< प्रेरितों के काम 23 >
1 पौलुस नै यहूदी अगुवां की सभा की ओड़ गौर तै देख्या अर कह्या, “हे भाईयो, मन्नै आज ताहीं परमेसवर कै खात्तर जमा-कती सच्चे मन तै जीवन बिताया सै।”
And Paul, looking steadfastly, at the High-council, said—Brethren! I, in all good conscience have used my citizenship for God until this day.
2 इसपै हनन्याह महायाजक नै उन ताहीं जो उसकै धोरै खड़े थे, उसकै मुँह पै थप्पड़ मारण का हुकम दिया।
And, the High-priest, Ananias, ordered them that stood by him, to be smiting him on the mouth.
3 फेर पौलुस नै उसतै कह्या, “हे चुन्ना फिरी होड़ भीत, परमेसवर तेरे ताहीं मारैगा। तू नियम-कायदे कै मुताबिक मेरा न्याय करण नै बेठ्या सै, अर फेर के नियम-कायदे कै खिलाफ मेरै ताहीं मारण का हुकम देवै सै?”
Then, Paul, unto him, said—God is about to be smiting thee, thou whited wall! Dost, thou, then sit to judge me according to the law, and, unlawfully, orderest me to be smitten?
4 जो धोरै खड़े थे उननै कह्या, “के तू परमेसवर कै महायाजक नै आच्छा-भुंडा बोल्लै सै?”
And, they who stood by, said—The High-priest of God, dost thou revile?
5 पौलुस नै कह्या, “हे भाईयो, मन्नै न्ही बेरा था के यो महायाजक सै, क्यूँके वचन म्ह लिख्या सै: ‘अपणे माणसां के प्रधान नै भुंडा ना बोलिए।’”
And Paul said—I was not aware, brethren, that he was high-priest; because it is written—Of a ruler of thy people, shalt thou not speak injuriously.
6 फेर पौलुस नै न्यू जाणकै के एक टोळ सदूकी अर दुसरा फरीसी लोग्गां का सै, यहूदी अगुवां की सभा म्ह रुक्का मारकै कह्या, “हे भाईयो, मै फरीसी अर फरीसी लोग्गां के वंश का सूं, मरे होया की आस अर पुनरुत्थान कै बारै म्ह मेरा मुकद्दमा होरया सै।”
But Paul, getting to know that, the one part, were Sadducees and, the other, Pharisees, began to cry aloud in the council—Brethren! I, am, a Pharisee, son of Pharisees: —Concerning a hope, even of a rising again of the dead, am I to be judged.
7 जिब उसनै या बात कही तो फरीसियाँ अर सदूकियाँ म्ह दंगा होण लाग्या, अर सभा म्ह फूट पड़गी।
And, as this he was saying, there arose a dissension of the Pharisees and Sadducees; and rent asunder was the throng.
8 क्यूँके सदूकियाँ का बिश्वास तो न्यू कहवै सै, के ना पुनरुत्थान सै, ना सुर्गदूत अर ना आत्मा सै, पर फरीसी इन सारया नै मान्नैं सै।
For, Sadducees, say, there is no rising again, nor messenger, nor spirit, whereas, Pharisees, confess them both.
9 फेर घणा दंगा माच्या अर कुछ शास्त्री जो फरीसियाँ के टोळ के थे, उठ लिए अर न्यू कहकै दंगा करण लाग्गे, “हम इस माणस म्ह कोए बुराई कोनी पांदे, अर जै कोए आत्मा या सुर्गदूत उसतै बोल्या सै तो फेर के होग्या?”
And there arose a great outcry, and certain of the Scribes of the party of the Pharisees, standing up, began to strive, saying—Nothing bad, find we in this man; —but, if a spirit hath spoken unto him, or a messenger…
10 जिब घणा दंगा होया, तो पलटन के सरदार नै इस भय तै के वे पौलुस के टुकड़े-टुकड़े ना कर देवै, पलटन ताहीं हुकम दिया के उतरकै उस ताहीं उनकै बिचाळै तै हाँगै तै लिकाड़ै, अर गढ़ म्ह ले जावै।
And, great dissension arising, the captain, fearing lest Paul would be torn in pieces by them, ordered the troop to go down, and take him by force out of their midst, to bring him into the castle.
