< Δανιήλ 5 >
1 Βαλτασαρ ὁ βασιλεὺς ἐποίησεν ἑστιατορίαν μεγάλην τοῖς ἑταίροις αὐτοῦ καὶ ἔπινεν οἶνον
राजा बैलशत्सर ने अपने एक हजार प्रभावशाली लोगों को एक बड़ा भोज दिया और उनके साथ दाखमधु पी.
2 καὶ ἀνυψώθη ἡ καρδία αὐτοῦ καὶ εἶπεν ἐνέγκαι τὰ σκεύη τὰ χρυσᾶ καὶ τὰ ἀργυρᾶ τοῦ οἴκου τοῦ θεοῦ ἃ ἤνεγκε Ναβουχοδονοσορ ὁ πατὴρ αὐτοῦ ἀπὸ Ιερουσαλημ καὶ οἰνοχοῆσαι ἐν αὐτοῖς τοῖς ἑταίροις αὐτοῦ
जब बैलशत्सर दाखमधु पी रहा था, तब उसने आदेश दिया कि जो सोने और चांदी के प्याले उसके पिता नबूकदनेज्ज़र ने येरूशलेम के मंदिर से लाए थे, उन्हें लाया जाए, ताकि राजा, उसके प्रभावशाली लोग, राजा की पत्नियां और उसकी उपपत्नियां दाखमधु पीने के लिए उनका उपयोग कर सकें.
3 καὶ ἠνέχθη καὶ ἔπινον ἐν αὐτοῖς
इसलिये येरूशलेम के परमेश्वर के मंदिर से निकालकर लाए गए सोने के प्याले लाये गये, और राजा और उसके प्रभावशाली लोग, उसकी पत्नियों और उपपत्नियों ने उनमें दाखमधु पान किया.
4 καὶ ηὐλόγουν τὰ εἴδωλα τὰ χειροποίητα αὐτῶν καὶ τὸν θεὸν τοῦ αἰῶνος οὐκ εὐλόγησαν τὸν ἔχοντα τὴν ἐξουσίαν τοῦ πνεύματος αὐτῶν
वे दाखमधु पीकर सोने और चांदी, कांसा, लोहा, लकड़ी और पत्थर के देवताओं की स्तुति करने लगे.
5 ἐν αὐτῇ τῇ ὥρᾳ ἐκείνῃ ἐξῆλθον δάκτυλοι ὡσεὶ χειρὸς ἀνθρώπου καὶ ἔγραψαν ἐπὶ τοῦ τοίχου τοῦ οἴκου αὐτοῦ ἐπὶ τοῦ κονιάματος κατέναντι τοῦ φωτὸς ἔναντι τοῦ βασιλέως Βαλτασαρ καὶ εἶδε χεῖρα γράφουσαν
तब अचानक एक मानव हाथ की उंगलियां प्रकट हुईं और राजमहल में दीवट के पास दीवार के पलस्तर पर कुछ लिखने लगीं. लिखते हुए उस हाथ पर राजा की दृष्टि पड़ी.
6 καὶ ἡ ὅρασις αὐτοῦ ἠλλοιώθη καὶ φόβοι καὶ ὑπόνοιαι αὐτὸν κατέσπευδον ἔσπευσεν οὖν ὁ βασιλεὺς καὶ ἐξανέστη καὶ ἑώρα τὴν γραφὴν ἐκείνην καὶ οἱ συνεταῖροι κύκλῳ αὐτοῦ ἐκαυχῶντο
उसे देखकर राजा के चेहरे का रंग उड़ गया और वह इतना डर गया कि उसके पैर ढीले हो गए और कांपने से उसके घुटने एक दूसरे से टकराने लगे.
