< Προς Κορινθιους Β΄ 8 >
1 Γνωρίζω δὲ ὑμῖν, ἀδελφοί, τὴν χάριν τοῦ Θεοῦ τὴν δεδομένην ἐν ταῖς ἐκκλησίαις τῆς Μακεδονίας,
ऐ, भाइयों! हम तुम को ख़ुदा के उस फ़ज़ल की ख़बर देते हैं जो मकिदुनिया सूबे की कलीसियाओं पर हुआ है।
2 ὅτι ἐν πολλῇ δοκιμῇ θλίψεως ἡ περισσεία τῆς χαρᾶς αὐτῶν καὶ ἡ κατὰ βάθους πτωχεία αὐτῶν ἐπερίσσευσεν εἰς τὸν πλοῦτον τῆς ἁπλότητος αὐτῶν·
कि मुसीबत की बड़ी आज़माइश में उनकी बड़ी ख़ुशी और सख़्त ग़रीबी ने उनकी सख़ावत को हद से ज़्यादा कर दिया।
3 ὅτι κατὰ δύναμιν, μαρτυρῶ, καὶ ὑπὲρ δύναμιν, αὐθαίρετοι,
और मैं गवाही देता हूँ, कि उन्होंने हैसियत के मुवाफ़िक़ बल्कि ताक़त से भी ज़्यादा अपनी ख़ुशी से दिया।
4 μετὰ πολλῆς παρακλήσεως δεόμενοι ἡμῶν τὴν χάριν καὶ τὴν κοινωνίαν τῆς διακονίας τῆς εἰς τοὺς ἁγίους,
और इस ख़ैरात और मुक़द्दसों की ख़िदमत की शिराकत के ज़रिए हम से बड़ी मिन्नत के साथ दरख़्वास्त की।
5 καὶ οὐ καθὼς ἠλπίσαμεν, ἀλλ᾽ ἑαυτοὺς ἔδωκαν πρῶτον τῷ Κυρίῳ καὶ ἡμῖν διὰ θελήματος Θεοῦ,
और हमारी उम्मीद के मुवाफ़िक़ ही नहीं दिया बल्कि अपने आप को पहले ख़ुदावन्द के और फिर ख़ुदा की मर्ज़ी से हमारे सुपुर्द किया।
6 εἰς τὸ παρακαλέσαι ἡμᾶς Τίτον, ἵνα καθὼς προενήρξατο οὕτω καὶ ἐπιτελέσῃ εἰς ὑμᾶς καὶ τὴν χάριν ταύτην.
इस वास्ते हम ने तितुस को नसीहत की जैसे उस ने पहले शुरू किया था वैसे ही तुम में इस ख़ैरात के काम को पूरा भी करे।
7 ἀλλ᾽ ὥσπερ ἐν παντὶ περισσεύετε, πίστει καὶ λόγῳ καὶ γνώσει καὶ πάσῃ σπουδῇ καὶ τῇ ἐξ ὑμῶν ἐν ἡμῖν ἀγάπῃ, ἵνα καὶ ἐν ταύτῃ τῇ χάριτι περισσεύητε.
पस जैसे तुम हर बात में ईमान और कलाम और इल्म और पूरी सरगर्मी और उस मुहब्बत में जो हम से आगे हो गए हो, वैसे ही इस ख़ैरात के काम में आगे ले जाओ।
8 Οὐ κατ᾽ ἐπιταγὴν λέγω, ἀλλὰ διὰ τῆς ἑτέρων σπουδῆς καὶ τὸ τῆς ὑμετέρας ἀγάπης γνήσιον δοκιμάζων·
मैं हुक्म के तौर पर नहीं कहता बल्कि इसलिए कि औरों की सरगर्मी से तुम्हारी सच्चाई को आज़माऊँ।
9 γινώσκετε γὰρ τὴν χάριν τοῦ Κυρίου ἡμῶν Ἰησοῦ Χριστοῦ, ὅτι δι᾽ ὑμᾶς ἐπτώχευσε πλούσιος ὤν, ἵνα ὑμεῖς τῇ ἐκείνου πτωχείᾳ πλουτήσητε.
