< Κατα Μαρκον 3 >
1 Καὶ εἰσῆλθε πάλιν εἰς τὴν συναγωγήν, καὶ ἦν ἐκεῖ ἄνθρωπος ἐξηραμμένην ἔχων τὴν χεῖρα.
यीशु फेर आराम कै दिन आराधनालय म्ह गया; उड़ै एक माणस था जिसका हाथ सूखरया था,
2 Καὶ παρετήρουν αὐτὸν εἰ τοῖς σάββασι θεραπεύσει αὐτόν, ἵνα κατηγορήσωσιν αὐτοῦ.
अर फरीसी यीशु पै दोष लाण खात्तर उसकी टाह म्ह थे के देक्खै, वो आराम कै दिन उसनै ठीक करै सै के न्ही।
3 Καὶ λέγει τῷ ἀνθρώπῳ τῷ ἐξηραμμένην ἔχοντι τὴν χεῖρα, Ἔγειραι εἰς τὸ μέσον.
उसनै सूखे हाथ आळे माणस तै कह्या, “बीच म्ह खड्या होज्या”
4 Καὶ λέγει αὐτοῖς, Ἔξεστι τοῖς σάββασιν ἀγαθοποιῆσαι ἢ κακοποιῆσαι; Ψυχὴν σῶσαι ἢ ἀποκτεῖναι; Οἱ δὲ ἐσιώπων.
अर उनतै कह्या, “के मूसा के नियम-कायदा कै मुताबिक आराम कै दिन भला करणा ठीक सै या बुरा करणा, जान बचाणा या मारणा?” पर वे बोल-बाल्ले रहे।
5 Καὶ περιβλεψάμενος αὐτοὺς μετ᾿ ὀργῆς, συλλυπούμενος ἐπὶ τῇ πωρώσει τῆς καρδίας αὐτῶν, λέγει τῷ ἀνθρώπῳ, Ἔκτεινον τὴν χεῖρά σου. Καὶ ἐξέτεινε, καὶ ἀποκατεστάθη ἡ χεὶρ αὐτοῦ ὑγιὴς ὡς ἡ ἄλλη.
फेर उसनै उनकै मन की कठोरता तै काल होकै, उन ताहीं छो तै चोगरदेनै देख्या, अर उस माणस ताहीं कह्या, “अपणा हाथ बढ़ा।” उसनै बढ़ाया, अर उसका हाथ ठीक हो गया।
6 Καὶ ἐξελθόντες οἱ Φαρισαῖοι εὐθέως μετὰ τῶν Ἡρῳδιανῶν συμβούλιον ἐποίουν κατ᾿ αὐτοῦ, ὅπως αὐτὸν ἀπολέσωσι.
फेर फरीसी बाहरणै जाकै जिब्बे हेरोदेस राजा के समर्थकां कै गेल्या उसकै बिरोध म्ह सलाह करण लाग्गे के उसका नाश किस तरियां करया जावै।
7 Καὶ ὁ Ἰησοῦς ἀνεχώρησε μετὰ τῶν μαθητῶν αὐτοῦ πρὸς τὴν θάλασσαν· καὶ πολὺ πλῆθος ἀπὸ τῆς Γαλιλαίας ἠκολούθησαν αὐτῷ, καὶ ἀπὸ τῆς Ἰουδαίας,
यीशु अपणे चेल्यां गेल्या गलील समुन्दर कान्ही चल्या गया: अर गलील तै एक बड्डी भीड़ उसकै पाच्छै हो ली;
8 καὶ ἀπὸ Ἱεροσολύμων, καὶ ἀπὸ τῆς Ἰδουμαίας, καὶ πέραν τοῦ Ἰορδάνου, καὶ οἱ περὶ Τύρον καὶ Σιδῶνα, πλῆθος πολύ, ἀκούσαντες ὅσα ἐποίει, ἦλθον πρὸς αὐτόν.
