< Ψαλμοί 89 >
1 συνέσεως Αιθαν τῷ Ισραηλίτῃ τὰ ἐλέη σου κύριε εἰς τὸν αἰῶνα ᾄσομαι εἰς γενεὰν καὶ γενεὰν ἀπαγγελῶ τὴν ἀλήθειάν σου ἐν τῷ στόματί μου
मैं हमेशा ख़ुदावन्द की शफ़क़त के हम्द गाऊँगा। मैं नसल दर नसल अपने मुँह से तेरी वफ़ादारी का 'ऐलान करूँगा।
2 ὅτι εἶπας εἰς τὸν αἰῶνα ἔλεος οἰκοδομηθήσεται ἐν τοῖς οὐρανοῖς ἑτοιμασθήσεται ἡ ἀλήθειά σου
क्यूँकि मैंने कहा कि शफ़क़त हमेशा तक बनी रहेगी, तू अपनी वफ़ादारी को आसमान में क़ाईम रखेगा।
3 διεθέμην διαθήκην τοῖς ἐκλεκτοῖς μου ὤμοσα Δαυιδ τῷ δούλῳ μου
“मैंने अपने बरगुज़ीदा के साथ 'अहद बाँधा है मैंने अपने बन्दे दाऊद से क़सम खाई है;
4 ἕως τοῦ αἰῶνος ἑτοιμάσω τὸ σπέρμα σου καὶ οἰκοδομήσω εἰς γενεὰν καὶ γενεὰν τὸν θρόνον σου διάψαλμα
मैं तेरी नसल को हमेशा के लिए क़ाईम करूँगा, और तेरे तख़्त को नसल दर नसल बनाए रखूँगा।” (सिलाह)
5 ἐξομολογήσονται οἱ οὐρανοὶ τὰ θαυμάσιά σου κύριε καὶ τὴν ἀλήθειάν σου ἐν ἐκκλησίᾳ ἁγίων
ऐ ख़ुदावन्द, आसमान तेरे 'अजायब की ता'रीफ़ करेगा; पाक लोगों के मजमे' में तेरी वफ़ादारी की ता'रीफ़ होगी।
6 ὅτι τίς ἐν νεφέλαις ἰσωθήσεται τῷ κυρίῳ καὶ τίς ὁμοιωθήσεται τῷ κυρίῳ ἐν υἱοῖς θεοῦ
क्यूँकि आसमान पर ख़ुदावन्द का नज़ीर कौन है? फ़रिश्तों की जमा'त में कौन ख़ुदावन्द की तरह है?
7 ὁ θεὸς ἐνδοξαζόμενος ἐν βουλῇ ἁγίων μέγας καὶ φοβερὸς ἐπὶ πάντας τοὺς περικύκλῳ αὐτοῦ
ऐसा मा'बूद जो पाक लोगो की महफ़िल में बहुत ता'ज़ीम के लायक़ ख़ुदा है, और अपने सब चारों तरफ़ वालों से ज़्यादा बड़ा है।
8 κύριε ὁ θεὸς τῶν δυνάμεων τίς ὅμοιός σοι δυνατὸς εἶ κύριε καὶ ἡ ἀλήθειά σου κύκλῳ σου
ऐ ख़ुदावन्द लश्करों के ख़ुदा, ऐ याह! तुझ सा ज़बरदस्त कौन है? तेरी वफ़ादारी तेरे चारों तरफ़ है।
9 σὺ δεσπόζεις τοῦ κράτους τῆς θαλάσσης τὸν δὲ σάλον τῶν κυμάτων αὐτῆς σὺ καταπραΰνεις
समन्दर के जोश — ओ — ख़रोश पर तू हुक्मरानी करता है; तू उसकी उठती लहरों को थमा देता है।
10 σὺ ἐταπείνωσας ὡς τραυματίαν ὑπερήφανον καὶ ἐν τῷ βραχίονι τῆς δυνάμεώς σου διεσκόρπισας τοὺς ἐχθρούς σου
तूने रहब को मक़्तूल की तरह टुकड़े टुकड़े किया; तूने अपने क़वी बाज़ू से अपने दुश्मनों को तितर बितर कर दिया।
11 σοί εἰσιν οἱ οὐρανοί καὶ σή ἐστιν ἡ γῆ τὴν οἰκουμένην καὶ τὸ πλήρωμα αὐτῆς σὺ ἐθεμελίωσας
आसमान तेरा है, ज़मीन भी तेरी है; जहान और उसकी मा'मूरी को तू ही ने क़ाईम किया है।
12 τὸν βορρᾶν καὶ θαλάσσας σὺ ἔκτισας Θαβωρ καὶ Ερμων ἐν τῷ ὀνόματί σου ἀγαλλιάσονται
