< Δευτερονόμιον 1 >
1 οὗτοι οἱ λόγοι οὓς ἐλάλησεν Μωυσῆς παντὶ Ισραηλ πέραν τοῦ Ιορδάνου ἐν τῇ ἐρήμῳ πρὸς δυσμαῖς πλησίον τῆς ἐρυθρᾶς ἀνὰ μέσον Φαραν Τοφολ καὶ Λοβον καὶ Αυλων καὶ καταχρύσεα
१जो बातें मूसा ने यरदन के पार जंगल में, अर्थात् सूफ के सामने के अराबा में, और पारान और तोपेल के बीच, और लाबान हसेरोत और दीजाहाब में, सारे इस्राएलियों से कहीं वे ये हैं।
2 ἕνδεκα ἡμερῶν ἐν Χωρηβ ὁδὸς ἐπ’ ὄρος Σηιρ ἕως Καδης Βαρνη
२होरेब से कादेशबर्ने तक सेईर पहाड़ का मार्ग ग्यारह दिन का है।
3 καὶ ἐγενήθη ἐν τῷ τεσσαρακοστῷ ἔτει ἐν τῷ ἑνδεκάτῳ μηνὶ μιᾷ τοῦ μηνὸς ἐλάλησεν Μωυσῆς πρὸς πάντας υἱοὺς Ισραηλ κατὰ πάντα ὅσα ἐνετείλατο κύριος αὐτῷ πρὸς αὐτούς
३चालीसवें वर्ष के ग्यारहवें महीने के पहले दिन को जो कुछ यहोवा ने मूसा को इस्राएलियों से कहने की आज्ञा दी थी, उसके अनुसार मूसा उनसे ये बातें कहने लगा।
4 μετὰ τὸ πατάξαι Σηων βασιλέα Αμορραίων τὸν κατοικήσαντα ἐν Εσεβων καὶ Ωγ βασιλέα τῆς Βασαν τὸν κατοικήσαντα ἐν Ασταρωθ καὶ ἐν Εδραϊν
४अर्थात् जब मूसा ने एमोरियों के राजा हेशबोनवासी सीहोन और बाशान के राजा अश्तारोतवासी ओग को एद्रेई में मार डाला,
5 ἐν τῷ πέραν τοῦ Ιορδάνου ἐν γῇ Μωαβ ἤρξατο Μωυσῆς διασαφῆσαι τὸν νόμον τοῦτον λέγων
५उसके बाद यरदन के पार मोआब देश में वह व्यवस्था का विवरण ऐसे करने लगा,
6 κύριος ὁ θεὸς ἡμῶν ἐλάλησεν ἡμῖν ἐν Χωρηβ λέγων ἱκανούσθω ὑμῖν κατοικεῖν ἐν τῷ ὄρει τούτῳ
६“हमारे परमेश्वर यहोवा ने होरेब के पास हम से कहा था, ‘तुम लोगों को इस पहाड़ के पास रहते हुए बहुत दिन हो गए हैं;
7 ἐπιστράφητε καὶ ἀπάρατε ὑμεῖς καὶ εἰσπορεύεσθε εἰς ὄρος Αμορραίων καὶ πρὸς πάντας τοὺς περιοίκους Αραβα εἰς ὄρος καὶ πεδίον καὶ πρὸς λίβα καὶ παραλίαν γῆν Χαναναίων καὶ Ἀντιλίβανον ἕως τοῦ ποταμοῦ τοῦ μεγάλου Εὐφράτου
७इसलिए अब यहाँ से कूच करो, और एमोरियों के पहाड़ी देश को, और क्या अराबा में, क्या पहाड़ों में, क्या नीचे के देश में, क्या दक्षिण देश में, क्या समुद्र के किनारे, जितने लोग एमोरियों के पास रहते हैं उनके देश को, अर्थात् लबानोन पर्वत तक और फरात नाम महानद तक रहनेवाले कनानियों के देश को भी चले जाओ।
8 ἴδετε παραδέδωκα ἐνώπιον ὑμῶν τὴν γῆν εἰσπορευθέντες κληρονομήσατε τὴν γῆν ἣν ὤμοσα τοῖς πατράσιν ὑμῶν τῷ Αβρααμ καὶ Ισαακ καὶ Ιακωβ δοῦναι αὐτοῖς καὶ τῷ σπέρματι αὐτῶν μετ’ αὐτούς