अर यहूदिया नगर, अर यरुशलेम नगर, अर इदूमिया परदेस, अर यरदन नदी के परली ओड़, अर सूर अर सैदा नगर के लोवै-धोवै तै एक बड्डी भीड़ न्यू सुणकै के वो किसे अचम्भे आळे काम करै सै, उसनै देक्खण आई।
9 Καὶ εἶπε τοῖς μαθηταῖς αὐτοῦ ἵνα πλοιάριον προσκαρτερῇ αὐτῷ διὰ τὸν ὄχλον, ἵνα μὴ θλίβωσιν αὐτόν.
यीशु नै अपणे चेल्यां तै कह्या, “भीड़ की बजह तै एक छोट्टी किस्ती मेरै खात्तर त्यार राखियों ताके वे मन्नै दाब न्ही सकै।”
10 Πολλοὺς γὰρ ἐθεράπευσεν, ὥστε ἐπιπίπτειν αὐτῷ, ἵνα αὐτοῦ ἅψωνται, ὅσοι εἶχον μάστιγας.
क्यूँके उसनै घणखरयां ताहीं ठीक करया था, इस करकै जितने माणस बीमार थे, उस ताहीं छूण खात्तर उसपै पड़ण लागरे थे।
11 Καὶ τὰ πνεύματα τὰ ἀκάθαρτα, ὅταν αὐτὸν ἐθεώρει, προσέπιπτεν αὐτῷ, καὶ ἔκραζε, λέγοντα ὅτι Σὺ εἶ ὁ υἱὸς τοῦ Θεοῦ.
जिन म्ह ओपरी आत्मा भी जिब उस ताहीं देक्खै थी, तो उसकै स्याम्ही गिर ज्या थी, अर किल्की मारकै कहवै थी, तू परमेसवर का बेट्टा सै।
12 Καὶ πολλὰ ἐπετίμα αὐτοῖς ἵνα μὴ αὐτὸν φανερὸν ποιήσωσι.
अर उसनै ओपरी आत्मायाँ ताहीं चेतावनी देकै कह्या के मेरै बारै म्ह किसे तै ना कहियो के मै कौण सूं।
13 Καὶ ἀναβαίνει εἰς τὸ ὄρος, καὶ προσκαλεῖται οὓς ἤθελεν αὐτός· καὶ ἀπῆλθον πρὸς αὐτόν.
फेर यीशु पहाड़ पै चढ़ग्या, अर जिन नै वो चाहवै था उन ताहीं अपणे धोरै बुलाया; अर वे उसकै धोरै आए।
14 Καὶ ἐποίησε δώδεκα, ἵνα ὦσι μετ᾿ αὐτοῦ, καὶ ἵνα ἀποστέλλῃ αὐτοὺς κηρύσσειν,
फेर उसनै उन म्ह तै बारहा चेल्यां ताहीं नियुक्त करया के वे उसकै गेल्या-गेल्या रहवै, अर वो उननै भेज्जै के वे प्रचार करै,
15 καὶ ἔχειν ἐξουσίαν θεραπεύειν τὰς νόσους, καὶ ἐκβάλλειν τὰ δαιμόνια·
अर ओपरी आत्मा ताहीं काढ़ण का हक राक्खै।
16 καὶ ἐπέθηκε τῷ Σίμωνι ὄνομα Πέτρον·
वे बारहा चेल्लें ये सै: “शमौन जिसका नाम उसनै पतरस धरया,
17 καὶ Ἰάκωβον τὸν τοῦ Ζεβεδαίου, καὶ Ἰωάννην τὸν ἀδελφὸν τοῦ Ἰακώβου· καὶ ἐπέθηκεν αὐτοῖς ὀνόματα Βοανεργές, ὅ ἐστιν, Υἱοὶ Βροντῆς·
अर जब्दी का बेट्टा याकूब अर याकूब का भाई यूहन्ना, जिसका नाम उसनै बुअनरगिस यानिके ‘गरजण का बेट्टा’ धरया।”
18 καὶ Ἀνδρέαν, καὶ Φίλιππον, καὶ Βαρθολομαῖον, καὶ Ματθαῖον, καὶ Θωμᾶν, καὶ Ἰάκωβον τὸν τοῦ Ἀλφαίου, καὶ Θαδδαῖον, καὶ Σίμωνα τὸν Κανανίτην,
अर अन्द्रियास, अर फिलिप्पुस, अर बरतुल्मै, अर मत्ती, अर थोमा, अर हलफई का बेट्टा याकूब, अर तद्दै, अर शमौन कनानी,
19 καὶ Ἰούδαν Ἰσκαριώτην, ὃς καὶ παρέδωκεν αὐτόν. Καὶ ἔρχονται εἰς οἶκον·
अर यहूदा इस्करियोती जिसनै उस ताहीं पकड़वा भी दिया था।
20 καὶ συνέρχεται πάλιν ὄχλος, ὥστε μὴ δύνασθαι αὐτοὺς μήτε ἄρτον φαγεῖν.