उत्तर और दाख्खिन का पैदा करने वाला तू ही है; तबूर और हरमून तेरे नाम से ख़ुशी मनाते हैं।
13 σὸς ὁ βραχίων μετὰ δυναστείας κραταιωθήτω ἡ χείρ σου ὑψωθήτω ἡ δεξιά σου
तेरा बाज़ू कु़दरत वाला है; तेरा हाथ क़वी और तेरा दहना हाथ बुलंद है।
14 δικαιοσύνη καὶ κρίμα ἑτοιμασία τοῦ θρόνου σου ἔλεος καὶ ἀλήθεια προπορεύσεται πρὸ προσώπου σου
सदाक़त और 'अद्ल तेरे तख़्त की बुनियाद हैं; शफ़क़त और वफ़ादारी तेरे आगे आगे चलती हैं।
15 μακάριος ὁ λαὸς ὁ γινώσκων ἀλαλαγμόν κύριε ἐν τῷ φωτὶ τοῦ προσώπου σου πορεύσονται
मुबारक है वह क़ौम, जो खु़शी की ललकार को पहचानती है, वह ऐ ख़ुदावन्द, जो तेरे चेहरे के नूर में चलते हैं;
16 καὶ ἐν τῷ ὀνόματί σου ἀγαλλιάσονται ὅλην τὴν ἡμέραν καὶ ἐν τῇ δικαιοσύνῃ σου ὑψωθήσονται
वह दिनभर तेरे नाम से ख़ुशी मनाते हैं, और तेरी सदाक़त से सरफराज़ होते हैं।
17 ὅτι τὸ καύχημα τῆς δυνάμεως αὐτῶν εἶ σύ καὶ ἐν τῇ εὐδοκίᾳ σου ὑψωθήσεται τὸ κέρας ἡμῶν
क्यूँकि उनकी ताक़त की शान तू ही है और तेरे करम से हमारा सींग बुलन्द होगा।
18 ὅτι τοῦ κυρίου ἡ ἀντίλημψις καὶ τοῦ ἁγίου Ισραηλ βασιλέως ἡμῶν
क्यूँकि हमारी ढाल ख़ुदावन्द की तरफ़ से है, और हमारा बादशाह इस्राईल के क़ुद्दूस की तरफ़ से।
19 τότε ἐλάλησας ἐν ὁράσει τοῖς ὁσίοις σου καὶ εἶπας ἐθέμην βοήθειαν ἐπὶ δυνατόν ὕψωσα ἐκλεκτὸν ἐκ τοῦ λαοῦ μου
उस वक़्त तूने ख़्वाब में अपने पाक लोगों से कलाम किया, और फ़रमाया, मैंने एक ज़बरदस्त को मददगार बनाया है, और क़ौम में से एक को चुन कर सरफ़राज़ किया है।
20 εὗρον Δαυιδ τὸν δοῦλόν μου ἐν ἐλαίῳ ἁγίῳ μου ἔχρισα αὐτόν
मेरा बन्दा दाऊद मुझे मिल गया, अपने पाक तेल से मैंने उसे मसह किया है।
21 ἡ γὰρ χείρ μου συναντιλήμψεται αὐτῷ καὶ ὁ βραχίων μου κατισχύσει αὐτόν
मेरा हाथ उसके साथ रहेगा, मेरा बाजू़ उसे तक़वियत देगा।
22 οὐκ ὠφελήσει ἐχθρὸς ἐν αὐτῷ καὶ υἱὸς ἀνομίας οὐ προσθήσει τοῦ κακῶσαι αὐτόν
दुश्मन उस पर जब्र न करने पाएगा, और शरारत का फ़र्ज़न्द उसे न सताएगा।
23 καὶ συγκόψω τοὺς ἐχθροὺς αὐτοῦ ἀπὸ προσώπου αὐτοῦ καὶ τοὺς μισοῦντας αὐτὸν τροπώσομαι
मैं उसके मुख़ालिफ़ों को उसके सामने मग़लूब करूँगा और उससे 'अदावत रखने वालों को मारूँगा।
24 καὶ ἡ ἀλήθειά μου καὶ τὸ ἔλεός μου μετ’ αὐτοῦ καὶ ἐν τῷ ὀνόματί μου ὑψωθήσεται τὸ κέρας αὐτοῦ
लेकिन मेरी वफ़ादारी और शफ़क़त उसके साथ रहेंगी, और मेरे नाम से उसका सींग बुलन्द होगा।