८सुनो, मैं उस देश को तुम्हारे सामने किए देता हूँ; जिस देश के विषय यहोवा ने अब्राहम, इसहाक, और याकूब, तुम्हारे पितरों से शपथ खाकर कहा था कि मैं इसे तुम को और तुम्हारे बाद तुम्हारे वंश को दूँगा, उसको अब जाकर अपने अधिकार में कर लो।’”
9 καὶ εἶπα πρὸς ὑμᾶς ἐν τῷ καιρῷ ἐκείνῳ λέγων οὐ δυνήσομαι μόνος φέρειν ὑμᾶς
९“फिर उसी समय मैंने तुम से कहा, ‘मैं तुम्हारा भार अकेला नहीं उठा सकता;
10 κύριος ὁ θεὸς ὑμῶν ἐπλήθυνεν ὑμᾶς καὶ ἰδού ἐστε σήμερον ὡσεὶ τὰ ἄστρα τοῦ οὐρανοῦ τῷ πλήθει
१०क्योंकि तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने तुम को यहाँ तक बढ़ाया है कि तुम गिनती में आज आकाश के तारों के समान हो गए हो।
11 κύριος ὁ θεὸς τῶν πατέρων ὑμῶν προσθείη ὑμῖν ὡς ἐστὲ χιλιοπλασίως καὶ εὐλογήσαι ὑμᾶς καθότι ἐλάλησεν ὑμῖν
११तुम्हारे पितरों का परमेश्वर तुम को हजारगुणा और भी बढ़ाए, और अपने वचन के अनुसार तुम को आशीष भी देता रहे!
12 πῶς δυνήσομαι μόνος φέρειν τὸν κόπον ὑμῶν καὶ τὴν ὑπόστασιν ὑμῶν καὶ τὰς ἀντιλογίας ὑμῶν
१२परन्तु तुम्हारे झंझट, और भार, और झगड़ों को मैं अकेला कहाँ तक सह सकता हूँ।
13 δότε ἑαυτοῖς ἄνδρας σοφοὺς καὶ ἐπιστήμονας καὶ συνετοὺς εἰς τὰς φυλὰς ὑμῶν καὶ καταστήσω ἐφ’ ὑμῶν ἡγουμένους ὑμῶν
१३इसलिए तुम अपने-अपने गोत्र में से एक-एक बुद्धिमान और समझदार और प्रसिद्ध पुरुष चुन लो, और मैं उन्हें तुम पर मुखिया ठहराऊँगा।’
14 καὶ ἀπεκρίθητέ μοι καὶ εἴπατε καλὸν τὸ ῥῆμα ὃ ἐλάλησας ποιῆσαι
१४इसके उत्तर में तुम ने मुझसे कहा, ‘जो कुछ तू हम से कहता है उसका करना अच्छा है।’
15 καὶ ἔλαβον ἐξ ὑμῶν ἄνδρας σοφοὺς καὶ ἐπιστήμονας καὶ συνετοὺς καὶ κατέστησα αὐτοὺς ἡγεῖσθαι ἐφ’ ὑμῶν χιλιάρχους καὶ ἑκατοντάρχους καὶ πεντηκοντάρχους καὶ δεκαδάρχους καὶ γραμματοεισαγωγεῖς τοῖς κριταῖς ὑμῶν
१५इसलिए मैंने तुम्हारे गोत्रों के मुख्य पुरुषों को जो बुद्धिमान और प्रसिद्ध पुरुष थे चुनकर तुम पर मुखिया नियुक्त किया, अर्थात् हजार-हजार, सौ-सौ, पचास-पचास, और दस-दस के ऊपर प्रधान और तुम्हारे गोत्रों के सरदार भी नियुक्त किए।
16 καὶ ἐνετειλάμην τοῖς κριταῖς ὑμῶν ἐν τῷ καιρῷ ἐκείνῳ λέγων διακούετε ἀνὰ μέσον τῶν ἀδελφῶν ὑμῶν καὶ κρίνατε δικαίως ἀνὰ μέσον ἀνδρὸς καὶ ἀνὰ μέσον ἀδελφοῦ καὶ ἀνὰ μέσον προσηλύτου αὐτοῦ