फेर यीशु घरां आया; अर इसी भीड़ कठ्ठी होई, के यीशु अर उसके चेल्यां पै रोट्टी भी कोनी खाई गई।
21 Καὶ ἀκούσαντες οἱ παρ᾿ αὐτοῦ ἐξῆλθον κρατῆσαι αὐτόν· ἔλεγον γὰρ ὅτι Ἐξέστη.
जिब उसके कुण्बा आळा न्यू सुण्या, तो वे उस ताहीं घरां ले जाण खात्तर लिकड़े; क्यूँके वे कहवै थे, “के उसका दिमाग ठिकाणै कोनी सै”
22 Καὶ οἱ γραμματεῖς οἱ ἀπὸ Ἱεροσολύμων καταβάντες ἔλεγον ὅτι Βεελζεβοὺλ ἔχει, καὶ ὅτι Ἐν τῷ ἄρχοντι τῶν δαιμονίων ἐκβάλλει τὰ δαιμόνια.
शास्त्री भी जो यरुशलेम नगर तै आये थे, वे कहवै थे, “उस म्ह शैतान सै,” अर न्यू भी के “वो ओपरी आत्मायाँ के सरदार शैतान की मदद तै ओपरी आत्मायाँ नै लिकाड़ै सै।”
23 Καὶ προσκαλεσάμενος αὐτούς, ἐν παραβολαῖς ἔλεγεν αὐτοῖς, Πῶς δύναται Σατανᾶς Σατανᾶν ἐκβάλλειν;
ज्यातै यीशु उननै धोरै बुलाकै उदाहरणां म्ह कहण लाग्या, “शैतान क्यूँकर ओपरी आत्मायाँ नै काढ सकै सै?”
24 Καὶ ἐὰν βασιλεία ἐφ᾿ ἑαυτὴν μερισθῇ, οὐ δύναται σταθῆναι ἡ βασιλεία ἐκείνη.
जै किसे राज्य म्ह फूट पड़ै, तो वो राज्य किस तरियां टिक्या रह सकै सै?
25 Καὶ ἐὰν οἰκία ἐφ᾿ ἑαυτὴν μερισθῇ, οὐ δύναται σταθῆναι ἡ οἰκία ἐκείνη.
अर जै किसे घर म्ह फूट पड़ै, तो वो घर क्यूँकर डटया रह सकैगा?
26 Καὶ εἰ ὁ Σατανᾶς ἀνέστη ἐφ᾿ ἑαυτὸν καὶ μεμέρισται, οὐ δύναται σταθῆναι, ἀλλὰ τέλος ἔχει.
