< Jòb 14 >

1 Lòm ki fèt de fanm gen vi kout ki plen traka.
“मनुष्य जो स्त्री से उत्पन्न होता है, उसके दिन थोड़े और दुःख भरे है।
2 Tankou yon flè, li parèt e li fennen. Anplis, li sove ale kon lonbraj. Li pa dire.
वह फूल के समान खिलता, फिर तोड़ा जाता है; वह छाया की रीति पर ढल जाता, और कहीं ठहरता नहीं।
3 Èske Ou ouvri zye Ou sou li pou mennen li an jijman avèk W?
फिर क्या तू ऐसे पर दृष्टि लगाता है? क्या तू मुझे अपने साथ कचहरी में घसीटता है?
4 Se kilès ki kab fè pwòp sa ki pa pwòp? Pèsòn!
अशुद्ध वस्तु से शुद्ध वस्तु को कौन निकाल सकता है? कोई नहीं।
5 Konsi fòs jou li yo avèk Ou, fòs mwa li yo avèk Ou. Ou te etabli limit li ke li p ap kab depase.
मनुष्य के दिन नियुक्त किए गए हैं, और उसके महीनों की गिनती तेरे पास लिखी है, और तूने उसके लिये ऐसा सीमा बाँधा है जिसे वह पार नहीं कर सकता,
6 Retire zye Ou sou li pou l kab pran repò, jiskaske li kab konplete jou li yo, kon yon ouvriye jounalye.
इस कारण उससे अपना मुँह फेर ले, कि वह आराम करे, जब तक कि वह मजदूर के समान अपना दिन पूरा न कर ले।
7 Gen espwa pou yon pyebwa lè l koupe, li kab boujonnen ankò, nouvo boujon yo kab reyisi.
“वृक्ष के लिये तो आशा रहती है, कि चाहे वह काट डाला भी जाए, तो भी फिर पनपेगा और उससे नर्म-नर्म डालियाँ निकलती ही रहेंगी।
8 Malgre rasin li yo vin vye nan tè a, e chouk li mouri nan tè sèch,
चाहे उसकी जड़ भूमि में पुरानी भी हो जाए, और उसका ठूँठ मिट्टी में सूख भी जाए,
9 fè rive yon gout dlo, e li va pete pouse boujon yo kon yon plant.
तो भी वर्षा की गन्ध पाकर वह फिर पनपेगा, और पौधे के समान उससे शाखाएँ फूटेंगी।
10 Men lòm mouri pou kouche plat. Lòm mouri e kibò li ye?
१०परन्तु मनुष्य मर जाता, और पड़ा रहता है; जब उसका प्राण छूट गया, तब वह कहाँ रहा?
11 Tankou dlo lanmè fè vapè monte e rivyè a vin sèch,
११जैसे नदी का जल घट जाता है, और जैसे महानद का जल सूखते-सूखते सूख जाता है,
12 konsa lòm kouche, e li pa leve ankò. Jiskaske syèl yo vin disparèt, li p ap reveye, ni leve ankò.
१२वैसे ही मनुष्य लेट जाता और फिर नहीं उठता; जब तक आकाश बना रहेगा तब तक वह न जागेगा, और न उसकी नींद टूटेगी।
13 O ke ou ta kapab kache mwen nan sejou lanmò an, pou ou ta kapab fè m kache jiskaske chalè Ou retounen kote Ou! Ke Ou ta fikse yon limit pou mwen, e sonje m! (Sheol h7585)
१३भला होता कि तू मुझे अधोलोक में छिपा लेता, और जब तक तेरा कोप ठंडा न हो जाए तब तक मुझे छिपाए रखता, और मेरे लिये समय नियुक्त करके फिर मेरी सुधि लेता। (Sheol h7585)
14 Si yon nonm mouri, èske li va leve ankò? Pou tout jou a lit mwen yo, mwen ta tann jiskaske lè rive pou yo lage m.
१४यदि मनुष्य मर जाए तो क्या वह फिर जीवित होगा? जब तक मेरा छुटकारा न होता तब तक मैं अपनी कठिन सेवा के सारे दिन आशा लगाए रहता।
15 Ou ta rele e mwen ta reponn Ou; Konsa, Ou ta anvi anpil zèv men Ou yo.
१५तू मुझे पुकारता, और मैं उत्तर देता हूँ; तुझे अपने हाथ के बनाए हुए काम की अभिलाषा होती है।
16 Paske koulye a, ou konte tout pa mwen fè yo. Èske Ou pa swiv peche m yo?
१६परन्तु अब तू मेरे पग-पग को गिनता है, क्या तू मेरे पाप की ताक में लगा नहीं रहता?
17 Transgresyon mwen yo sele nèt nan yon sachè Konsa, Ou vlope tout inikite m yo.
१७मेरे अपराध छाप लगी हुई थैली में हैं, और तूने मेरे अधर्म को सी रखा है।
18 Men mòn nan kap tonbe pa mòso pa fè anyen; wòch la ap kite plas li.
१८“और निश्चय पहाड़ भी गिरते-गिरते नाश हो जाता है, और चट्टान अपने स्थान से हट जाती है;
19 Dlo a epwize wòch yo, gran fòs li lave pousyè tè a. Se konsa Ou detwi espwa a lòm.
१९और पत्थर जल से घिस जाते हैं, और भूमि की धूलि उसकी बाढ़ से बहाई जाती है; उसी प्रकार तू मनुष्य की आशा को मिटा देता है।
20 Ou vin fè l soumèt nèt pou tout tan, e li pati; Ou chanje aparans li, e voye l ale.
२०तू सदा उस पर प्रबल होता, और वह जाता रहता है; तू उसका चेहरा बिगाड़कर उसे निकाल देता है।
21 Fis li yo vin resevwa lonè, men li menm pa konnen sa; oswa fis li yo vin pa anyen, men li pa apèsi sa.
२१उसके पुत्रों की बड़ाई होती है, और यह उसे नहीं सूझता; और उनकी घटी होती है, परन्तु वह उनका हाल नहीं जानता।
22 Men kò l fè mal; epi li fè dèy sèlman pou pwòp tèt li.
२२केवल उसकी अपनी देह को दुःख होता है; और केवल उसका अपना प्राण ही अन्दर ही अन्दर शोकित होता है।”

< Jòb 14 >