< Ἱερεμίας 7 >
1 Ο λόγος ο γενόμενος προς τον Ιερεμίαν παρά Κυρίου, λέγων,
वह संदेश जो याहवेह द्वारा येरेमियाह के लिए प्रगट किया गया:
2 Στήθι εν τη πύλη του οίκου του Κυρίου και κήρυξον εκεί τον λόγον τούτον και ειπέ, Ακούσατε τον λόγον του Κυρίου, πάντες οι Ιούδα, οι διά των πυλών τούτων εισερχόμενοι διά να προσκυνήτε τον Κύριον.
“याहवेह के भवन के द्वार पर खड़े हो जाओ और वहां यह संदेश घोषित करो: “‘संपूर्ण यहूदिया याहवेह का यह संदेश सुनो, तुम जो याहवेह की आराधना करने इस द्वार से प्रवेश किया करते हो.
3 Ούτω λέγει ο Κύριος των δυνάμεων, ο Θεός του Ισραήλ· Διορθώσατε τας οδούς σας και τας πράξεις σας, και θέλω σας στερεώσει εν τω τόπω τούτω.
इस्राएल के परमेश्वर, स्वर्गीय याहवेह का आदेश यह है: अपने आचार-व्यवहार तथा अपने कार्यों की सुधारना करो, तब मैं तुम्हें इस स्थान पर निवास करने दूंगा.
4 Μη πεποίθατε εις λόγους ψευδείς, λέγοντες, Ο ναός του Κυρίου, ο ναός του Κυρίου, ο ναός του Κυρίου είναι ούτος.
इस झूठे आश्वासन के धोखे में न रहना, “यह तो याहवेह का मंदिर है, याहवेह का मंदिर है, याहवेह का मंदिर है!”
5 Διότι εάν αληθώς διορθώσητε τας οδούς σας και τας πράξεις σας· εάν εντελώς εκτελέσητε κρίσιν αναμέσον ανθρώπου και του πλησίον αυτού·
यदि तुम वास्तव में अपने आचारों को तथा कार्यों को सुधारोगे, यदि तुम एक दूसरे के साथ न्याय में व्यवहार करोगे,
6 εάν δεν καταδυναστεύητε τον ξένον, τον ορφανόν και την χήραν, και δεν χύνητε αίμα αθώον εν τω τόπω τούτω μηδέ περιπατήτε οπίσω ξένων θεών εις φθοράν σας·
यदि तुम परदेशी, पितृहीन तथा विधवा पर अत्याचार न करोगे, इस स्थान पर निःसहायक का रक्तपात न करोगे और परकीय देवताओं का अनुसरण न करोगे, जो तुम्हारे अपने ही विनाश का कारण है,
7 τότε θέλω σας κάμει να κατοικήτε εν τω τόπω τούτω, εν τη γη την οποίαν έδωκα εις τους πατέρας σας εις αιώνα αιώνος.
तब मैं तुम्हें इस स्थान पर निवास करने दूंगा, इस देश में, जो मैंने तुम्हारे पूर्वजों को सदा-सर्वदा के लिए प्रदान किया है.
8 Ιδού, σεις πεποίθατε εις λόγους ψευδείς, εκ των οποίων δεν θέλετε ωφεληθή.
इस विषय पर ध्यान दो, कि तुम निरर्थक ही झूठे आश्वासनों के भरोसे पर बैठे हुए हो.
9 Κλέπτετε, φονεύετε και μοιχεύετε και ομνύετε ψευδώς και θυμιάζετε εις τον Βάαλ και περιπατείτε οπίσω άλλων θεών, τους οποίους δεν γνωρίζετε·
“‘क्या तुम चोरी, हत्या, व्यभिचार करके ओर झूठी साक्ष्य देकर, बाल को बलि अर्पित करके तथा उन परकीय देवताओं का अनुसरण करने के बाद जिन्हें तुम जानते ही नहीं,
10 έπειτα έρχεσθε και ίστασθε ενώπιόν μου εν τω οίκω τούτω, εφ' ον εκλήθη το όνομά μου, και λέγετε, Ηλευθερώθημεν, διά να κάμνητε πάντα ταύτα τα βδελύγματα;
इस भवन में, जो मेरे नाम से प्रख्यात है, आकर मेरे समक्ष इसलिये खड़े होकर यह कहते, “अब हम सुरक्षित हैं”—कि तुम इन घृणित कार्यों में स्थिर बने रह सको?
11 Σπήλαιον ληστών έγεινεν ενώπιόν σας ο οίκος ούτος, εφ' ον εκλήθη το όνομά μου; ιδού, αυτός εγώ είδον ταύτα, λέγει Κύριος.
