< Κατα Ιωαννην 6 >
1 Μετὰ ταῦτα ἀπῆλθεν ὁ Ἰησοῦς πέραν τῆς θαλάσσης τῆς Γαλιλαίας, τῆς Τιβεριάδος.
इन बातों के बाद 'ईसा गलील की झील या'नी तिबरियास की झील के पार गया।
2 Καὶ ἠκολούθει αὐτῷ ὄχλος πολύς, ὅτι ἑώρων αὐτοῦ τὰ σημεῖα ἃ ἐποίει ἐπὶ τῶν ἀσθενούντων.
और बड़ी भीड़ उसके पीछे हो ली क्यूँकि जो मोजिज़े वो बीमारों पर करता था उनको वो देखते थे।
3 Ἀνῆλθε δὲ εἰς τὸ ὄρος ὁ Ἰησοῦς, καὶ ἐκεῖ ἐκάθητο μετὰ τῶν μαθητῶν αὐτοῦ.
ईसा पहाड़ पर चढ़ गया और अपने शागिर्दों के साथ वहाँ बैठा।
4 Ἦν δὲ ἐγγὺς τὸ Πάσχα, ἡ ἑορτὴ τῶν Ἰουδαίων.
और यहूदियों की 'ईद — ए — फ़सह नज़दीक थी।
5 Ἐπάρας οὖν ὁ Ἰησοῦς τοὺς ὀφθαλμούς, καὶ θεασάμενος ὅτι πολὺς ὄχλος ἔρχεται πρὸς αὐτόν, λέγει πρὸς τὸν Φίλιππον, Πόθεν ἀγοράσομεν ἄρτους, ἵνα φάγωσιν οὗτοι;
पस जब 'ईसा ने अपनी आँखें उठाकर देखा कि मेरे पास बड़ी भीड़ आ रही है, तो फ़िलिप्पुस से कहा, “हम इनके खाने के लिए कहाँ से रोटियाँ ख़रीद लें?”
6 Τοῦτο δὲ ἔλεγε πειράζων αὐτόν· αὐτὸς γὰρ ᾔδει τί ἔμελλε ποιεῖν.
मगर उसने उसे आज़माने के लिए ये कहा, क्यूँकि वो आप जानता था कि मैं क्या करूँगा।
7 Ἀπεκρίθη αὐτῷ Φίλιππος, Διακοσίων δηναρίων ἄρτοι οὐκ ἀρκοῦσιν αὐτοῖς, ἵνα ἕκαστος αὐτῶν βραχύ τι λάβῃ.
फ़िलिप्पुस ने उसे जवाब दिया, “दो सौ दिन मज़दूरी की रोटियाँ इनके लिए काफ़ी न होंगी, कि हर एक को थोड़ी सी मिल जाए।”
8 Λέγει αὐτῷ εἷς ἐκ τῶν μαθητῶν αὐτοῦ, Ἀνδρέας ὁ ἀδελφὸς Σίμωνος Πέτρου,
उसके शागिर्दों में से एक ने, या'नी शमौन पतरस के भाई अन्द्रियास ने, उससे कहा,
9 Ἔστι παιδάριον ἓν ὧδε, ὃ ἔχει πέντε ἄρτους κριθίνους καὶ δύο ὀψάρια· ἀλλὰ ταῦτα τί ἐστιν εἰς τοσούτους;
“यहाँ एक लड़का है जिसके पास जौ की पाँच रोटियाँ और दो मछलियाँ हैं, मगर ये इतने लोगों में क्या हैं?”
10 Εἶπε δὲ ὁ Ἰησοῦς, Ποιήσατε τοὺς ἀνθρώπους ἀναπεσεῖν. Ἦν δὲ χόρτος πολὺς ἐν τῷ τόπῳ. Ἀνέπεσον οὖν οἱ ἄνδρες τὸν ἀριθμὸν ὡσεὶ πεντακισχίλιοι.