11 उस्से रात प्रभु यीशु नै उसकै धोरै खड़े होकै कह्या, “हे पौलुस, धीरज राख, क्यूँके जिसी तन्नै यरुशलेम नगर म्ह मेरी गवाही देई, उसीए तन्नै रोम म्ह भी गवाही देणी होगी।”
But, on the following night, the Lord, standing over him, said—Be of good courage! for, as thou hast fully borne witness of the things concerning me in Jerusalem, so must thou, in Rome also, bear witness.
12 जिब दिन लिकड़या तो यहूदियाँ नै साजिस रची अर कसम खाई के जिब ताहीं हम पौलुस नै मार न्ही देवा, जै हम खावां या पीवां तो म्हारै पै धिक्कार सै।
And, when it became day, the Jews, forming a conspiracy, bound themselves under a curse, saying, that they would neither eat nor drink till they had slain Paul.
13 जिन नै आप्पस म्ह या कसम खाई थी, वे चाळीस जण्यां तै घणे थे।
And they were, more than forty, who, this sworn-confederacy, had formed.
14 उननै प्रधान याजकां अर यहूदी अगुवां कै धोरै जाकै कह्या, “हमनै न्यू ठान लिया सै के जिब ताहीं हम पौलुस नै मार न्ही देंदे, जद ताहीं जै किमे चाक्खां तो म्हारै पै धिक्कार सै।
And they went unto the High-priests and Elders, and said—With a curse have we bound ourselves, to taste, nothing, until we have slain Paul.
15 इस करकै इब यहूदी अगुवां की सभा सुधा पलटन के सरदार नै समझाओ के उसनै थारे धोरै लियावै, मान ल्यो के थम उसकै बारै म्ह और भी सही तै जाँच करणा चाहवो सो, अर हम उसकै पोहोचण तै पैहल्याए उस ताहीं मार देण कै खात्तर त्यार रहवांगें।”
Now, therefore, do, ye, with the High-council, make it appear unto the captain, that he should bring him down unto you, as though about to ascertain more exactly the things that concern him; and, we, or ever he come near, are ready to kill him.
16 पौलुस कै भाण्जै नै सुण्या के वे उसकी टाह म्ह सै, तो गढ़ म्ह जाकै पौलुस ताहीं संदेशां दिया।
But Paul’s sister’s son hearing of the lying-in-wait, happening to be near, and coming into the castle, —reported it unto Paul.
17 पौलुस नै सूबेदारां म्ह तै एक ताहीं अपणे धोरै बुलाकै कह्या, “इस जवान नै पलटन के सरदार कै धोरै ले जाओ, यो उसतै किमे कहणा चाहवै सै।”
And Paul, calling unto him one of the centurions, said—This young man, lead thou away unto the captain, for he hath somewhat to report unto him.
18 इस करकै उसनै उस ताहीं पलटन के सरदार कै धोरै ले जाकै कह्या, “कैदी पौलुस नै मेरै ताहीं बुलाकै बिनती करी के यो जवान पलटन के सरदार तै किमे कहणा चाहवै सै, उस ताहीं उसकै धोरै ले जा।”
He, therefore, taking him with him, brought him unto the captain, and saith—The prisoner Paul, calling me unto him, requested me to bring this young man unto thee, as having somewhat to tell thee.
19 पलटन के सरदार नै उसका हाथ पकड़कै अर न्यारा जाकै बुझ्झया, “तू मेरै तै के कहणा चाहवै सै?”
And the captain, taking him by the hand, and going aside, began, privately, to ask—What is it which thou hast to report unto me?
20 वो बोल्या, “यहूदियाँ नै साजिस रची सै के तेरे तै बिनती करै के काल पौलुस नै यहूदी अगुवां की सभा म्ह ल्यावै, मान्नो वे और सही ढाळ तै उसकी जाँच करणा चाहवै सै।
And he said—The Jews, have agreed to request thee, that, to-morrow, thou wouldst bring, Paul, down into the High-council, as though about to ascertain something, more exact, concerning him.
21 पर उनकी मानियो मतना, क्यूँके उन म्ह तै चाळीस कै उप्पर माणस उसनै मारण की टाह म्ह सै, जिन नै न्यू ठान लिया सै के जिब ताहीं वे पौलुस नै मार न्ही देवै, जद ताहीं ना खावैगें अर ना पीवैगें, अर इब वे त्यार सै अर तेरे वचन की बाट देखण लागरे सै।”
Thou, therefore, do not be persuaded by them, for there are lying in wait for him, from among them, more than forty men, —who, indeed, have bound themselves under a curse, neither to eat nor drink, till they have killed him; and, now, are they ready, awaiting the promise, from thee.
