< Ψαλμοί 94 >

1 ψαλμὸς τῷ Δαυιδ τετράδι σαββάτων ὁ θεὸς ἐκδικήσεων κύριος ὁ θεὸς ἐκδικήσεων ἐπαρρησιάσατο
हे यहोवा, हे पलटा लेनेवाले परमेश्वर, हे पलटा लेनेवाले परमेश्वर, अपना तेज दिखा!
2 ὑψώθητι ὁ κρίνων τὴν γῆν ἀπόδος ἀνταπόδοσιν τοῖς ὑπερηφάνοις
हे पृथ्वी के न्यायी, उठ; और घमण्डियों को बदला दे!
3 ἕως πότε ἁμαρτωλοί κύριε ἕως πότε ἁμαρτωλοὶ καυχήσονται
हे यहोवा, दुष्ट लोग कब तक, दुष्ट लोग कब तक डींग मारते रहेंगे?
4 φθέγξονται καὶ λαλήσουσιν ἀδικίαν λαλήσουσιν πάντες οἱ ἐργαζόμενοι τὴν ἀνομίαν
वे बकते और ढिठाई की बातें बोलते हैं, सब अनर्थकारी बड़ाई मारते हैं।
5 τὸν λαόν σου κύριε ἐταπείνωσαν καὶ τὴν κληρονομίαν σου ἐκάκωσαν
हे यहोवा, वे तेरी प्रजा को पीस डालते हैं, वे तेरे निज भाग को दुःख देते हैं।
6 χήραν καὶ προσήλυτον ἀπέκτειναν καὶ ὀρφανοὺς ἐφόνευσαν
वे विधवा और परदेशी का घात करते, और अनाथों को मार डालते हैं;
7 καὶ εἶπαν οὐκ ὄψεται κύριος οὐδὲ συνήσει ὁ θεὸς τοῦ Ιακωβ
और कहते हैं, “यहोवा न देखेगा, याकूब का परमेश्वर विचार न करेगा।”
8 σύνετε δή ἄφρονες ἐν τῷ λαῷ καί μωροί ποτὲ φρονήσατε
तुम जो प्रजा में पशु सरीखे हो, विचार करो; और हे मूर्खों तुम कब बुद्धिमान बनोगे?
9 ὁ φυτεύσας τὸ οὖς οὐχὶ ἀκούει ἢ ὁ πλάσας τὸν ὀφθαλμὸν οὐ κατανοεῖ
जिसने कान दिया, क्या वह आप नहीं सुनता? जिसने आँख रची, क्या वह आप नहीं देखता?
10 ὁ παιδεύων ἔθνη οὐχὶ ἐλέγξει ὁ διδάσκων ἄνθρωπον γνῶσιν
१०जो जाति-जाति को ताड़ना देता, और मनुष्य को ज्ञान सिखाता है, क्या वह न सुधारेगा?
11 κύριος γινώσκει τοὺς διαλογισμοὺς τῶν ἀνθρώπων ὅτι εἰσὶν μάταιοι
११यहोवा मनुष्य की कल्पनाओं को तो जानता है कि वे मिथ्या हैं।
12 μακάριος ἄνθρωπος ὃν ἂν σὺ παιδεύσῃς κύριε καὶ ἐκ τοῦ νόμου σου διδάξῃς αὐτὸν
१२हे यहोवा, क्या ही धन्य है वह पुरुष जिसको तू ताड़ना देता है, और अपनी व्यवस्था सिखाता है,
13 τοῦ πραῦναι αὐτῷ ἀφ’ ἡμερῶν πονηρῶν ἕως οὗ ὀρυγῇ τῷ ἁμαρτωλῷ βόθρος
१३क्योंकि तू उसको विपत्ति के दिनों में उस समय तक चैन देता रहता है, जब तक दुष्टों के लिये गड्ढा नहीं खोदा जाता।
14 ὅτι οὐκ ἀπώσεται κύριος τὸν λαὸν αὐτοῦ καὶ τὴν κληρονομίαν αὐτοῦ οὐκ ἐγκαταλείψει
१४क्योंकि यहोवा अपनी प्रजा को न तजेगा, वह अपने निज भाग को न छोड़ेगा;
15 ἕως οὗ δικαιοσύνη ἐπιστρέψῃ εἰς κρίσιν καὶ ἐχόμενοι αὐτῆς πάντες οἱ εὐθεῖς τῇ καρδίᾳ διάψαλμα
१५परन्तु न्याय फिर धर्म के अनुसार किया जाएगा, और सारे सीधे मनवाले उसके पीछे-पीछे हो लेंगे।
16 τίς ἀναστήσεταί μοι ἐπὶ πονηρευομένους ἢ τίς συμπαραστήσεταί μοι ἐπὶ ἐργαζομένους τὴν ἀνομίαν
१६कुकर्मियों के विरुद्ध मेरी ओर कौन खड़ा होगा? मेरी ओर से अनर्थकारियों का कौन सामना करेगा?
17 εἰ μὴ ὅτι κύριος ἐβοήθησέν μοι παρὰ βραχὺ παρῴκησεν τῷ ᾅδῃ ἡ ψυχή μου
१७यदि यहोवा मेरा सहायक न होता, तो क्षण भर में मुझे चुपचाप होकर रहना पड़ता।
18 εἰ ἔλεγον σεσάλευται ὁ πούς μου τὸ ἔλεός σου κύριε βοηθεῖ μοι
१८जब मैंने कहा, “मेरा पाँव फिसलने लगा है,” तब हे यहोवा, तेरी करुणा ने मुझे थाम लिया।
19 κύριε κατὰ τὸ πλῆθος τῶν ὀδυνῶν μου ἐν τῇ καρδίᾳ μου αἱ παρακλήσεις σου ἠγάπησαν τὴν ψυχήν μου
१९जब मेरे मन में बहुत सी चिन्ताएँ होती हैं, तब हे यहोवा, तेरी दी हुई शान्ति से मुझ को सुख होता है।
20 μὴ συμπροσέσται σοι θρόνος ἀνομίας ὁ πλάσσων κόπον ἐπὶ προστάγματι
२०क्या तेरे और दुष्टों के सिंहासन के बीच संधि होगी, जो कानून की आड़ में उत्पात मचाते हैं?
21 θηρεύσουσιν ἐπὶ ψυχὴν δικαίου καὶ αἷμα ἀθῷον καταδικάσονται
२१वे धर्मी का प्राण लेने को दल बाँधते हैं, और निर्दोष को प्राणदण्ड देते हैं।
22 καὶ ἐγένετό μοι κύριος εἰς καταφυγὴν καὶ ὁ θεός μου εἰς βοηθὸν ἐλπίδος μου
२२परन्तु यहोवा मेरा गढ़, और मेरा परमेश्वर मेरी शरण की चट्टान ठहरा है।
23 καὶ ἀποδώσει αὐτοῖς τὴν ἀνομίαν αὐτῶν καὶ κατὰ τὴν πονηρίαν αὐτῶν ἀφανιεῖ αὐτοὺς κύριος ὁ θεὸς ἡμῶν
२३उसने उनका अनर्थ काम उन्हीं पर लौटाया है, और वह उन्हें उन्हीं की बुराई के द्वारा सत्यानाश करेगा। हमारा परमेश्वर यहोवा उनको सत्यानाश करेगा।

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