< Ἰεζεκιήλ 23 >
1 καὶ ἐγένετο λόγος κυρίου πρός με λέγων
१यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुँचा:
2 υἱὲ ἀνθρώπου δύο γυναῖκες ἦσαν θυγατέρες μητρὸς μιᾶς
२“हे मनुष्य के सन्तान, दो स्त्रियाँ थी, जो एक ही माँ की बेटी थी।
3 καὶ ἐξεπόρνευσαν ἐν Αἰγύπτῳ ἐν τῇ νεότητι αὐτῶν ἐκεῖ ἔπεσον οἱ μαστοὶ αὐτῶν ἐκεῖ διεπαρθενεύθησαν
३वे अपने बचपन ही में वेश्या का काम मिस्र में करने लगी; उनकी छातियाँ कुँवारेपन में पहले वहीं मींजी गई और उनका मरदन भी हुआ।
4 καὶ τὰ ὀνόματα αὐτῶν ἦν Οολα ἡ πρεσβυτέρα καὶ Οολιβα ἡ ἀδελφὴ αὐτῆς καὶ ἐγένοντό μοι καὶ ἔτεκον υἱοὺς καὶ θυγατέρας καὶ τὰ ὀνόματα αὐτῶν Σαμάρεια ἡ Οολα καὶ Ιερουσαλημ ἡ Οολιβα
४उन लड़कियों में से बड़ी का नाम ओहोला और उसकी बहन का नाम ओहोलीबा था। वे मेरी हो गई, और उनके पुत्र पुत्रियाँ उत्पन्न हुईं। उनके नामों में से ओहोला तो सामरिया, और ओहोलीबा यरूशलेम है।
5 καὶ ἐξεπόρνευσεν ἡ Οολα ἀπ’ ἐμοῦ καὶ ἐπέθετο ἐπὶ τοὺς ἐραστὰς αὐτῆς ἐπὶ τοὺς Ἀσσυρίους τοὺς ἐγγίζοντας αὐτῇ
५“ओहोला जब मेरी थी, तब ही व्यभिचारिणी होकर अपने मित्रों पर मोहित होने लगी जो उसके पड़ोसी अश्शूरी थे।
6 ἐνδεδυκότας ὑακίνθινα ἡγουμένους καὶ στρατηγούς νεανίσκοι ἐπίλεκτοι πάντες ἱππεῖς ἱππαζόμενοι ἐφ’ ἵππων
६वे तो सब के सब नीले वस्त्र पहननेवाले मनभावने जवान, अधिपति और प्रधान थे, और घोड़ों पर सवार थे।
7 καὶ ἔδωκεν τὴν πορνείαν αὐτῆς ἐπ’ αὐτούς ἐπίλεκτοι υἱοὶ Ἀσσυρίων πάντες καὶ ἐπὶ πάντας οὓς ἐπέθετο ἐν πᾶσι τοῖς ἐνθυμήμασιν αὐτῆς ἐμιαίνετο
७इसलिए उसने उन्हीं के साथ व्यभिचार किया जो सब के सब सर्वोत्तम अश्शूरी थे; और जिस किसी पर वह मोहित हुई, उसी की मूरतों से वह अशुद्ध हुई।
8 καὶ τὴν πορνείαν αὐτῆς ἐξ Αἰγύπτου οὐκ ἐγκατέλιπεν ὅτι μετ’ αὐτῆς ἐκοιμῶντο ἐν νεότητι αὐτῆς καὶ αὐτοὶ διεπαρθένευσαν αὐτὴν καὶ ἐξέχεαν τὴν πορνείαν αὐτῶν ἐπ’ αὐτήν
८जो व्यभिचार उसने मिस्र में सीखा था, उसको भी उसने न छोड़ा; क्योंकि बचपन में मनुष्यों ने उसके साथ कुकर्म किया, और उसकी छातियाँ मींजी, और तन-मन से उसके साथ व्यभिचार किया गया था।
9 διὰ τοῦτο παρέδωκα αὐτὴν εἰς χεῖρας τῶν ἐραστῶν αὐτῆς εἰς χεῖρας υἱῶν Ἀσσυρίων ἐφ’ οὓς ἐπετίθετο
९इस कारण मैंने उसको उन्हीं अश्शूरी मित्रों के हाथ कर दिया जिन पर वह मोहित हुई थी।
10 αὐτοὶ ἀπεκάλυψαν τὴν αἰσχύνην αὐτῆς υἱοὺς καὶ θυγατέρας αὐτῆς ἔλαβον καὶ αὐτὴν ἐν ῥομφαίᾳ ἀπέκτειναν καὶ ἐγένετο λάλημα εἰς γυναῖκας καὶ ἐποίησαν ἐκδικήσεις ἐν αὐτῇ εἰς τὰς θυγατέρας
