< Κατα Ματθαιον 26 >
1 και εγενετο οτε ετελεσεν ο ιησους παντας τους λογους τουτους ειπεν τοις μαθηταις αυτου
जालू यीशु ऐ सारियां गल्लां बोली बैठा, तां अपणे चेलयां ने बोलणा लग्गा।
2 οιδατε οτι μετα δυο ημερας το πασχα γινεται και ο υιος του ανθρωπου παραδιδοται εις το σταυρωθηναι
“तुहांजो पता है, कि दो दिना बाद फसह दा त्योहार होणेबाला है, कने माणुऐ दा पुत्र सूली पर चढ़ाणे तांई पकड़ाया जाणा है।”
3 τοτε συνηχθησαν οι αρχιερεις και οι γραμματεις και οι πρεσβυτεροι του λαου εις την αυλην του αρχιερεως του λεγομενου καιαφα
तालू बड्डे याजक कने प्रजा दे यहूदी अगुवे कैफा नाऐ दे महायाजक दे अंगणे च गिठे होए,
4 και συνεβουλευσαντο ινα τον ιησουν κρατησωσιν δολω και αποκτεινωσιν
कने अपु चे बिचार करणा लग्गे कि यीशुऐ जो धोखे ने पकड़ी करी मारी देंन।
5 ελεγον δε μη εν τη εορτη ινα μη θορυβος γενηται εν τω λαω
पर सै बोलदे थे, कि त्योहारे दे बकत नी, कुथी इयां ना होऐ कि लोकां च रोल्ला पेई जा।
6 του δε ιησου γενομενου εν βηθανια εν οικια σιμωνος του λεπρου
जालू सै बैतनिय्याह ग्रां च शमौन कोढ़ी दे घरे था, जिसयो यीशुऐ ठीक कितया था।
7 προσηλθεν αυτω γυνη αλαβαστρον μυρου εχουσα βαρυτιμου και κατεχεεν επι την κεφαλην αυτου ανακειμενου
जालू यीशु खांणा खाणे तांई बैठया था तां इक जनानी संगमरमरे दे भांडे च बड़ा मेंहगा इत्र लेईकरी उदे बाल आई कने, तां उना सै इत्र उदे सिरे पर नियोरी दिता।
8 ιδοντες δε οι μαθηται αυτου ηγανακτησαν λεγοντες εις τι η απωλεια αυτη
ऐ दिखीकरी उदे चेले हेरान होए कने बोलणा लग्गे, “इस इतणे मेंगे इत्रे जो सत्यानाश नी करणा चाईदा?
9 ηδυνατο γαρ τουτο το μυρον πραθηναι πολλου και δοθηναι πτωχοις
इसयो तां खरे दामे च बेची करी कंगालां जो बंडी सकदे थे।”
10 γνους δε ο ιησους ειπεν αυτοις τι κοπους παρεχετε τη γυναικι εργον γαρ καλον ειργασατο εις εμε
ऐ जाणी करी यीशुऐ उना ने बोलया, जनानिया जो कजो तंग करा दे न? उना मिंजो ने खरा किता है।
11 παντοτε γαρ τους πτωχους εχετε μεθ εαυτων εμε δε ου παντοτε εχετε
कंगालां तां तुहाड़े सोगी हमेशा रेंणा है, पर मैं तुहाड़े सोगी हमेशा नी रेणा है।
12 βαλουσα γαρ αυτη το μυρον τουτο επι του σωματος μου προς το ενταφιασαι με εποιησεν