25 καὶ θήσομαι ἐν θαλάσσῃ χεῖρα αὐτοῦ καὶ ἐν ποταμοῖς δεξιὰν αὐτοῦ
मैं उसका हाथ समन्दर तक बढ़ाऊँगा, और उसके दहने हाथ को दरियाओं तक।
26 αὐτὸς ἐπικαλέσεταί με πατήρ μου εἶ σύ θεός μου καὶ ἀντιλήμπτωρ τῆς σωτηρίας μου
वह मुझे पुकार कर कहेगा, 'तू मेराबाप, मेरा ख़ुदा, और मेरी नजात की चट्टान है।
27 κἀγὼ πρωτότοκον θήσομαι αὐτόν ὑψηλὸν παρὰ τοῖς βασιλεῦσιν τῆς γῆς
और मैं उसको अपना पहलौठा बनाऊँगा और दुनिया का शहंशाह।
28 εἰς τὸν αἰῶνα φυλάξω αὐτῷ τὸ ἔλεός μου καὶ ἡ διαθήκη μου πιστὴ αὐτῷ
मैं अपनी शफ़क़त को उसके लिए हमेशा तक क़ाईम रखूँगा और मेरा 'अहद उसके साथ लातब्दील रहेगा।
29 καὶ θήσομαι εἰς τὸν αἰῶνα τοῦ αἰῶνος τὸ σπέρμα αὐτοῦ καὶ τὸν θρόνον αὐτοῦ ὡς τὰς ἡμέρας τοῦ οὐρανοῦ
मैं उसकी नसल को हमेशा तक क़ाईम रख्खूंगा, और उसके तख़्त को जब तक आसमानहै।
30 ἐὰν ἐγκαταλίπωσιν οἱ υἱοὶ αὐτοῦ τὸν νόμον μου καὶ τοῖς κρίμασίν μου μὴ πορευθῶσιν
अगर उसके फ़र्ज़न्द मेरी शरी'अत को छोड़ दें, और मेरे अहकाम पर न चलें,
31 ἐὰν τὰ δικαιώματά μου βεβηλώσουσιν καὶ τὰς ἐντολάς μου μὴ φυλάξωσιν
अगर वह मेरे क़ानून को तोड़ें, और मेरे फ़रमान को न मानें,
32 ἐπισκέψομαι ἐν ῥάβδῳ τὰς ἀνομίας αὐτῶν καὶ ἐν μάστιξιν τὰς ἁμαρτίας αὐτῶν
तो मैं उनको छड़ी से ख़ता की, और कोड़ों से बदकारी की सज़ा दूँगा।
33 τὸ δὲ ἔλεός μου οὐ μὴ διασκεδάσω ἀπ’ αὐτοῦ οὐδὲ μὴ ἀδικήσω ἐν τῇ ἀληθείᾳ μου
लेकिन मैं अपनी शफ़क़त उस पर से हटा न लूँगा, और अपनी वफ़ादारी को बेकार न होने न दूँगा।
34 οὐδὲ μὴ βεβηλώσω τὴν διαθήκην μου καὶ τὰ ἐκπορευόμενα διὰ τῶν χειλέων μου οὐ μὴ ἀθετήσω
मैं अपने 'अहद को न तोडूँगा, और अपने मुँह की बात को न बदलूँगा।
35 ἅπαξ ὤμοσα ἐν τῷ ἁγίῳ μου εἰ τῷ Δαυιδ ψεύσομαι
मैं एक बार अपनी पाकी की क़सम खा चुका हूँ मैं दाऊद से झूट न बोलूँगा।
36 τὸ σπέρμα αὐτοῦ εἰς τὸν αἰῶνα μενεῖ καὶ ὁ θρόνος αὐτοῦ ὡς ὁ ἥλιος ἐναντίον μου
उसकी नसल हमेशा क़ाईम रहेगी, और उसका तख़्त आफ़ताब की तरह मेरे सामने क़ाईम रहेगा।
37 καὶ ὡς ἡ σελήνη κατηρτισμένη εἰς τὸν αἰῶνα καὶ ὁ μάρτυς ἐν οὐρανῷ πιστός διάψαλμα
वह हमेशा चाँद की तरह, और आसमान के सच्चे गवाह की तरह क़ाईम रहेगा। मिलाह
38 σὺ δὲ ἀπώσω καὶ ἐξουδένωσας ἀνεβάλου τὸν χριστόν σου
लेकिन तूने तो तर्क कर दिया और छोड़ दिया, तू अपने मम्सूह से नाराज़ हुआ है।
39 κατέστρεψας τὴν διαθήκην τοῦ δούλου σου ἐβεβήλωσας εἰς τὴν γῆν τὸ ἁγίασμα αὐτοῦ