ईसा ने कहा, “लोगों को बिठाओ।” और उस जगह बहुत घास थी। पस वो मर्द जो तक़रीबन पाँच हज़ार थे बैठ गए।
11 Ἔλαβε δὲ τοὺς ἄρτους ὁ Ἰησοῦς, καὶ εὐχαριστήσας διέδωκε τοῖς μαθηταῖς, οἱ δὲ μαθηταὶ τοῖς ἀνακειμένοις· ὁμοίως καὶ ἐκ τῶν ὀψαρίων ὅσον ἤθελον.
ईसा ने वो रोटियाँ ली और शुक्र करके उन्हें जो बैठे थे बाँट दीं, और इसी तरह मछलियों में से जिस क़दर चाहते थे बाँट दिया।
12 Ὡς δὲ ἐνεπλήσθησαν, λέγει τοῖς μαθηταῖς αὐτοῦ, Συναγάγετε τὰ περισσεύσαντα κλάσματα, ἵνα μή τι ἀπόληται.
जब वो सेर हो चुके तो उसने अपने शागिर्दों से कहा, “बचे हुए बे इस्तेमाल खाने को जमा करो, ताकि कुछ ज़ाया न हो।”
13 Συνήγαγον οὖν, καὶ ἐγέμισαν δώδεκα κοφίνους κλασμάτων ἐκ τῶν πέντε ἄρτων τῶν κριθίνων, ἃ ἐπερίσσευσε τοῖς βεβρωκόσιν.
चुनाँचे उन्होंने जमा किया, और जौ की पाँच रोटियों के टुकड़ों से जो खानेवालों से बच रहे थे बारह टोकरियाँ भरीं
14 Οἱ οὖν ἄνθρωποι ἰδόντες ὃ ἐποίησε σημεῖον ὁ Ἰησοῦς, ἔλεγον ὅτι Οὗτός ἐστιν ἀληθῶς ὁ προφήτης ὁ ἐρχόμενος εἰς τὸν κόσμον.
पस जो मोजिज़ा उसने दिखाया, “वो लोग उसे देखकर कहने लगे, जो नबी दुनियाँ में आने वाला था हक़ीक़त में यही है।”
15 Ἰησοῦς οὖν γνοὺς ὅτι μέλλουσιν ἔρχεσθαι καὶ ἁρπάζειν αὐτόν, ἵνα ποιήσωσιν αὐτὸν βασιλέα, ἀνεχώρησεν εἰς τὸ ὄρος αὐτὸς μόνος.
पस ईसा ये मा'लूम करके कि वो आकर मुझे बादशाह बनाने के लिए पकड़ना चाहते हैं, फिर पहाड़ पर अकेला चला गया।
16 Ὡς δὲ ὀψία ἐγένετο, κατέβησαν οἱ μαθηταὶ αὐτοῦ ἐπὶ τὴν θάλασσαν,
फिर जब शाम हुई तो उसके शागिर्द झील के किनारे गए,
17 καὶ ἐμβάντες εἰς τὸ πλοῖον, ἤρχοντο πέραν τῆς θαλάσσης εἰς Καπερναούμ. Καὶ σκοτία ἤδη ἐγεγόνει, καὶ οὐκ ἐληλύθει πρὸς αὐτοὺς ὁ Ἰησοῦς.
और नाव में बैठकर झील के पार कफ़रनहूम को चले जाते थे। उस वक़्त अन्धेरा हो गया था, और 'ईसा अभी तक उनके पास न आया था।
18 Ἥ τε θάλασσα ἀνέμου μεγάλου πνέοντος διηγείρετο.
और आँधी की वजह से झील में मौजें उठने लगीं।
19 Ἐληλακότες οὖν ὡς σταδίους εἴκοσι πέντε ἢ τριάκοντα, θεωροῦσι τὸν Ἰησοῦν περιπατοῦντα ἐπὶ τῆς θαλάσσης, καὶ ἐγγὺς τοῦ πλοίου γινόμενον· καὶ ἐφοβήθησαν.
पस जब वो खेते — खेते तीन — चार मील के क़रीब निकल गए, तो उन्होंने 'ईसा को झील पर चलते और नाव के नज़दीक आते देखा और डर गए।
20 Ὁ δὲ λέγει αὐτοῖς, Ἐγώ εἰμι· μὴ φοβεῖσθε.