क्या तुम्हारी दृष्टि में यह भवन, जो मेरे नाम से प्रख्यात है, डाकुओं की गुफा बन गया है? सुनो, मैंने, हां, मैंने सब देखा है! यह याहवेह की वाणी है.
12 Αλλ' υπάγετε τώρα εις τον τόπον μου τον εν Σηλώ, όπου έθεσα το όνομά μου κατ' αρχάς, και ιδέτε τι έκαμον εις αυτόν διά την κακίαν του λαού μου Ισραήλ.
“‘किंतु अब तुम शीलो जाओ जो इसके पूर्व मेरी आराधना के लिए निर्धारित स्थल था, और देखो कि मैंने अपनी प्रजा इस्राएल की बुराई के कारण उसकी स्थिति कैसी बना दी है.
13 Και τώρα, επειδή επράξατε πάντα ταύτα τα έργα, λέγει Κύριος, και ελάλησα προς εσάς, εγειρόμενος πρωΐ και λαλών, και δεν ηκούσατε· και σας έκραξα και δεν απεκρίθητε·
और अब इसलिये कि तुमने ये सारे कुकृत्य किए हैं, यह याहवेह की वाणी है, मैंने तुमसे तुरंत उठकर बात की, किंतु तुमने मेरी ओर ध्यान ही न दिया; मैंने तुम्हारा आह्वान भी किया, किंतु तुमने प्रत्युत्तर ही न दिया.
14 διά τούτο θέλω κάμει εις τον οίκον, εφ' ον εκλήθη το όνομά μου, εις τον οποίον σεις θαρρείτε, και εις τον τόπον τον οποίον έδωκα εις εσάς και εις τους πατέρας σας, καθώς έκαμα εις την Σηλώ·
इसलिये मैं उस भवन के साथ जो मेरे नाम से प्रख्यात है, जिस पर तुमने अपनी आस्था रखी है तथा जो स्थान मैंने तुम्हें तथा तुम्हारे पूर्वजों को प्रदान किया है, वही करूंगा जो मैंने शीलो के साथ किया था.
15 και θέλω σας απορρίψει από του προσώπου μου, καθώς απέρριψα πάντας τους αδελφούς σας, άπαν το σπέρμα του Εφραΐμ.
मैं तुम्हें अपनी दृष्टि से दूर कर दूंगा, जैसा मैंने तुम्हारे भाइयों को अपनी दृष्टि से दूर कर दिया है, अर्थात् एफ्राईम के सारे वंशजों को.’
16 Διά τούτο συ μη προσεύχου υπέρ του λαού τούτου και μη ύψονε φωνήν ή δέησιν υπέρ αυτών μηδέ μεσίτευε προς εμέ· διότι δεν θέλω σου εισακούσει.
“जहां तक तुम्हारा प्रश्न है तुम इन लोगों के लिए प्रार्थना न करो; न उनके लिए गिड़गिड़ाने दो, न प्रार्थना में मुझसे उनकी मध्यस्थता ही करो, क्योंकि मैं तुम्हारी नहीं सुनूंगा.
17 Δεν βλέπεις τι κάμνουσιν αυτοί εν ταις πόλεσι του Ιούδα και εν ταις οδοίς της Ιερουσαλήμ;
क्या तुम्हें यह नहीं दिख रहा कि वे यहूदिया के नगरों में तथा येरूशलेम की गलियों में क्या-क्या कर रहे हैं?
18 Οι υιοί συλλέγουσι ξύλα και οι πατέρες ανάπτουσι το πυρ και αι γυναίκες ζυμόνουσι την ζύμην, διά να κάμωσι πέμματα εις την βασίλισσαν του ουρανού και να κάμωσι, σπονδάς εις άλλους θεούς, διά να με παροξύνωσι.
बालक लकड़ियां एकत्र करते हैं और पितागण आग जलाते हैं, स्त्रियां आटा गूंधती हैं कि वे स्वर्ग की रानी के लिए मिष्ठान्न तैयार करें. वे परकीय देवताओं को पेय बलि भी अर्पित करते हैं कि वे मेरे कोप को उकसाएं.
19 Μήπως εμέ παροξύνουσι; λέγει Κύριος· ουχί εαυτους προς καταισχύνην των προσώπων αυτών;
क्या वे इसके द्वारा मेरे प्रति अपना क्रोध व्यक्त कर रहे हैं? यह याहवेह की वाणी है. यह तो वे स्वयं अपनी ही लज्जा के लिए कर रहे हैं, अपनी ही लज्जा के लिए?
