< इब्रानियों 3 >

1 ज्यांतै हे बिश्वासी भाईयो, थम जो परमेसवर के कुह्वाओ सों, सुर्ग म्ह साझ्झी होण खात्तर बुलाये गये सों, यीशु पै ध्यान द्यों, जो म्हारे खात्तर परमेसवर की ओड़ तै भेज्जा गया प्रेरित अर महायाजक सै, जिसपै हम बिश्वास करा सां।
Therefore, holy brothers, partakers of a heavenly calling, consider the Apostle and High Priest of our confession, Jesus;
2 यीशु परमेसवर कै प्रति वफादार था, जिस ताहीं उसनै नियुक्त करया था, जिसा मूसा नबी नै भी वफादारी तै पूरा काम करया जो भी परमेसवर नै उस ताहीं करण खात्तर कह्या था।
who was faithful to him who appointed him, as also was Moses in his house.
3 जिसा के घर बणाण आळे माणस नै घर तै बढ़कै सम्मान मिलै सै। इस्से तरियां यीशु मूसा नबी तै घणा सम्मान जोग्गा सै। क्यूँके हरेक घर का कोए ना कोए बणाण आळा होवै सै, पर जिसनै सारा किमे बणाया वो परमेसवर सै।
For he has been counted worthy of more glory than Moses, just as he who built the house has more honor than the house.
4
For every house is built by someone; but he who built all things is God.
5 मूसा नबी तो परमेसवर के घर के माणसां खात्तर सेवक की तरियां बिश्वास जोग्गा रहया। के जो मूसा नबी नै करया था, वो दिखावै सै के परमेसवर आण आळा बखत म्ह के करण आळा सै।
Moses indeed was faithful in all his house as a servant, for a testimony of those things which were afterward to be spoken,
6 पर परमेसवर के कुण्बे म्ह मसीह, तो एक बेट्टे के रूप म्ह बिश्वास लायक सै, अर उस आस म्ह बिश्वास नै बणाए राक्खै सै, तो हमे उसका कुण्बा सां।
but Christ is faithful as a Son over his house; whose house we are, if we hold fast our confidence and the boast of our hope.
7 जिसा परमेसवर अपणे पवित्र आत्मा के जरिये कहवै सै, “जै आज थम परमेसवर की आवाज सुणो,
Therefore, even as the Holy Spirit says, "Today if you will hear his voice,
8 “तो अपणे मन ताहीं कठोर ना करो, जिसा के छो दुवाण के बखत अर इम्तिहान के दिन जंगळ म्ह थारे पूर्वजां नै करया था।
do not harden your hearts, as in the provocation, like as in the day of the trial in the wilderness,
9 थारे पूर्वजां नै चाळीस साल तक मेरे महान् काम देक्खण कै बाद भी चुनौती देन्दे होए मेरे ताहीं परख्या था।
where your fathers tested me and challenged me, and saw my works for forty years.
10 इस कारण मै उस बखत के माणसां तै गुस्सा रहया, अर कह्या, ‘उननै मेरे पाच्छै चालणा न्ही चाह्या, अर इसा करण तै इन्कार कर दिया जो मन्नै उन ताहीं करण का आदेश दिया था।’
Therefore I was displeased with this generation, and said, 'They always err in their heart, but they did not know my ways;'
11 फेर मन्नै छो म्ह आकै कसम खाकै कह्या, के ‘उस आराम की जगहां म्ह थम बड़ण न्ही पाओगे, जित्त मै उननै आराम देऊँगा।’”
as I swore in my wrath, 'They will not enter into my rest.'"
12 हे बिश्वासी भाईयो, चौक्कस रहो के थारे म्ह इसा बुरा अर अबिश्वासी मन ना हो, जिसतै थम जिन्दे परमेसवर तै दूर हो जाओ।
Beware, brothers, lest perhaps there be in any one of you an evil heart of unbelief, in falling away from the living God;
13 जिब भी थम पवित्र ग्रन्थ नै यो कहते सुणो, “आज का दिन” तो एक-दुसरे नै उत्साहित करते रहो, इसा ना हो पाप थारे ताहीं धोक्खा देवै, अर थम परमेसवर कै खिलाफ जिद्दी हो जाओ।
but exhort one another day by day, so long as it is called "today;" lest any one of you be hardened by the deceitfulness of sin.
14 क्यूँके जै हम अन्त तक मजबुत्ती कै साथ अपणे शरुआती बिश्वास नै थाम्मे राक्खां सां, तो हम मसीह के साझ्झीदार बण जावां सां।
For we have become partakers of Christ, if we hold fast the beginning of our confidence firm to the end:
15 जिसा पवित्र ग्रन्थ कहवै सै, “जै आज थम परमेसवर का शब्द सुणो, तो अपणे मनां नै कठोर ना करो, जिसा के छो दुवाण के बखत थारे पूर्वजां नै करया था।”
while it is said, "Today if you will hear his voice, do not harden your hearts, as in the rebellion."
16 कौण थे वे माणस जिननै परमेसवर की आवाज सुणकै भी उस ताहीं छो दुवाया? ये वे माणस थे जिन ताहीं मूसा नबी मिस्र देश तै बाहर लेकै गया था।
For who, when they heard, rebelled? No, did not all those who came out of Egypt by Moses?
17 चाळीस साल तक परमेसवर ताहीं इन माणसां नै गुस्सा दुवाया, ये इस्राएल के माणस थे, जिननै मरुस्थल म्ह पाप करया अर वे मरगे, अर उनकी लाश जंगळ म्ह पड़ी रहीं?
With whom was he displeased forty years? Was not it with those who sinned, whose bodies fell in the wilderness?
18 अर जिब परमेसवर नै कसम खाई के “वे उस आराम की जगहां म्ह कदे न्ही बड़ पावैंगें, जित्त मै उननै आराम देऊँगा।” वो वास्तव म्ह उन माणसां के बारें म्ह बात करै था जिननै उसका बिरोध करया था।
To whom did he swear that they would not enter into his rest, but to those who were disobedient?
19 इस बात तै हमनै यो बेरा लाग्या सै, के वे अपणे अबिश्वास कै कारण बड़ न्ही सके।
We see that they were not able to enter in because of unbelief.

< इब्रानियों 3 >