< Κατα Ματθαιον 26 >

1 Καὶ ἐγένετο ὅτε ἐτέλεσεν ὁ Ἰησοῦς πάντας τοὺς λόγους τούτους, εἶπεν τοῖς μαθηταῖς αὐτοῦ,
जब यीशु यो सब बाते कह्य चुक्यो त अपनो चेलावों सी कहन लग्यो,
2 Οἴδατε ὅτι μετὰ δύο ἡμέρας τὸ πάσχα γίνεται, καὶ ὁ υἱὸς τοῦ ἀνθρώπου παραδίδοται εἰς τὸ σταυρωθῆναι.
“तुम जानय हय कि दोय दिन को बाद फसह को पर्व हय, अऊर आदमी को बेटा क्रूस पर चढ़ायो जान लायी पकड़वायो जायेंन।”
3 Τότε συνήχθησαν οἱ ἀρχιερεῖς καὶ οἱ πρεσβύτεροι τοῦ λαοῦ εἰς τὴν αὐλὴν τοῦ ἀρχιερέως τοῦ λεγομένου Καϊάφα,
तब मुख्य याजकों अऊर प्रजा को बुजूर्गों कैफा नाम को महायाजक को भवन म जमा भयो,
4 καὶ συνεβουλεύσαντο ἵνα τὸν Ἰησοῦν δόλῳ κρατήσωσιν, καὶ ἀποκτείνωσιν.
अऊर आपस म बिचार करन लग्यो कि यीशु ख चुपचाप सी पकड़ क मार डालो।
5 ἔλεγον δέ, Μὴ ἐν τῇ ἑορτῇ, ἵνα μὴ θόρυβος γένηται ἐν τῷ λαῷ.
पर हि कहत होतो, “पर्व को समय नहीं, कहीं असो नहीं होय कि लोगों म दंगा होय जाये।”
6 Τοῦ δὲ Ἰησοῦ γενομένου ἐν Βηθανία ἐν οἰκίᾳ Σίμωνος τοῦ λεπροῦ,
जब यीशु बैतनिय्याह म शिमोन कोढ़ी को घर म होतो,
7 προσῆλθεν αὐτῷ γυνὴ ἔχουσα ἀλάβαστρον μύρου βαρυτίμου, καὶ κατέχεεν ἐπὶ τῆς κεφαλῆς αὐτοῦ ἀνακειμένου.
त एक बाई संगमरमर को बर्तन म बहुमूल्य अत्तर ले क ओको जवर आयी, अऊर जब ऊ जेवन करन बैठ्यो होतो त ओकी मुंड पर कुड़ाय दियो।
8 ἰδόντες δὲ οἱ μαθηταὶ ἠγανάκτησαν λέγοντες, Εἰς τί ἡ ἀπώλεια αὕτη;
यो देख क ओको चेला गुस्सा भयो अऊर कहन लग्यो, “येको कहाली नाश करयो गयो?
9 ἠδύνατο γὰρ τοῦτο πραθῆναι πολλοῦ καὶ δοθῆναι πτωχοῖς.
येख त अच्छो दाम पर बेच क गरीबों ख बाट्यो जाय सकत होतो।”
10 γνοὺς δὲ ὁ Ἰησοῦς εἶπεν αὐτοῖς, Τί κόπους παρέχετε τῇ γυναικί; ἔργον γὰρ καλὸν εἰργάσατο εἰς ἐμέ.
यो जान क यीशु न उन्को सी कह्यो, “या बाई ख कहाली सतावय हय? ओन मोरो संग भलायी को काम करयो हय।
11 πάντοτε γὰρ τοὺς πτωχοὺς ἔχετε μεθ᾽ ἑαυτῶν, ἐμὲ δὲ οὐ πάντοτε ἔχετε.
गरीब त तुम्हरो संग हमेशा रह्य हंय, पर मय तुम्हरो संग हमेशा नहीं रहूं।
12 βαλοῦσα γὰρ αὕτη τὸ μύρον τοῦτο ἐπὶ τοῦ σώματός μου, πρὸς τὸ ἐνταφιάσαι με ἐποίησεν.