इना जड़ा इत्र मेरे शरीरे पर नियोरया है, सै इना मिंजो मरणे ला पहले ही दफनाणे दी तैयारी किती है।
13 αμην λεγω υμιν οπου εαν κηρυχθη το ευαγγελιον τουτο εν ολω τω κοσμω λαληθησεται και ο εποιησεν αυτη εις μνημοσυνον αυτης
“मैं तुसां ने सच्च बोलदा है, कि सारे संसार च जिथू कुथु भी ऐ शुभसमाचार सुणाया जांगा, ओथु इसा दे इस कम्मे दी चर्चा भी इसा दिया यादा च होणी।”
14 τοτε πορευθεις εις των δωδεκα ο λεγομενος ιουδας ισκαριωτης προς τους αρχιερεις
यहूदा इस्करियोती, जड़ा बाहरां चेलयां चे इक था, उनी बड्डे याजकां बाल जाई करी बोलया,
15 ειπεν τι θελετε μοι δουναι καγω υμιν παραδωσω αυτον οι δε εστησαν αυτω τριακοντα αργυρια
अगर मैं उसयो तुहाड़े हथे पकड़ाई दे, “तां मिंजो क्या दिंगे? उना उसयो ती चांदिये दे सिक्के तोली करी देई दिते।”
16 και απο τοτε εζητει ευκαιριαν ινα αυτον παραδω
कने सै तालू ला ही उसयो पकड़ाने दा मोका तोपणा लगी पिया।
17 τη δε πρωτη των αζυμων προσηλθον οι μαθηται τω ιησου λεγοντες αυτω που θελεις ετοιμασωμεν σοι φαγειν το πασχα
अखमीरी रोटिया दे त्योहारे दे पेहले रोजे, चेले यीशुऐ बाल जाई करी पूछणा लग्गे, “तू कुथु फसह खांणा चांदा है, ओथु असां जाई करी तेरे तांई फसह खांणे दी तैयारी करन?”
18 ο δε ειπεν υπαγετε εις την πολιν προς τον δεινα και ειπατε αυτω ο διδασκαλος λεγει ο καιρος μου εγγυς εστιν προς σε ποιω το πασχα μετα των μαθητων μου
उनी बोलया, “शेहरे च जा कने अमुक नाऐ दे माणुऐ बाल जाई करी बोला, कि गुरू बोला दा है, कि मेरा बकत नेड़े है, कने मैं अपणे चेलयां सोगी तेरे ऐथू फसह दा त्योहारे मनाणा है।”
19 και εποιησαν οι μαθηται ως συνεταξεν αυτοις ο ιησους και ητοιμασαν το πασχα
चेलयां यीशुऐ दा हुकम मनया, कने फसह तैयार किता।
20 οψιας δε γενομενης ανεκειτο μετα των δωδεκα
जालू संज होई तां सै चेलयां सोगी खांणा खाणे तांई बैठा।
21 και εσθιοντων αυτων ειπεν αμην λεγω υμιν οτι εις εξ υμων παραδωσει με
कने जालू सै रोटी खाणां बैठयो थे, तां यीशुऐ बोलया, “मैं तुसां ने सच्च बोला दा है, कि तुसां चे इकी जणे मिंजो पकड़ाणा है।”
22 και λυπουμενοι σφοδρα ηρξαντο λεγειν αυτω εκαστος αυτων μητι εγω ειμι κυριε
इसा गल्ला पर सै बड़े उदास होई गे, कने सारे उसयो पूछणा लग्गे, “हे गुरू, क्या सै मैं है?”