मगर उसने उनसे कहा, “मैं हूँ, डरो मत।”
21 Ἤθελον οὖν λαβεῖν αὐτὸν εἰς τὸ πλοῖον· καὶ εὐθέως τὸ πλοῖον ἐγένετο ἐπὶ τῆς γῆς εἰς ἣν ὑπῆγον.
पस वो उसे नाव में चढ़ा लेने को राज़ी हुए, और फ़ौरन वो नाव उस जगह जा पहुँची जहाँ वो जाते थे।
22 Τῇ ἐπαύριον ὁ ὄχλος ὁ ἑστηκὼς πέραν τῆς θαλάσσης, ἰδὼν ὅτι πλοιάριον ἄλλο οὐκ ἦν ἐκεῖ εἰ μὴ ἓν ἐκεῖνο εἰς ὃ ἐνέβησαν οἱ μαθηταὶ αὐτοῦ, καὶ ὅτι οὐ συνεισῆλθε τοῖς μαθηταῖς αὐτοῦ ὁ Ἰησοῦς εἰς τὸ πλοιάριον, ἀλλὰ μόνοι οἱ μαθηταὶ αὐτοῦ ἀπῆλθον—
दूसरे दिन उस भीड़ ने जो झील के पार खड़ी थी, ये देखा कि यहाँ एक के सिवा और कोई छोटी नाव न थी; और 'ईसा अपने शागिर्दों के साथ नाव पर सवार न हुआ था, बल्कि सिर्फ़ उसके शागिर्द चले गए थे।
23 ἄλλα δὲ ἦλθε πλοιάρια ἐκ Τιβεριάδος ἐγγὺς τοῦ τόπου ὅπου ἔφαγον τὸν ἄρτον, εὐχαριστήσαντος τοῦ Κυρίου—
(लेकिन कुछ छोटी नावें तिबरियास से उस जगह के नज़दीक आईं, जहाँ उन्होंने ख़ुदावन्द के शुक्र करने के बाद रोटी खाई थी।)
24 ὅτε οὖν εἶδεν ὁ ὄχλος ὅτι Ἰησοῦς οὐκ ἔστιν ἐκεῖ οὐδὲ οἱ μαθηταὶ αὐτοῦ, ἐνέβησαν αὐτοὶ εἰς τὰ πλοῖα, καὶ ἦλθον εἰς Καπερναούμ, ζητοῦντες τὸν Ἰησοῦν.
पस जब भीड़ ने देखा कि यहाँ न 'ईसा है न उसके शागिर्द, तो वो ख़ुद छोटी नावों में बैठकर 'ईसा की तलाश में कफ़रनहूम को आए।
25 Καὶ εὑρόντες αὐτὸν πέραν τῆς θαλάσσης, εἶπον αὐτῷ, Ῥαββί, πότε ὧδε γέγονας;
और झील के पार उससे मिलकर कहा, “ऐ रब्बी! तू यहाँ कब आया?”
26 Ἀπεκρίθη αὐτοῖς ὁ Ἰησοῦς καὶ εἶπεν, Ἀμὴν ἀμὴν λέγω ὑμῖν, ζητεῖτέ με, οὐχ ὅτι εἴδετε σημεῖα, ἀλλ᾽ ὅτι ἐφάγετε ἐκ τῶν ἄρτων καὶ ἐχορτάσθητε.
ईसा ने उनके जवाब में कहा, “मैं तुम से सच कहता हूँ, कि तुम मुझे इसलिए नहीं ढूँडते कि मोजिज़े देखे, बल्कि इसलिए कि तुम रोटियाँ खाकर सेर हुए।
27 Ἐργάζεσθε μὴ τὴν βρῶσιν τὴν ἀπολλυμένην, ἀλλὰ τὴν βρῶσιν τὴν μένουσαν εἰς ζωὴν αἰώνιον, ἣν ὁ υἱὸς τοῦ ἀνθρώπου ὑμῖν δώσει· τοῦτον γὰρ ὁ πατὴρ ἐσφράγισεν, ὁ Θεός. (aiōnios )
फ़ानी ख़ुराक के लिए मेहनत न करो, बल्कि उस ख़ुराक के लिए जो हमेशा की ज़िन्दगी तक बाक़ी रहती है जिसे इब्न — ए — आदम तुम्हें देगा; क्यूँकि बाप या'नी ख़ुदा ने उसी पर मुहर की है।” (aiōnios )
28 Εἶπον οὖν πρὸς αὐτόν, Τί ποιῶμεν, ἵνα ἐργαζώμεθα τὰ ἔργα τοῦ Θεοῦ;
पस उन्होंने उससे कहा, “हम क्या करें ताकि ख़ुदा के काम अन्जाम दें?”
