< इब्रानियों 5 >

1 परमेसवर इस्राएल के माणसां म्ह तै एक महायाजक ताहीं चुणै सै, अर वो महायाजक ताहीं नियुक्त करै सै, ताके वो उसकी सेवा भेट चढ़ाकै, अर माणसां के पापां की माफी कै खात्तर बलि चढ़ाकै कर सकै।
हर एक महापुरोहित मनुष्यों में से चुना जाता है और मनुष्यों के ही लिए परमेश्वर से संबंधित संस्कारों के लिए चुना जाता है कि पापों के लिए भेंट तथा बलि दोनों चढ़ाया करे.
2 वो बेअक्ले अर भूले भटक्यां कै गेल्या नर्मी तै बरताव कर सकै सै, ज्यांतै वो आप भी कमजोरी तै घिरया सै।
उसमें अज्ञानों तथा भूले-भटकों के साथ नम्र व्यवहार करने की क्षमता होती है क्योंकि वह स्वयं भी निर्बलताओं के अधीन है.
3 उसकै खात्तर एक महायाजक के रूप म्ह अपणे अर माणसां कै पापां नै दूर करण खात्तर बलि चढ़ाणा जरूरी सै।
इसलिये यह आवश्यक हो जाता है कि वह पापों के लिए बलि चढ़ाया करे—लोगों के लिए तथा स्वयं अपने लिए.
4 कोए भी इन्सान अपणे-आपनै तै महायाजक होण का पद न्ही ले सकता। एक माणस सिर्फ महायाजक जिब्बे बण सकै सै, जिब परमेसवर उस ताहीं याजक होण कै खात्तर बुलावै सै, जिस तरियां हारुन ताहीं परमेसवर नै पैहला महायाजक होण खात्तर बुलाया था।
किसी भी व्यक्ति को यह सम्मान अपनी कोशिश से नहीं परंतु परमेश्वर की बुलाहट द्वारा प्राप्‍त होती है, जैसे हारोन को.
5 उस्से तरियां ए मसीह नै भी खुद ताहीं महायाजक बणाकै खुद का सम्मान करण का फैसला कोनी करया, परमेसवर नै उस ताहीं यो सम्मान दिया जिब उसनै कह्या, के “तू मेरा बेट्टा सै, आज मन्नै ए तेरे ताहीं पैदा करया सै।”
इसी प्रकार मसीह ने भी महापुरोहित के पद पर बैठने के लिए स्वयं को ऊंचा नहीं किया परंतु उन्होंने, जिन्होंने उनसे यह कहा, “तुम मेरे पुत्र हो; आज मैं तुम्हारा पिता हुआ हूं.”
6 एक और जगहां परमेसवर उस ताहीं दुबारा कहवै सै, “तू मलिकिसिदक की रीत पै सारी हाण खात्तर याजक सै।” (aiōn g165)
जैसा उन्होंने दूसरी जगह भी कहा है, “तुम मेलखीज़ेदेक की शृंखला में, एक अनंत काल के पुरोहित हो.” (aiōn g165)
7 जिब यीशु इस दुनिया म्ह रहवै था, तो ठाड्डू शब्दां तै रुक्का मार-मारकै अर आँसू बहा-बहाकै परमेसवर तै प्रार्थनाएँ अर बिनती करी, जो उस ताहीं मौत तै बचा सकै था, अर आदरपूर्ण समर्पण कै कारण परमेसवर नै उसकी सुण ली।
अपने देह में रहने के समय में उन्होंने ऊंचे शब्द में रोते हुए, आंसुओं के साथ उनके सामने प्रार्थनाएं और विनती की, जो उन्हें मृत्यु से बचा सकते थे, उनकी परमेश्वर में भक्ति के कारण उनकी प्रार्थनाएं स्वीकार की गई.
8 परमेसवर का बेट्टा होण पै भी मसीह यीशु नै दुख ठा-ठाकै भी उसका हुकम मानना सिख्या।
पुत्र होने पर भी, उन्होंने अपने दुःख उठाने से आज्ञा मानने की शिक्षा ली.
9 फेर सिध्द हो जाणकै बाद वो खुद उन सब खात्तर, जो उसके हुकमां नै मानणीयां कै खात्तर अनन्त काल के उद्धार का कारण बणग्या। (aiōnios g166)
फिर, सिद्ध घोषित किए जाने के बाद वह स्वयं उन सबके लिए, जो उनकी आज्ञाओं का पालन करते हैं, अनंत काल उद्धार का कारण बन गए; (aiōnios g166)
10 अर उस ताहीं परमेसवर की ओड़ तै मलिकिसिदक की रीत पै महायाजक का पद मिल्या।
क्योंकि वह परमेश्वर द्वारा मेलखीज़ेदेक की श्रृंखला के महापुरोहित चुने गए थे.
11 इसकै बारै म्ह हमनै घणीए बात कहणी सै, पर उनके बारें म्ह खुलकै जिक्र करणा मुश्किल सै, क्यूँके थम परमेसवर के वचन के बारें म्ह जाणण खात्तर आलसी होगे सों।
हमारे पास इस विषय में कहने के लिए बहुत कुछ है तथा इसका वर्णन करना भी कठिन काम है क्योंकि तुम अपनी सुनने की क्षमता खो बैठे हो.
12 बखत कै विचार तै तो थमनै शिक्षा देण आळा बण जाणा चाहिए था, पर थमनै तो इब भी इसे माणस की जरूरत सै, जो थारे ताहीं नये सिरे तै परमेसवर की शिक्षा की शरुआती बात ए सिखावै, थम तो इब्बे भी उन छोट्टे बाळक की ढाळ सों, जिन ताहीं दूध चाहिए, पर भारी खाणा न्ही।
समय के अनुसार तो तुम्हें अब तक शिक्षक बन जाना चाहिए था किंतु अब आवश्यक यह हो गया है कि कोई तुम्हें दोबारा परमेश्वर के ईश्वरीय वचनों के शुरू के सिद्धांतों की शिक्षा दे. तुम्हें ठोस आहार नहीं, दूध की ज़रूरत हो गई है!
13 याद राक्खों जो माणस इब भी वचन की शरुआती शिक्षा नै सीखण लागरे सै, वे न्ही जाणदे, के परमेसवर धर्मी बणण के बारें म्ह के कहवै सै, वो दूध पीन्दे बाळक की तरियां सै।
वह जो मात्र दूध का सेवन करता है, धार्मिकता की शिक्षा से अपरिचित है, क्योंकि वह शिशु है.
14 पर जिस माणस की तुलना श्याणे माणस तै करी जा सै, जो ठीक तै खाण चबा-चबा कै खा सकै सै, वो यो माणस सै जिसका बिश्वास पक्का सै अर जो खरी शिक्षा नै समझ सकै सै, उसनै आच्छे अर बुरे की पिच्छाण करणा सीखा लिया सै।
ठोस आहार सयानों के लिए होता है, जिन्होंने लगातार अभ्यास के द्वारा अपनी ज्ञानेन्द्रियों को इसके प्रति निपुण बना लिया है कि क्या सही है और क्या गलत.

< इब्रानियों 5 >