१०उन्होंने उसको नंगी किया; उसके पुत्र-पुत्रियाँ छीनकर उसको तलवार से घात किया; इस प्रकार उनके हाथ से दण्ड पाकर वह स्त्रियों में प्रसिद्ध हो गई।
11 καὶ εἶδεν ἡ ἀδελφὴ αὐτῆς Οολιβα καὶ διέφθειρε τὴν ἐπίθεσιν αὐτῆς ὑπὲρ αὐτὴν καὶ τὴν πορνείαν αὐτῆς ὑπὲρ τὴν πορνείαν τῆς ἀδελφῆς αὐτῆς
११“उसकी बहन ओहोलीबा ने यह देखा, तो भी वह मोहित होकर व्यभिचार करने में अपनी बहन से भी अधिक बढ़ गई।
12 ἐπὶ τοὺς υἱοὺς τῶν Ἀσσυρίων ἐπέθετο ἡγουμένους καὶ στρατηγοὺς τοὺς ἐγγὺς αὐτῆς ἐνδεδυκότας εὐπάρυφα ἱππεῖς ἱππαζομένους ἐφ’ ἵππων νεανίσκοι ἐπίλεκτοι πάντες
१२वह अपने अश्शूरी पड़ोसियों पर मोहित होती थी, जो सब के सब अति सुन्दर वस्त्र पहननेवाले और घोड़ों के सवार मनभावने, जवान अधिपति और सब प्रकार के प्रधान थे।
13 καὶ εἶδον ὅτι μεμίανται ὁδὸς μία τῶν δύο
१३तब मैंने देखा कि वह भी अशुद्ध हो गई; उन दोनों बहनों की एक ही चाल थी।
14 καὶ προσέθετο πρὸς τὴν πορνείαν αὐτῆς καὶ εἶδεν ἄνδρας ἐζωγραφημένους ἐπὶ τοῦ τοίχου εἰκόνας Χαλδαίων ἐζωγραφημένους ἐν γραφίδι
१४परन्तु ओहोलीबा अधिक व्यभिचार करती गई; अतः जब उसने दीवार पर सेंदूर से खींचे हुए ऐसे कसदी पुरुषों के चित्र देखे,
15 ἐζωσμένους ποικίλματα ἐπὶ τὰς ὀσφύας αὐτῶν καὶ τιάραι βαπταὶ ἐπὶ τῶν κεφαλῶν αὐτῶν ὄψις τρισσὴ πάντων ὁμοίωμα υἱῶν Χαλδαίων γῆς πατρίδος αὐτῶν
१५जो कमर में फेंटे बाँधे हुए, सिर में छोर लटकती हुई रंगीली पगड़ियाँ पहने हुए, और सब के सब अपनी कसदी जन्म-भूमि अर्थात् बाबेल के लोगों की रीति पर प्रधानों का रूप धरे हुए थे,
16 καὶ ἐπέθετο ἐπ’ αὐτοὺς τῇ ὁράσει ὀφθαλμῶν αὐτῆς καὶ ἐξαπέστειλεν ἀγγέλους πρὸς αὐτοὺς εἰς γῆν Χαλδαίων
१६तब उनको देखते ही वह उन पर मोहित हुई और उनके पास कसदियों के देश में दूत भेजे।
17 καὶ ἤλθοσαν πρὸς αὐτὴν υἱοὶ Βαβυλῶνος εἰς κοίτην καταλυόντων καὶ ἐμίαινον αὐτὴν ἐν τῇ πορνείᾳ αὐτῆς καὶ ἐμιάνθη ἐν αὐτοῖς καὶ ἀπέστη ἡ ψυχὴ αὐτῆς ἀπ’ αὐτῶν
१७इसलिए बाबेली उसके पास पलंग पर आए, और उसके साथ व्यभिचार करके उसे अशुद्ध किया; और जब वह उनसे अशुद्ध हो गई, तब उसका मन उनसे फिर गया।
18 καὶ ἀπεκάλυψεν τὴν πορνείαν αὐτῆς καὶ ἀπεκάλυψεν τὴν αἰσχύνην αὐτῆς καὶ ἀπέστη ἡ ψυχή μου ἀπ’ αὐτῆς ὃν τρόπον ἀπέστη ἡ ψυχή μου ἀπὸ τῆς ἀδελφῆς αὐτῆς
१८तो भी जब वह तन उघाड़ती और व्यभिचार करती गई, तब मेरा मन जैसे उसकी बहन से फिर गया था, वैसे ही उससे भी फिर गया।
