< 1 कुरिन्थियों 14 >

1 एक-दुसरे तै प्यार करण की कोशिश करो, अर आत्मिक वरदान्नां की भी धुन म्ह रहो, खास करकै यो के भविष्यवाणी करो।
ପ୍ରେମର ଅନୁସରଣ କର, ପୁଣି, ଆତ୍ମିକ ଦାନସବୁ ପାଇବା ନିମନ୍ତେ, ବିଶେଷତଃ ଯେପରି ଭାବବାଣୀ କହିପାର, ଏଥିନିମନ୍ତେ ଏକାନ୍ତ ଚେଷ୍ଟା କର।
2 क्यूँके जो अन्य भाषा म्ह बात करै सै वो माणसां तै न्ही पर परमेसवर तै बात करै सै, ज्यांतै के उसकी बात कोए न्ही समझदा, क्यूँके वो भेद की बात पवित्र आत्मा की शक्ति तै बोल्लै सै।
କାରଣ ଯେ ପରଭାଷାରେ କଥା କହେ, ସେ ମନୁଷ୍ୟକୁ କଥା କହେ ନାହିଁ, କିନ୍ତୁ ଈଶ୍ବରଙ୍କୁ କହେ, ଯେଣୁ କେହି ତାହା ବୁଝେ ନାହିଁ, ମାତ୍ର ସେ ପବିତ୍ର ଆତ୍ମା ଦ୍ୱାରା ନିଗୂଢ଼ ବିଷୟ କହେ।
3 पर जो भविष्यवाणी करै सै, वो बिश्वासियाँ नै मजबूत करण की, उत्साहित करण की, अर शान्ति की बात कहवै सै।
କିନ୍ତୁ ଯେ ଭାବବାଣୀ କହେ, ସେ ମନୁଷ୍ୟମାନଙ୍କୁ ନିଷ୍ଠା, ଉତ୍ସାହ ଓ ସାନ୍ତ୍ୱନାଜନକ କଥା କହେ।
4 जो अन्य भाषा म्ह बात करै सै, वो अपणा ए बिश्वास मजबूत करै सै, पर जो भविष्यवाणी करै सै, वो कलीसिया के बिश्वासियाँ के बिश्वास नै मजबूत करै सै।
ଯେ ପରଭାଷାରେ କଥା କହେ, ସେ ନିଜର ନିଷ୍ଠା ଜନ୍ମାଏ, କିନ୍ତୁ ଯେ ଭାବବାଣୀ କହେ, ସେ ମଣ୍ଡଳୀର ନିଷ୍ଠା ଜନ୍ମାଏ।
5 मै चाहूँ सूं के थारे म्ह तै हरेक नै अन्य भाषायां म्ह बात करण की काबलियत मिलै, पर इसकी बजाए आच्छा तो यो सै के थमनै भविष्यवाणी की काबलियत मिलै, क्यूँके जो भविष्यवाणी करै सै, वो उस अन्य भाषा बोल्लण आळा तै, जो उसका मतलब खोल कै बताए बिना अन्य भाषा म्ह बात करै सै, उसतै आच्छा सै, क्यूँके उसका मतलब खोल कै बताये जाण पैए कलीसिया के बिश्वासियाँ के बिश्वास की बढ़ोतरी हो सकै सै।
ତୁମ୍ଭେମାନେ ସମସ୍ତେ ଯେ ପରଭାଷାରେ କଥା କୁହ, ଏହା ମୋହର ଇଚ୍ଛା, କିନ୍ତୁ ତୁମ୍ଭେମାନେ ଯେ ଭାବବାଣୀ କୁହ, ଏହା ମୋହର ଅଧିକ ଇଚ୍ଛା; ଯେ ପରଭାଷାରେ କଥା କହେ, ସେ ଯଦି ମଣ୍ଡଳୀର ନିଷ୍ଠା ପ୍ରାପ୍ତି ନିମନ୍ତେ ଭାଷାର ଅର୍ଥ ନ କରେ, ତେବେ ତାହା ଅପେକ୍ଷା ଯେ ଭାବବାଣୀ କହେ, ସେ ଶ୍ରେଷ୍ଠ।
6 ज्यांतै, हे बिश्वासी भाईयो, जै मै थारे तै अन्य भाषा म्ह बात करुँ, तो उसतै थमनै के फायदा होगा, जै इस म्ह थारे खात्तर कोए प्रकाशन, ज्ञान, भविष्यवाणी या शिक्षा की बात ना हो, तो मै इस म्ह थारा के भला करुँगा?
