< Προς Ρωμαιους 7 >
1 η αγνοειτε αδελφοι γινωσκουσιν γαρ νομον λαλω οτι ο νομος κυριευει του ανθρωπου εφ οσον χρονον ζη
हे बिश्वासी भाईयो, थमनै बेरा सै, (मै नियम-कायदे के जाणण आळा तै कहूँ सूं) के जिब ताहीं माणस जिन्दा रहवै सै, तब तक उसनै नियम-कायदे मानने पड़ैगें।
2 η γαρ υπανδρος γυνη τω ζωντι ανδρι δεδεται νομω εαν δε αποθανη ο ανηρ κατηργηται απο του νομου του ανδρος
उदाहरण के तौर पै एक ब्याता लुगाई नै मरते दम तक नियम-कायदे कै मुताबिक अपणे धणी कै साथ रहणा चाहिये, पर जै धणी मर जा, तो वा धणी के नियम-कायदे तै आजाद हो जा सै।
3 αρα ουν ζωντος του ανδρος μοιχαλις χρηματισει εαν γενηται ανδρι ετερω εαν δε αποθανη ο ανηρ ελευθερα εστιν απο του νομου του μη ειναι αυτην μοιχαλιδα γενομενην ανδρι ετερω
ज्यांतै जै धणी कै जिन्दे जी वा किसे दुसरे माणस की हो जावै, तो जार कुह्वावैगी, पर जै धणी मर ज्या, तो वा उस नियम-कायदे तै आजाद हो जा सै, उरै ताहीं के जै किसे दुसरे माणस की हो जावै तोभी जार कोनी ठैहरैगी।
4 ωστε αδελφοι μου και υμεις εθανατωθητε τω νομω δια του σωματος του χριστου εις το γενεσθαι υμας ετερω τω εκ νεκρων εγερθεντι ινα καρποφορησωμεν τω θεω
उस्से तरियां ए हे मेरे बिश्वासी भाईयो, जिब थम मसीह कै साथ मरगे, तो थम नियम-कायदा खात्तर मरेगे, इब थम मसीह के हो, जो मरे होया म्ह तै जिन्दा उठ्या, ताके हम परमेसवर कै खात्तर धार्मिक जीवन जी सका।
5 οτε γαρ ημεν εν τη σαρκι τα παθηματα των αμαρτιων τα δια του νομου ενηργειτο εν τοις μελεσιν ημων εις το καρποφορησαι τω θανατω
क्यूँके जिब हम अपणे देह की इच्छा के मुताबिक जिवां सां, तो पाप की लालसा म्हारै अंगा म्ह काम करै सै, अर नियम-कायदे ए उन लालसा नै उजाग्गर करकै मौत नै लेकै आवै सै।
6 νυνι δε κατηργηθημεν απο του νομου αποθανοντος εν ω κατειχομεθα ωστε δουλευειν ημας εν καινοτητι πνευματος και ου παλαιοτητι γραμματος
हम नियम-कायदा खात्तर मरगे जिसकै बन्धन म्ह हम पैहले थे। इब हम पवित्र आत्मा की मानकै, नये सिरे तै परमेसवर की सेवा कर सकां सां।
7 τι ουν ερουμεν ο νομος αμαρτια μη γενοιτο αλλα την αμαρτιαν ουκ εγνων ει μη δια νομου την τε γαρ επιθυμιαν ουκ ηδειν ει μη ο νομος ελεγεν ουκ επιθυμησεις
तो हम के कह्वां? के मूसा नबी के नियम-कायदे पाप सै? न्ही! बिलकुल न्ही! बल्के नियम-कायदा ए सै, जो मेरे ताहीं बतावै सै, के पाप के सै! जै नियम-कायदे न्ही कहन्दे, के लालच मतना करै तो मै लालच नै जाण ए न्ही पान्दा।
8 αφορμην δε λαβουσα η αμαρτια δια της εντολης κατειργασατο εν εμοι πασαν επιθυμιαν χωρις γαρ νομου αμαρτια νεκρα
पर पाप नै मौक्का पाकै, हुकम कै जरिये मेरै म्ह सारी तरियां का लालच पैदा करया, क्यूँके बिना नियम-कायदे पाप मुर्दा सै।
9 εγω δε εζων χωρις νομου ποτε ελθουσης δε της εντολης η αμαρτια ανεζησεν εγω δε απεθανον
एक बखत था जिब मै मूसा नबी के नियम-कायदे बिना जीऊँ था, पर जिब मन्नै मूसा नबी के नियम-कायदा ताहीं जाण्या, तो मेरे म्ह पाप करण की इच्छा होण लाग्गी, अर मै मरे होया जिसा होग्या।
10 και ευρεθη μοι η εντολη η εις ζωην αυτη εις θανατον
अर वो हुकम जिसतै मन्नै जिन्दगी मिलणी थी वो मेरी आत्मिक मौत का कारण बण्या।
11 η γαρ αμαρτια αφορμην λαβουσα δια της εντολης εξηπατησεν με και δι αυτης απεκτεινεν
क्यूँके पाप नै मौक्का पाकै हुकम कै जरिये मेरै ताहीं भकाया, अर उस्से कै जरिये मेरी आत्मिक मौत भी हो गई।
12 ωστε ο μεν νομος αγιος και η εντολη αγια και δικαια και αγαθη