19 καὶ ἐπλήθυνας τὴν πορνείαν σου τοῦ ἀναμνῆσαι ἡμέρας νεότητός σου ἐν αἷς ἐπόρνευσας ἐν Αἰγύπτῳ
१९इस पर भी वह मिस्र देश के अपने बचपन के दिन स्मरण करके जब वह वेश्या का काम करती थी, और अधिक व्यभिचार करती गई;
20 καὶ ἐπέθου ἐπὶ τοὺς Χαλδαίους ὧν ἦσαν ὡς ὄνων αἱ σάρκες αὐτῶν καὶ αἰδοῖα ἵππων τὰ αἰδοῖα αὐτῶν
२०और ऐसे मित्रों पर मोहित हुई, जिनका अंग गदहों का सा, और वीर्य घोड़ों का सा था।
21 καὶ ἐπεσκέψω τὴν ἀνομίαν νεότητός σου ἃ ἐποίεις ἐν Αἰγύπτῳ ἐν τῷ καταλύματί σου οὗ οἱ μαστοὶ νεότητός σου
२१तू इस प्रकार से अपने बचपन के उस समय के महापाप का स्मरण कराती है जब मिस्री लोग तेरी छातियाँ मींजते थे।”
22 διὰ τοῦτο Οολιβα τάδε λέγει κύριος ἰδοὺ ἐγὼ ἐξεγείρω τοὺς ἐραστάς σου ἐπὶ σέ ἀφ’ ὧν ἀπέστη ἡ ψυχή σου ἀπ’ αὐτῶν καὶ ἐπάξω αὐτοὺς ἐπὶ σὲ κυκλόθεν
२२इस कारण हे ओहोलीबा, परमेश्वर यहोवा तुझ से यह कहता है: “देख, मैं तेरे मित्रों को उभारकर जिनसे तेरा मन फिर गया चारों ओर से तेरे विरुद्ध ले आऊँगा।
23 υἱοὺς Βαβυλῶνος καὶ πάντας τοὺς Χαλδαίους Φακουδ καὶ Σουε καὶ Κουε καὶ πάντας υἱοὺς Ἀσσυρίων μετ’ αὐτῶν νεανίσκους ἐπιλέκτους ἡγεμόνας καὶ στρατηγοὺς πάντας τρισσοὺς καὶ ὀνομαστοὺς ἱππεύοντας ἐφ’ ἵππων
२३अर्थात् बाबेली और सब कसदियों को, और पकोद, शोया और कोआ के लोगों को; और उनके साथ सब अश्शूरियों को लाऊँगा जो सब के सब घोड़ों के सवार मनभावने जवान अधिपति, और कई प्रकार के प्रतिनिधि, प्रधान और नामी पुरुष हैं।
24 καὶ πάντες ἥξουσιν ἐπὶ σὲ ἀπὸ βορρᾶ ἅρματα καὶ τροχοὶ μετ’ ὄχλου λαῶν θυρεοὶ καὶ πέλται καὶ βαλοῦσιν φυλακὴν ἐπὶ σὲ κύκλῳ καὶ δώσω πρὸ προσώπου αὐτῶν κρίμα καὶ ἐκδικήσουσίν σε ἐν τοῖς κρίμασιν αὐτῶν
२४वे लोग हथियार, रथ, छकड़े और देश-देश के लोगों का दल लिए हुए तुझ पर चढ़ाई करेंगे; और ढाल और फरी और टोप धारण किए हुए तेरे विरुद्ध चारों ओर पाँति बाँधेंगे; और मैं उन्हीं के हाथ न्याय का काम सौंपूँगा, और वे अपने-अपने नियम के अनुसार तेरा न्याय करेंगे।
25 καὶ δώσω τὸν ζῆλόν μου ἐν σοί καὶ ποιήσουσιν μετὰ σοῦ ἐν ὀργῇ θυμοῦ μυκτῆρά σου καὶ ὦτά σου ἀφελοῦσιν καὶ τοὺς καταλοίπους σου ἐν ῥομφαίᾳ καταβαλοῦσιν αὐτοὶ υἱούς σου καὶ θυγατέρας σου λήμψονται καὶ τοὺς καταλοίπους σου πῦρ καταφάγεται