ଏପରି ସ୍ଥଳେ ହେ ଭାଇମାନେ, ମୁଁ ଯଦି ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ନିକଟକୁ ଯାଇ ପ୍ରକାଶିତ ବାକ୍ୟ, ବା ଜ୍ଞାନ, ବା ଭାବବାଣୀ, ବା ଶିକ୍ଷାର କଥା ନ କହି କେବଳ ପରଭାଷାରେ କଥା କହେ, ତେବେ ସେଥିରେ ମୁଁ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କର କଅଣ ଉପକାର କରିବି?
7 इस्से ढाळ बेजान चीज म्ह तै भी आवाज लिकड़ै सै, चाहे बाँसुरी हो या संगीत के साज, जै उनतै लिकड़ै सुरां म्ह फर्क ना हो तो यो किस तरियां बेरा लाग्गैगा के यो कौण सा साज बजाया जाण लाग रह्या सै।
ବଂଶୀ ହେଉ ବା ବୀଣା ହେଉ, ନିର୍ଜୀବ ବାଦ୍ୟଯନ୍ତ୍ର ବାଜିଲେ ସୁଦ୍ଧା ଯଦି ସ୍ୱରରେ ପାର୍ଥକ୍ୟ ନ ଥାଏ, ତେବେ ବଂଶୀରେ କଅଣ ବାଜୁଅଛି ବା ବୀଣାରେ କଅଣ ବାଜୁଅଛି, ତାହା କିପରି ଜଣାଯିବ?
8 अर जै तुरही का शब्द साफ ना हो, तो कौण लड़ाई कै खात्तर त्यारी करैगा?
ପୁଣି, ତୂରୀ ଯଦି ଅସ୍ପଷ୍ଟ ଧ୍ୱନି କରେ, ତେବେ କିଏ ଯୁଦ୍ଧ ନିମନ୍ତେ ପ୍ରସ୍ତୁତ ହେବ?
9 इस्से तरियां जै थम अन्य भाषा म्ह बोल्लों सों, अर थारे शब्दां नै कोए समझ न्ही पावै, के थम के बोल्लण लागरे सों? तो यो तो हवा तै बात करण जिसा होगा।
ସେହିପରି ତୁମ୍ଭେମାନେ ମଧ୍ୟ ଯଦି ଜିହ୍ୱା ଦ୍ୱାରା ସହଜ ବୋଧଗମ୍ୟ କଥା ନ କୁହ, ତେବେ କଅଣ କହୁଅଛ, ତାହା କିପରି ଜଣାଯିବ? କାରଣ ତୁମ୍ଭେମାନେ ଶୂନ୍ୟକୁ କହିବା ପରି ହେବ।
10 भलाए दुनिया म्ह कितनी ए ढाळ की भाषा क्यूँ ना हों, पर हरेक भाषा का मतलब सै।
ଜଗତରେ ହୋଇପାରେ ଅନେକ ପ୍ରକାର ଶବ୍ଦ ଅଛି, ପୁଣି କୌଣସି ଶବ୍ଦ ଅର୍ଥଶୂନ୍ୟ ନୁହେଁ।
11 पर जै मै किसे भाषा का मतलब ना समझूँ, तो बोल्लण आळे की निगांह म्ह परदेशी ठहरूँगा, अर बोल्लण आळा भी मेरी निगांह म्ह परदेशी ठहरैगा।
ଏଣୁ ମୁଁ ଯଦି ସେହି ଶବ୍ଦର ଅର୍ଥ ନ ବୁଝେ, ତେବେ ଯେ କହେ, ମୁଁ ତାହା ପ୍ରତି ବର୍ବର ପରି ହେବି, ଆଉ ସେ ମୋʼ ନିକଟରେ ବିଦେଶୀୟ ପରି ହେବ।