29 Ἀπεκρίθη Ἰησοῦς καὶ εἶπεν αὐτοῖς, Τοῦτό ἐστι τὸ ἔργον τοῦ Θεοῦ, ἵνα πιστεύσητε εἰς ὃν ἀπέστειλεν ἐκεῖνος.
ईसा ने जवाब में उनसे कहा, “ख़ुदा का काम ये है कि जिसे उसने भेजा है उस पर ईमान लाओ।”
30 Εἶπον οὖν αὐτῷ, Τί οὖν ποιεῖς σὺ σημεῖον, ἵνα ἴδωμεν καὶ πιστεύσωμέν σοι; Τί ἐργάζῃ;
पस उन्होंने उससे कहा, “फिर तू कौन सा निशान दिखाता है, ताकि हम देखकर तेरा यक़ीन करें? तू कौन सा काम करता है?
31 Οἱ πατέρες ἡμῶν τὸ μάννα ἔφαγον ἐν τῇ ἐρήμῳ, καθώς ἐστι γεγραμμένον, Ἄρτον ἐκ τοῦ οὐρανοῦ ἔδωκεν αὐτοῖς φαγεῖν.
हमारे बाप — दादा ने वीराने में मन्ना खाया, चुनाँचे लिखा है, 'उसने उन्हें खाने के लिए आसमान से रोटी दी।”
32 Εἶπεν οὖν αὐτοῖς ὁ Ἰησοῦς, Ἀμὴν ἀμὴν λέγω ὑμῖν, οὐ Μωσῆς δέδωκεν ὑμῖν τὸν ἄρτον ἐκ τοῦ οὐρανοῦ· ἀλλ᾽ ὁ πατήρ μου δίδωσιν ὑμῖν τὸν ἄρτον ἐκ τοῦ οὐρανοῦ τὸν ἀληθινόν.
ईसा ने उनसे कहा, “मैं तुम से सच सच कहता हूँ, कि मूसा ने तो वो रोटी आसमान से तुम्हें न दी, लेकिन मेरा बाप तुम्हें आसमान से हक़ीक़ी रोटी देता है।
33 Ὁ γὰρ ἄρτος τοῦ Θεοῦ ἐστιν ὁ καταβαίνων ἐκ τοῦ οὐρανοῦ καὶ ζωὴν διδοὺς τῷ κόσμῳ.
क्यूँकि ख़ुदा की रोटी वो है जो आसमान से उतरकर दुनियाँ को ज़िन्दगी बख़्शती है।“
34 Εἶπον οὖν πρὸς αὐτόν, Κύριε, πάντοτε δὸς ἡμῖν τὸν ἄρτον τοῦτον.
उन्होंने उससे कहा, ऐ ख़ुदावन्द! ये रोटी हम को हमेशा दिया कर।”
35 Εἶπε δὲ αὐτοῖς ὁ Ἰησοῦς, Ἐγώ εἰμι ὁ ἄρτος τῆς ζωῆς· ὁ ἐρχόμενος πρός με οὐ μὴ πεινάσῃ· καὶ ὁ πιστεύων εἰς ἐμὲ οὐ μὴ διψήσῃ πώποτε.
ईसा ने उनसे कहा, “ज़िन्दगी की रोटी मैं हूँ; जो मेरे पास आए वो हरगिज़ भूखा न होगा, और जो मुझ पर ईमान लाए वो कभी प्यासा ना होगा।
36 Ἀλλ᾽ εἶπον ὑμῖν ὅτι καὶ ἑωράκατέ με, καὶ οὐ πιστεύετε.