क्यूँकि तुम हमारे ख़ुदावन्द ईसा मसीह के फ़ज़ल को जानते हो कि वो अगरचे दौलतमन्द था मगर तुम्हारी ख़ातिर ग़रीब बन गया ताकि तुम उसकी ग़रीबी की वजह से दौलतमन्द हो जाओ।
10 καὶ γνώμην ἐν τούτῳ δίδωμι· τοῦτο γὰρ ὑμῖν συμφέρει, οἵτινες οὐ μόνον τὸ ποιῆσαι, ἀλλὰ καὶ τὸ θέλειν προενήρξασθε ἀπὸ πέρυσι·
और मैं इस अम्र में अपनी राय देता हूँ, क्यूँकि ये तुम्हारे लिए फ़ाइदामन्द है, इसलिए कि तुम पिछले साल से न सिर्फ़ इस काम में बल्कि इसके इरादे में भी अव्वल थे।
11 νυνὶ δὲ καὶ τὸ ποιῆσαι ἐπιτελέσατε, ὅπως καθάπερ ἡ προθυμία τοῦ θέλειν, οὕτω καὶ τὸ ἐπιτελέσαι ἐκ τοῦ ἔχειν.
पस अब इस काम को पूरा भी करो ताकि जैसे तुम इरादा करने में मुस्त'इद थे वैसे ही हैसियत के मुवाफ़िक़ पूरा भी करो।
12 εἰ γὰρ ἡ προθυμία πρόκειται, καθὸ ἐὰν ἔχῃ τις εὐπρόσδεκτος, οὐ καθὸ οὐκ ἔχει.
क्यूँकि अगर नियत हो तो ख़ैरात उसके मुवाफ़िक़ मक़्बूल होगी जो आदमी के पास है न उसके मुवाफ़िक़ जो उसके पास नहीं।
13 οὐ γὰρ ἵνα ἄλλοις ἄνεσις, ὑμῖν δὲ θλῖψις, ἀλλ᾽ ἐξ ἰσότητος ἐν τῷ νῦν καιρῷ τὸ ὑμῶν περίσσευμα εἰς τὸ ἐκείνων ὑστέρημα,
ये नहीं कि औरों को आराम मिले और तुम को तकलीफ़ हो।
14 ἵνα καὶ τὸ ἐκείνων περίσσευμα γένηται εἰς τὸ ὑμῶν ὑστέρημα, ὅπως γένηται ἰσότης,
बल्कि बराबरी के तौर पर इस वक़्त तुम्हारी दौलत से उनकी कमी पूरी हो ताकि उनकी दौलत से भी तुम्हारी कमी पूरी हो और इस तरह बराबरी हो जाए।
15 καθὼς γέγραπται· ὁ τὸ πολὺ οὐκ ἐπλεόνασε, καὶ ὁ τὸ ὀλίγον οὐκ ἠλαττόνησε.
चुनाँचे कलाम में लिखा है, “जिस ने बहुत मन्ना जमा किया उस का कुछ ज़्यादा न निकला और जिस ने थोड़ा जमा किया उसका कुछ कम न निकला।”
16 Χάρις δὲ τῷ Θεῷ τῷ διδόντι τὴν αὐτὴν σπουδὴν ὑπὲρ ὑμῶν ἐν τῇ καρδίᾳ Τίτου,
ख़ुदा का शुक्र है जो तितुस के दिल में तुम्हारे वास्ते वैसी ही सरगर्मी पैदा करता है।
17 ὅτι τὴν μὲν παράκλησιν ἐδέξατο, σπουδαιότερος δὲ ὑπάρχων αὐθαίρετος ἐξῆλθε πρὸς ὑμᾶς.
