< Psalm 124 >

1 Wäre nicht Jehovah mit uns, spreche nun Israel,
अब इस्राईल यूँ कहे, अगर ख़ुदावन्द हमारी तरफ़ न होता,
2 Wäre nicht Jehovah mit uns, da der Mensch wider uns aufstand:
अगर ख़ुदावन्द उस वक़्त हमारी तरफ़ न होता, जब लोग हमारे ख़िलाफ़ उठे,
3 Dann hätten sie lebendig uns verschlungen, als wider uns ihr Zorn entbrannte.
तो जब उनका क़हर हम पर भड़का था, वह हम को ज़िन्दा ही निगल जाते।
4 Dann hätten uns die Wasser überflutet; der Bach wäre über unsere Seele hingegangen;
उस वक़्त पानी हम को डुबो देता, और सैलाब हमारी जान पर से गुज़र जाता।
5 Dann wären über unsere Seele hingegangen die übermütigen Wasser.
उस वक़्त मौजज़न, पानी हमारी जान पर से गुज़र जाता।
6 Gesegnet sei Jehovah, Der uns ihren Zähnen nicht zum Zerfleischen gab.
ख़ुदावन्द मुबारक हो, जिसने हमें उनके दाँतों का शिकार न होने दिया।
7 Unsere Seele ist wie der Vogel, so aus der Vogler Schlinge ist entronnen; die Schlinge riß, und wir sind entronnen.
हमारी जान चिड़िया की तरह चिड़ीमारों के जाल से बच निकली, जाल तो टूट गया और हम बच निकले।
8 Unser Beistand ist in dem Namen Jehovahs, Der Himmel und Erde gemacht.
हमारी मदद ख़ुदावन्द के नाम से है, जिसने आसमान और ज़मीन को बनाया।

< Psalm 124 >