२५मैं तुझ पर जलूँगा, जिससे वे जलजलाहट के साथ तुझ से बर्ताव करेंगे। वे तेरी नाक और कान काट लेंगे, और तेरा जो भी बचा रहेगा वह तलवार से मारा जाएगा। वे तेरे पुत्र-पुत्रियों को छीन ले जाएँगे, और तेरा जो भी बचा रहेगा, वह आग से भस्म हो जाएगा।
26 καὶ ἐκδύσουσίν σε τὸν ἱματισμόν σου καὶ λήμψονται τὰ σκεύη τῆς καυχήσεώς σου
२६वे तेरे वस्त्र भी उतारकर तेरे सुन्दर-सुन्दर गहने छीन ले जाएँगे।
27 καὶ ἀποστρέψω τὰς ἀσεβείας σου ἐκ σοῦ καὶ τὴν πορνείαν σου ἐκ γῆς Αἰγύπτου καὶ οὐ μὴ ἄρῃς τοὺς ὀφθαλμούς σου ἐπ’ αὐτοὺς καὶ Αἰγύπτου οὐ μὴ μνησθῇς οὐκέτι
२७इस रीति से मैं तेरा महापाप और जो वेश्या का काम तूने मिस्र देश में सीखा था, उसे भी तुझ से छुड़ाऊँगा, यहाँ तक कि तू फिर अपनी आँख उनकी ओर न लगाएगी और न मिस्र देश को फिर स्मरण करेगी।
28 διότι τάδε λέγει κύριος κύριος ἰδοὺ ἐγὼ παραδίδωμί σε εἰς χεῖρας ὧν μισεῖς ἀφ’ ὧν ἀπέστη ἡ ψυχή σου ἀπ’ αὐτῶν
२८क्योंकि प्रभु यहोवा तुझ से यह कहता है: देख, मैं तुझे उनके हाथ सौंपूँगा जिनसे तू बैर रखती है और जिनसे तेरा मन फिर गया है;
29 καὶ ποιήσουσιν ἐν σοὶ ἐν μίσει καὶ λήμψονται πάντας τοὺς πόνους σου καὶ τοὺς μόχθους σου καὶ ἔσῃ γυμνὴ καὶ ἀσχημονοῦσα καὶ ἀποκαλυφθήσεται αἰσχύνη πορνείας σου καὶ ἀσέβειά σου καὶ ἡ πορνεία σου
२९और वे तुझ से बैर के साथ बर्ताव करेंगे, और तेरी सारी कमाई को उठा लेंगे, और तुझे नंगा करके छोड़ देंगे, और तेरे तन के उघाड़े जाने से तेरा व्यभिचार और महापाप प्रगट हो जाएगा।
30 ἐποίησεν ταῦτά σοι ἐν τῷ ἐκπορνεῦσαί σε ὀπίσω ἐθνῶν καὶ ἐμιαίνου ἐν τοῖς ἐνθυμήμασιν αὐτῶν
३०ये काम तुझ से इस कारण किए जाएँगे क्योंकि तू अन्यजातियों के पीछे व्यभिचारिणी के समान हो गई, और उनकी मूर्तियों को पूजकर अशुद्ध हो गई है।
31 ἐν τῇ ὁδῷ τῆς ἀδελφῆς σου ἐπορεύθης καὶ δώσω τὸ ποτήριον αὐτῆς εἰς χεῖράς σου
३१तू अपनी बहन की लीक पर चली है; इस कारण मैं तेरे हाथ में उसका सा कटोरा दूँगा।
32 τάδε λέγει κύριος τὸ ποτήριον τῆς ἀδελφῆς σου πίεσαι τὸ βαθὺ καὶ τὸ πλατὺ τὸ πλεονάζον τοῦ συντελέσαι
३२प्रभु यहोवा यह कहता है, अपनी बहन के कटोरे से तुझे पीना पड़ेगा जो गहरा और चौड़ा है; तू हँसी और उपहास में उड़ाई जाएगी, क्योंकि उस कटोरे में बहुत कुछ समाता है।
33 μέθην καὶ ἐκλύσεως πλησθήσῃ καὶ τὸ ποτήριον ἀφανισμοῦ ποτήριον ἀδελφῆς σου Σαμαρείας
३३तू मतवालेपन और दुःख से छक जाएगी। तू अपनी बहन सामरिया के कटोरे को, अर्थात् विस्मय और उजाड़ को पीकर छक जाएगी।
34 καὶ πίεσαι αὐτό καὶ τὰς ἑορτὰς καὶ τὰς νεομηνίας αὐτῆς ἀποστρέψω διότι ἐγὼ λελάληκα λέγει κύριος