12 ज्यांतै थम भी जिब आत्मिक वरदानां की खोज म्ह हो, तो इसे वरदानां की लालसा राक्खों, जिसतै कलीसिया के बिश्वासी माणसां का बिश्वास भी मजबूत हो सकै।
ସେହି ପ୍ରକାରେ ତୁମ୍ଭେମାନେ ମଧ୍ୟ ଆତ୍ମିକ ଦାନସବୁ ପାଇବାକୁ ଏକାନ୍ତ ଚେଷ୍ଟା କରୁଥିବାରୁ ମଣ୍ଡଳୀର ନିଷ୍ଠା ନିମନ୍ତେ ସେହିସବୁ ପ୍ରଚୁର ପରିମାଣରେ ପାଇବାକୁ ଚେଷ୍ଟା କର।
13 इस कारण जो अन्य भाषा बोल्लै, वो प्रार्थना करै के उसका खोल कै मतलब भी बता सकै।
ଅତଏବ, ଯେ ପରଭାଷାରେ କଥା କହେ, ସେ ଯେପରି ଅର୍ଥ କରିପାରେ, ଏଥିନିମନ୍ତେ ପ୍ରାର୍ଥନା କରୁ।
14 ज्यांतै जै मै अन्य भाषा म्ह प्रार्थना करुँ, तो मेरी आत्मा प्रार्थना करै सै, पर मेरी बुद्धि काम न्ही देंदी।
କାରଣ ମୁଁ ଯଦି ପରଭାଷାରେ ପ୍ରାର୍ଥନା କରେ, ତେବେ ମୋହର ଆତ୍ମା ପ୍ରାର୍ଥନା କରେ, କିନ୍ତୁ ମୋହର ମନ ଫଳହୀନ ହୁଏ।
15 इस बजह तै मै आत्मा तै भी प्रार्थना करुँगा, अर बुद्धि तै भी प्रार्थना करुँगा, मै आत्मा तै भी गाऊँगा, अर बुद्धि तै भी गाऊँगा।
ତେବେ କର୍ତ୍ତବ୍ୟ କଅଣ? ମୁଁ ଆତ୍ମା ଦ୍ୱାରା ପ୍ରାର୍ଥନା କରିବି; ପୁଣି, ବୁଦ୍ଧି ସହିତ ମଧ୍ୟ ପ୍ରାର୍ଥନା କରିବି; ଆତ୍ମା ଦ୍ୱାରା ସ୍ତୁତିଗାନ କରିବି, ପୁଣି, ବୁଦ୍ଧି ସହିତ ମଧ୍ୟ ସ୍ତୁତିଗାନ କରିବି।
16 मान ल्यो के कई आम आदमी थारे गैल परमेसवर की आराधना म्ह शामिल होवै सै, अर जिब थम अपणी आत्मा के साथ परमेसवर की आराधना करण लागरे सों, अर जो थम बोल्लो सों वो उननै समझ कोनी आन्दा, तो परमेसवर का धन्यवाद करण कै बाद, उननै किस तरियां बेरा लाग्गैगा के कद “आमीन” कहणा सै, जो थम कहण लागरे सों?
ନତୁବା ତୁମ୍ଭେ ଯଦି ଆତ୍ମା ଦ୍ୱାରା ଧନ୍ୟବାଦ ଦିଅ, ତେବେ ସାଧାରଣ ଲୋକ ତୁମ୍ଭ କଥା ନ ବୁଝିବାରୁ କିପରି ତୁମ୍ଭ ଧନ୍ୟବାଦରେ ଆମେନ୍‍ କହିବ?
