< इब्रानियों 4 >

1 इस करकै परमेसवर नै म्हारे ताहीं वादा करया सै, के हम आराम की जगहां पै जावैंगे, क्यूँके आराम की जगहां म्ह बड़ण का वादा इब भी सै, तो हमनै भोत सावधान रहणा चाहिए, इसा ना हो के थारे म्ह तै कोए माणस आराम की जगहां जाण म्ह नाकामयाब हो जा, जिस ताहीं देण का वादा परमेसवर नै म्हारे ताहीं करया सै।
इसलिए जबकि उसके विश्राम में प्रवेश करने की प्रतिज्ञा अब तक है, तो हमें डरना चाहिए; ऐसा न हो, कि तुम में से कोई जन उससे वंचित रह जाए।
2 जिस तरियां हमनै यीशु मसीह के बारें म्ह सुसमाचार सुण्या, अर उन इस्राएल के माणसां नै भी जिन नै आराम की जगहां म्ह बड़ण के बारें म्ह सुसमाचार सुण्या पर उननै उस सुसमाचार पै बिश्वास न्ही करया, इस कारण उनकै खात्तर संदेश बेकार ठैहराया।
क्योंकि हमें उन्हीं के समान सुसमाचार सुनाया गया है, पर सुने हुए वचन से उन्हें कुछ लाभ न हुआ; क्योंकि सुननेवालों के मन में विश्वास के साथ नहीं बैठा।
3 पर म्हारे ताहीं जो परमेसवर नै कह्या सै, हम उसपै भरोस्सा करां सां, अर हम आराम की जगहां म्ह बडांगे। जिसा औरां खात्तर परमेसवर नै कह्या सै, “मन्नै अपणे छो म्ह कसम खाई के वे मेरी आराम की जगहां म्ह बड़ण न्ही पावैंगें।” फेर भी उसके काम दुनिया के बणाण तै पैहल्याए पूरे हो लिए थे।
और हम जिन्होंने विश्वास किया है, उस विश्राम में प्रवेश करते हैं; जैसा उसने कहा, “मैंने अपने क्रोध में शपथ खाई, कि वे मेरे विश्राम में प्रवेश करने न पाएँगे।” यद्यपि जगत की उत्पत्ति के समय से उसके काम हो चुके थे।
4 क्यूँके सातमै दिन कै बारै म्ह परमेसवर नै पवित्र ग्रन्थ म्ह न्यू कह्या सै, “परमेसवर नै सातमै दिन अपणे सारे काम्मां ताहीं निपटा कै बिश्राम करया।”
क्योंकि सातवें दिन के विषय में उसने कहीं ऐसा कहा है, “परमेश्वर ने सातवें दिन अपने सब कामों को निपटा करके विश्राम किया।”
5 हमनै यो भी पढ़्या के उसनै बाद म्ह कह्या, के “वे मेरै आराम की जगहां म्ह बड़ण न्ही पावैंगें।”
और इस जगह फिर यह कहता है, “वे मेरे विश्राम में प्रवेश न करने पाएँगे।”
6 इस्राएल के वे माणस जिन ताहीं सुसमाचार सुणाया गया था, वो आराम की जगहां म्ह बड़ण म्ह नाकामयाब रहे, क्यूँके उननै परमेसवर के हुकम ताहीं कोनी मान्या था, पर उस आराम की जगहां म्ह जाण का इब भी मौक्का सै।
तो जब यह बात बाकी है कि कितने और हैं जो उस विश्राम में प्रवेश करें, और इस्राएलियों को, जिन्हें उसका सुसमाचार पहले सुनाया गया, उन्होंने आज्ञा न मानने के कारण उसमें प्रवेश न किया।
7 ज्यांतै उसनै आराम की जगहां म्ह बड़ण का एक और मौक्का तय करया, अर वो मौक्का आज सै। म्हारे पूर्वजां के बिद्रोह के कई साल्लां बाद, दाऊद के मुँह तै यो कह्या था, “जै आज थम उसकी आवाज सुणो, तो उस ताहीं सुणकै इन्कार ना करो।”
तो फिर वह किसी विशेष दिन को ठहराकर इतने दिन के बाद दाऊद की पुस्तक में उसे ‘आज का दिन’ कहता है, जैसे पहले कहा गया, “यदि आज तुम उसका शब्द सुनो, तो अपने मनों को कठोर न करो।”