ओन मोरो शरीर पर जो यो अत्तर कुड़ायो हय, ऊ मोरो गाड़्यो जान की तैयारी लायी करयो हय।
13 ἀμὴν λέγω ὑμῖν, ὅπου ἐὰν κηρυχθῇ τὸ εὐαγγέλιον τοῦτο ἐν ὅλῳ τῷ κόσμῳ, λαληθήσεται καὶ ὃ ἐποίησεν αὕτη, εἰς μνημόσυνον αὐτῆς.
मय तुम सी सच कहू हय, कि पूरो जगत म जित कहीं यो सुसमाचार प्रचार करयो जायेंन, उत ओको यो काम को वर्नन भी ओकी याद म करयो जायेंन।”
14 Τότε πορευθεὶς εἷς τῶν δώδεκα, ὁ λεγόμενος Ἰούδας Ἰσκαριώτης, πρὸς τοὺς ἀρχιερεῖς
तब यहूदा इस्करियोती न, जो बारा चेलावों म सी एक होतो, मुख्य याजकों को जवर गयो,
15 εἶπεν, Τί θέλετέ μοι δοῦναι, κἀγὼ ὑμῖν παραδώσω αὐτόν; οἱ δὲ ἔστησαν αὐτῷ τριάκοντα ἀργύρια·
अऊर ओन कह्यो, “यदि मय ओख तुम्हरो हाथ म सौंप देऊ त मोख का देवो?” उन्न ओख तीस चांदी को सिक्का गिन क दे दियो।
16 καὶ ἀπὸ τότε ἐζήτει εὐκαιρίαν ἵνα αὐτὸν παραδῷ.
अऊर ऊ उच समय सी ओख सौंपन को अच्छो मौका ढूंढन लग्यो।
17 Τῇ δὲ πρώτῃ τῶν ἀζύμων προσῆλθον οἱ μαθηταὶ τῷ Ἰησοῦ, λέγοντες, Ποῦ θέλεις ἑτοιμάσωμέν σοι φαγεῖν τὸ πάσχα;
अखमीरी रोटी को पर्व को पहिलो दिन, चेला यीशु को जवर आय क पूछन लग्यो, “तय कहां पर चाहवय हय कि हम तोरो लायी फसह खान की तैयारी करे?”
18 ὁ δὲ εἶπεν, Ὑπάγετε εἰς τὴν πόλιν πρὸς τὸν δεῖνα, καὶ εἴπατε αὐτῷ, Ὁ διδάσκαλος λέγει, Ὁ καιρός μου ἐγγύς ἐστιν, πρὸς σὲ ποιῶ τὸ πάσχα μετὰ τῶν μαθητῶν μου.
ओन कह्यो, “नगर म अनजान आदमी को जवर जाय क ओको सी कहो, ‘गुरु कह्य हय कि मोरो समय जवर हय। मय अपनो चेलावों को संग तोरो इत फसह को पर्व मनाऊं।’”
19 καὶ ἐποίησαν οἱ μαθηταὶ ὡς συνέταξεν αὐτοῖς ὁ Ἰησοῦς, καὶ ἡτοίμασαν τὸ πάσχα.
येकोलायी चेलावों न यीशु की आज्ञा मानी अऊर फसह तैयार करयो।
20 Ὀψίας δὲ γενομένης ἀνέκειτο μετὰ τῶν δώδεκα·
जब शाम भयी त ऊ बारयी चेलावों को संग जेवन करन लायी बैठ्यो।
21 καὶ ἐσθιόντων αὐτῶν εἶπεν, Ἀμὴν λέγω ὑμῖν ὅτι εἷς ἐξ ὑμῶν παραδώσει με.
जब हि खाय रह्यो होतो त ओन कह्यो, “मय तुम सी सच कहू हय कि तुम म सी एक मोख पकड़वायेंन।”
22 καὶ λυπούμενοι σφόδρα ἤρξαντο λέγειν αὐτῷ, εἷς ἕκαστος, Μήτι ἐγώ εἰμι, κύριε;
येको पर हि बहुत उदास भयो, अऊर हर एक चेला ओको सी पूछन लग्यो, “हे प्रभु, का ऊ मय आय?”