तूने अपने ख़ादिम के 'अहद को रद्द कर दिया, तूने उसके ताज को ख़ाक में मिला दिया।
40 καθεῖλες πάντας τοὺς φραγμοὺς αὐτοῦ ἔθου τὰ ὀχυρώματα αὐτοῦ δειλίαν
तूने उसकी सब बाड़ों को तोड़ डाला, तूने उसके क़िलों' को खण्डर बना दिया।
41 διήρπασαν αὐτὸν πάντες οἱ διοδεύοντες ὁδόν ἐγενήθη ὄνειδος τοῖς γείτοσιν αὐτοῦ
सब आने जाने वाले उसे लूटते हैं, वह अपने पड़ोसियों की मलामत का निशाना बन गया।
42 ὕψωσας τὴν δεξιὰν τῶν ἐχθρῶν αὐτοῦ εὔφρανας πάντας τοὺς ἐχθροὺς αὐτοῦ
तूने उसके मुख़ालिफ़ों के दहने हाथ को बुलन्द किया; तूने उसके सब दुश्मनों को ख़ुश किया।
43 ἀπέστρεψας τὴν βοήθειαν τῆς ῥομφαίας αὐτοῦ καὶ οὐκ ἀντελάβου αὐτοῦ ἐν τῷ πολέμῳ
बल्कि तू उसकी तलवार की धार को मोड़ देता है, और लड़ाई में उसके पाँव को जमने नहीं दिया।
44 κατέλυσας ἀπὸ καθαρισμοῦ αὐτόν τὸν θρόνον αὐτοῦ εἰς τὴν γῆν κατέρραξας
तूने उसकी रौनक़ उड़ा दी, और उसका तख़्त ख़ाक में मिला दिया।
45 ἐσμίκρυνας τὰς ἡμέρας τοῦ χρόνου αὐτοῦ κατέχεας αὐτοῦ αἰσχύνην διάψαλμα
तूने उसकी जवानी के दिन घटा दिए, तूने उसे शर्मिन्दा कर दिया है। (सिलाह)
46 ἕως πότε κύριε ἀποστρέψεις εἰς τέλος ἐκκαυθήσεται ὡς πῦρ ἡ ὀργή σου
ऐ ख़ुदावन्द, कब तक? क्या तू हमेशा तक पोशीदा रहेगा? तेरे क़हर की आग कब तक भड़कती रहेगी?
47 μνήσθητι τίς μου ἡ ὑπόστασις μὴ γὰρ ματαίως ἔκτισας πάντας τοὺς υἱοὺς τῶν ἀνθρώπων
याद रख मेरा क़याम ही क्या है, तूने कैसी बतालत के लिए कुल बनी आदम को पैदा किया।
48 τίς ἐστιν ἄνθρωπος ὃς ζήσεται καὶ οὐκ ὄψεται θάνατον ῥύσεται τὴν ψυχὴν αὐτοῦ ἐκ χειρὸς ᾅδου διάψαλμα (Sheol )
वह कौन सा आदमी है जो ज़िन्दा ही रहेगा और मौत को न देखेगा, और अपनी जान को पाताल के हाथ से बचा लेगा? (सिलाह) (Sheol )
49 ποῦ εἰσιν τὰ ἐλέη σου τὰ ἀρχαῖα κύριε ἃ ὤμοσας τῷ Δαυιδ ἐν τῇ ἀληθείᾳ σου
या रब्ब, तेरी वह पहली शफ़क़त क्या हुई, जिसके बारे में तूने दाऊद से अपनी वफ़ादारी की क़सम खाई थी?
50 μνήσθητι κύριε τοῦ ὀνειδισμοῦ τῶν δούλων σου οὗ ὑπέσχον ἐν τῷ κόλπῳ μου πολλῶν ἐθνῶν
या रब्ब, अपने बन्दों की रुस्वाई को याद कर; मैं तो सब ज़बरदस्त क़ौमों की ता'नाज़नी, अपने सीने में लिए फिरता हूँ।
51 οὗ ὠνείδισαν οἱ ἐχθροί σου κύριε οὗ ὠνείδισαν τὸ ἀντάλλαγμα τοῦ χριστοῦ σου
ऐ ख़ुदावन्द, तेरे दुश्मनों ने कैसे ता'ने मारे, तेरे मम्सूह के क़दम क़दम पर कैसी ता'नाज़नी की है।
52 εὐλογητὸς κύριος εἰς τὸν αἰῶνα γένοιτο γένοιτο
ख़ुदावन्द हमेशा से हमेशा तक मुबारक हो! आमीन सुम्मा आमीन।