१६और उस समय मैंने तुम्हारे न्यायियों को आज्ञा दी, ‘तुम अपने भाइयों के मुकद्दमे सुना करो, और उनके बीच और उनके पड़ोसियों और परदेशियों के बीच भी धार्मिकता से न्याय किया करो।
17 οὐκ ἐπιγνώσῃ πρόσωπον ἐν κρίσει κατὰ τὸν μικρὸν καὶ κατὰ τὸν μέγαν κρινεῖς οὐ μὴ ὑποστείλῃ πρόσωπον ἀνθρώπου ὅτι ἡ κρίσις τοῦ θεοῦ ἐστιν καὶ τὸ ῥῆμα ὃ ἐὰν σκληρὸν ᾖ ἀφ’ ὑμῶν ἀνοίσετε αὐτὸ ἐπ’ ἐμέ καὶ ἀκούσομαι αὐτό
१७न्याय करते समय किसी का पक्ष न करना; जैसे बड़े की वैसे ही छोटे मनुष्य की भी सुनना; किसी का मुँह देखकर न डरना, क्योंकि न्याय परमेश्वर का काम है; और जो मुकद्दमा तुम्हारे लिये कठिन हो, वह मेरे पास ले आना, और मैं उसे सुनूँगा।’
18 καὶ ἐνετειλάμην ὑμῖν ἐν τῷ καιρῷ ἐκείνῳ πάντας τοὺς λόγους οὓς ποιήσετε
१८और मैंने उसी समय तुम्हारे सारे कर्तव्य तुम को बता दिए।
19 καὶ ἀπάραντες ἐκ Χωρηβ ἐπορεύθημεν πᾶσαν τὴν ἔρημον τὴν μεγάλην καὶ τὴν φοβερὰν ἐκείνην ἣν εἴδετε ὁδὸν ὄρους τοῦ Αμορραίου καθότι ἐνετείλατο κύριος ὁ θεὸς ἡμῶν ἡμῖν καὶ ἤλθομεν ἕως Καδης Βαρνη
१९“हम होरेब से कूच करके अपने परमेश्वर यहोवा की आज्ञा के अनुसार उस सारे बड़े और भयानक जंगल में होकर चले, जिसे तुम ने एमोरियों के पहाड़ी देश के मार्ग में देखा, और हम कादेशबर्ने तक आए।
20 καὶ εἶπα πρὸς ὑμᾶς ἤλθατε ἕως τοῦ ὄρους τοῦ Αμορραίου ὃ ὁ κύριος ὁ θεὸς ἡμῶν δίδωσιν ὑμῖν
२०वहाँ मैंने तुम से कहा, ‘तुम एमोरियों के पहाड़ी देश तक आ गए हो जिसको हमारा परमेश्वर यहोवा हमें देता है।
21 ἴδετε παραδέδωκεν ὑμῖν κύριος ὁ θεὸς ὑμῶν πρὸ προσώπου ὑμῶν τὴν γῆν ἀναβάντες κληρονομήσατε ὃν τρόπον εἶπεν κύριος ὁ θεὸς τῶν πατέρων ὑμῶν ὑμῖν μὴ φοβεῖσθε μηδὲ δειλιάσητε
२१देखो, उस देश को तुम्हारा परमेश्वर यहोवा तुम्हारे सामने किए देता है, इसलिए अपने पितरों के परमेश्वर यहोवा के वचन के अनुसार उस पर चढ़ो, और उसे अपने अधिकार में ले लो; न तो तुम डरो और न तुम्हारा मन कच्चा हो।’
22 καὶ προσήλθατέ μοι πάντες καὶ εἴπατε ἀποστείλωμεν ἄνδρας προτέρους ἡμῶν καὶ ἐφοδευσάτωσαν ἡμῖν τὴν γῆν καὶ ἀναγγειλάτωσαν ἡμῖν ἀπόκρισιν τὴν ὁδόν δῑ ἧς ἀναβησόμεθα ἐν αὐτῇ καὶ τὰς πόλεις εἰς ἃς εἰσπορευσόμεθα εἰς αὐτάς
२२और तुम सब मेरे पास आकर कहने लगे, ‘हम अपने आगे पुरुषों को भेज देंगे, जो उस देश का पता लगाकर हमको यह सन्देश दें, कि कौन से मार्ग से होकर चलना होगा और किस-किस नगर में प्रवेश करना पड़ेगा?’