३४उसमें से तू गार-गारकर पीएगी, और उसके ठीकरों को भी चबाएगी और अपनी छातियाँ घायल करेगी; क्योंकि मैं ही ने ऐसा कहा है, प्रभु यहोवा की यही वाणी है।
35 διὰ τοῦτο τάδε λέγει κύριος ἀνθ’ ὧν ἐπελάθου μου καὶ ἀπέρριψάς με ὀπίσω τοῦ σώματός σου καὶ σὺ λαβὲ τὴν ἀσέβειάν σου καὶ τὴν πορνείαν σου
३५तूने जो मुझे भुला दिया है और अपना मुँह मुझसे फेर लिया है, इसलिए तू आप ही अपने महापाप और व्यभिचार का भार उठा, परमेश्वर यहोवा का यही वचन है।”
36 καὶ εἶπεν κύριος πρός με υἱὲ ἀνθρώπου οὐ κρινεῖς τὴν Οολαν καὶ τὴν Οολιβαν καὶ ἀπαγγελεῖς αὐταῖς τὰς ἀνομίας αὐτῶν
३६यहोवा ने मुझसे कहा, “हे मनुष्य के सन्तान, क्या तू ओहोला और ओहोलीबा का न्याय करेगा? तो फिर उनके घिनौने काम उन्हें जता दे।
37 ὅτι ἐμοιχῶντο καὶ αἷμα ἐν χερσὶν αὐτῶν τὰ ἐνθυμήματα αὐτῶν ἐμοιχῶντο καὶ τὰ τέκνα αὐτῶν ἃ ἐγέννησάν μοι διήγαγον αὐτοῖς δῑ ἐμπύρων
३७क्योंकि उन्होंने व्यभिचार किया है, और उनके हाथों में खून लगा है; उन्होंने अपनी मूरतों के साथ व्यभिचार किया, और अपने बच्चों को जो मुझसे उत्पन्न हुए थे, उन मूरतों के आगे भस्म होने के लिये चढ़ाए हैं।
38 ἕως καὶ ταῦτα ἐποίησάν μοι τὰ ἅγιά μου ἐμίαινον καὶ τὰ σάββατά μου ἐβεβήλουν
३८फिर उन्होंने मुझसे ऐसा बर्ताव भी किया कि उसी के साथ मेरे पवित्रस्थान को भी अशुद्ध किया और मेरे विश्रामदिनों को अपवित्र किया है।
39 καὶ ἐν τῷ σφάζειν αὐτοὺς τὰ τέκνα αὐτῶν τοῖς εἰδώλοις αὐτῶν καὶ εἰσεπορεύοντο εἰς τὰ ἅγιά μου τοῦ βεβηλοῦν αὐτά καὶ ὅτι οὕτως ἐποίουν ἐν μέσῳ τοῦ οἴκου μου
३९वे अपने बच्चे अपनी मूरतों के सामने बलि चढ़ाकर उसी दिन मेरा पवित्रस्थान अपवित्र करने को उसमें घुसीं। देख, उन्होंने इस भाँति का काम मेरे भवन के भीतर किया है।
40 καὶ ὅτι τοῖς ἀνδράσιν τοῖς ἐρχομένοις μακρόθεν οἷς ἀγγέλους ἐξαπεστέλλοσαν πρὸς αὐτούς καὶ ἅμα τῷ ἔρχεσθαι αὐτοὺς εὐθὺς ἐλούου καὶ ἐστιβίζου τοὺς ὀφθαλμούς σου καὶ ἐκόσμου κόσμῳ
४०उन्होंने दूर से पुरुषों को बुलवा भेजा, और वे चले भी आए। उनके लिये तू नहा धो, आँखों में अंजन लगा, गहने पहनकर;
41 καὶ ἐκάθου ἐπὶ κλίνης ἐστρωμένης καὶ τράπεζα κεκοσμημένη πρὸ προσώπου αὐτῆς καὶ τὸ θυμίαμά μου καὶ τὸ ἔλαιόν μου εὐφραίνοντο ἐν αὐτοῖς
४१सुन्दर पलंग पर बैठी रही; और तेरे सामने एक मेज बिछी हुई थी, जिस पर तूने मेरा धूप और मेरा तेल रखा था।
