُونِ وَالْمَنَارَتَانِ الْقَائِمَتَانِ أَمَامَ رَبِّ الأَرْضِ.٤
5 अर जै कोए उननै नुकसान पोहचावै सै, तो उनकै मुँह तै आग लिकड़कै उनके बैरियाँ ताहीं भस्म करै सै, अर जै कोए उन ताहीं नुकसान पोहोचाणा चाहवैगा, तो जरुर इस्से ढाळ मारया जावैगा।
فَإِذَا حَاوَلَ أَحَدٌ أَنْ يَمَسَّهُمَا بِسُوءٍ تَخْرُجُ نَارٌ مِنْ فَمِهِمَا وَتَلْتَهِمُ أَعْدَاءَهُمَا. ذَلِكَ يَجِبُ أَنْ يَكُونَ مَصِيرُ مَنْ يُحَاوِلُ أَنْ يُؤْذِيَهُمَا.٥
6 परमेसवर नै उन ताहीं हक दिया सै, के उनकी भविष्यवाणी के दिनां म्ह अकास तै मिह न्ही बरसै, अर उननै यो भी हक सै, के जिब-जिब वे चाहवैं जद-जद वे पाणी नै लहू म्ह बदल दे, अर धरती पै हरेक ढाळ की बिप्दा ल्यावै।
وَلِلشَّاهِدَيْنِ السُّلْطَةُ أَنْ يُغْلِقَا السَّمَاءَ فَلا تُمْطِرَ طِيلَةَ مُدَّةِ نُبُوءَتِهِمَا، وَأَنْ يُحَوِّلا مِيَاهَ الأَنْهَارِ وَالْبِحَارِ دَماً، وَأَنْ يُنْزِلا الْبَلايَا بِالأَرْضِ، كُلَّمَا أَرَادَا.٦
7 अर जिब वे अपणी गवाही दे लेवैगें, तो वो पशु जो घणे अथाह कुण्ड म्ह तै लिकड़ैगा, उनतै लड़कै उन ताहीं जित्तैगा अर मार देवैगा। (Abyssos g12)
وَعِنْدَمَا يُكْمِلانِ شَهَادَتَهُمَا يُعْلِنُ الْوَحْشُ الصَّاعِدُ مِنَ الْهَاوِيَةِ الْحَرْبَ عَلَيْهِمَا، وَيَهْزِمُهُمَا وَيَقْتُلُهُمَا (Abyssos g12)٧
8 अर उनकी लाश उस बड़े नगर कै चौक म्ह पड़ी रहवैंगीं, जित्त उनका प्रभु भी क्रूस पै चढ़ाया गया था, जो आत्मिक तौर तै सदोम अर मिस्र देश कुह्वावै सै।
وَتَبْقَى جُثَّتَاهُمَا مَطْرُوحَتَيْنِ فِي سَاحَةِ الْمَدِينَةِ الْعُظْمَى الَّتِي تَرْمُزُ إِلَيْهَا «سَدُومُ» أَوْ «مِصْرُ»، حَيْثُ صُلِبَ رَبُّهُمَا.٨
9 अर सारे माणस, सारे कुल, सारी भाषा, अर सारी जात्तां के लोग उनकी लाश साढ़े तीन दिन ताहीं देखदे रहवैंगें, अर उनकी लाश कब्र म्ह धरण न्ही देवैगें।
فَيَرَاهُمَا أُنَاسٌ مِنْ مُخْتَلِفِ الشُّعُوبِ وَالْقَبَائِلِ وَاللُّغَاتِ وَالأُمَمِ، مُدَّةَ ثَلاثَةِ أَيَّامٍ وَنِصْفِ الْيَوْمِ، وَلا يُؤْذَنُ لأَحَدٍ بِدَفْنِهِمَا.٩
10 अर धरती के बासिन्दे, उनके मरण तै राज्जी अर मग्न होवैंगें, अर एक-दुसरे कै धोरै तोप्फे भेज्जैगें, क्यूँके इन दोनु नबियाँ नै धरती के बासिन्दयां ताहीं भोत सताया था
وَيَشْمَتُ بِهِمَا أَهْلُ الأَرْضِ، فَيَفْرَحُونَ كَأَنَّهُمْ فِي عِيدٍ، وَيَتَبَادَلُونَ الْهَدَايَا، لأَنَّ هَذَيْنِ النَّبِيَّيْنِ كَانَا قَدْ عَذَّبَاهُمْ كَثِيراً.١٠
11 अर साढ़े तीन दिन कै पाच्छै परमेसवर कै कान्ही तै जीवन का साँस उन म्ह आ ग्या, अर वे अपणे पायां कै बळ खड़े होग्ये, अर उनके देखण आळे डरगे।
وَبَعْدَ أَنْ تَمُرَّ الأَيَّامُ الثَّلاثَةُ وَنِصْفُ الْيَوْمِ يَبْعَثُ اللهُ فِي النَّبِيَّيْنِ رُوحَ الْحَيَاةِ، فَيَنْهَضَانِ وَاقِفَيْنِ، وَيَسْتَوْلِي عَلَى النَّاظِرِينَ إِلَيْهِمَا خَوْفٌ شَدِيدٌ.١١
12 अर उननै सुर्ग तै एक बड्ड़ा बोल सुणाई दिया, के उरै ऊपरान आओ, न्यू सुण वे बाद्दळां पै सवार होकै अपणे बैरियाँ के देखदे-देखदे सुर्ग पै चढ़गे।