7 καὶ ὁ βασιλεὺς ἐφώνησε φωνῇ μεγάλῃ καλέσαι τοὺς ἐπαοιδοὺς καὶ φαρμακοὺς καὶ Χαλδαίους καὶ γαζαρηνοὺς ἀπαγγεῖλαι τὸ σύγκριμα τῆς γραφῆς καὶ εἰσεπορεύοντο ἐπὶ θεωρίαν ἰδεῖν τὴν γραφήν καὶ τὸ σύγκριμα τῆς γραφῆς οὐκ ἐδύναντο συγκρῖναι τῷ βασιλεῖ τότε ὁ βασιλεὺς ἐξέθηκε πρόσταγμα λέγων πᾶς ἀνήρ ὃς ἂν ὑποδείξῃ τὸ σύγκριμα τῆς γραφῆς στολιεῖ αὐτὸν πορφύραν καὶ μανιάκην χρυσοῦν περιθήσει αὐτῷ καὶ δοθήσεται αὐτῷ ἐξουσία τοῦ τρίτου μέρους τῆς βασιλείας
तब राजा ने तांत्रिक, ज्योतिषी और दैवीय शक्तिवालों को बुलवाया और उसने बाबेल के उन बुद्धिमान लोगों से कहा, “जो कोई इस लिखावट को पढ़ेगा और उसका अर्थ मुझे बताएगा, उसे राजसी वस्त्र पहनाया जाएगा और उसके गले में सोने की माला पहनाई जाएगी, और उसे राज्य में तीसरे नंबर का उच्च पदस्थ शासक बनाया जाएगा.”
8 καὶ εἰσεπορεύοντο οἱ ἐπαοιδοὶ καὶ φαρμακοὶ καὶ γαζαρηνοί καὶ οὐκ ἠδύνατο οὐδεὶς τὸ σύγκριμα τῆς γραφῆς ἀπαγγεῖλαι
तब राजा के सब बुद्धिमान लोग आए, पर वे उस दीवार पर लिखी बात को पढ़ न सके और न ही वे राजा को उसका अर्थ बता सके.
9 τότε ὁ βασιλεὺς ἐκάλεσε τὴν βασίλισσαν περὶ τοῦ σημείου καὶ ὑπέδειξεν αὐτῇ ὡς μέγα ἐστί καὶ ὅτι πᾶς ἄνθρωπος οὐ δύναται ἀπαγγεῖλαι τῷ βασιλεῖ τὸ σύγκριμα τῆς γραφῆς
इससे राजा बैलशत्सर और भयभीत हो गया और उसका चेहरे का रंग और उड़ गया. इससे उसके प्रभावशाली लोग भी परेशान हो गए.
10 τότε ἡ βασίλισσα ἐμνήσθη πρὸς αὐτὸν περὶ τοῦ Δανιηλ ὃς ἦν ἐκ τῆς αἰχμαλωσίας τῆς Ιουδαίας
राजा एवं उसके प्रभावशाली लोगों की आवाज सुनकर, रानी भोज के कक्ष में आई और कहने लगी, “राजा चिरंजीवी हों! आप चिंता न करें! और आपके चेहरे का रंग न उड़े!
11 καὶ εἶπε τῷ βασιλεῖ ὁ ἄνθρωπος ἐπιστήμων ἦν καὶ σοφὸς καὶ ὑπερέχων πάντας τοὺς σοφοὺς Βαβυλῶνος
आपके राज्य में एक ऐसा व्यक्ति है, जिसमें पवित्र देवताओं की आत्मा रहती है. आपके पिता के समय में इस व्यक्ति में देवताओं के समान समझ-बूझ, बुद्धि और ज्ञान पायी गई थी. आपके पिता, राजा नबूकदनेज्ज़र ने उसे जादूगरों, तांत्रिकों, ज्योंतिषियों और दैवीय शक्तिवालों का मुखिया नियुक्त किया था.
12 καὶ πνεῦμα ἅγιον ἐν αὐτῷ ἐστι καὶ ἐν ταῖς ἡμέραις τοῦ πατρός σου τοῦ βασιλέως συγκρίματα ὑπέρογκα ὑπέδειξε Ναβουχοδονοσορ τῷ πατρί σου
उसने ऐसा किया क्योंकि दानिएल नामक यह व्यक्ति के पास, जिसे राजा बैलशत्सर नाम से पुकारते थे, तेज दिमाग और ज्ञान और समझ थी, और उसमें स्वप्नों का अर्थ बताने, पहेलियों को समझाने और कठिन समस्याओं का हल निकालने की योग्यता पायी गई थी. इसलिये दानिएल को बुलवा लीजिए, और वह आपको लिखावट का अर्थ बता देगा.”