20 Διά τούτο ούτω λέγει Κύριος ο Θεός· Ιδού, η οργή μου και ο θυμός μου εκχέονται επί τον τόπον τούτον, επί άνθρωπον και επί κτήνος και επί τα δένδρα του αγρού και επί τον καρπόν της γής· και θέλει εξαφθή και δεν θέλει σβεσθή.
“‘इसलिये प्रभु याहवेह का संदेश यह है: तुम देख लेना कि मेरा कोप और मेरा आक्रोश इस स्थान पर उंडेला जाएगा, चाहे मनुष्य हो अथवा पशु, मैदान के वृक्ष हों अथवा भूमि के फल, यह प्रज्वलित रहेगा तथा यह बूझ न सकेगा.
21 Ούτω λέγει ο Κύριος των δυνάμεων, ο Θεός του Ισραήλ· προσθέσατε τα ολοκαυτώματά σας εις τας θυσίας σας και φάγετε κρέας.
“‘इस्राएल के परमेश्वर, सेनाओं के याहवेह का यह आदेश है: अपनी होमबलियों के साथ अन्य बलियों को भी सम्मिलित कर लो और तुम ही उस मांस को सेवन भी कर लो!
22 Διότι δεν ελάλησα προς τους πατέρας σας ουδέ έδωκα εις αυτούς εντολάς, καθ' ην ημέραν εξήγαγον αυτούς εκ γης Αιγύπτου, περί ολοκαυτωμάτων και θυσιών·
क्योंकि मिस्र देश से तुम्हारे पूर्वजों को निराश करने के अवसर पर मैंने उनसे न तो होमबलियों का और न हनन बलियों का उल्लेख किया था और न ही इनके लिए आदेश ही दिया था,
23 αλλά τον λόγον τούτον προσέταξα εις αυτούς, λέγων, Ακούσατε την φωνήν μου και θέλω είσθαι Θεός σας, και σεις θέλετε είσθαι λαός μου· και περιπατείτε εν πάσαις ταις οδοίς, τας οποίας διώρισα εις εσάς, διά να ευημερήτε·
किंतु मैंने उन्हें आदेश यह दिया था: मेरे आदेशों का पालन करो, तो मैं तुम्हारा परमेश्वर बना रहूंगा तथा तुम मेरी प्रजा बनी रहोगी. मेरी नीतियों का आचरण करो जिनका मैंने तुम्हें आदेश दिया है, कि तुम्हारा कल्याण हो.
24 πλην δεν ήκουσαν ουδέ έκλιναν το ωτίον αυτών, αλλά περιεπάτησαν εν ταις βουλαίς, εν ταις ορέξεσι της πονηράς αυτών καρδίας, και υπήγον εις τα οπίσω και ουχί εις τα εμπρός.
फिर भी उन्होंने न तो मेरे आदेशों का पालन किया, न उनकी ओर ध्यान ही दिया. उन्होंने अपने बुरे दिलों की जिद्दी इच्छा का पालन किया. तब वे आगे बढ़ने की अपेक्षा में पीछे ही हटते चले गए.
25 Αφ' ης ημέρας εξήλθον οι πατέρες σας εκ γης Αιγύπτου έως της ημέρας ταύτης, εξαπέστειλα προς εσάς πάντας τους δούλους μου τους προφήτας, καθ' ημέραν εγειρόμενος πρωΐ και αποστέλλων·
जिस दिन से तुम्हारे पूर्वज मिस्र देश से निराश हुए तब से आज तक, मैंने अपने सेवक अर्थात् भविष्यवक्ताओं को दिन-प्रतिदिन तुम्हारे लिए भेजा है.
26 πλην δεν μου υπήκουσαν ουδέ έκλιναν το ωτίον αυτών, αλλ' εσκλήρυναν τον τράχηλον αυτών, έπραξαν χειρότερα των πατέρων αυτών.
फिर भी न तो उन्होंने मेरी सुनी और न ही मेरे संदेश की ओर ध्यान ही दिया. बल्कि उन्होंने अपनी गर्दन और भी अधिक कठोर बना ली, उन्होंने तो अपने पूर्वजों से भी अधिक बुरे कार्य किए.’
27 Διά τούτο θέλεις λαλήσει προς αυτούς πάντας τούτους τους λόγους και δεν θέλουσι σε ακούσει· και θέλεις φωνάξει προς αυτούς και δεν θέλουσι σοι αποκριθή.
“अनिवार्य है कि तुम मेरा संपूर्ण वचन उनके समक्ष दोहराओ, हां, वे तुम्हारी सुनेंगे नहीं; तुम उनको आह्वान तो करोगे, किंतु वे इसका प्रत्युत्तर कदापि न देंगे.