17 परमेसवर का धन्यवाद करणा थारे खात्तर अदभुत हो सकै सै, पर यो दुसरयां ताहीं उनके बिश्वास म्ह मजबूत न्ही बणा सकदा।
ଯେଣୁ ତୁମ୍ଭେ ଉତ୍ତମ ରୂପେ ଧନ୍ୟବାଦ ଦେଉଅଛ ସତ, କିନ୍ତୁ ସେହି ଅନ୍ୟ ଜଣର ଉନ୍ନତି ହୁଏ ନାହିଁ।
18 मै अपणे परमेसवर का धन्यवाद करुँ सूं, के मै थम सारया तै घणा अन्य भाषायां म्ह बोल्लू सूं।
ମୁଁ ତୁମ୍ଭ ସମସ୍ତଙ୍କ ଅପେକ୍ଷା ଅଧିକ ରୂପେ ପରଭାଷାରେ କଥା କହେ ବୋଲି ଈଶ୍ବରଙ୍କୁ ଧନ୍ୟବାଦ ଦେଉଅଛି;
19 पर कलीसिया म्ह अन्य भाषा म्ह दस हजार बात कहण तै यो मन्नै और भी सही लाग्गै सै, के दुसरयां नै सिखाण कै खात्तर मै बुद्धि तै पाँच ए बात कह सकू।
ତଥାପି ମୁଁ ଯେପରି ଅନ୍ୟମାନଙ୍କୁ ମଧ୍ୟ ଶିକ୍ଷା ଦେଇ ପାରେ, ଏଥିନିମନ୍ତେ ମଣ୍ଡଳୀରେ ପରଭାଷାରେ ଦଶ ହଜାର କଥା କହିବା ଅପେକ୍ଷା ବରଂ ବୁଦ୍ଧି ସହିତ ପାଞ୍ଚୋଟି କଥା କହିବାକୁ ଭଲ ପାଏ।
20 हे बिश्वासी भाईयो, इन बात्तां नै समझण म्ह बाळक ना बणो, बुराई करण म्ह तो बाळक बणे रहो, पर इस तरियां के मामलां नै समझण म्ह श्याणे बणो।
ହେ ଭାଇମାନେ, ବୁଦ୍ଧିରେ ବାଳକ ପରି ହୁଅ ନାହିଁ, ବରଂ ମନ୍ଦ ବିଷୟରେ ଶିଶୁ ପରି ହୁଅ, କିନ୍ତୁ ବୁଦ୍ଧିରେ ପୂର୍ଣ୍ଣ-ବୟସ୍କ ହୁଅ।
21 पवित्र ग्रन्थ म्ह लिख्या सै, के प्रभु कहवै सै, “के मै अजनबियाँ के जरिये बात करुँगा, जो अन्य भाषा बोल्लैगें, तोभी वे मेरी न्ही सुणैगें।”
ବ୍ୟବସ୍ଥାରେ ଲେଖାଅଛି, “ପ୍ରଭୁ କହନ୍ତି, ବିଦେଶୀୟ ଭାଷାବାଦୀମାନଙ୍କ ଦ୍ୱାରା ଓ ବିଦେଶୀୟମାନଙ୍କ ମୁଖ ଦ୍ୱାରା ଆମ୍ଭେ ଏହି ଲୋକମାନଙ୍କୁ କଥା କହିବା, ତାହାହେଲେ ସୁଦ୍ଧା ସେମାନେ ଆମ୍ଭର କଥା ଶୁଣିବେ ନାହିଁ।”
22 ज्यांतै अन्य भाषा बिश्वासियाँ कै खात्तर न्ही, पर अबिश्वासियाँ कै खात्तर निशान्नी सै, जो ये भाषा न्ही समझते, पर भविष्यवाणी अबिश्वासियाँ कै खात्तर न्ही, पर बिश्वासियाँ कै खात्तर निशान्नी सै।
ଏଣୁ ପରଭାଷାରେ କଥା କହିବା ବିଶ୍ୱାସୀମାନଙ୍କ ନିମନ୍ତେ ଚିହ୍ନସ୍ୱରୂପ ନୁହେଁ, ମାତ୍ର ଅବିଶ୍ୱାସୀମାନଙ୍କ ନିମନ୍ତେ ଚିହ୍ନସ୍ୱରୂପ; ଅନ୍ୟ ପକ୍ଷରେ ଭାବବାଣୀ କହିବା ଅବିଶ୍ୱାସୀମାନଙ୍କ ନିମନ୍ତେ ଚିହ୍ନସ୍ୱରୂପ ନୁହେଁ, ମାତ୍ର ବିଶ୍ୱାସୀମାନଙ୍କ ନିମନ୍ତେ ଚିହ୍ନସ୍ୱରୂପ।
23 इस करकै जै कलीसिया एक जगहां कठ्ठी हो, अर सारे के सारे अन्य भाषा बोल्लै, जो ये भाषा न्ही समझते, या अबिश्वासी माणस भीत्त्तर आ जावै, तो के वे थमनै बावळे न्ही कहवैगें?