13 τότε Δανιηλ εἰσήχθη πρὸς τὸν βασιλέα καὶ ἀποκριθεὶς ὁ βασιλεὺς εἶπεν αὐτῷ
तब दानिएल को राजा के सामने लाया गया, और राजा ने उससे कहा, “क्या तुम दानिएल हो, और उनमें से एक हो, जिन्हें मेरे पिता, राजा ने यहूदाह से बंधुआई में लाया था?
मैंने सुना है कि तुममें देवताओं की आत्मा रहती है और यह भी कि तुममें समझ-बूझ, बुद्धि और असाधारण ज्ञान है.
बुद्धिमान और तांत्रिक लोग इस लिखावट को पढ़ने और इसका अर्थ बताने के लिये मेरे पास लाये गए, पर वे इसको समझा न सके.
16 ὦ Δανιηλ δύνῃ μοι ὑποδεῖξαι τὸ σύγκριμα τῆς γραφῆς καὶ στολιῶ σε πορφύραν καὶ μανιάκην χρυσοῦν περιθήσω σοι καὶ ἕξεις ἐξουσίαν τοῦ τρίτου μέρους τῆς βασιλείας μου
मैंने सुना है कि तुममें अर्थ बताने और कठिन समस्याओं का हल निकालने की योग्यता है. यदि तुम इस लेख को पढ़कर इसका अर्थ मुझे बता सके, तो तुम्हें राजसी कपड़े पहनाए जाएंगे और तुम्हारे गले में सोने की माला पहनाई जाएगी, और तुम्हें तीसरा उच्च पदस्थ शासक बनाया जाएगा.”
17 τότε Δανιηλ ἔστη κατέναντι τῆς γραφῆς καὶ ἀνέγνω καὶ οὕτως ἀπεκρίθη τῷ βασιλεῖ αὕτη ἡ γραφή ἠρίθμηται κατελογίσθη ἐξῆρται καὶ ἔστη ἡ γράψασα χείρ καὶ αὕτη ἡ σύγκρισις αὐτῶν
तब दानिएल ने राजा को उत्तर दिया, “आप अपने उपहारों को अपने पास रखें और अपने पुरस्कारों को किसी और को दे दें. फिर भी मैं यह लिखावट राजा के लिये पढ़ूंगा और उसको इसका अर्थ भी बताऊंगा.
“हे महाराज, सर्वोच्च परमेश्वर ने आपके पिता नबूकदनेज्ज़र को राजसत्ता, महानता, महिमा और वैभव दिया.
क्योंकि परमेश्वर ने उसे ऊंचा पद दिया था, इसलिये सारी जाति और हर भाषा के लोग आपके पिता से डरते थे और उनका भय मानते थे. जिन्हें वह प्राण-दंड देना चाहता, उन्हें वह प्राण-दंड देता; जिन्हें वह छोड़ना चाहता, उन्हें वह छोड़ देता; जिन्हें वह ऊंचा पद देना चाहता, उन्हें वह ऊंचा पद देता; और जिन्हें वह नीचा दिखाना चाहता, उन्हें वह नीचा दिखाता.
पर जब घमंड से उसका मन फूल गया और उसका हृदय कठोर हो गया, तो उसे राज सिंहासन से हटा दिया गया और उसकी प्रतिष्ठा छीन ली गई.
उसे लोगों के बीच से भगा दिया गया और उसे एक जानवर का मन दिया गया; वह जंगली गधों के साथ रहता था और बैल की तरह घांस खाता था; और उसका शरीर आकाश के ओस से भीगता था, यह तब तक होता रहा, जब तक कि उसने यह न मान लिया कि पृथ्वी पर सब राज्यों के ऊपर सर्वोच्च परमेश्वर ही परम प्रधान हैं और वे जिसे चाहते हैं उसे उन राज्यों पर शासक ठहराते हैं.
“पर हे बैलशत्सर, उनके बेटे होकर भी आपने अपने आपको नम्र नहीं किया, यद्यपि आप यह सब जानते थे.