23 καὶ ἤρεσεν ἐναντίον μου τὸ ῥῆμα καὶ ἔλαβον ἐξ ὑμῶν δώδεκα ἄνδρας ἄνδρα ἕνα κατὰ φυλήν
२३इस बात से प्रसन्न होकर मैंने तुम में से बारह पुरुष, अर्थात् हर गोत्र में से एक पुरुष चुन लिया;
24 καὶ ἐπιστραφέντες ἀνέβησαν εἰς τὸ ὄρος καὶ ἤλθοσαν ἕως Φάραγγος βότρυος καὶ κατεσκόπευσαν αὐτήν
२४और वे पहाड़ पर चढ़ गए, और एशकोल नामक नाले को पहुँचकर उस देश का भेद लिया।
25 καὶ ἐλάβοσαν ἐν ταῖς χερσὶν αὐτῶν ἀπὸ τοῦ καρποῦ τῆς γῆς καὶ κατήνεγκαν πρὸς ἡμᾶς καὶ ἔλεγον ἀγαθὴ ἡ γῆ ἣν κύριος ὁ θεὸς ἡμῶν δίδωσιν ἡμῖν
२५और उस देश के फलों में से कुछ हाथ में लेकर हमारे पास आए, और हमको यह सन्देश दिया, ‘जो देश हमारा परमेश्वर यहोवा हमें देता है वह अच्छा है।’
26 καὶ οὐκ ἠθελήσατε ἀναβῆναι καὶ ἠπειθήσατε τῷ ῥήματι κυρίου τοῦ θεοῦ ὑμῶν
२६“तो भी तुम ने वहाँ जाने से मना किया, किन्तु अपने परमेश्वर यहोवा की आज्ञा के विरुद्ध होकर
27 καὶ διεγογγύζετε ἐν ταῖς σκηναῖς ὑμῶν καὶ εἴπατε διὰ τὸ μισεῖν κύριον ἡμᾶς ἐξήγαγεν ἡμᾶς ἐκ γῆς Αἰγύπτου παραδοῦναι ἡμᾶς εἰς χεῖρας Αμορραίων ἐξολεθρεῦσαι ἡμᾶς
२७अपने-अपने डेरे में यह कहकर कुड़कुड़ाने लगे, ‘यहोवा हम से बैर रखता है, इस कारण हमको मिस्र देश से निकाल ले आया है, कि हमको एमोरियों के वश में करके हमारा सत्यानाश कर डाले।
28 ποῦ ἡμεῖς ἀναβαίνομεν οἱ ἀδελφοὶ ὑμῶν ἀπέστησαν ὑμῶν τὴν καρδίαν λέγοντες ἔθνος μέγα καὶ πολὺ καὶ δυνατώτερον ἡμῶν καὶ πόλεις μεγάλαι καὶ τετειχισμέναι ἕως τοῦ οὐρανοῦ ἀλλὰ καὶ υἱοὺς γιγάντων ἑωράκαμεν ἐκεῖ
२८हम किधर जाएँ? हमारे भाइयों ने यह कहकर हमारे मन को कच्चा कर दिया है कि वहाँ के लोग हम से बड़े और लम्बे हैं; और वहाँ के नगर बड़े-बड़े हैं, और उनकी शहरपनाह आकाश से बातें करती हैं; और हमने वहाँ अनाकवंशियों को भी देखा है।’
29 καὶ εἶπα πρὸς ὑμᾶς μὴ πτήξητε μηδὲ φοβηθῆτε ἀπ’ αὐτῶν
२९मैंने तुम से कहा, ‘उनके कारण भय मत खाओ और न डरो।
30 κύριος ὁ θεὸς ὑμῶν ὁ προπορευόμενος πρὸ προσώπου ὑμῶν αὐτὸς συνεκπολεμήσει αὐτοὺς μεθ’ ὑμῶν κατὰ πάντα ὅσα ἐποίησεν ὑμῖν ἐν γῇ Αἰγύπτῳ
३०तुम्हारा परमेश्वर यहोवा जो तुम्हारे आगे-आगे चलता है वह आप तुम्हारी ओर से लड़ेगा, जैसे कि उसने मिस्र में तुम्हारे देखते तुम्हारे लिये किया;