42 καὶ φωνὴν ἁρμονίας ἀνεκρούοντο καὶ πρὸς ἄνδρας ἐκ πλήθους ἀνθρώπων ἥκοντας ἐκ τῆς ἐρήμου καὶ ἐδίδοσαν ψέλια ἐπὶ τὰς χεῖρας αὐτῶν καὶ στέφανον καυχήσεως ἐπὶ τὰς κεφαλὰς αὐτῶν
४२तब उसके साथ निश्चिन्त लोगों की भीड़ का कोलाहल सुन पड़ा, और उन साधारण लोगों के पास जंगल से बुलाए हुए पियक्कड़ लोग भी थे; उन्होंने उन दोनों बहनों के हाथों में चूड़ियाँ पहनाई, और उनके सिरों पर शोभायमान मुकुट रखे।
43 καὶ εἶπα οὐκ ἐν τούτοις μοιχεύουσιν καὶ ἔργα πόρνης καὶ αὐτὴ ἐξεπόρνευσεν
४३“तब जो व्यभिचार करते-करते बुढ़िया हो गई थी, उसके विषय में बोल उठा, अब तो वे उसी के साथ व्यभिचार करेंगे।
44 καὶ εἰσεπορεύοντο πρὸς αὐτήν ὃν τρόπον εἰσπορεύονται πρὸς γυναῖκα πόρνην οὕτως εἰσεπορεύοντο πρὸς Οολαν καὶ πρὸς Οολιβαν τοῦ ποιῆσαι ἀνομίαν
४४क्योंकि वे उसके पास ऐसे गए जैसे लोग वेश्या के पास जाते हैं। वैसे ही वे ओहोला और ओहोलीबा नामक महापापिनी स्त्रियों के पास गए।
45 καὶ ἄνδρες δίκαιοι αὐτοὶ ἐκδικήσουσιν αὐτὰς ἐκδικήσει μοιχαλίδος καὶ ἐκδικήσει αἵματος ὅτι μοιχαλίδες εἰσίν καὶ αἷμα ἐν χερσὶν αὐτῶν
४५अतः धर्मी लोग व्यभिचारिणियों और हत्यारों के योग्य उसका न्याय करें; क्योंकि वे व्यभिचारिणियों और हत्यारों के योग्य उसका न्याय करें; क्योंकि वे व्यभिचारिणी है, और उनके हाथों में खून लगा है।”
46 τάδε λέγει κύριος κύριος ἀνάγαγε ἐπ’ αὐτὰς ὄχλον καὶ δὸς ἐν αὐταῖς ταραχὴν καὶ διαρπαγὴν
४६इस कारण परमेश्वर यहोवा यह कहता है: “मैं एक भीड़ से उन पर चढ़ाई कराकर उन्हें ऐसा करूँगा कि वे मारी-मारी फिरेंगी और लूटी जाएँगी।
47 καὶ λιθοβόλησον ἐπ’ αὐτὰς λίθοις ὄχλων καὶ κατακέντει αὐτὰς ἐν τοῖς ξίφεσιν αὐτῶν υἱοὺς αὐτῶν καὶ θυγατέρας αὐτῶν ἀποκτενοῦσι καὶ τοὺς οἴκους αὐτῶν ἐμπρήσουσιν
४७उस भीड़ के लोग उनको पथराव करके उन्हें अपनी तलवारों से काट डालेंगे, तब वे उनके पुत्र-पुत्रियों को घात करके उनके घर भी आग लगाकर फूँक देंगे।
48 καὶ ἀποστρέψω ἀσέβειαν ἐκ τῆς γῆς καὶ παιδευθήσονται πᾶσαι αἱ γυναῖκες καὶ οὐ μὴ ποιήσουσιν κατὰ τὰς ἀσεβείας αὐτῶν
४८इस प्रकार मैं महापाप को देश में से दूर करूँगा, और सब स्त्रियाँ शिक्षा पाकर तुम्हारा सा महापाप करने से बची रहेगी।
49 καὶ δοθήσεται ἡ ἀσέβεια ὑμῶν ἐφ’ ὑμᾶς καὶ τὰς ἁμαρτίας τῶν ἐνθυμημάτων ὑμῶν λήμψεσθε καὶ γνώσεσθε διότι ἐγὼ κύριος
४९तुम्हारा महापाप तुम्हारे ही सिर पड़ेगा; और तुम निश्चय अपनी मूरतों की पूजा के पापों का भार उठाओगे; और तब तुम जान लोगे कि मैं परमेश्वर यहोवा हूँ।”