23 ὁ δὲ ἀποκριθεὶς εἶπεν, Ὁ ἐμβάψας μετ᾽ ἐμοῦ τὴν χεῖρα ἐν τῷ τρυβλίῳ, οὗτός με παραδώσει.
यीशु न उत्तर दियो, “जेन मोरो संग थारी म हाथ डाल्यो हय, उच मोख पकड़वायेंन।
24 ὁ μὲν υἱὸς τοῦ ἀνθρώπου ὑπάγει καθὼς γέγραπται περὶ αὐτοῦ, οὐαὶ δὲ τῷ ἀνθρώπῳ ἐκείνῳ δι᾽ οὗ ὁ υἱὸς τοῦ ἀνθρώπου παραδίδοται· καλὸν ἦν αὐτῷ, εἰ οὐκ ἐγεννήθη ὁ ἄνθρωπος ἐκεῖνος.
आदमी को बेटा त जसो ओको बारे म लिख्यो हय, पर ऊ आदमी लायी शोक हय जेको द्वारा आदमी को बेटा पकड़वायो जावय हय: यदि ऊ आदमी को जनमच नहीं होतो, त ओको लायी भलो होतो।”
25 ἀποκριθεὶς δὲ Ἰούδας ὁ παραδιδοὺς αὐτὸν εἶπεν, Μήτι ἐγώ εἰμι, ῥαββί; λέγει αὐτῷ, Σὺ εἶπας.
तब ओको सौंपन वालो यहूदा न कह्यो, “हे गुरु, का ऊ मय आय?” ओन ओको सी कह्यो, “तय कह्य चुक्यो।”
26 Ἐσθιόντων δὲ αὐτῶν λαβὼν ὁ Ἰησοῦς ἄρτον καὶ εὐλογήσας ἔκλασεν, καὶ δοὺς τοῖς μαθηταῖς εἶπεν, Λάβετε φάγετε· τοῦτό ἐστιν τὸ σῶμά μου.
जब हि खाय रह्यो होतो त यीशु न रोटी ली, अऊर धन्यवाद कर क् तोड़ी, अऊर चेलावों ख दे क कह्यो, “लेवो, खावो; यो मोरो शरीर आय।”
27 καὶ λαβὼν ποτήριον [καὶ] εὐχαριστήσας ἔδωκεν αὐτοῖς λέγων, Πίετε ἐξ αὐτοῦ πάντες·
तब ओन कटोरा पकड़ क धन्यवाद करयो, अऊर उन्ख दे क कह्यो, “तुम सब येको म सी पीवो,
28 τοῦτο γάρ ἐστιν τὸ αἷμά μου τῆς καινῆς διαθήκης, τὸ περὶ πολλῶν ἐκχυννόμενον εἰς ἄφεσιν ἁμαρτιῶν.
कहालीकि यो वाचा को मोरो ऊ खून आय, जो पूरो लोगों लायी पापों की माफी लायी बहायो जावय हय।
29 λέγω δὲ ὑμῖν, οὐ μὴ πίω ἀπ᾽ ἄρτι ἐκ τούτου τοῦ γενήματος τῆς ἀμπέλου, ἕως τῆς ἡμέρας ἐκείνης ὅταν αὐτὸ πίνω μεθ᾽ ὑμῶν καινὸν ἐν τῇ βασιλείᾳ τοῦ πατρός μου.
मय तुम सी कहू हय कि अंगूर को यो रस ऊ दिन तक कभी नहीं पीऊ, जब तक तुम्हरो संग अपनो बाप को राज्य म नयो रस नहीं पी लेऊ।”
30 Καὶ ὑμνήσαντες ἐξῆλθον εἰς τὸ ὄρος τῶν ἐλαιῶν.
तब हि भजन गाय क जैतून पहाड़ी पर गयो।
31 Τότε λέγει αὐτοῖς ὁ Ἰησοῦς, Πάντες ὑμεῖς σκανδαλισθήσεσθε ἐν ἐμοὶ ἐν τῇ νυκτὶ ταύτῃ· γέγραπται γάρ, Πατάξω τὸν ποιμένα, καὶ διασκορπισθήσονται τὰ πρόβατα τῆς ποίμνης.