31 καὶ ἐν τῇ ἐρήμῳ ταύτῃ ἣν εἴδετε ὡς ἐτροφοφόρησέν σε κύριος ὁ θεός σου ὡς εἴ τις τροφοφορήσει ἄνθρωπος τὸν υἱὸν αὐτοῦ κατὰ πᾶσαν τὴν ὁδόν ἣν ἐπορεύθητε ἕως ἤλθετε εἰς τὸν τόπον τοῦτον
३१फिर तुम ने जंगल में भी देखा कि जिस रीति कोई पुरुष अपने लड़के को उठाए चलता है, उसी रीति हमारा परमेश्वर यहोवा हमको इस स्थान पर पहुँचने तक, उस सारे मार्ग में जिससे हम आए हैं, उठाए रहा।’
32 καὶ ἐν τῷ λόγῳ τούτῳ οὐκ ἐνεπιστεύσατε κυρίῳ τῷ θεῷ ὑμῶν
३२इस बात पर भी तुम ने अपने उस परमेश्वर यहोवा पर विश्वास नहीं किया,
33 ὃς προπορεύεται πρότερος ὑμῶν ἐν τῇ ὁδῷ ἐκλέγεσθαι ὑμῖν τόπον ὁδηγῶν ὑμᾶς ἐν πυρὶ νυκτὸς δεικνύων ὑμῖν τὴν ὁδόν καθ’ ἣν πορεύεσθε ἐπ’ αὐτῆς καὶ ἐν νεφέλῃ ἡμέρας
३३जो तुम्हारे आगे-आगे इसलिए चलता रहा कि डेरे डालने का स्थान तुम्हारे लिये ढूँढ़े, और रात को आग में और दिन को बादल में प्रगट होकर चला, ताकि तुम को वह मार्ग दिखाए जिससे तुम चलो।
34 καὶ ἤκουσεν κύριος τὴν φωνὴν τῶν λόγων ὑμῶν καὶ παροξυνθεὶς ὤμοσεν λέγων
३४“परन्तु तुम्हारी वे बातें सुनकर यहोवा का कोप भड़क उठा, और उसने यह शपथ खाई,
35 εἰ ὄψεταί τις τῶν ἀνδρῶν τούτων τὴν ἀγαθὴν ταύτην γῆν ἣν ὤμοσα τοῖς πατράσιν αὐτῶν
३५‘निश्चय इस बुरी पीढ़ी के मनुष्यों में से एक भी उस अच्छे देश को देखने न पाएगा, जिसे मैंने उनके पितरों को देने की शपथ खाई थी।
36 πλὴν Χαλεβ υἱὸς Ιεφοννη οὗτος ὄψεται αὐτήν καὶ τούτῳ δώσω τὴν γῆν ἐφ’ ἣν ἐπέβη καὶ τοῖς υἱοῖς αὐτοῦ διὰ τὸ προσκεῖσθαι αὐτὸν τὰ πρὸς κύριον
३६केवल यपुन्ने का पुत्र कालेब ही उसे देखने पाएगा, और जिस भूमि पर उसके पाँव पड़े हैं उसे मैं उसको और उसके वंश को भी दूँगा; क्योंकि वह मेरे पीछे पूरी रीति से हो लिया है।’
37 καὶ ἐμοὶ ἐθυμώθη κύριος δῑ ὑμᾶς λέγων οὐδὲ σὺ οὐ μὴ εἰσέλθῃς ἐκεῖ
३७और मुझ पर भी यहोवा तुम्हारे कारण क्रोधित हुआ, और यह कहा, ‘तू भी वहाँ जाने न पाएगा;
38 Ἰησοῦς υἱὸς Ναυη ὁ παρεστηκώς σοι οὗτος εἰσελεύσεται ἐκεῖ αὐτὸν κατίσχυσον ὅτι αὐτὸς κατακληρονομήσει αὐτὴν τῷ Ισραηλ
३८नून का पुत्र यहोशू जो तेरे सामने खड़ा रहता है, वह तो वहाँ जाने पाएगा; इसलिए तू उसको हियाव दे, क्योंकि उस देश को इस्राएलियों के अधिकार में वही कर देगा।
39 καὶ πᾶν παιδίον νέον ὅστις οὐκ οἶδεν σήμερον ἀγαθὸν ἢ κακόν οὗτοι εἰσελεύσονται ἐκεῖ καὶ τούτοις δώσω αὐτήν καὶ αὐτοὶ κληρονομήσουσιν αὐτήν