23 ο δε αποκριθεις ειπεν ο εμβαψας μετ εμου εν τω τρυβλιω την χειρα ουτος με παραδωσει
उनी जबाब दिता, “जिनी मिंजो सोगी थालिया च हथ पाया है, उनी ही मिंजो पकड़ाणा है।”
24 ο μεν υιος του ανθρωπου υπαγει καθως γεγραπται περι αυτου ουαι δε τω ανθρωπω εκεινω δι ου ο υιος του ανθρωπου παραδιδοται καλον ην αυτω ει ουκ εγεννηθη ο ανθρωπος εκεινος
“माणुऐ दे पुत्रे मरी जाणा है, क्योंकि ऐ सब कुछ पबित्र शास्त्रां च लिखया है, पर उस माणुऐ जो बड़ी बुरी सजा होणी है जड़ा मिंजो धोखा दिन्दा है जिनी मिंजो पकड़वाणे च सहायता करणी है! अगर उस माणुऐ दा जन्म ही नी होया होंदा तां ही उदे तांई खरा होंदा।”
25 αποκριθεις δε ιουδας ο παραδιδους αυτον ειπεν μητι εγω ειμι ραββι λεγει αυτω συ ειπας
तालू उसयो पकड़ाणे बाले यहूदे बोलया, “गुरू जी, क्या सै मैं है?” उनी उसयो बोलया, “तू बोली बैठा।”
26 εσθιοντων δε αυτων λαβων ο ιησους τον αρτον και ευλογησας εκλασεν και εδιδου τοις μαθηταις και ειπεν λαβετε φαγετε τουτο εστιν το σωμα μου
जालू सै खा दे थे तां यीशुऐ रोटी लेई, कने परमेश्वरे दा धन्यबाद करी के तोड़ी, कने चेलयां जो दिती कने बोलया, “लिया, खाई लिया; ऐ मेरा शरीर है।”
27 και λαβων το ποτηριον και ευχαριστησας εδωκεν αυτοις λεγων πιετε εξ αυτου παντες
फिरी उनी दाखरस दे कटोरे जो चुकी करी परमेश्वरे दा धन्यबाद किता, कने चेलयां जो दिता कने बोलया, “तुसां सारे इस कटोरे चे पिया,
28 τουτο γαρ εστιν το αιμα μου το της καινης διαθηκης το περι πολλων εκχυνομενον εις αφεσιν αμαρτιων
क्योंकि ऐ बाचा दा मेरा सै खून है, जड़ा मतयां लोकां दिया भलाईया तांई बहाया जाणा है।”
29 λεγω δε υμιν οτι ου μη πιω απ αρτι εκ τουτου του γεννηματος της αμπελου εως της ημερας εκεινης οταν αυτο πινω μεθ υμων καινον εν τη βασιλεια του πατρος μου
“मैं तुहांजो ने सच्च बोलदा है, मैं दाखा दा ऐ रस उस दिने दीकर नी पींणा, जालू दीकर पिता दे राज्य च नोआ दाखरस नी पी लेंगा।”
30 και υμνησαντες εξηλθον εις το ορος των ελαιων
फिरी यीशुऐ कने उदे चेलयां फसह दे त्योहारे दे भजन गाई करी यरूशलेम शहरे दे बाहर जैतून रुखां दे पाहड़े पर चली गे।
31 τοτε λεγει αυτοις ο ιησους παντες υμεις σκανδαλισθησεσθε εν εμοι εν τη νυκτι ταυτη γεγραπται γαρ παταξω τον ποιμενα και διασκορπισθησεται τα προβατα της ποιμνης
तालू यीशुऐ उना ने बोलया, “तुसां सारयां ही अज राती अपणे भरोसे ला भटकी जाणा है; क्योंकि पबित्र शास्त्र च लिखया है कि मैं पुहाल मारी देणा है; कने झुंडे दियां भेडां तितर-बितर होई जाणा।”
32 μετα δε το εγερθηναι με προαξω υμας εις την γαλιλαιαν
पर मैं मरी के जिन्दा होणे ला बाद तुहांजो ला पेहले गलील प्रदेश च पूजणा है।
33 αποκριθεις δε ο πετρος ειπεν αυτω ει και παντες σκανδαλισθησονται εν σοι εγω ουδεποτε σκανδαλισθησομαι