लेकिन मैंने तुम से कहा कि तुम ने मुझे देख लिया है फिर भी ईमान नहीं लाते।
37 Πᾶν ὃ δίδωσί μοι ὁ πατὴρ πρὸς ἐμὲ ἥξει· καὶ τὸν ἐρχόμενον πρός με οὐ μὴ ἐκβάλω ἔξω.
जो कुछ बाप मुझे देता है मेरे पास आ जाएगा, और जो कोई मेरे पास आएगा उसे मैं हरगिज़ निकाल न दूँगा।
38 Ὅτι καταβέβηκα ἐκ τοῦ οὐρανοῦ, οὐχ ἵνα ποιῶ τὸ θέλημα τὸ ἐμόν, ἀλλὰ τὸ θέλημα τοῦ πέμψαντός με.
क्यूँकि मैं आसमान से इसलिए नहीं उतरा हूँ कि अपनी मर्ज़ी के मुवाफ़िक़ 'अमल करूँ, बल्कि इसलिए कि अपने भेजनेवाले की मर्ज़ी के मुवाफ़िक़ 'अमल करूँ।
39 Τοῦτο δέ ἐστι τὸ θέλημα τοῦ πέμψαντός με πατρός, ἵνα πᾶν ὃ δέδωκέ μοι, μὴ ἀπολέσω ἐξ αὐτοῦ, ἀλλὰ ἀναστήσω αὐτὸ τῇ ἐσχάτῃ ἡμέρᾳ.
और मेरे भेजनेवाले की मर्ज़ी ये है, कि जो कुछ उसने मुझे दिया है मैं उसमें से कुछ खो न दूँ, बल्कि उसे आख़िरी दिन फिर ज़िन्दा करूँ।
40 Τοῦτο δέ ἐστι τὸ θέλημα τοῦ πέμψαντός με, ἵνα πᾶς ὁ θεωρῶν τὸν υἱὸν καὶ πιστεύων εἰς αὐτόν, ἔχῃ ζωὴν αἰώνιον, καὶ ἀναστήσω αὐτὸν ἐγὼ τῇ ἐσχάτῃ ἡμέρᾳ. (aiōnios )
क्यूँकि मेरे बाप की मर्ज़ी ये है, कि जो कोई बेटे को देखे और उस पर ईमान लाए, और हमेशा की ज़िन्दगी पाए और मैं उसे आख़िरी दिन फिर ज़िन्दा करूँ।” (aiōnios )
41 Ἐγόγγυζον οὖν οἱ Ἰουδαῖοι περὶ αὐτοῦ, ὅτι εἶπεν, Ἐγώ εἰμι ὁ ἄρτος ὁ καταβὰς ἐκ τοῦ οὐρανοῦ.
पस यहूदी उस पर बुदबुदाने लगे, इसलिए कि उसने कहा, था, “जो रोटी आसमान से उतरी वो मैं हूँ।”
42 Καὶ ἔλεγον, Οὐχ οὗτός ἐστιν Ἰησοῦς ὁ υἱὸς Ἰωσήφ, οὗ ἡμεῖς οἴδαμεν τὸν πατέρα καὶ τὴν μητέρα; Πῶς οὖν λέγει οὗτος ὅτι Ἐκ τοῦ οὐρανοῦ καταβέβηκα;
और उन्होंने कहा, क्या ये युसूफ़ का बेटा 'ईसा नहीं, जिसके बाप और माँ को हम जानते हैं? अब ये क्यूँकर कहता है कि “मैं आसमान से उतरा हूँ?”
43 Ἀπεκρίθη οὖν ὁ Ἰησοῦς καὶ εἶπεν αὐτοῖς, Μὴ γογγύζετε μετ᾽ ἀλλήλων.
ईसा ने जवाब में उनसे कहा, “आपस में न बुदबदाओ।
44 Οὐδεὶς δύναται ἐλθεῖν πρός με, ἐὰν μὴ ὁ πατὴρ ὁ πέμψας με ἑλκύσῃ αὐτόν, καὶ ἐγὼ ἀναστήσω αὐτὸν ἐν τῇ ἐσχάτῃ ἡμέρᾳ.