22 फेर पलटन के सरदार नै जवान ताहीं यो हुकम देकै बिदा करया, “किसे तै ना कहिये के तन्नै मेरै तै ये बात बताई सै।”
the captain, therefore, dismissed the young man, charging him—Unto no one, divulge thou, that, these things, thou hast shewed unto me.
23 फेर उसनै दो सूबेदारां ताहीं बुलाकै कह्या, “दो सौ सिपाही, सत्तर सवार, अर दो सौ भालैत, रात के नौ बजे कैसरिया नगर नै जाणकै खात्तर त्यार कर करो।
And calling certain two of the centurions he said—Make ye ready two hundred soldiers, that they may journey as far as Caesarea, —and seventy horsemen, and two hundred spearmen, by the third hour of the night;
24 अर पौलुस की सवारी कै खात्तर घोड़े त्यार राक्खो, के उस ताहीं फेलिक्स राज्यपाल कै धोरै राज्जी-खुशी तै पोहोचा दे।”
beasts also provide, in order that, seating Paul thereon, they may bring him safely through unto Felix the governor.
25 उसनै इस तरियां की चिट्ठी भी लिक्खी
And he wrote a letter, after this form: —
26 महामहिम फेलिक्स राज्यपाल ताहीं क्लौकियुस लूसियास का नमस्कार।
Claudius Lysias, unto the most excellent governor Felix, Joy!
27 इस माणस ताहीं यहूदियाँ नै पकड़कै मार देणा चाह्या, पर जिब मन्नै जाण्या के रोमी सै, तो पलटन लेकै छुड़ा ल्याया।
This man, having been apprehended by the Jews, and being about to be killed by them, I went down with the troop, and rescued; having learned that he was, a Roman.
28 मै जाणणा चाहूँ था के वे उसपै किस कारण दोष लावै सै, ज्यांतै उस ताहीं यहूदी अगुवां की सभा म्ह ले गया।
And, being minded to find out the cause for which they were accusing him, [I took him down into their High-council],
29 फेर मन्नै जाण लिया के वे अपणे नियम-कायदे कै रोळे कै बारै म्ह उसपै इल्जाम लगावै सै, पर मार देण जोग्गा या बाँधे जाणकै जोग्गा उस म्ह कोए कसूर कोनी।
whom I found to be accused concerning questions of their law, but, of nothing worthy of death or bonds, to be charged.
30 जिब मेरै ताहीं बताया गया के वे इस माणस की टाह म्ह लागरे सै तो मन्नै जिब्बे उस ताहीं तेरे धोरै भेज दिया, अर बैरियाँ ताहीं भी हुकम दिया के तेरे स्याम्ही उसपै नालिश करै।
But, when I was informed there would be a plot against the man, forthwith, I sent him unto thee, charging, his accusers also, to be speaking against him before thee.
31 आखर म्ह जिसा सिपाहियाँ नै हुकम मिल्या था, उस्से तरियां ए वे पौलुस नै लेकै रातो-रात अन्तिपत्रिस म्ह आये।
So the soldiers, according to their orders, taking up Paul, brought him by night unto Antipatris;
32 दुसरे दिन वे सवारा नै उसकै गेल्या जाणकै खात्तर छोड़कै खुद यरुशलेम म्ह बोहड़ै।
and, on the morrow, leaving the horsemen to go on with him, returned to the castle, —
33 उननै कैसरिया पोहचकै राज्यपाल ताहीं चिट्ठी दी, अर पौलुस ताहीं भी उसकै स्याम्ही खड्या करया।
and the others, entering into Caesarea, and delivering the letter unto the governor, set, Paul also, before him.
34 राज्यपाल नै चिट्ठी पढ़कै बुझ्झया, “यो किस प्रान्त का सै?”
And, when he had read it, and asked out of what province he was, and learned that he was from Cilicia,
35 अर जिब जाण लिया के किलिकिया परदेस का सै तो उसतै कह्या, “जिब तेरे बैरी भी आवैगें, तो मै तेरा मुकद्दमा करुँगा।” अर उसनै उस ताहीं हेरोदेस कै किले म्ह पहरे म्ह राक्खण का हुकम दिया।
I myself will hear thee in full, said he, whensoever, thine accusers also, are come; and gave orders that, in the palace of Herod, he should be kept under guard.