पर पतरसे यीशुऐ जो बोलया, “चाहे सारे छडी करी नसी जांगे पर मैं नी नसगा।”
34 εφη αυτω ο ιησους αμην λεγω σοι οτι εν ταυτη τη νυκτι πριν αλεκτορα φωνησαι τρις απαρνηση με
यीशुऐ उसयो बोलया, “मैं तिजो ने सच्च बोलदा है, कि अज ही इसा राती मुर्गे जो दो बार बांग देणे ला पेहले तू मिंजो तीन बरी बोलणा है, कि मिंजो नी जाणदा है।”
35 λεγει αυτω ο πετρος καν δεη με συν σοι αποθανειν ου μη σε απαρνησομαι ομοιως και παντες οι μαθηται ειπον
पतरसे यीशुऐ ने बोलया, अगर मिंजो तेरे सोगी मरणा भी पौंगा, तमी मैं तिजो ला कदी नी मना करगा। कने इयां ही सारयां चेलयां भी बोलया।
36 τοτε ερχεται μετ αυτων ο ιησους εις χωριον λεγομενον γεθσημανη και λεγει τοις μαθηταις καθισατε αυτου εως ου απελθων προσευξωμαι εκει
तालू यीशु अपणे चेलयां सोगी गतसमनी नाऐ दिया इक जगा च आया कने अपणे चेलयां ने बोलणा लग्गा, “ऐथू बेई रिया, जालू दीकर मैं प्राथना करें।”
37 και παραλαβων τον πετρον και τους δυο υιους ζεβεδαιου ηρξατο λυπεισθαι και αδημονειν
सै पतरस कने जब्दी दे दोनो पुत्रां जो सोगी लेई गिया, कने उदास कने रोणा लग्गा।
38 τοτε λεγει αυτοις περιλυπος εστιν η ψυχη μου εως θανατου μεινατε ωδε και γρηγορειτε μετ εμου
तालू उनी उना जो बोलया, “मेरा मन बड़ा उदास है, ऐथू दीकर कि मेरे प्राण निकली चलयो न। तुसां ऐथू ही रुका, कने मेरे सोगी जागदे रिया।”
39 και προελθων μικρον επεσεν επι προσωπον αυτου προσευχομενος και λεγων πατερ μου ει δυνατον εστιν παρελθετω απ εμου το ποτηριον τουτο πλην ουχ ως εγω θελω αλλ ως συ
फिरी यीशु थोड़ा अग्गे गिया, कने गोडे भार पेई गया कने मुह धरतिया पर करी प्राथना करणा लग्गा, “हे मेरे पिता, अगर होई सके तां ऐ कटोरा मिंजो ला टली जाऐ, तमि जियां मैं चांदा है तियां नी हो, पर जियां तू चांदा है, तियां ही हो।”
40 και ερχεται προς τους μαθητας και ευρισκει αυτους καθευδοντας και λεγει τω πετρω ουτως ουκ ισχυσατε μιαν ωραν γρηγορησαι μετ εμου
फिरी जालू यीशु बापस आया कने उना चेलयां जो सुतया दिखीकरी उनी पतरसे जो बोलया, “हे शमौन, तू सुतया है? तुसां इक घंटा भी मेरे सोगी जागदे नी रेई सके?
41 γρηγορειτε και προσευχεσθε ινα μη εισελθητε εις πειρασμον το μεν πνευμα προθυμον η δε σαρξ ασθενης
जागदे कने प्राथना करदे रिया ताकि मिजों पर भरोसा रखणा नी छडन। आत्मा तां खरा करणा चांहदी है पर शरीरे च जोरे दी कमी है।”
42 παλιν εκ δευτερου απελθων προσηυξατο λεγων πατερ μου ει ου δυναται τουτο το ποτηριον παρελθειν απ εμου εαν μη αυτο πιω γενηθητω το θελημα σου
फिरी उनी दुजी बरी जाई करी ऐ प्राथना किती कि, “हे मेरे पिता, अगर ऐ मेरे पित्यो बिना नी हटी सकदा है, तां तेरी इच्छा पुरी होए।”
43 και ελθων ευρισκει αυτους παλιν καθευδοντας ησαν γαρ αυτων οι οφθαλμοι βεβαρημενοι