तब यीशु न उन्को सी कह्यो, “तुम सब अजच रात ख मोरो बारे म ठोकर खावो, कहालीकि शास्त्र म लिख्यो हय: ‘मय चरवाहे ख मारू, अऊर झुण्ड की मेंढीं तितर-बितर होय जायेंन।’
32 μετὰ δὲ τὸ ἐγερθῆναί με προάξω ὑμᾶς εἰς τὴν Γαλιλαίαν.
पर मय जीन्दो होन को बाद तुम सी पहिले गलील ख जाऊं।”
33 ἀποκριθεὶς δὲ ὁ Πέτρος εἶπεν αὐτῷ, Εἰ πάντες σκανδαλισθήσονται ἐν σοί, ἐγὼ οὐδέποτε σκανδαλισθήσομαι.
येको पर पतरस न यीशु सी कह्यो, “यदि सब तोरो वजह सी ठोकर खावय त खावय, पर मय कभी भी ठोकर नहीं खाऊ।”
34 ἔφη αὐτῷ ὁ Ἰησοῦς, Ἀμὴν λέγω σοι ὅτι ἐν ταύτῃ τῇ νυκτὶ πρὶν ἀλέκτορα φωνῆσαι τρὶς ἀπαρνήσῃ με.
यीशु न पतरस सी कह्यो, “मय तोरो सी सच कहू हय कि अजच रात ख मुर्गा को बाग देन सी पहिले, तय तीन बार मोरो इन्कार करजो।”
35 λέγει αὐτῷ ὁ Πέτρος, Κἂν δέῃ με σὺν σοὶ ἀποθανεῖν, οὐ μή σε ἀπαρνήσομαι. ὁμοίως καὶ πάντες οἱ μαθηταὶ εἶπον.
पतरस न ओको सी कह्यो, “यदि मोख तोरो संग मरनो भी पड़ेंन, तब भी मय तोरो मय कभी इन्कार नहीं करूं।” अऊर असोच सब चेलावों न भी कह्यो।
36 Τότε ἔρχεται μετ᾽ αὐτῶν ὁ Ἰησοῦς εἰς χωρίον λεγόμενον Γεθσημανεῖ, καὶ λέγει τοῖς μαθηταῖς, Καθίσατε αὐτοῦ, ἕως οὗ ἀπελθὼν ἐκεῖ προσεύξωμαι.
तब यीशु अपनो चेलावों को संग गतसमनी नाम को एक जागा म आयो अऊर अपनो चेलावों सी कहन लग्यो, “इतच बैठ्यो रहजो, जब तक मय उत जाय क प्रार्थना करूं।”
37 καὶ παραλαβὼν τὸν Πέτρον καὶ τοὺς δύο υἱοὺς Ζεβεδαίου ἤρξατο λυπεῖσθαι καὶ ἀδημονεῖν.
ऊ पतरस अऊर जब्दी को दोयी टुरावों ख संग ले गयो, अऊर उदास अऊर व्याकुल होन लग्यो।
38 τότε λέγει αὐτοῖς, Περίλυπός ἐστιν ἡ ψυχή μου ἕως θανάτου· μείνατε ὧδε καὶ γρηγορεῖτε μετ᾽ ἐμοῦ.
तब ओन उन्को सी कह्यो, “मोरो मन बहुत उदास हय, यहां तक कि मोरो जीव निकल्यो जाय रह्यो हय। तुम इतच ठहरो अऊर मोरो संग जागतो रहो।”
39 καὶ προσελθὼν μικρὸν ἔπεσεν ἐπὶ πρόσωπον αὐτοῦ προσευχόμενος καὶ λέγων, Πάτερ [μου, ] εἰ δυνατόν ἐστιν, παρελθάτω ἀπ᾽ ἐμοῦ τὸ ποτήριον τοῦτο· πλὴν οὐχ ὡς ἐγὼ θέλω, ἀλλ᾽ ὡς σύ.