23 βασιλεῦ σὺ ἐποιήσω ἑστιατορίαν τοῖς φίλοις σου καὶ ἔπινες οἶνον καὶ τὰ σκεύη τοῦ οἴκου τοῦ θεοῦ τοῦ ζῶντος ἠνέχθη σοι καὶ ἐπίνετε ἐν αὐτοῖς σὺ καὶ οἱ μεγιστᾶνές σου καὶ ᾐνέσατε πάντα τὰ εἴδωλα τὰ χειροποίητα τῶν ἀνθρώπων καὶ τῷ θεῷ τῷ ζῶντι οὐκ εὐλογήσατε καὶ τὸ πνεῦμά σου ἐν τῇ χειρὶ αὐτοῦ καὶ τὸ βασίλειόν σου αὐτὸς ἔδωκέ σοι καὶ οὐκ εὐλόγησας αὐτὸν οὐδὲ ᾔνεσας αὐτῷ
वरन आपने अपने आपको स्वर्ग के प्रभु से भी बड़ा बना लिया है. आपने उनके मंदिर से प्यालों को अपने पास मंगा लिया, और आप और आपके प्रभावशाली लोगों ने, आपकी पत्नियों और आपकी उपपत्नियों ने उनमें दाखमधु पिया है. आपने चांदी, सोना, कांसा, लोहा, लकड़ी और पत्थर के देवताओं की महिमा किया है, जो न तो देख सकते हैं, न सुन सकते है, और न ही समझ सकते हैं. पर आपने उस परमेश्वर का आदर नहीं किया, जिनके हाथ में आपका जीवन और आपके सारे क्रियाकलाप हैं.
इसलिये परमेश्वर ने यह हाथ भेजा, जिसने यह लेख लिखा है.
“यह वह लेख है जिसे लिखा गया था: मने, मने, तकेल, फरसीन
26 τοῦτο τὸ σύγκριμα τῆς γραφῆς ἠρίθμηται ὁ χρόνος σου τῆς βασιλείας ἀπολήγει ἡ βασιλεία σου συντέτμηται καὶ συντετέλεσται ἡ βασιλεία σου τοῖς Μήδοις καὶ τοῖς Πέρσαις δίδοται
“इन शब्दों का अर्थ इस प्रकार है: “मने: परमेश्वर आपके राज्य करने के दिनों की गिनती कर चुके हैं और इसका अंत आ चुका है.
“तकेल: आप तराजू पर तौले जा चुके हैं और आपको हल्का पाया गया है.
“फरसीन: आपके राज्य को बांट दिया गया है और मेदियों तथा फ़ारसियों को दे दिया गया है.”
29 τότε Βαλτασαρ ὁ βασιλεὺς ἐνέδυσε τὸν Δανιηλ πορφύραν καὶ μανιάκην χρυσοῦν περιέθηκεν αὐτῷ καὶ ἔδωκεν ἐξουσίαν αὐτῷ τοῦ τρίτου μέρους τῆς βασιλείας αὐτοῦ
तब बैलशत्सर की आज्ञा से दानिएल को राजसी कपड़े पहनाए गए, उसके गले में सोने की एक माला पहनाईं गई, और राज्य में तीसरे उच्च पदस्थ शासक के रूप में उसकी घोषणा की गई.
30 καὶ τὸ σύγκριμα ἐπῆλθε Βαλτασαρ τῷ βασιλεῖ καὶ τὸ βασίλειον ἐξῆρται ἀπὸ τῶν Χαλδαίων καὶ ἐδόθη τοῖς Μήδοις καὶ τοῖς Πέρσαις
उसी रात, कसदियों का राजा, बैलशत्सर मार डाला गया,
31 καὶ Ἀρταξέρξης ὁ τῶν Μήδων παρέλαβε τὴν βασιλείαν καὶ Δαρεῖος πλήρης τῶν ἡμερῶν καὶ ἔνδοξος ἐν γήρει
और इसके बाद दारयावेश, जो मेदिया था, बासठ साल के उम्र में उस राज्य का राजा बना.