8 हम यो भी जाणा सां के परमेसवर नै जो आराम की जगहां का वादा करया सै, वो कनान देश कोनी, जिसपै यहोशू नै म्हारे पूर्वजां की अगुवाई करी थी, जै यो कनान देश होन्दा, तो परमेसवर नै बाद म्ह यो न्ही कह्या होगा, के एक और मौक्का सै।
और यदि यहोशू उन्हें विश्राम में प्रवेश करा लेता, तो उसके बाद दूसरे दिन की चर्चा न होती।
9 यो भी हो सकै सै, के परमेसवर के माणसां नै इस तरियां के तरिक्कें तै आराम करणा पड़ै, जिस तरियां तै परमेसवर नै दुनिया बणाण के सातवे दिन आराम करया था।
इसलिए जान लो कि परमेश्वर के लोगों के लिये सब्त का विश्राम बाकी है।
10 क्यूँके जो उसकै आराम की जगहां म्ह बड़या सै, उसनै भी परमेसवर की ढाळ अपणे काम पूरे करकै बिश्राम करया सै।
१०क्योंकि जिसने उसके विश्राम में प्रवेश किया है, उसने भी परमेश्वर के समान अपने कामों को पूरा करके विश्राम किया है।
11 इस करकै हम उस आराम की जगहां म्ह बड़ण की कोशिश बड़ी मेहनत कै साथ करा, ताके कोए भी उन माणसां की तरियां ना बणे जिननै परमेसवर के हुकम ताहीं मानण तै इन्कार कर दिया, फेर हम उसकी आराम की जगहां म्ह बड़ण पावांगे।
११इसलिए हम उस विश्राम में प्रवेश करने का प्रयत्न करें, ऐसा न हो, कि कोई जन उनके समान आज्ञा न मानकर गिर पड़े।
12 क्यूँके परमेसवर का वचन जिन्दा, अर प्रभावशाली सै, अर वो एक दोधारी तलवार तै भी घणा पैना सै। वो प्राण अर आत्मा ताहीं, अर गाँठ-गाँठ अर गुद्दे-गुद्दे ताहीं न्यारा करकै आरम-पार पाड़ दे सै अर मन की भावनायां अर विचारां ताहीं परख ले सै।
१२क्योंकि परमेश्वर का वचन जीवित, प्रबल, और हर एक दोधारी तलवार से भी बहुत तेज है, प्राण, आत्मा को, गाँठ-गाँठ, और गूदे-गूदे को अलग करके, आर-पार छेदता है; और मन की भावनाओं और विचारों को जाँचता है।
13 जिस ताहीं लेखा देणा सै, उसकी नजर तै कोए भी प्राणी छुप्या कोनी। सारी चीज उसके स्याम्ही साफ अर खुली होड़ सै।
१३और सृष्टि की कोई वस्तु परमेश्वर से छिपी नहीं है वरन् जिसे हमें लेखा देना है, उसकी आँखों के सामने सब वस्तुएँ खुली और प्रगट हैं।
14 ज्यांतै जिब म्हारा इसा बड्ड़ा महायाजक सै, जो सुर्ग म्ह चल्या गया सै, यानिके परमेसवर का बेट्टा यीशु, तो आओ, हम बिश्वास म्ह पक्के बणे रहवां जो हमनै सारे माणसां के आग्गै स्वीकार करया सै।
१४इसलिए, जब हमारा ऐसा बड़ा महायाजक है, जो स्वर्गों से होकर गया है, अर्थात् परमेश्वर का पुत्र यीशु; तो आओ, हम अपने अंगीकार को दृढ़ता से थामे रहें।
15 क्यूँके म्हारा यो महायाजक जो यीशु मसीह सै, म्हारी हरेक कमजोरियाँ नै जाणे सै, बल्के वो सारी बात्तां म्ह म्हारै तरियां परख्या तो गया, फेर भी निष्पाप लिकड़या।
१५क्योंकि हमारा ऐसा महायाजक नहीं, जो हमारी निर्बलताओं में हमारे साथ दुःखी न हो सके; वरन् वह सब बातों में हमारे समान परखा तो गया, तो भी निष्पाप निकला।
16 इस करकै आओ, हम परमेसवर के स्याम्ही बिना डर के जावां जो करुणा तै भरा होया सै, फेर परमेसवर म्हारै पै दया करैगा, अर जिब हमनै मदद की जरूरत होगी तो वो म्हारी मदद करैगा।
१६इसलिए आओ, हम अनुग्रह के सिंहासन के निकट साहस बाँधकर चलें, कि हम पर दया हो, और वह अनुग्रह पाएँ, जो आवश्यकता के समय हमारी सहायता करे।

< इब्रानियों 4 >