इस करकै जै शैतान खुद का ए बिरोधी होकै अपणे म्ह फूट गेरै, तो वो किस तरियां बण्या रहै सकै सै? उसका तो नाश हो जावै सै।
27 Οὐ δύναται οὐδεὶς τὰ σκεύη τοῦ ἰσχυροῦ, εἰσελθὼν εἰς τὴν οἰκίαν αὐτοῦ, διαρπάσαι, ἐὰν μὴ πρῶτον τὸν ἰσχυρὸν δήσῃ, καὶ τότε τὴν οἰκίαν αὐτοῦ διαρπάσει.
“पर कोए माणस किसे ठाड्डे माणस कै घर म्ह बड़कै उसका माळ कोनी लूट सकदा, जिब तक के पैहल्या उस ठाड्डे माणस ताहीं ना जुड़ ले; जिब वो उसके घर नै लूट लेवैगा।
28 Ἀμὴν λέγω ὑμῖν ὅτι πάντα ἀφεθήσεται τὰ ἁμαρτήματα τοῖς υἱοῖς τῶν ἀνθρώπων, καὶ βλασφημίαι ὅσας ἂν βλασφημήσωσιν·
मै थमनै साच्ची-साच कहूँ सूं के माणसां के सारे पाप अर बुराई जो वे करै सै, माफ करे जावैंगे,
29 ὃς δ᾿ ἂν βλασφημήσῃ εἰς τὸ πνεῦμα τὸ ἅγιον, οὐκ ἔχει ἄφεσιν εἰς τὸν αἰῶνα, ἀλλ᾿ ἔνοχός ἐστιν αἰωνίου κρίσεως. (aiōn , aiōnios )
पर जो कोए पवित्र आत्मा कै बिरोध म्ह बुराई करै सै, वो कदे माफ कोनी करया जावैगा: बल्के वो अनन्त पाप का कसूरवार बण ज्यागा।” (aiōn , aiōnios )
30 Ὅτι ἔλεγον, Πνεῦμα ἀκάθαρτον ἔχει.
क्यूँके वे न्यू कहवै थे के उस म्ह ओपरी आत्मा सै।
31 Ἔρχονται οὖν οἱ ἀδελφοὶ καὶ ἡ μήτηρ αὐτοῦ, καὶ ἔξω ἑστῶτες ἀπέστειλαν πρὸς αὐτόν, φωνοῦντες αὐτόν.
फेर यीशु की माँ अर उसके भाई आए, अर बाहरणै खड़े होकै उस ताहीं बुलावा भेज्या।
32 Καὶ ἐκάθητο ὄχλος περὶ αὐτόν· εἶπον δὲ αὐτῷ, Ἰδού, ἡ μήτηρ σου καὶ οἱ ἀδελφοί σου ἔξω ζητοῦσί σε.
भीड़ उसकै लोवै-धोवै बेठ्ठी थी, अर उननै उसतै कह्या, “देख, तेरी माँ अर तेरे भाई बाहरणै तन्नै टोहवै सै।”
33 Καὶ ἀπεκρίθη αὐτοῖς λέγων, Τίς ἐστιν ἡ μήτηρ μου ἢ οἱ ἀδελφοί μου;
यीशु नै उनतै जवाब दिया, “मेरी माँ अर मेरे भाई कौण सै?”
34 Καὶ περιβλεψάμενος κύκλῳ τοὺς περὶ αὐτὸν καθημένους, λέγει, Ἴδε, ἡ μήτηρ μου καὶ οἱ ἀδελφοί μου.
अर जो उसकै लोवै-धोवै बेठ्ठे थे, उनपै निगांह करकै कह्या, “देक्खों, मेरी माँ अर मेरे भाई ये सै।
35 Ὃς γὰρ ἂν ποιήσῃ τὸ θέλημα τοῦ Θεοῦ, οὗτος ἀδελφός μου καὶ ἀδελφή μου καὶ μήτηρ ἐστί.
क्यूँके जो कोए परमेसवर की इच्छा पै चाल्लै, वोए मेरा भाई, मेरी बेब्बे, अर मेरी माँ सै।”