< Παροιμίαι 11 >
1 ζυγοὶ δόλιοι βδέλυγμα ἐνώπιον κυρίου στάθμιον δὲ δίκαιον δεκτὸν αὐτῷ
दग़ा के तराजू़ से ख़ुदावन्द को नफ़रत है, लेकिन पूरा तौल बाट उसकी खु़शी है।
2 οὗ ἐὰν εἰσέλθῃ ὕβρις ἐκεῖ καὶ ἀτιμία στόμα δὲ ταπεινῶν μελετᾷ σοφίαν
तकब्बुर के साथ बुराई आती है, लेकिन ख़ाकसारों के साथ हिकमत है।
3 ἀποθανὼν δίκαιος ἔλιπεν μετάμελον πρόχειρος δὲ γίνεται καὶ ἐπίχαρτος ἀσεβῶν ἀπώλεια
रास्तबाज़ों की रास्ती उनकी राहनुमा होगी, लेकिन दग़ाबाज़ों की टेढ़ी राह उनको बर्बाद करेगी।
क़हर के दिन माल काम नहीं आता, लेकिन सदाक़त मौत से रिहाई देती है।
5 δικαιοσύνη ἀμώμους ὀρθοτομεῖ ὁδούς ἀσέβεια δὲ περιπίπτει ἀδικίᾳ
कामिल की सदाक़त उसकी राहनुमाई करेगी लेकिन शरीर अपनी ही शरारत से गिर पड़ेगा।
6 δικαιοσύνη ἀνδρῶν ὀρθῶν ῥύεται αὐτούς τῇ δὲ ἀπωλείᾳ αὐτῶν ἁλίσκονται παράνομοι
रास्तबाज़ों की सदाक़त उनको रिहाई देगी, लेकिन दग़ाबाज़ अपनी ही बद नियती में फँस जाएँगे।
7 τελευτήσαντος ἀνδρὸς δικαίου οὐκ ὄλλυται ἐλπίς τὸ δὲ καύχημα τῶν ἀσεβῶν ὄλλυται
मरने पर शरीर का उम्मीद ख़ाक में मिल जाता है, और ज़ालिमों की उम्मीद बर्बाद हो जाती है।
8 δίκαιος ἐκ θήρας ἐκδύνει ἀντ’ αὐτοῦ δὲ παραδίδοται ὁ ἀσεβής
सादिक़ मुसीबत से रिहाई पाता है, और शरीर उसमें पड़ जाता है।
9 ἐν στόματι ἀσεβῶν παγὶς πολίταις αἴσθησις δὲ δικαίων εὔοδος
बेदीन अपनी बातों से अपने पड़ोसी को हलाक करता है लेकिन सादिक़ 'इल्म के ज़रिए' से रिहाई पाएगा।
10 ἐν ἀγαθοῖς δικαίων κατώρθωσεν πόλις
सादिक़ों की खु़शहाली से शहर ख़ुश होता है। और शरीरों की हलाकत पर ख़ुशी की ललकार होती है।
11 στόμασιν δὲ ἀσεβῶν κατεσκάφη
रास्तबाज़ों की दुआ से शहर सरफ़राज़ी पाता है, लेकिन शरीरों की बातों से बर्बाद होता है।
12 μυκτηρίζει πολίτας ἐνδεὴς φρενῶν ἀνὴρ δὲ φρόνιμος ἡσυχίαν ἄγει
अपने पड़ोसी की बे'इज़्ज़ती करने वाला बे'अक़्ल है, लेकिन समझदार ख़ामोश रहता है।
13 ἀνὴρ δίγλωσσος ἀποκαλύπτει βουλὰς ἐν συνεδρίῳ πιστὸς δὲ πνοῇ κρύπτει πράγματα
जो कोई लुतरापन करता फिरता है राज़ खोलता है, लेकिन जिसमें वफ़ा की रूह है वह राज़दार है।
14 οἷς μὴ ὑπάρχει κυβέρνησις πίπτουσιν ὥσπερ φύλλα σωτηρία δὲ ὑπάρχει ἐν πολλῇ βουλῇ
नेक सलाह के बगै़र लोग तबाह होते हैं, लेकिन सलाहकारों की कसरत में सलामती है।
15 πονηρὸς κακοποιεῖ ὅταν συμμείξῃ δικαίῳ μισεῖ δὲ ἦχον ἀσφαλείας
जो बेगाने का ज़ामिन होता है सख़्त नुक़्सान उठाएगा, लेकिन जिसको ज़मानत से नफ़रत है वह बेख़तर है।
16 γυνὴ εὐχάριστος ἐγείρει ἀνδρὶ δόξαν θρόνος δὲ ἀτιμίας γυνὴ μισοῦσα δίκαια πλούτου ὀκνηροὶ ἐνδεεῖς γίνονται οἱ δὲ ἀνδρεῖοι ἐρείδονται πλούτῳ
नेक सीरत 'औरत 'इज़्ज़त पाती है, और तुन्दखू़ आदमी माल हासिल करते हैं।