३९फिर तुम्हारे बाल-बच्चे जिनके विषय में तुम कहते हो कि ये लूट में चले जाएँगे, और तुम्हारे जो बच्चे अभी भले बुरे का भेद नहीं जानते, वे वहाँ प्रवेश करेंगे, और उनको मैं वह देश दूँगा, और वे उसके अधिकारी होंगे।
40 καὶ ὑμεῖς ἐπιστραφέντες ἐστρατοπεδεύσατε εἰς τὴν ἔρημον ὁδὸν τὴν ἐπὶ τῆς ἐρυθρᾶς θαλάσσης
४०परन्तु तुम लोग घूमकर कूच करो, और लाल समुद्र के मार्ग से जंगल की ओर जाओ।’
41 καὶ ἀπεκρίθητέ μοι καὶ εἴπατε ἡμάρτομεν ἔναντι κυρίου τοῦ θεοῦ ἡμῶν ἡμεῖς ἀναβάντες πολεμήσομεν κατὰ πάντα ὅσα ἐνετείλατο κύριος ὁ θεὸς ἡμῶν ἡμῖν καὶ ἀναλαβόντες ἕκαστος τὰ σκεύη τὰ πολεμικὰ αὐτοῦ καὶ συναθροισθέντες ἀνεβαίνετε εἰς τὸ ὄρος
४१“तब तुम ने मुझसे कहा, ‘हमने यहोवा के विरुद्ध पाप किया है; अब हम अपने परमेश्वर यहोवा की आज्ञा के अनुसार चढ़ाई करेंगे और लड़ेंगे।’ तब तुम अपने-अपने हथियार बाँधकर पहाड़ पर बिना सोचे समझे चढ़ने को तैयार हो गए।
42 καὶ εἶπεν κύριος πρός με εἰπὸν αὐτοῖς οὐκ ἀναβήσεσθε οὐδὲ μὴ πολεμήσετε οὐ γάρ εἰμι μεθ’ ὑμῶν καὶ οὐ μὴ συντριβῆτε ἐνώπιον τῶν ἐχθρῶν ὑμῶν
४२तब यहोवा ने मुझसे कहा, ‘उनसे कह दे कि तुम मत चढ़ो, और न लड़ो; क्योंकि मैं तुम्हारे मध्य में नहीं हूँ; कहीं ऐसा न हो कि तुम अपने शत्रुओं से हार जाओ।’
43 καὶ ἐλάλησα ὑμῖν καὶ οὐκ εἰσηκούσατέ μου καὶ παρέβητε τὸ ῥῆμα κυρίου καὶ παραβιασάμενοι ἀνέβητε εἰς τὸ ὄρος
४३यह बात मैंने तुम से कह दी, परन्तु तुम ने न मानी; किन्तु ढिठाई से यहोवा की आज्ञा का उल्लंघन करके पहाड़ पर चढ़ गए।
44 καὶ ἐξῆλθεν ὁ Αμορραῖος ὁ κατοικῶν ἐν τῷ ὄρει ἐκείνῳ εἰς συνάντησιν ὑμῖν καὶ κατεδίωξαν ὑμᾶς ὡς εἰ ποιήσαισαν αἱ μέλισσαι καὶ ἐτίτρωσκον ὑμᾶς ἀπὸ Σηιρ ἕως Ερμα
४४तब उस पहाड़ के निवासी एमोरियों ने तुम्हारा सामना करने को निकलकर मधुमक्खियों के समान तुम्हारा पीछा किया, और सेईर देश के होर्मा तक तुम्हें मारते-मारते चले आए।
45 καὶ καθίσαντες ἐκλαίετε ἔναντι κυρίου καὶ οὐκ εἰσήκουσεν κύριος τῆς φωνῆς ὑμῶν οὐδὲ προσέσχεν ὑμῖν
४५तब तुम लौटकर यहोवा के सामने रोने लगे; परन्तु यहोवा ने तुम्हारी न सुनी, न तुम्हारी बातों पर कान लगाया।
46 καὶ ἐνεκάθησθε ἐν Καδης ἡμέρας πολλάς ὅσας ποτὲ ἡμέρας ἐνεκάθησθε
४६और तुम कादेश में बहुत दिनों तक रहे, यहाँ तक कि एक युग हो गया।