कोई मेरे पास नहीं आ सकता जब तक कि बाप जिसने मुझे भेजा है उसे खींच न ले, और मैं उसे आख़िरी दिन फिर ज़िन्दा करूँगा।
45 Ἔστι γεγραμμένον ἐν τοῖς προφήταις, Καὶ ἔσονται πάντες διδακτοὶ Θεοῦ. Πᾶς οὖν ὁ ἀκούων παρὰ τοῦ πατρὸς καὶ μαθών, ἔρχεται πρός με.
नबियों के सहीफ़ों में ये लिखा है: 'वो सब ख़ुदा से ता'लीम पाए हुए लोग होंगे।' जिस किसी ने बाप से सुना और सीखा है वो मेरे पास आता है —
46 Οὐχ ὅτι τὸν πατέρα τις ἑώρακεν, εἰ μὴ ὁ ὢν παρὰ τοῦ Θεοῦ, οὗτος ἑώρακε τὸν πατέρα.
ये नहीं कि किसी ने बाप को देखा है, मगर जो ख़ुदा की तरफ़ से है उसी ने बाप को देखा है।
47 Ἀμὴν ἀμὴν λέγω ὑμῖν, ὁ πιστεύων εἰς ἐμέ, ἔχει ζωὴν αἰώνιον. (aiōnios )
मैं तुम से सच कहता हूँ, कि जो ईमान लाता है हमेशा की ज़िन्दगी उसकी है। (aiōnios )
48 Ἐγώ εἰμι ὁ ἄρτος τῆς ζωῆς.
ज़िन्दगी की रोटी मैं हूँ।
49 Οἱ πατέρες ὑμῶν ἔφαγον τὸ μάννα ἐν τῇ ἐρήμῳ, καὶ ἀπέθανον.
तुम्हारे बाप — दादा ने वीराने मैं मन्ना खाया और मर गए।
50 Οὗτός ἐστιν ὁ ἄρτος ὁ ἐκ τοῦ οὐρανοῦ καταβαίνων, ἵνα τις ἐξ αὐτοῦ φάγῃ καὶ μὴ ἀποθάνῃ.
ये वो रोटी है कि जो आसमान से उतरती है, ताकि आदमी उसमें से खाए और न मरे।
51 Ἐγώ εἰμι ὁ ἄρτος ὁ ζῶν, ὁ ἐκ τοῦ οὐρανοῦ καταβάς· ἐάν τις φάγῃ ἐκ τούτου τοῦ ἄρτου, ζήσεται εἰς τὸν αἰῶνα. Καὶ ὁ ἄρτος δὲ ὃν ἐγὼ δώσω, ἡ σάρξ μού ἐστιν, ἣν ἐγὼ δώσω ὑπὲρ τῆς τοῦ κόσμου ζωῆς. (aiōn )
मैं हूँ वो ज़िन्दगी की रोटी जो आसमान से उतरी। अगर कोई इस रोटी में से खाए तो हमेशा तक ज़िन्दा रहेगा, बल्कि जो रोटी मैं दुनियाँ की ज़िन्दगी के लिए दूँगा वो मेरा गोश्त है।” (aiōn )
52 Ἐμάχοντο οὖν πρὸς ἀλλήλους οἱ Ἰουδαῖοι λέγοντες, Πῶς δύναται οὗτος ἡμῖν δοῦναι τὴν σάρκα φαγεῖν;
पस यहूदी ये कहकर आपस में झगड़ने लगे, “ये शख़्स आपना गोश्त हमें क्यूँकर खाने को दे सकता है?”
53 Εἶπεν οὖν αὐτοῖς ὁ Ἰησοῦς, Ἀμὴν ἀμὴν λέγω ὑμῖν, ἐὰν μὴ φάγητε τὴν σάρκα τοῦ υἱοῦ τοῦ ἀνθρώπου καὶ πίητε αὐτοῦ τὸ αἷμα, οὐκ ἔχετε ζωὴν ἐν ἑαυτοῖς.