28 Θέλεις όμως ειπεί προς αυτούς, Τούτο είναι το έθνος, το οποίον δεν ακούει την φωνήν Κυρίου του Θεού αυτού ουδέ δέχεται παιδείαν· η αλήθεια εξέλιπε και εχάθη από του στόματος αυτών.
तुम्हें उनसे यह कहना होगा, ‘यह वह राष्ट्र है जिसने न तो याहवेह अपने परमेश्वर के आदेशों का पालन किया और न ही उनके द्वारा किए जा रहे आदेश को स्वीकार किया. सत्यता नष्ट हो चुकी और उनके मुख से दूर की जा चुकी है.
29 Κούρευσον την κεφαλήν σου, Ιερουσαλήμ, και απόρριψον τας τρίχας, και ανάλαβε θρήνον επί τους υψηλούς τόπους· διότι ο Κύριος απέρριψε και εγκατέλιπε την γενεάν, κατά της οποίας ωργίσθη.
“‘अपने केश काट डालो और उन्हें फेंक दो; वनस्पतिहीन पर्वतों पर जाकर विलाप करो, क्योंकि याहवेह ने उस पीढ़ी को अस्वीकार करके उसका परित्याग कर दिया है और जिसने उनका कोप भड़काया है.
30 Διότι οι υιοί Ιούδα έπραξαν πονηρά ενώπιόν μου, λέγει Κύριος· έθεσαν τα βδελύγματα αυτών εν τω οίκω εφ' ον εκλήθη το όνομά μου, διά να μιάνωσιν αυτόν.
“‘यहूदाह के वंशजों ने वह किया है जो मेरी दृष्टि में बुरा है, यह याहवेह की वाणी है. उन्होंने उन घृणास्पद वस्तुओं को उस भवन में प्रतिष्ठित कर रखा है जो मेरे नाम से प्रख्यात हैं और मेरा भवन अशुद्ध हो चुका है.
31 Και ωκοδόμησαν τους υψηλούς τόπους του Τοφέθ, όστις είναι εν τη φάραγγι του υιού Εννόμ, διά να καίωσι τους υιούς αυτών και τας θυγατέρας αυτών εν πυρί· το οποίον δεν προσέταξα ουδέ ανέβη επί την καρδίαν μου.
उन्होंने तोफेथ के पूजा-स्थल निर्मित कर लिए हैं जो हिन्नोम के पुत्र की घाटी में हैं कि वे वहां अपने पुत्रों-पुत्रियों को होमबलि स्वरूप अर्पित करें, जिसको मैंने आदेश ही न दिया है, न ही यह कभी मेरे विचारों में आया था.
32 Διά τούτο, ιδού, έρχονται ημέραι, λέγει Κύριος, καθ' ας δεν θέλει ονομάζεσθαι πλέον Τοφέθ ουδέ Φάραγξ του υιού Εννόμ, αλλ' η φάραγξ της σφαγής· διότι θέλουσι θάπτει εν Τοφέθ, εωσού να μη υπάρχη τόπος.
इसलिये यह देखना, कि वे दिन आ रहे हैं, यह याहवेह की वाणी है, जब इसको तोफेथ-पूजास्थल अथवा हिन्नोम के पुत्र की घाटी कहा जाना समाप्त हो जाएगा, बल्कि यह नरसंहार घाटी हो जाएगी, वे अपने मृतकों को तोफ़ेथ में तब तक दफनाएंगे कि जब तक वहां कोई जगह ही शेष न हो.
33 Και τα πτώματα του λαού τούτου θέλουσιν είσθαι τροφή εις τα πετεινά του ουρανού και εις τα θηρία της γής· και δεν θέλει είσθαι ο εκφοβίζων.
इन लोगों के शव आकाश के पक्षी को तथा पृथ्वी के पशुओं के आहार होने लगेंगे, इन्हें कोई भी शवों से दूर नहीं भगाएगा.
34 Και θέλω παύσει από των πόλεων του Ιούδα και από των οδών της Ιερουσαλήμ την φωνήν της χαράς και την φωνήν της ευφροσύνης, την φωνήν του νυμφίου και την φωνήν της νύμφης· διότι η γη θέλει κατασταθή έρημος.
तब मैं यहूदिया के नगरों और येरूशलेम के सड़कों में से उल्लास एवं आनंद का स्वर बंद कर दूंगा, वर एवं वधू के विवाहोत्सव की ध्वनि बंद हो जाएगी, क्योंकि सारे देश ही उजाड़ हो जाएंगे.