तालू उनी आई करी उना जो फिरी सुत्या दिखया, क्योंकि उना दियां हखी निंद्रा ने भरूइयां थियां।
44 και αφεις αυτους απελθων παλιν προσηυξατο εκ τριτου τον αυτον λογον ειπων
उना जो छडी करी सै फिरी चली गिया, कने सेई गल्ल दोवारा बोली करी, तिजी बरी प्राथना किती।
45 τοτε ερχεται προς τους μαθητας αυτου και λεγει αυτοις καθευδετε το λοιπον και αναπαυεσθε ιδου ηγγικεν η ωρα και ο υιος του ανθρωπου παραδιδοται εις χειρας αμαρτωλων
तालू उनी चेलयां बाल आई करी उना जो बोलया, हुण सोंदे रिया कने अराम करा: दिखा, सै घड़ी आई गेई है, कने माणुऐ दा पुत्र पापियां दे हथे पकड़ाया जाणा है।
46 εγειρεσθε αγωμεν ιδου ηγγικεν ο παραδιδους με
“उठा कने चला। दिखा, जिनी माणुऐ मिजों पकड़वाणा है सै बखे आई रिया है।”
47 και ετι αυτου λαλουντος ιδου ιουδας εις των δωδεκα ηλθεν και μετ αυτου οχλος πολυς μετα μαχαιρων και ξυλων απο των αρχιερεων και πρεσβυτερων του λαου
जालू यीशुऐ ऐ बोला दा ही था, यहूदा जड़ा बाहरां चेलयां चे इक था, सै अपणे सोगी मते सारे लोकां जो लेईकरी आया जिना तलवारां कने डंडे लियो थे, ऐ सारे लोक बड्डे याजकां, यहूदी व्यवस्था दे गुरूआं कने यहूदी अगुवां भेजयो थे।
48 ο δε παραδιδους αυτον εδωκεν αυτοις σημειον λεγων ον αν φιλησω αυτος εστιν κρατησατε αυτον
उनी यीशुऐ जो पकड़णने बालयां जो ऐ बोलया था कि: “जिदी मैं चूमी लेंगा, सै ही यीशु है, उसयो तुसां पकड़ी लेनयो।”
49 και ευθεως προσελθων τω ιησου ειπεν χαιρε ραββι και κατεφιλησεν αυτον
उनी झट यीशुऐ बाल आई करी बोलया, “गुरू जी, नमस्ते!” कने उदी चूमी लेई।
50 ο δε ιησους ειπεν αυτω εταιρε εφ ω παρει τοτε προσελθοντες επεβαλον τας χειρας επι τον ιησουν και εκρατησαν αυτον
यीशुऐ उसयो बोलया, “हे मित्र, जिसी कम्मे तांई तू आया है, उसयो करी ले।” तालू उना बखे आई करी यीशुऐ जो पकड़ी लिया।
51 και ιδου εις των μετα ιησου εκτεινας την χειρα απεσπασεν την μαχαιραν αυτου και παταξας τον δουλον του αρχιερεως αφειλεν αυτου το ωτιον
यीशुऐ दे साथियां चे इकी अपणी तलवार कडी कने महायाजके दे इकी नोकरे पर चलाई करी उदा कन बडी दिता।
52 τοτε λεγει αυτω ο ιησους αποστρεψον σου την μαχαιραν εις τον τοπον αυτης παντες γαρ οι λαβοντες μαχαιραν εν μαχαιρα απολουνται
तालू यीशुऐ उसला बोलया, अपणिया तलवारा मयाना च रख क्योंकि जड़े तलवारां चलादें न सै तलवारा ने ही खत्म करणे न।
53 η δοκεις οτι ου δυναμαι αρτι παρακαλεσαι τον πατερα μου και παραστησει μοι πλειους η δωδεκα λεγεωνας αγγελων
तिजो क्या पता नी है कि मैं अपणे पिता ने विनती करी सकदा है, कने उनी स्वर्गदूते दियां बाहरां पलटना ला भी जादा स्वर्गदूत मेरे बाल हुण हाजिर करी देणे?
54 πως ουν πληρωθωσιν αι γραφαι οτι ουτως δει γενεσθαι
“पर पबित्र शास्त्रां दियां सै गल्लां कि इयां ही होणा जरूरी है कियां पुरियां होणियां?”