ईसा ने उनसे कहा, “मैं तुम से सच कहता हूँ, कि जब तक तुम इब्न — ए — आदम का गोश्त न खाओ और उसका का ख़ून न पियो, तुम में ज़िन्दगी नहीं।
54 Ὁ τρώγων μου τὴν σάρκα καὶ πίνων μου τὸ αἷμα, ἔχει ζωὴν αἰώνιον, καὶ ἐγὼ ἀναστήσω αὐτὸν τῇ ἐσχάτῃ ἡμέρᾳ. (aiōnios )
जो मेरा गोश्त खाता और मेरा ख़ून पीता है, हमेशा की ज़िन्दगी उसकी है; और मैं उसे आख़िरी दिन फिर ज़िन्दा करूँगा। (aiōnios )
55 Ἡ γὰρ σάρξ μου ἀληθῶς ἐστι βρῶσις, καὶ τὸ αἷμά μου ἀληθῶς ἐστι πόσις.
क्यूँकि मेरा गोश्त हक़ीक़त में खाने की चीज़ और मेरा ख़ून हक़ीक़त में पीनी की चीज़ है।
56 Ὁ τρώγων μου τὴν σάρκα καὶ πίνων μου τὸ αἷμα, ἐν ἐμοὶ μένει, κἀγὼ ἐν αὐτῷ.
जो मेरा गोश्त खाता और मेरा ख़ून पीता है, वो मुझ में क़ाईम रहता है और मैं उसमें।
57 Καθὼς ἀπέστειλέ με ὁ ζῶν πατήρ, κἀγὼ ζῶ διὰ τὸν πατέρα· καὶ ὁ τρώγων με, κἀκεῖνος ζήσεται δι᾽ ἐμέ.
जिस तरह ज़िन्दा बाप ने मुझे भेजा, और मैं बाप के ज़रिए से ज़िन्दा हूँ, इसी तरह वो भी जो मुझे खाएगा मेरे ज़रिए से ज़िन्दा रहेगा।
58 Οὗτός ἐστιν ὁ ἄρτος ὁ ἐκ τοῦ οὐρανοῦ καταβάς· οὐ καθὼς ἔφαγον οἱ πατέρες ὑμῶν τὸ μάννα, καὶ ἀπέθανον· ὁ τρώγων τοῦτον τὸν ἄρτον, ζήσεται εἰς τὸν αἰῶνα. (aiōn )
जो रोटी आसमान से उतरी यही है, बाप — दादा की तरह नहीं कि खाया और मर गए; जो ये रोटी खाएगा वो हमेशा तक ज़िन्दा रहेगा।” (aiōn )
59 Ταῦτα εἶπεν ἐν συναγωγῇ διδάσκων ἐν Καπερναούμ.
ये बातें उसने कफ़रनहूम के एक 'इबादतख़ाने में ता'लीम देते वक़्त कहीं।
60 Πολλοὶ οὖν ἀκούσαντες ἐκ τῶν μαθητῶν αὐτοῦ εἶπον, Σκληρός ἐστιν οὗτος ὁ λόγος· τίς δύναται αὐτοῦ ἀκούειν;
इसलिए उसके शागिर्दों में से बहुतों ने सुनकर कहा, “ये कलाम नागवार है, इसे कौन सुन सकता है?”
61 Εἰδὼς δὲ ὁ Ἰησοῦς ἐν ἑαυτῷ ὅτι γογγύζουσι περὶ τούτου οἱ μαθηταὶ αὐτοῦ, εἶπεν αὐτοῖς, Τοῦτο ὑμᾶς σκανδαλίζει;
ईसा ने अपने जी में जानकर कि मेरे शागिर्द आपस में इस बात पर बुदबुदाते हैं, उनसे कहा, “क्या तुम इस बात से ठोकर खाते हो?
62 Ἐὰν οὖν θεωρῆτε τὸν υἱὸν τοῦ ἀνθρώπου ἀναβαίνοντα ὅπου ἦν τὸ πρότερον;
अगर तुम इब्न — ए — आदम को ऊपर जाते देखोगे, जहाँ वो पहले था तो क्या होगा?
