< Sacharja 14 >
1 Siehe, es kommt ein Tag des HERRN, da man deine Beute in deiner Mitte verteilen wird!
हे येरूशलेम, याहवेह का एक ऐसा दिन आनेवाला है, जब तुम्हारी संपत्ति लूट ली जाएगी और तुम्हारे अपने घेरे के अंदर ही बांट ली जाएगी.
2 Da werde ich alle Nationen bei Jerusalem zum Kriege versammeln; und die Stadt wird erobert, die Häuser werden geplündert und die Frauen geschändet werden; und die Hälfte der Stadt muß in die Gefangenschaft wandern, der Rest aber soll nicht aus der Stadt ausgerottet werden.
मैं जाति-जाति के लोगों को येरूशलेम के विरुद्ध युद्ध करने के लिए इकट्ठा करूंगा; शहर पर अधिकार कर लिया जाएगा, घर-द्वार लूट लिये जाएंगे, और स्त्रियों से बलात्कार किया जाएगा. शहर की आधी जनसंख्या बंधुआई में चली जाएगी, पर बचे लोग शहर में ही रहेंगे.
3 Aber der HERR wird ausziehen und streiten wieder jene Nationen, wie dereinst am Tage seines Kampfes, am Tage der Schlacht.
तब याहवेह जाकर उन जातियों के विरुद्ध ऐसे लड़ेंगे जैसे वे युद्ध के दिन लड़ते हैं.
4 Und seine Füße werden an jenem Tage auf dem Ölberg stehen, der vor Jerusalem gegen Morgen liegt; da wird sich der Ölberg in der Mitte spalten, daß es von Sonnenaufgang nach dem Meere hin ein sehr großes Tal geben und die eine Hälfte des Berges nach Norden, die andere nach Süden zurückweichen wird.
उस दिन याहवेह येरूशलेम के पूर्व में जैतून पहाड़ पर जा खड़े होंगे, और जैतून पहाड़ पूर्व और पश्चिम दो भाग में बंट जाएगा और बीच में एक बड़ी घाटी बन जाएगी, जिससे आधा पहाड़ उत्तर की ओर तथा आधा पहाड़ दक्षिण की ओर हट जाएगा.
5 Da werdet ihr in das Tal meiner Berge fliehen; denn das Tal zwischen den Bergen wird bis nach Azel reichen; und ihr werdet fliehen, wie ihr geflohen seid vor dem Erdbeben in den Tagen Ussias, des Königs von Juda. Dann wird der HERR, mein Gott, kommen und alle Heiligen mit dir!
तब तुम मेरी इस पहाड़ की घाटी से होकर भागोगे, क्योंकि यह घाटी आत्सल तक फैली होगी. तुम ऐसे भागोगे, जैसे तुम यहूदिया के राजा उज्जियाह के दिनों में हुए भूकंप के समय भागे थे. तब याहवेह मेरे परमेश्वर सब पवित्र लोगों के साथ आएंगे.
6 An jenem Tage wird kein Licht sein; die glänzenden [Gestirne] werden gerinnen.
उस दिन न तो सूर्य का प्रकाश होगा और न ही ठंडा, कुहरे से भरा अंधेरा.
7 Und es wird ein einziger Tag sein (er ist dem HERRN bekannt), weder Tag noch Nacht; und es wird geschehen: zur Abendzeit wird es licht werden.
वह एक अतुलनीय दिन होगा—ऐसा दिन जिसे सिर्फ याहवेह ही जानते हैं—दिन और रात के बीच कोई अंतर न होगा. जब शाम होगी, तभी प्रकाश होगा.
8 An jenem Tage werden lebendige Wasser von Jerusalem ausfließen, die eine Hälfte in das östliche, die andere in das westliche Meer; Sommer und Winter wird es so bleiben.
उस दिन जीवन का जल येरूशलेम से बह निकलेगा, इसमें का आधा पानी पूर्व से मृत सागर की ओर तथा आधा पानी पश्चिम से भूमध्य सागर की ओर बहेगा, और यह ग्रीष्मकाल और साथ ही साथ शीतकाल में भी बहता रहेगा.