ज्यांतै हम यो नतिज्जा लिकाड़ा सां, के नियम-कायदे पवित्र सै, अर हुकम पवित्र, धर्मी अर खरया सै।
13 το ουν αγαθον εμοι γεγονεν θανατος μη γενοιτο αλλα η αμαρτια ινα φανη αμαρτια δια του αγαθου μοι κατεργαζομενη θανατον ινα γενηται καθ υπερβολην αμαρτωλος η αμαρτια δια της εντολης
तो के मूसा नबी के नियम-कायदे जो खरे थे, मेरै खात्तर मौत लेकै आये? न्ही! बिलकुल न्ही! यो पाप ए था जिसनै इसा करया। पर नियम-कायदे जो खरे थे, मेरै खात्तर मौत लेकै आये, ताके पाप की असलियत जाहिर हो जा, अर हुकम दिखावै सै के पाप घणाए बुरा सै।
14 οιδαμεν γαρ οτι ο νομος πνευματικος εστιν εγω δε σαρκικος ειμι πεπραμενος υπο την αμαρτιαν
क्यूँके हमनै बेरा सै, के मूसा नबी के नियम-कायदे तो आत्मिक सै, पर मै शारीरिक सूं, अर पाप का गुलाम सूं।
15 ο γαρ κατεργαζομαι ου γινωσκω ου γαρ ο θελω τουτο πρασσω αλλ ο μισω τουτο ποιω
अर जो मै करुँ सूं, उस ताहीं कोनी जाण्दा, क्यूँके जो मै चाहूँ सूं, वो न्ही करया करदा, पर जिसतै मन्नै घृणा आवै सै वोए करै सूं।
16 ει δε ο ου θελω τουτο ποιω συμφημι τω νομω οτι καλος
जै जो मै न्ही चाहन्दा वोए बुरे काम करुँ सूं, तो मै मान ल्यूँ सूं, के मूसा नबी के नियम-कायदे खरे सै।
17 νυνι δε ουκετι εγω κατεργαζομαι αυτο αλλ η οικουσα εν εμοι αμαρτια
तो इसी हालत म्ह जो मेरे म्ह बुरे काम करै सै, वो मै न्ही, बल्के पाप सै, जो मेरै म्ह बस्या होया सै।
18 οιδα γαρ οτι ουκ οικει εν εμοι τουτεστιν εν τη σαρκι μου αγαθον το γαρ θελειν παρακειται μοι το δε κατεργαζεσθαι το καλον ουχ ευρισκω
क्यूँके मन्नै बेरा सै के मेरै म्ह यानिके मेरे पापी सुभाव म्ह कोए आच्छी चीज वास कोनी कर दी। मेरा जी तो भले काम करण की इच्छा तो करै सै, पर भले काम मेरै तै बणदे कोनी।
19 ου γαρ ο θελω ποιω αγαθον αλλ ο ου θελω κακον τουτο πρασσω
क्यूँके जिस आच्छे काम करण नै मेरा जी करै सै, वो तो कोनी करदा, पर जो बुरे काम करणा न्ही चाहन्दा, वोए करुँ सूं।
20 ει δε ο ου θελω εγω τουτο ποιω ουκετι εγω κατεργαζομαι αυτο αλλ η οικουσα εν εμοι αμαρτια
इस करकै जै मै वोए करुँ सूं जो न्ही चाहन्दा, तो उसका करण आळा मै कोनी रहया, पर पाप सै जो मेरै भित्तर म्ह बस रहया सै।
21 ευρισκω αρα τον νομον τω θελοντι εμοι ποιειν το καλον οτι εμοι το κακον παρακειται
इस तरियां तै मन्नै सच का बेरा पटै सै, के जिब मै भलाई करण की इच्छा करुँ सूं, तो बुराई ए करुँ सूं।
22 συνηδομαι γαρ τω νομω του θεου κατα τον εσω ανθρωπον
क्यूँके मै भीतरी माणस-पण तै तो परमेसवर के नियम-कायदे तै घणा खुश रहूँ सूं।
23 βλεπω δε ετερον νομον εν τοις μελεσιν μου αντιστρατευομενον τω νομω του νοος μου και αιχμαλωτιζοντα με τω νομω της αμαρτιας τω οντι εν τοις μελεσιν μου
पर मेरे भित्तर एक नियम-कायदा की शक्ति काम करण लागरी सै, जो मेरी पापी अन्तरात्मा तै युध्द करै सै। या नियम-कायदा की शक्ति मेरी अन्तरात्मा नै पाप का गुलाम बणावै सै जो इब भी मेरी देह म्ह सै।
24 ταλαιπωρος εγω ανθρωπος τις με ρυσεται εκ του σωματος του θανατου τουτου
मै किसा निरभागा माणस सूं! मन्नै इस पापी सुभाव तै जो मौत लेकै आवै सै, कौण छुड़ावैगा?
25 ευχαριστω τω θεω δια ιησου χριστου του κυριου ημων αρα ουν αυτος εγω τω μεν νοι δουλευω νομω θεου τη δε σαρκι νομω αμαρτιας
म्हारै प्रभु यीशु मसीह कै जरिये परमेसवर का धन्यवाद होवै। ज्यांतै मै अपणी समझ तै तो परमेसवर के नियम-कायदे नै मानना चाहूँ सूं, पर पापी सुभाव के कारण मै पाप का गुलाम सूं।