63 Τὸ πνεῦμά ἐστι τὸ ζῳοποιοῦν, ἡ σὰρξ οὐκ ὠφελεῖ οὐδέν· τὰ ῥήματα ἃ ἐγὼ λαλῶ ὑμῖν, πνεῦμά ἐστι καὶ ζωή ἐστιν.
ज़िन्दा करने वाली तो रूह है, जिस्म से कुछ फ़ाइदा नहीं; जो बातें मैंने तुम से कहीं हैं, वो रूह हैं और ज़िन्दगी भी हैं।
64 Ἀλλ᾽ εἰσὶν ἐξ ὑμῶν τινες οἳ οὐ πιστεύουσιν. ᾜδει γὰρ ἐξ ἀρχῆς ὁ Ἰησοῦς, τίνες εἰσὶν οἱ μὴ πιστεύοντες, καὶ τίς ἐστιν ὁ παραδώσων αὐτόν.
मगर तुम में से कुछ ऐसे हैं जो ईमान नहीं लाए।” क्यूँकि ईसा शुरू' से जानता था कि जो ईमान नहीं लाते वो कौन हैं, और कौन मुझे पकड़वाएगा।
65 Καὶ ἔλεγε, Διὰ τοῦτο εἴρηκα ὑμῖν ὅτι οὐδεὶς δύναται ἐλθεῖν πρός με, ἐὰν μὴ ᾖ δεδομένον αὐτῷ ἐκ τοῦ πατρός μου.
फिर उसने कहा, “इसी लिए मैंने तुम से कहा था कि मेरे पास कोई नहीं आ सकता जब तक बाप की तरफ़ से उसे ये तौफ़ीक़ न दी जाए।”
66 Ἐκ τούτου πολλοὶ ἀπῆλθον τῶν μαθητῶν αὐτοῦ εἰς τὰ ὀπίσω, καὶ οὐκέτι μετ᾽ αὐτοῦ περιεπάτουν.
इस पर उसके शागिर्दों में से बहुत से लोग उल्टे फिर गए और इसके बाद उसके साथ न रहे।
67 Εἶπεν οὖν ὁ Ἰησοῦς τοῖς δώδεκα, Μὴ καὶ ὑμεῖς θέλετε ὑπάγειν;
पस ईसा ने उन बारह से कहा, “क्या तुम भी चले जाना चाहते हो?”
68 Ἀπεκρίθη οὖν αὐτῷ Σίμων Πέτρος, Κύριε, πρὸς τίνα ἀπελευσόμεθα; Ῥήματα ζωῆς αἰωνίου ἔχεις. (aiōnios )
शमौन पतरस ने उसे जवाब दिया, “ऐ ख़ुदावन्द! हम किसके पास जाएँ? हमेशा की ज़िन्दगी की बातें तो तेरे ही पास हैं? (aiōnios )
69 Καὶ ἡμεῖς πεπιστεύκαμεν καὶ ἐγνώκαμεν ὅτι σὺ εἶ ὁ Χριστὸς ὁ υἱὸς τοῦ Θεοῦ τοῦ ζῶντος.
और हम ईमान लाए और जान गए हैं कि, ख़ुदा का क़ुद्दूस तू ही है।”
70 Ἀπεκρίθη αὐτοῖς ὁ Ἰησοῦς, Οὐκ ἐγὼ ὑμᾶς τοὺς δώδεκα ἐξελεξάμην, καὶ ἐξ ὑμῶν εἷς διάβολός ἐστιν;
ईसा ने उन्हें जवाब दिया, “क्या मैंने तुम बारह को नहीं चुन लिया? और तुम में से एक शख़्स शैतान है।”
71 Ἔλεγε δὲ τὸν Ἰούδαν Σίμωνος Ἰσκαριώτην· οὗτος γὰρ ἔμελλεν αὐτὸν παραδιδόναι, εἷς ὢν ἐκ τῶν δώδεκα.
उसने ये शमौन इस्करियोती के बेटे यहुदाह की निस्बत कहा, क्यूँकि यही जो उन बारह में से था उसे पकड़वाने को था।