55 εν εκεινη τη ωρα ειπεν ο ιησους τοις οχλοις ως επι ληστην εξηλθετε μετα μαχαιρων και ξυλων συλλαβειν με καθ ημεραν προς υμας εκαθεζομην διδασκων εν τω ιερω και ουκ εκρατησατε με
यीशुऐ उना जो बोलया, तुसां क्या तलवारां कने डांगा लेईकरी मिंजो डाकुआं सांई पकड़ना आयो न? पर मैं जालू हर रोज मंदरे च बेईकरी उपदेश दिन्दा था, तालू तां तुसां मिंजो नी पकड़या।
56 τουτο δε ολον γεγονεν ινα πληρωθωσιν αι γραφαι των προφητων τοτε οι μαθηται παντες αφεντες αυτον εφυγον
“पर ऐ इस तांई होया कि पबित्र शास्त्रां दियां गल्लां पुरियां होन।” जालू ऐ होया तां उदे सारे चेले उसयो छडी करी नसी गे।
57 οι δε κρατησαντες τον ιησουν απηγαγον προς καιαφαν τον αρχιερεα οπου οι γραμματεις και οι πρεσβυτεροι συνηχθησαν
तालू यीशुऐ जो पकड़ने बाले उसयो कैफा नाऐ दे महायाजक बाल लेई आऐ, जिथू यहूदी व्यवस्था जो सिखाणे कने यहूदी अगुवे गिठे होयो थे।
58 ο δε πετρος ηκολουθει αυτω απο μακροθεν εως της αυλης του αρχιερεως και εισελθων εσω εκαθητο μετα των υπηρετων ιδειν το τελος
कने पतरस दुरे-दुरे ला उना दे पिच्छे-पिच्छे महायाजक दे अंगणे दीकर गिया, कने अंत दिखणे तांई अंदर जाई करी पयादयां बखे बेई गिया।
59 οι δε αρχιερεις και οι πρεσβυτεροι και το συνεδριον ολον εζητουν ψευδομαρτυριαν κατα του ιησου οπως αυτον θανατωσωσιν
बड्डे याजक कने यहूदी महासभा दे सदस्य यीशुऐ जो मारी देणे तांई उदे खिलाफ च गबाई तोपा दे थे,
60 και ουχ ευρον και πολλων ψευδομαρτυρων προσελθοντων ουχ ευρον
पर मते झूठे गबाह ओणे पर उना जो कोई गबाई नी मिली। आखरी च दो जणे आऐ,
61 υστερον δε προσελθοντες δυο ψευδομαρτυρες ειπον ουτος εφη δυναμαι καταλυσαι τον ναον του θεου και δια τριων ημερων οικοδομησαι αυτον
कने बोलया, “कि इनी बोलया था कि मैं परमेश्वरे दे मंदरे जो ढाई सकदा है, कने फिरी उसयो तिन्ना रोजां च बणाई सकदा है।”
62 και αναστας ο αρχιερευς ειπεν αυτω ουδεν αποκρινη τι ουτοι σου καταμαρτυρουσιν
तालू महायाजके बिच खड़ोई करी यीशुऐ जो बोलया, “तू क्या कोई जबाब नी देणा? ऐ लोक तेरे खिलाफ क्या गबाई देद न?”
