< Ψαλμοί 84 >
1 «Εις τον πρώτον μουσικόν, επί Γιττίθ. Ψαλμός διά τους υιούς Κορέ.» Πόσον αγαπηταί είναι αι σκηναί σου, Κύριε των δυνάμεων
१प्रधान बजानेवाले के लिये गित्तीथ में कोरहवंशियों का भजन हे सेनाओं के यहोवा, तेरे निवास क्या ही प्रिय हैं!
2 Επιποθεί και μάλιστα λιποθυμεί ψυχή μου διά τας αυλάς του Κυρίου· η καρδία μου και η σαρξ μου αγαλλιώνται διά τον Θεόν τον ζώντα.
२मेरा प्राण यहोवा के आँगनों की अभिलाषा करते-करते मूर्छित हो चला; मेरा तन मन दोनों जीविते परमेश्वर को पुकार रहे।
3 Ναι, το στρουθίον εύρηκε κατοικίαν, και η τρυγών φωλεάν εις εαυτήν, όπου θέτει τους νεοσσούς αυτής, τα θυσιαστήριά σου, Κύριε των δυνάμεων, Βασιλεύ μου και Θεέ μου.
३हे सेनाओं के यहोवा, हे मेरे राजा, और मेरे परमेश्वर, तेरी वेदियों में गौरैया ने अपना बसेरा और शूपाबेनी ने घोंसला बना लिया है जिसमें वह अपने बच्चे रखे।
4 Μακάριοι οι κατοικούντες εν τω οίκω σου· πάντοτε θέλουσι σε αινεί. Διάψαλμα.
४क्या ही धन्य हैं वे, जो तेरे भवन में रहते हैं; वे तेरी स्तुति निरन्तर करते रहेंगे। (सेला)
5 Μακάριος ο άνθρωπος, του οποίου η δύναμις είναι εν σοί· εν τη καρδία των οποίων είναι αι οδοί σου·
५क्या ही धन्य है वह मनुष्य, जो तुझ से शक्ति पाता है, और वे जिनको सिय्योन की सड़क की सुधि रहती है।
6 οίτινες διαβαίνοντες διά της κοιλάδος του κλαυθμώνος καθιστώσιν αυτήν πηγήν υδάτων· και η βροχή έτι γεμίζει τους λάκκους.
६वे रोने की तराई में जाते हुए उसको सोतों का स्थान बनाते हैं; फिर बरसात की अगली वृष्टि उसमें आशीष ही आशीष उपजाती है।
7 Προβαίνουσιν από δυνάμεως εις δύναμιν· έκαστος αυτών φαίνεται ενώπιον του Θεού εν Σιών.
७वे बल पर बल पाते जाते हैं; उनमें से हर एक जन सिय्योन में परमेश्वर को अपना मुँह दिखाएगा।
8 Κύριε, Θεέ των δυνάμεων, εισάκουσον της προσευχής μου· Ακροάσθητι, Θεέ του Ιακώβ. Διάψαλμα.
८हे सेनाओं के परमेश्वर यहोवा, मेरी प्रार्थना सुन, हे याकूब के परमेश्वर, कान लगा! (सेला)
9 Ιδέ, Θεέ, η ασπίς ημών, και επίβλεψον εις το πρόσωπον του χριστού σου.
९हे परमेश्वर, हे हमारी ढाल, दृष्टि कर; और अपने अभिषिक्त का मुख देख!
10 Διότι καλητέρα είναι μία ημέρα εν ταις αυλαίς σου υπέρ χιλιάδας· ήθελον προτιμήσει να ήμαι θυρωρός εν τω οίκω του Θεού μου, παρά να κατοικώ εν ταις σκηναίς της πονηρίας.
१०क्योंकि तेरे आँगनों में एक दिन और कहीं के हजार दिन से उत्तम है। दुष्टों के डेरों में वास करने से अपने परमेश्वर के भवन की डेवढ़ी पर खड़ा रहना ही मुझे अधिक भावता है।
11 Διότι ήλιος και ασπίς είναι Κύριος ο Θεός· χάριν και δόξαν θέλει δώσει ο Κύριος· δεν θέλει στερήσει ουδενός αγαθού τους περιπατούντας εν ακακία.
११क्योंकि यहोवा परमेश्वर सूर्य और ढाल है; यहोवा अनुग्रह करेगा, और महिमा देगा; और जो लोग खरी चाल चलते हैं; उनसे वह कोई अच्छी वस्तु रख न छोड़ेगा।
12 Κύριε των δυνάμεων, μακάριος ο άνθρωπος ο ελπίζων επί σε.
१२हे सेनाओं के यहोवा, क्या ही धन्य वह मनुष्य है, जो तुझ पर भरोसा रखता है!