तब ऊ थोड़ो अऊर आगु बढ़ क मुंह को बल गिरयो, अऊर यो प्रार्थना करी, “हे मोरो बाप, यदि होय सकय त यो दु: ख को कटोरा मोरो सी टल जाये, तब भी जसो मय चाहऊ हय वसो नहीं, पर जसो तय चाहऊ हय वसोच हो।”
40 καὶ ἔρχεται πρὸς τοὺς μαθητὰς καὶ εὑρίσκει αὐτοὺς καθεύδοντας, καὶ λέγει τῷ Πέτρῳ, Οὕτως οὐκ ἰσχύσατε μίαν ὥραν γρηγορῆσαι μετ᾽ ἐμοῦ;
तब ओन चेलावों को जवर आय क उन्ख सोतो देख्यो अऊर पतरस सी कह्यो, “का तुम मोरो संग एक घड़ी भी नहीं जाग सक्यो?
41 γρηγορεῖτε καὶ προσεύχεσθε ἵνα μὴ εἰσέλθητε εἰς πειρασμόν. τὸ μὲν πνεῦμα πρόθυμον, ἡ δὲ σὰρξ ἀσθενής.
जागतो रहो, अऊर प्रार्थना करतो रहो कि तुम परीक्षा म मत पड़ो: आत्मा त तैयार हय, पर शरीर कमजोर हय।”
42 Πάλιν ἐκ δευτέρου ἀπελθὼν προσηύξατο λέγων, Πάτερ μου, εἰ οὐ δύναται τοῦτο παρελθεῖν ἐὰν μὴ αὐτὸ πίω, γενηθήτω τὸ θέλημά σου.
तब ओन दूसरी बार जाय क यो प्रार्थना करी, “हे मोरो बाप, यदि यो कटोरा मोरो पीयो बिना नहीं हट सकय त तोरी इच्छा पूरी होय।”
43 καὶ ἐλθὼν πάλιν εὗρεν αὐτοὺς καθεύδοντας· ἦσαν γὰρ αὐτῶν οἱ ὀφθαλμοὶ βεβαρημένοι.
तब ओन आय क उन्ख फिर सोतो पायो, कहालीकि उन्की आंखी नींद सी भरी होती।
44 καὶ ἀφεὶς αὐτοὺς πάλιν ἀπελθών, προσηύξατο ἐκ τρίτου, τὸν αὐτὸν λόγον εἰπών.
उन्ख छोड़ क ऊ फिर चली गयो, अऊर उन्कोच शब्दों म फिर तीसरी बार प्रार्थना करी।
45 τότε ἔρχεται πρὸς τοὺς μαθητὰς καὶ λέγει αὐτοῖς, Καθεύδετε [τὸ] λοιπὸν καὶ ἀναπαύεσθε· ἰδοὺ ἤγγικεν ἡ ὥρα, καὶ ὁ υἱὸς τοῦ ἀνθρώπου παραδίδοται εἰς χεῖρας ἁμαρτωλῶν.
तब ओन चेलावों को जवर आय क उन्को सी कह्यो, “का तुम अब तक सोय रह्यो हय, देखो! घड़ी आय पहुंची हय, अऊर आदमी को बेटा पापियों को हाथ सौंप्यो जायेंन।
46 ἐγείρεσθε ἄγωμεν· ἰδοὺ ἤγγικεν ὁ παραδιδούς με.
उठो, चलो; देखो, मोरो सौंपन वालो जवर आय गयो हय।”
47 Καὶ ἔτι αὐτοῦ λαλοῦντος, ἰδοὺ Ἰούδας εἷς τῶν δώδεκα ἦλθεν, καὶ μετ᾽ αὐτοῦ ὄχλος πολὺς μετὰ μαχαιρῶν καὶ ξύλων, ἀπὸ τῶν ἀρχιερέων καὶ πρεσβυτέρων τοῦ λαοῦ.
यीशु यो कह्यच रह्यो होतो कि यहूदा जो बारयी म सी एक होतो, आयो, अऊर ओको संग मुख्य याजकों अऊर बुजूर्ग लोगों को तरफ सी बड़ी भीड़, तलवारे अऊर लाठियां पकड़ क आयो।
48 ὁ δὲ παραδιδοὺς αὐτὸν ἔδωκεν αὐτοῖς σημεῖον λέγων, Ὃν ἂν φιλήσω, αὐτός ἐστιν· κρατήσατε αὐτόν.