ଆହୁରି ମଧ୍ୟ ସମସ୍ତ ମଣ୍ଡଳୀ ଯଦି ସମବେତ ହୁଏ ଓ ସମସ୍ତେ ପରଭାଷାରେ କଥା କହନ୍ତି, ପୁଣି, ସାଧାରଣ ବା ଅବିଶ୍ୱାସୀ ଲୋକମାନେ ଆସନ୍ତି, ତାହାହେଲେ ତୁମ୍ଭେମାନେ ପାଗଳ ବୋଲି କଅଣ ସେମାନେ କହିବେ ନାହିଁ?
24 पर जै सारे भविष्यवाणी करण लाग्गे, अर कोए अबिश्वासी माणस या जो भविष्यवाणी नै न्ही समझते हो, भीत्त्तर आ जावै, तो उननै अपणे पापां का अहसास होगा अर जो थम बोल्लण लागरे सों उसकी बजह तै अपणे-आप ताहीं कसूरवार महसूस करैंगें।
କିନ୍ତୁ ଯଦି ସମସ୍ତେ ଭାବବାଣୀ କହନ୍ତି, ପୁଣି, ଜଣେ ଅବିଶ୍ୱାସୀ ବା ସାଧାରଣ ଲୋକ ଆସେ, ତେବେ ସେ ସମସ୍ତଙ୍କ ଦ୍ୱାରା ଦୋଷୀ ବୋଲି ପ୍ରମାଣିତ ହୁଏ, ସମସ୍ତଙ୍କ ଦ୍ୱାରା ବିଚାରିତ ହୁଏ,
25 अर परमेसवर का संदेश उस ताहीं उसकी बुराई या उसकी गुप्त सोच का अहसास करां देवैगा। वो महसूस करैगा के वो पापी सै, अर वो पाप करणा छोड़ देगा अर वो झुककै प्रभु की आराधना करैगा, अर मान लेवैगा के सच म्ह ए परमेसवर थारे बिचाळै सै।
ତାହାର ହୃଦୟର ଗୁପ୍ତ ବିଷୟସବୁ ପ୍ରକାଶିତ ହୁଏ; ସେଥିରେ ସେ ମୁହଁ ମାଡ଼ି ପଡ଼ିବ ଓ ଈଶ୍ବର ଯେ ନିଶ୍ଚୟ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ଅଛନ୍ତି, ଏହା ସ୍ୱୀକାର କରି ତାହାଙ୍କୁ ପ୍ରଣାମ କରିବ।
26 हे बिश्वासी भाईयो, सुणो के ये बात किस तरियां होणी चाहिये? जिब थम आराधना खात्तर कठ्ठे होवो सो, तो थारे म्ह तै कोए तो भजन गावै सै, कोए उपदेश देवै सै, कोए प्रभु के जरिये दिए गये प्रकाशन सै, कोए अन्य भाषा म्ह बात करै सै, कोए उसका मतलब बतावै सै। इन सारी बात्तां का मकसद योए सै, के कलीसिया बिश्वास म्ह मजबूत हो सकै।
ହେ ଭାଇମାନେ, ତେବେ କର୍ତ୍ତବ୍ୟ କଅଣ? ତୁମ୍ଭେମାନେ ସମବେତ ହେବା ସମୟରେ ଗୀତ, ବା ଶିକ୍ଷା, ବା ପ୍ରକାଶିତ ବାକ୍ୟ, ବା ପରଭାଷା ବା ଭାଷାର ଅର୍ଥ, ଏପରି ପ୍ରତ୍ୟେକର କିଛି ନା କିଛି ଅଛି। ସମସ୍ତ ବିଷୟ ନିଷ୍ଠା ନିମନ୍ତେ କରାଯାଉ।
27 जै अन्य भाषा म्ह बात करै तो ज्यादा तै ज्यादा दो या तीन माणस बारी-बारी तै बोल्लै, अर एक माणस उन बात्तां का खोल कै मतलब भी बतावै।