وَيَدْعُوهُمَا صَوْتٌ عَالٍ مِنَ السَّمَاءِ: «اصْعَدَا إِلَى هُنَا»، فَيَصْعَدَانِ إِلَى السَّمَاءِ فِي سَحَابَةٍ بِمَشْهَدٍ مِنْ أَعْدَائِهِمَا.١٢
13 फेर उस्से बखत एक बड्ड़ा भूकम्प यरुशलेम नगर म्ह होया, अर नगर का दसमां हिस्सा पड़ग्या, अर उस भूकम्प तै सात हजार माणस मरगे अर बाक्की बचे होड़ माणस डरगे, अर सुर्ग के परमेसवर की महिमा करी।
وَفِي الْوَقْتِ ذَاتِهِ يَحْدُثُ زِلْزَالٌ عَنِيفٌ يُدَمِّرُ عُشْرَ الْمَدِينَةِ، وَيُهْلِكُ سَبْعَةَ آلافٍ مِنْ سَاكِنِيهَا. فَيَرْتَعِبُ النَّاجُونَ وَيُمَجِّدُونَ إِلهَ السَّمَاءِ.١٣
14 दुसरी बिप्दा बीत ली, देक्खो, तीसरी बिप्दा तावळी आण आळी सै।
انْقَضَى الْوَيْلُ الثَّانِي، وَهَا هُوَ الثَّالِثُ يَأْتِي سَرِيعاً!١٤
15 अर जिब सातमै सुर्गदूत नै तुरही फूक्की, तो सुर्ग म्ह इस बारै म्ह बड़े-बड़े शब्द होण लाग्गे, के “दुनिया का राज्य म्हारै प्रभु का, अर उसके मसीह का होग्या सै, अर वो युगानुयुग राज्य करैगा।” (aiōn g165)
وَنَفَخَ الْمَلاكُ السَّابِعُ فِي بُوقِهِ فَسُمِعَتْ أَصْوَاتٌ عَالِيَةٌ فِي السَّمَاءِ تَقُولُ: «قَدْ صَارَ مُلْكُ الْعَالَمِ لِرَبِّنَا وَمَسِيحِهِ. إِنَّهُ يَمْلِكُ إِلَى أَبَدِ الآبِدِينَ». (aiōn g165)١٥
16 अर सब चौबीस बुजुर्ग जो परमेसवर कै स्याम्ही अपणे-अपणे सिंहासन पै बेठ्ठे थे, मुँह कै बळ मोध्धे पड़कै परमेसवर की आराधना करैंगें।
فَجَثَا الشُّيُوخُ الأَرْبَعَةُ وَالْعِشْرُونَ الجَالِسُونَ عَلَى عُرُوشِهِمْ فِي حَضْرَةِ اللهِ وَخَرُّوا عَلَى وُجُوهِهِمْ سَاجِدِينَ لِلهِ.١٦
17 न्यू कहण लाग्गे, “के हे सर्वशक्तिमान प्रभु परमेसवर, जो सै, अर जो था, हम तेरा धन्यवाद करा सां, के तन्नै अपणी बड्डी सामर्थ के काम तै धरती पै राज करणा शरु करया।
وَقَالُوا: «نَحْمَدُكَ أَيُّهَا الإِلهُ الْقَدِيرُ عَلَى كُلِّ شَيْءٍ، الْكَائِنُ الَّذِي كَانَ، لأَنَّكَ الآنَ قَدْ تَقَلَّدْتَ قُوَّتَكَ الْعُظْمَى وَبَاشَرْتَ مُلْكَكَ.١٧
18 अर दुसरी जात्तां कै छो उठ्या, अर तेरा प्रकोप आण पड्या अर वो बखत आण पोंहच्या सै, के मरे होया का न्याय करया जावै, अर तेरे दास नबियाँ अर पवित्र माणसां ताहीं अर उन छोट्टे-बड़ा ताहीं जो तेरे नाम तै डरै सै, वो तेरी महिमा करै, अर धरती पै जो माणस दुसरे माणसां नै बिगाड़ै सै, उन ताहीं नाश करा जावै।”
غَضِبَتْ الشُّعُوبُ عَلَيْكَ، فَجَاءَ دَوْرُ غَضَبِكَ عَلَيْهِمْ. جَاءَتِ السَّاعَةُ لِيُدَانَ الأَمْوَاتُ، وَتُكَافِئَ عَبِيدَكَ الأَنْبِيَاءَ وَالْقِدِّيسِينَ والْمُتَّقِينَ اسْمَكَ، صِغَاراً وَكِبَاراً، وَتُهْلِكَ الَّذِينَ كَانُوا يُدَمِّرُونَ الأَرْضَ!»١٨
19 फेर परमेसवर का जो मन्दर सुर्ग म्ह सै वो खोल्या गया, अर उसकै मन्दर म्ह उसका करार का सन्दूक दिख्या, बिजळियाँ, शब्द, गरजण अर भूकम्प होए अर बड़े ओळे पड़े।
وَانْفَتَحَ هَيْكَلُ اللهِ فِي السَّمَاءِ، وَظَهَرَ تَابُوتُ الْعَهْدِ فِي دَاخِلِهِ. وَحَدَثَتْ بُرُوقٌ وَأَصْوَاتٌ وَرُعُودٌ وَزَلْزَلَةٌ، وَسَقَطَ بَرَدٌ كَثِيرٌ.١٩

< प्रकाशित वाक्य 11 >