ओको सौंपन वालो न उन्ख यो इशारा दियो होतो: “जेक मय चुम्मा लेऊ उच आय; ओख पकड़ लेजो।”
49 καὶ εὐθέως προσελθὼν τῷ Ἰησοῦ εἶπεν, Χαῖρε ῥαββί, καὶ κατεφίλησεν αὐτόν.
अऊर तुरतच यीशु को जवर आय क कह्यो, “हे गुरु, प्रनाम!” अऊर ओख बहुत चुम्मा लियो।
50 ὁ δὲ Ἰησοῦς εἶπεν αὐτῷ, Ἑταῖρε, ἐφ᾽ ὃ πάρει; τότε προσελθόντες ἐπέβαλον τὰς χεῖρας ἐπὶ τὸν Ἰησοῦν καὶ ἐκράτησαν αὐτόν.
यीशु न ओको सी कह्यो, “हे संगी, जो काम लायी तय आयो हय, ओख कर ले।” तब उन्न जवर आय क यीशु पर हाथ डाल्यो अऊर ओख पकड़ लियो।
51 καὶ ἰδοὺ εἷς τῶν μετὰ Ἰησοῦ ἐκτείνας τὴν χεῖρα ἀπέσπασεν τὴν μάχαιραν αὐτοῦ, καὶ πατάξας τὸν δοῦλον τοῦ ἀρχιερέως ἀφεῖλεν αὐτοῦ τὸ ὠτίον.
यीशु को संगियों म सी एक न हाथ बढ़ाय क अपनी तलवार खीच ली अऊर महायाजक को सेवक पर चलाय क ओको कान काट डाल्यो।
52 τότε λέγει αὐτῷ ὁ Ἰησοῦς, Ἀπόστρεψον τὴν μάχαιράν σου εἰς τὸν τόπον αὐτῆς· πάντες γὰρ οἱ λαβόντες μάχαιραν ἐν μαχαίρῃ ἀπολοῦνται.
तब यीशु न ओको सी कह्यो, “अपनी तलवार म्यान म रख ले कहालीकि जो तलवार चलावय हंय हि सब तलवार सी नाश करयो जायेंन।
53 ἢ δοκεῖς ὅτι οὐ δύναμαι παρακαλέσαι τὸν πατέρα μου, καὶ παραστήσει μοι ἄρτι πλείω δώδεκα λεγεῶνας ἀγγέλων;
का तय नहीं जानय कि मय अपनो बाप सी बिनती कर सकू हय, अऊर ऊ स्वर्गदूतों की बारा पलटन सी जादा मोरो जवर अभी खड़ो कर देयेंन?
54 πῶς οὖν πληρωθῶσιν αἱ γραφαὶ ὅτι οὕτως δεῖ γενέσθαι;
पर पवित्र शास्त्र की हि बाते असोच होनो जरूरी हय, कसो पूरी होयेंन?”
55 Ἐν ἐκείνῃ τῇ ὥρᾳ εἶπεν ὁ Ἰησοῦς τοῖς ὄχλοις, Ὡς ἐπὶ λῃστὴν ἐξήλθατε μετὰ μαχαιρῶν καὶ ξύλων συλλαβεῖν με; καθ᾽ ἡμέραν [πρὸς ὑμᾶς] ἐν τῷ ἱερῷ ἐκαθεζόμην διδάσκων, καὶ οὐκ ἐκρατήσατέ με.
ऊ समय यीशु न भीड़ सी कह्यो, “का तुम तलवारे अऊर लाठियां धर क मोख डाकू को जसो पकड़न लायी निकल्यो हय? मय हर दिन मन्दिर म बैठ क उपदेश करत होतो, अऊर तुम न मोख नहीं पकड़्यो।”
56 τοῦτο δὲ ὅλον γέγονεν, ἵνα πληρωθῶσιν αἱ γραφαὶ τῶν προφητῶν. τότε οἱ μαθηταὶ πάντες ἀφέντες αὐτὸν ἔφυγον.
पर यो सब येकोलायी भयो हय कि भविष्यवक्तावों को वचन पूरो होय। तब सब चेला ओख छोड़ क भग गयो।
57 Οἱ δὲ κρατήσαντες τὸν Ἰησοῦν ἀπήγαγον πρὸς Καϊάφαν τὸν ἀρχιερέα, ὅπου οἱ γραμματεῖς καὶ οἱ πρεσβύτεροι συνήχθησαν.