ଯଦି କେହି ପରଭାଷାରେ କଥା କହେ, ତେବେ ଦୁଇ ଅବା ଅଧିକ ହେଲେ ତିନି ଜଣ ପାଳି ଅନୁସାରେ କହନ୍ତୁ, ଆଉ ଜଣେ ଅର୍ଥ କରୁ।
28 पर जै खोल कै मलतब बताणीया ना हो, तो अन्य भाषा बोल्लण आळा कलीसिया म्ह शान्त रहवै, अर अपणे मन म्ह परमेसवर तै बात करै।
କିନ୍ତୁ ଯଦି କୌଣସି ଅର୍ଥକାରକ ନ ଥାଏ, ତାହାହେଲେ ସେ ମଣ୍ଡଳୀରେ ନୀରବ ରହୁ ଓ ନିରୋଳାରେ ଈଶ୍ବରଙ୍କୁ କହୁ।
29 नबियाँ म्ह तै दो या तीन बोल्लै, अर बाकी माणस उनकै वचन नै परखै।
ଆଉ, ଦୁଇ ବା ତିନି ଜଣ ଭାବବାଣୀ କହନ୍ତୁ, ପୁଣି, ଅନ୍ୟମାନେ ବିଚାର କରନ୍ତୁ।
30 जै उस बखत ओड़ै कोए बेठ्या हो जिस ताहीं ईश्वरीय प्रकाशन मिलै, तो पैहले आळा माणस चुप हो जावै अर दुसरे माणस नै बोल्लण दे।
କିନ୍ତୁ ଉପବିଷ୍ଟ ଅନ୍ୟ କାହାରି ପ୍ରତି ଯଦି କୌଣସି ବାକ୍ୟ ପ୍ରକାଶିତ ହୁଏ, ତାହାହେଲେ ପ୍ରଥମ ଜଣକ ନୀରବ ହେଉ।
31 थम सारे एक-एक करकै भविष्यवाणी कर सको हो, ताके सारे सीखै अर सारे उत्साहित भी हो जावै।
କାରଣ ଯେପରି ସମସ୍ତେ ଶିକ୍ଷା ପାଆନ୍ତି, ପୁଣି, ସମସ୍ତେ ଚେତନା ପ୍ରାପ୍ତ ହୁଅନ୍ତି, ଏଥିନିମନ୍ତେ ତୁମ୍ଭେମାନେ ସମସ୍ତେ ଜଣ ଜଣ କରି ଭାବବାଣୀ କହିପାର।
32 अर नबियाँ की आत्मा नबियाँ कै बस म्ह सै, उसकै भित्तर इतनी काबलियत सै, के वो अपणी इच्छा के मुताबिक बोल सकै सै, अर चुप भी रह सकै सै।
ଭାବବାଦୀମାନଙ୍କ ଆତ୍ମା ଭାବବାଦୀମାନଙ୍କର ବଶୀଭୂତ।
33 क्यूँके परमेसवर गड़बड़ी का न्ही, पर शान्ति का परमेसवर सै। यो वो नियम सै जिसका पालन परमेसवर के माणसां के सारी कलीसियाओं म्ह करया जाणा चाहिए।
କାରଣ ଈଶ୍ବର ବିଶୃଙ୍ଖଳତାର ଈଶ୍ବର ନୁହଁନ୍ତି, ମାତ୍ର ଶାନ୍ତିର ଈଶ୍ବର।
34 बिरबान्नी कलीसिया की सभा म्ह चुपचाप रहवै, क्यूँके उन ताहीं बात करण का हुकम कोनी, पर अधीन रहण का हुकम सै, जिसा नियम-कायदे म्ह लिख्या भी सै।