63 ο δε ιησους εσιωπα και αποκριθεις ο αρχιερευς ειπεν αυτω εξορκιζω σε κατα του θεου του ζωντος ινα ημιν ειπης ει συ ει ο χριστος ο υιος του θεου
पर यीशु चुप ही रिया। तालू महायाजके उसयो बोलया “मैं तिजो जिंदे परमेश्वरे दी कसम दिन्दा है, कि अगर तू परमेश्वरे दा पुत्र मसीह है, तां सांझो ने बोली दे।”
64 λεγει αυτω ο ιησους συ ειπας πλην λεγω υμιν απ αρτι οψεσθε τον υιον του ανθρωπου καθημενον εκ δεξιων της δυναμεως και ερχομενον επι των νεφελων του ουρανου
यीशुऐ उसयो बोलया, “उनी अपु मन्नी लिया; कने मैं, माणुऐ दा पुत्र तुसां ने ऐ भी बोलदा है, कि हुण तुसां माणुऐ दे पुत्रे जो सर्वशक्तिमान दे सजे पासे बैठया, कने अम्बरे दे बदला पर ओंदे दिखणा है।”
65 τοτε ο αρχιερευς διερρηξεν τα ιματια αυτου λεγων οτι εβλασφημησεν τι ετι χρειαν εχομεν μαρτυρων ιδε νυν ηκουσατε την βλασφημιαν αυτου
जालू महायाजके यीशुऐ जो ऐ बोलदे सुणया तां उनी गुस्से च अपणे कपड़े फाड़ी दिते, कने बोलया, “हुण सांझो कुसी गबाह दी जरूरत नी है। तुसां परमेश्वर दी निंदा करदे सुणया, तुहाड़ी क्या सलाह है इसा गल्ला पर?” उना सारायां फेसला किता कि यीशुऐ परमेश्वरे दी निंदा किती है।
66 τι υμιν δοκει οι δε αποκριθεντες ειπον ενοχος θανατου εστιν
तुसां क्या सोचदे न? उना जबाब दिता, ऐ तां मारी देंणे जोगा है।
67 τοτε ενεπτυσαν εις το προσωπον αυτου και εκολαφισαν αυτον οι δε ερραπισαν
तालू उना उदे मुऐ पर थूक्या कने उसयो मुक्के मारे, कने बाकियां थप्पड़ मारी करी बोलया,
68 λεγοντες προφητευσον ημιν χριστε τις εστιν ο παισας σε
हे मसीह, अगर तु परमेश्वरे दा संदेश देणेबाला है! तां सांझो दस कुनी तिजो मारया,
69 ο δε πετρος εξω εκαθητο εν τη αυλη και προσηλθεν αυτω μια παιδισκη λεγουσα και συ ησθα μετα ιησου του γαλιλαιου
पतरस बाहर अंगणे च बैठया था तां इकी दासिया उदे बाल आई करी बोलया, “तू भी तां यीशु गलीली सोगी था।”
70 ο δε ηρνησατο εμπροσθεν παντων λεγων ουκ οιδα τι λεγεις
उनी सारयां दे सामणे ऐ बोली करी मना किता कि, “मैं नी जाणदा कि तू क्या बोला दी है।”
71 εξελθοντα δε αυτον εις τον πυλωνα ειδεν αυτον αλλη και λεγει τοις εκει και ουτος ην μετα ιησου του ναζωραιου
जालू सै बाहर डेवढ़िया पर गिया, तां दुईया नोकराणिया उसयो दिखीकरी उना ने बोलया जड़े ओथु बैठयो थे कि, “ऐ भी तां यीशु नासरिये सोगी था।”
72 και παλιν ηρνησατο μεθ ορκου οτι ουκ οιδα τον ανθρωπον
उनी कसम खाई करी फिरी मना किता, “मैं इस माणुऐ जो नी जाणदा है।”
73 μετα μικρον δε προσελθοντες οι εστωτες ειπον τω πετρω αληθως και συ εξ αυτων ει και γαρ η λαλια σου δηλον σε ποιει
थोड़िया देरा बाद जड़े लोक ओथु खड़ुतयो थे, उना पतरसे बाल आई करी उसयो बोलया, “सच्ची तू भी इना चे इक है; क्योंकि तेरी बोली तेरा सच्च दसा दी है।”
74 τοτε ηρξατο καταναθεματιζειν και ομνυειν οτι ουκ οιδα τον ανθρωπον και ευθεως αλεκτωρ εφωνησεν
पतरस अपु जो कोसणा लग्गा, कसम खाणा लग्गा, मैं इस माणुऐ जो नी जाणदा। कने झट मुर्गे बांग देई दिती।
75 και εμνησθη ο πετρος του ρηματος του ιησου ειρηκοτος αυτω οτι πριν αλεκτορα φωνησαι τρις απαρνηση με και εξελθων εξω εκλαυσεν πικρως
तालू पतरसे जो यीशुऐ दियां बोलियां गल्लां याद आईयां, मुर्गे दिया बांगा देंणे ला पेहले तू मिंजो तिन्न बरी मना करणा है। कने सै बाहर जाई करी जोरे-जोरे ने रोंणा लग्गा।