17 τῇ ψυχῇ αὐτοῦ ἀγαθὸν ποιεῖ ἀνὴρ ἐλεήμων ἐξολλύει δὲ αὐτοῦ σῶμα ὁ ἀνελεήμων
रहम दिल अपनी जान के साथ नेकी करता है, लेकिन बे रहम अपने जिस्म को दुख देता है।
18 ἀσεβὴς ποιεῖ ἔργα ἄδικα σπέρμα δὲ δικαίων μισθὸς ἀληθείας
शरीर की कमाई बेकार है, लेकिन सदाक़त बोलने वाला हक़ीक़ी अज्र पता है।
19 υἱὸς δίκαιος γεννᾶται εἰς ζωήν διωγμὸς δὲ ἀσεβοῦς εἰς θάνατον
सदाक़त पर क़ाईम रहने वाला ज़िन्दगी हासिल करता है, और बदी का हिमायती अपनी मौत को पहुँचता है।
20 βδέλυγμα κυρίῳ διεστραμμέναι ὁδοί προσδεκτοὶ δὲ αὐτῷ πάντες ἄμωμοι ἐν ταῖς ὁδοῖς αὐτῶν
कज दिलों से ख़ुदावन्द को नफ़रत है, लेकिन कामिल रफ़्तार उसकी ख़ुशनूदी हैं।
21 χειρὶ χεῖρας ἐμβαλὼν ἀδίκως οὐκ ἀτιμώρητος ἔσται ὁ δὲ σπείρων δικαιοσύνην λήμψεται μισθὸν πιστόν
यक़ीनन शरीर बे सज़ा न छूटेगा, लेकिन सादिक़ों की नसल रिहाई पाएगी।
22 ὥσπερ ἐνώτιον ἐν ῥινὶ ὑός οὕτως γυναικὶ κακόφρονι κάλλος
बेतमीज़ 'औरत में खू़बसूरती, जैसे सूअर की नाक में सोने की नथ है।
23 ἐπιθυμία δικαίων πᾶσα ἀγαθή ἐλπὶς δὲ ἀσεβῶν ἀπολεῖται
सादिक़ों की तमन्ना सिर्फ़ नेकी है; लेकिन शरीरों की उम्मीद ग़ज़ब है।
24 εἰσὶν οἳ τὰ ἴδια σπείροντες πλείονα ποιοῦσιν εἰσὶν καὶ οἳ συνάγοντες ἐλαττονοῦνται
कोई तो बिथराता है, लेकिन तो भी तरक़्क़ी करता है; और कोई सही ख़र्च से परहेज़ करता है, लेकिन तोभी कंगाल है।
25 ψυχὴ εὐλογουμένη πᾶσα ἁπλῆ ἀνὴρ δὲ θυμώδης οὐκ εὐσχήμων
सख़ी दिल मोटा हो जाएगा, और सेराब करने वाला ख़ुद भी सेराब होगा।
26 ὁ συνέχων σῖτον ὑπολίποιτο αὐτὸν τοῖς ἔθνεσιν εὐλογία δὲ εἰς κεφαλὴν τοῦ μεταδιδόντος
जो ग़ल्ला रोक रखता है, लोग उस पर ला'नत करेंगे; लेकिन जो उसे बेचता है उसके सिर पर बरकत होगी।
27 τεκταινόμενος ἀγαθὰ ζητεῖ χάριν ἀγαθήν ἐκζητοῦντα δὲ κακά καταλήμψεται αὐτόν
जो दिल से नेकी की तलाश में है मक़्बूलियत का तालिब है, लेकिन जो बदी की तलाश में है वह उसी के आगे आएगी।
28 ὁ πεποιθὼς ἐπὶ πλούτῳ οὗτος πεσεῖται ὁ δὲ ἀντιλαμβανόμενος δικαίων οὗτος ἀνατελεῖ
जो अपने माल पर भरोसा करता है गिर पड़ेगा, लेकिन सादिक़ हरे पत्तों की तरह सरसब्ज़ होंगे।
29 ὁ μὴ συμπεριφερόμενος τῷ ἑαυτοῦ οἴκῳ κληρονομήσει ἄνεμον δουλεύσει δὲ ἄφρων φρονίμῳ
जो अपने घराने को दुख देता है, हवा का वारिस होगा, और बेवक़ूफ़ अक़्ल दिल का ख़ादिम बनेगा।
30 ἐκ καρποῦ δικαιοσύνης φύεται δένδρον ζωῆς ἀφαιροῦνται δὲ ἄωροι ψυχαὶ παρανόμων
सादिक़ का फल ज़िन्दगी का दरख़्त है, और जो 'अक़्लमंद है दिलों को मोह लेता है।
31 εἰ ὁ μὲν δίκαιος μόλις σῴζεται ὁ ἀσεβὴς καὶ ἁμαρτωλὸς ποῦ φανεῖται
देख, सादिक़ को ज़मीन पर बदला दिया जाएगा, तो कितना ज़्यादा शरीर और गुनहगार को।