ସାଧୁମାନଙ୍କ ସମସ୍ତ ମଣ୍ଡଳୀରେ ଯେପରି ହୋଇଥାଏ, ସେହିପରି ସ୍ତ୍ରୀଲୋକମାନେ ମଣ୍ଡଳୀରେ ନୀରବ ରହନ୍ତୁ, ଯେଣୁ କଥା କହିବା ପାଇଁ ସେମାନେ ଅନୁମତି ପାଇ ନାହାନ୍ତି, ବରଂ ମୋଶାଙ୍କ ବ୍ୟବସ୍ଥାର ଉକ୍ତି ଅନୁସାରେ ସେମାନେ ବଶୀଭୂତ ହୋଇ ରହନ୍ତୁ।
35 जै वे किमे सिखणा चाहवै, तो घर म्ह अपणे-अपणे धणी तै बुझै, क्यूँके बिरबान्नी का कलीसिया म्ह घणा बोलणा शर्म की बात सै।
ସେମାନେ ଯଦି କୌଣସି ବିଷୟ ବୁଝିବାକୁ ଇଚ୍ଛା କରନ୍ତି, ତେବେ ଘରେ ଆପଣା ଆପଣା ସ୍ୱାମୀମାନଙ୍କୁ ପଚାରନ୍ତୁ, କାରଣ ମଣ୍ଡଳୀ ମଧ୍ୟରେ କଥା କହିବା ସ୍ତ୍ରୀଲୋକ ପକ୍ଷରେ ଲଜ୍ଜାଜନକ।
36 इसा क्यूँ सै के थारे म्ह तै कुछ पैहले उप्पर लिखे होए नियमां का पालन न्ही करणा चाहन्दे? के थमनै लाग्गै सै, के थम परमेसवर का वचन देण आळे पैहले आदमी सों?
କଅଣ? ଈଶ୍ବରଙ୍କ ବାକ୍ୟ କି ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କଠାରୁ ବାହାରିଅଛି? ଅବା କେବଳ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ନିକଟକୁ ଆସିଅଛି?
37 जै कोए माणस खुद नै नबी या आत्मिक माणस समझै, तो न्यू जाण ले के जो बात मै थमनै लिखूँ सूं, वे प्रभु के हुकम सै।
କେହି ଯଦି ଆପଣାକୁ ଭାବବାଦୀ ବା ଆତ୍ମିକ ଦାନ ପ୍ରାପ୍ତ ବୋଲି ମନେ କରେ, ତାହାହେଲେ ମୁଁ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ଯାହା ଯାହା ଲେଖୁଅଛି, ସେହିସବୁ ଯେ ପ୍ରଭୁଙ୍କ ଆଜ୍ଞା, ଏହା ସେ ଜ୍ଞାତ ହେଉ।
38 जै कोए माणस इन बात्तां पै बिश्वास न्ही करदा, तो थम भी उसकी बात्तां पै बिश्वास ना करो, जो वो बोल्लण लागरया सै।
କିନ୍ତୁ କେହି ଯଦି ଜ୍ଞାତ ନ ହୁଏ, ତେବେ ସେ ଅଜ୍ଞାତ ରହୁ।
39 इस करकै हे बिश्वासी भाईयो, भविष्यवाणी करण की धुन म्ह रहो, अर अन्य भाषा बोल्लण तै मना ना करो।
ଏଣୁ ହେ ମୋହର ଭାଇମାନେ, ଭାବବାଣୀ କହିବାକୁ ଏକାନ୍ତ ଚେଷ୍ଟା କର; ପୁଣି, ପରଭାଷାରେ କଥା କହିବାକୁ ମନା ନ କର।
40 कलीसिया म्ह जो कुछ भी करो सों, आच्छी तरियां अर सही ढंग तै करया जावै।
କିନ୍ତୁ ସମସ୍ତ ବିଷୟ ସୁନ୍ଦରତାରେ ଓ ଶୃଙ୍ଖଳତାନୁସାରେ କରାଯାଉ।

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