तब यीशु को पकड़न वालो ओख कैफा नाम को महायाजक को जवर लिजायो, जहां धर्मशास्त्री अऊर बुजूर्गों जमा भयो होतो।
58 ὁ δὲ Πέτρος ἠκολούθει αὐτῷ ἀπὸ μακρόθεν ἕως τῆς αὐλῆς τοῦ ἀρχιερέως, καὶ εἰσελθὼν ἔσω ἐκάθητο μετὰ τῶν ὑπηρετῶν ἰδεῖν τὸ τέλος.
पतरस दूरच दूर ओको पीछू-पीछू महायाजक को आंगन तक गयो, अऊर अन्दर जाय क यीशु को का होयेंन देखन सेवकों को संग बैठ गयो।
59 Οἱ δὲ ἀρχιερεῖς καὶ τὸ συνέδριον ὅλον ἐζήτουν ψευδομαρτυρίαν κατὰ τοῦ Ἰησοῦ, ὅπως αὐτὸν θανατώσουσιν,
मुख्य याजक अऊर पूरी महासभा यीशु ख मार डालन लायी ओको विरोध म झूठी गवाही की खोज म होतो,
60 καὶ οὐχ εὗρον, πολλῶν προσελθόντων ψευδομαρτύρων· ὕστερον δὲ προσελθόντες δύο
पर बहुत सो झूठो गवाहों को आनो पर भी नहीं पायो आखरी म दोय लोग आयो,
61 εἶπον, Οὗτος ἔφη, Δύναμαι καταλῦσαι τὸν ναὸν τοῦ θεοῦ, καὶ διὰ τριῶν ἡμερῶν οἰκοδομῆσαι.
अऊर कह्यो, “येन कह्यो हय कि मय परमेश्वर को मन्दिर ख गिराय सकू हय अऊर ओख तीन दिन म बनाय सकू हय।”
62 καὶ ἀναστὰς ὁ ἀρχιερεὺς εἶπεν αὐτῷ, Οὐδὲν ἀποκρίνῃ; τί οὗτοί σου καταμαρτυροῦσιν;
तब महायाजक न खड़ो होय क यीशु सी कह्यो, “का तय कोयी उत्तर नहीं देवय? हि लोग तोरो विरोध म का गवाही देवय हंय?”
63 ὁ δὲ Ἰησοῦς, ἐσιώπα. καὶ ὁ ἀρχιερεὺς εἶπεν αὐτῷ, Ἐξορκίζω σε κατὰ τοῦ θεοῦ τοῦ ζῶντος, ἵνα ἡμῖν εἴπῃς εἰ σὺ εἶ ὁ χριστὸς ὁ υἱὸς τοῦ θεοῦ.
पर यीशु चुप रह्यो। तब महायाजक न ओको सी कह्यो, “मय तोख जीन्दो परमेश्वर की कसम देऊ हय कि यदि तय परमेश्वर को बेटा मसीह आय, त हम सी कह्य दे।”
64 λέγει αὐτῷ ὁ Ἰησοῦς, Σὺ εἶπας· πλὴν λέγω ὑμῖν, ἀπ᾽ ἄρτι ὄψεσθε τὸν υἱὸν τοῦ ἀνθρώπου καθήμενον ἐκ δεξιῶν τῆς δυνάμεως καὶ ἐρχόμενον ἐπὶ τῶν νεφελῶν τοῦ οὐρανοῦ.
यीशु न ओको सी कह्यो, “तय न खुदच कह्य दियो; बल्की मय तुम सी यो भी कहू हय कि अब सी तुम केवल आदमी को बेटा ख सर्वशक्तिमान को दायो तरफ बैठ्यो, अऊर आसमान को बादलो पर आवतो देखो।”
65 τότε ὁ ἀρχιερεὺς διέῤῥηξεν τὰ ἱμάτια αὐτοῦ λέγων, Ἐβλασφήμησεν· τί ἔτι χρείαν ἔχομεν μαρτύρων; ἴδε νῦν ἠκούσατε τὴν βλασφημίαν.