क्यूँकि उसने हमारी नसीहत को मान लिया बल्कि बड़ा सरगर्म हो कर अपनी ख़ुशी से तुम्हारी तरफ़ रवाना हुआ।
18 συνεπέμψαμεν δὲ μετ᾽ αὐτοῦ τὸν ἀδελφὸν οὗ ὁ ἔπαινος ἐν τῷ εὐαγγελίῳ διὰ πασῶν τῶν ἐκκλησιῶν· —
और हम ने उस के साथ उस भाई को भेजा जिस की तारीफ़ ख़ुशख़बरी की वजह से तमाम कलीसियाओं में होती है।
19 οὐ μόνον δέ, ἀλλὰ καὶ χειροτονηθεὶς ὑπὸ τῶν ἐκκλησιῶν συνέκδημος ἡμῶν σὺν τῇ χάριτι ταύτῃ τῇ διακονουμένῃ ὑφ᾽ ἡμῶν πρὸς τὴν αὐτοῦ τοῦ Κυρίου δόξαν καὶ προθυμίαν ἡμῶν· —
और सिर्फ़ यही नहीं बल्कि वो कलीसियाओं की तरफ़ से इस ख़ैरात के बारे में हमारा हमसफ़र मुक़र्रर हुआ और हम ये ख़िदमत इसलिए करते हैं कि ख़ुदावन्द का जलाल और हमारा शौक़ ज़ाहिर हो।
20 στελλόμενοι τοῦτο, μή τις ἡμᾶς μωμήσηται ἐν τῇ ἁδρότητι ταύτῃ τῇ διακονουμένῃ ὑφ᾽ ἡμῶν,
और हम बचते रहते हैं कि जिस बड़ी ख़ैरात के बारे में ख़िदमत करते हैं उसके बारे में कोई हम पर हर्फ़ न लाए।
21 προνοούμενοι καλὰ οὐ μόνον ἐνώπιον Κυρίου, ἀλλὰ καὶ ἐνώπιον ἀνθρώπων.
क्यूँकि हम ऐसी चीज़ों की तदबीर करते हैं जो न सिर्फ़ ख़ुदावन्द के नज़दीक भली हैं बल्कि आदमियों के नज़दीक भी।
22 συνεπέμψαμεν δὲ αὐτοῖς τὸν ἀδελφὸν ἡμῶν, ὃν ἐδοκιμάσαμεν ἐν πολλοῖς πολλάκις σπουδαῖον ὄντα, νυνὶ δὲ πολὺ σπουδαιότερον πεποιθήσει πολλῇ τῇ εἰς ὑμᾶς.
और हम ने उनके साथ अपने उस भाई को भेजा है जिसको हम ने बहुत सी बातों में बार हा आज़माकर सरगर्म पाया है मगर चूँकि उसको तुम पर बड़ा भरोसा है इसलिए अब बहुत ज़्यादा सरगर्म है।
23 εἴτε ὑπὲρ Τίτου, κοινωνὸς ἐμὸς καὶ εἰς ὑμᾶς συνεργός· εἴτε ἀδελφοὶ ἡμῶν, ἀπόστολοι ἐκκλησιῶν, δόξα Χριστοῦ.
अगर कोई तितुस की बारे में पुछे तो वो मेरा शरीक और तुम्हारे वास्ते मेरा हम ख़िदमत है और अगर भाइयों के बारे में पूछा जाए तो वो कलीसियाओं के क़ासिद और मसीह का जलाल हैं।
24 Τὴν οὖν ἔνδειξιν τῆς ἀγάπης ὑμῶν καὶ ἡμῶν καυχήσεως ὑπὲρ ὑμῶν εἰς αὐτοὺς ἐνδείξασθε εἰς πρόσωπον τῶν ἐκκλησιῶν.
पस अपनी मुहब्बत और हमारा वो फ़ख़्र जो तुम पर है कलीसियाओं के रु — ब — रु उन पर साबित करो।