येको पर महायाजक न अपनो कपड़ा फाड़्यो अऊर कह्यो, “येन परमेश्वर की निन्दा करी हय, अब हम्ख गवाहों की का जरूरत? देखो, तुम न अभी यो निन्दा सुनी हय!
66 τί ὑμῖν δοκεῖ; οἱ δὲ ἀποκριθέντες εἶπον, Ἔνοχος θανάτου ἐστίν.
तुम का सोचय हय?” उन्न उत्तर दियो, “यो दोषी हय अऊर येख मरनो चाहिये।”
67 τότε ἐνέπτυσαν εἰς τὸ πρόσωπον αὐτοῦ καὶ ἐκολάφισαν αὐτόν· οἱ δὲ ἐράπισαν
तब उन्न ओको मुंह पर थूक्यो अऊर ओख घूसा मारयो, दूसरों न थापड़ मार क,
68 λέγοντες, Προφήτευσον ἡμῖν, χριστέ, τίς ἐστιν ὁ παίσας σε;
कह्यो, “हे मसीह, हम सी भविष्यवानी कर क् कह्य कि कौन न तोख मारयो?”
69 Ὁ δὲ Πέτρος ἐκάθητο ἔξω ἐν τῇ αὐλῇ· καὶ προσῆλθεν αὐτῷ μία παιδίσκη λέγουσα, Καὶ σὺ ἦσθα μετὰ Ἰησοῦ τοῦ Γαλιλαίου.
पतरस बाहेर आंगन म बैठ्यो हुयो होतो कि एक दासी ओको जवर आयी अऊर कह्यो, “तय भी यीशु गलीली को संग होतो।”
70 ὁ δὲ ἠρνήσατο ἔμπροσθεν πάντων λέγων, Οὐκ οἶδα τί λέγεις.
पतरस न सब को आगु यो कहतो हुयो इन्कार करयो, “मय नहीं जानु तय का कह्य रही हय।”
71 ἐξελθόντα δὲ εἰς τὸν πυλῶνα εἶδεν αὐτὸν ἄλλη, καὶ λέγει τοῖς ἐκεῖ, Καὶ οὗτος ἦν μετὰ Ἰησοῦ τοῦ Ναζωραίου.
जब ऊ बाहेर द्वार म गयो, त दूसरी सेविका न ओख देख क उन्को सी जो उत होतो कह्यो, “यो भी त यीशु नासरी को संग होतो।”
72 καὶ πάλιν ἠρνήσατο μετὰ ὅρκου ὅτι Οὐκ οἶδα τὸν ἄνθρωπον.
पतरस न कसम खाय क फिर इन्कार करयो: “मय ऊ आदमी ख नहीं जानु।”
73 μετὰ μικρὸν δὲ προσελθόντες οἱ ἑστῶτες εἶπον τῷ Πέτρῳ, Ἀληθῶς καὶ σὺ ἐξ αὐτῶν εἶ· καὶ γὰρ ἡ λαλιά σου δῆλόν σε ποιεῖ.
थोड़ी देर बाद लोगों न जो उत खड़ो होतो, पतरस को जवर आय क ओको सी कह्यो, “सचमुच तय भी उन्म सी एक आय, कहालीकि तोरी बोली भाषा न तोरो भेद खोल दियो हय।”
74 τότε ἤρξατο καταθεματίζειν καὶ ὀμνύειν ὅτι Οὐκ οἶδα τὸν ἄνθρωπον. καὶ εὐθὺς ἀλέκτωρ ἐφώνησεν.
तब ऊ धिक्कारन अऊर कसम खान लग्यो: “मय ऊ आदमी ख नहीं जानु।” अऊर तुरतच मुर्गा न बाग दियो।
75 καὶ ἐμνήσθη ὁ Πέτρος τοῦ ῥήματος Ἰησοῦ εἰρηκότος ὅτι Πρὶν ἀλέκτορα φωνῆσαι τρὶς ἀπαρνήσῃ με· καὶ ἐξελθὼν ἔξω ἔκλαυσεν πικρῶς.
तब पतरस ख यीशु की कहीं हुयी बात याद म आयी: “मुर्गा को बाग देन सी पहिले तय तीन बार मोरो इन्कार करजो।” अऊर ऊ बाहेर जाय क फूट फूट क रोयो।

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