9 Und der HERR wird über die ganze Erde König werden. An jenem Tage wird nur ein HERR sein und sein Name nur einer.
सारी पृथ्वी पर याहवेह ही राजा होंगे. उस दिन एक ही याहवेह होंगे, और सिर्फ उन्हीं का ही नाम होगा.
10 Das ganze Land von Geba bis Rimmon, südlich von Jerusalem, wird in eine Ebene verwandelt werden. Jerusalem aber wird erhöht sein und an seiner Stätte bewohnt werden, vom Tore Benjamin bis an die Stelle des ersten Tors, bis an das Ecktor, und vom Turm Hananeel bis zu den Keltern des Königs.
सारी भूमि, गेबा से लेकर येरूशलेम के दक्षिण में रिम्मोन तक अराबाह के समान हो जाएगी. परंतु बिन्यामिन द्वार से लेकर पहले द्वार के लिए चिन्हित स्थान तक, तथा कोने के द्वार तक और हनानेल के मीनार से लेकर राजा के रसकुण्डों तक येरूशलेम को ऊंचा उठाया जाएगा, और यह अपने स्थान में बना रहेगा.
11 Und sie werden darin wohnen; und es wird kein Bannfluch mehr sein, und Jerusalem wird sicher wohnen.
लोग आकर इसमें बसेंगे; और यह फिर कभी नाश नहीं किया जाएगा. येरूशलेम सुरक्षित होगा.
12 Das aber wird die Plage sein, mit welcher der HERR alle Völker schlagen wird, die wider Jerusalem zu Felde gezogen sind: ihr Fleisch wird verfaulen, während sie noch auf ihren Füßen stehen; ihre Augen werden verfaulen in ihren Höhlen, und ihre Zunge wird verfaulen in ihrem Munde.
वे जनता, जिन्होंने येरूशलेम से युद्ध किया है, उन सब पर याहवेह ऐसी महामारी लायेंगे कि जब वे अपने पैरों पर खड़े ही होंगे तो उनका मांस सड़ जाएगा, उनकी आंखें उनके गोलकों में ही सड़ जाएंगी, और उनकी जीभ उनके मुंह में ही सड़ जाएगी.
13 Auch wird an jenem Tage eine große Verwirrung vom HERRN über sie kommen, daß einer des andern Hand packen und einer gegen den andern die Hand erheben wird.
उस दिन याहवेह की ओर से लोगों में बड़े आतंक के साथ घबराहट फैलेगी. वे एक दूसरे को हाथ से पकड़कर एक दूसरे पर वार करेंगे.
14 Aber auch Juda wird kämpfen bei Jerusalem, und es wird der Reichtum aller Heiden ringsum zusammengerafft werden, Gold und Silber und Kleider in großer Menge.
यहूदिया भी आकर येरूशलेम में लड़ेगा. आस-पास की सभी जनताओं की संपत्ति इकट्ठी की जाएगी—जिसमें बहुत सारा सोना, चांदी और कपड़ा होगा.
15 Die gleiche Plage wird auch den Rossen, Maultieren, Kamelen und Eseln, ja, allem Vieh widerfahren, das in jenen Lagern sein wird.
घोड़ों, खच्चरों, ऊंटों, गधों और उन शिविरों में सब पशुओं पर भी इसी प्रकार की महामारी आ पड़ेगी.
16 Und es wird dazu kommen, daß alle Übriggebliebenen von all den Nationen, die gegen Jerusalem gezogen sind, Jahr für Jahr heraufkommen werden, um den König, den HERRN der Heerscharen, anzubeten und das Laubhüttenfest zu feiern.
तब वे सब जनता, जिन्होंने येरूशलेम पर आक्रमण किया था, उनमें से बचे लोग हर साल येरूशलेम जाकर राजा, सर्वशक्तिमान याहवेह की आराधना करेंगे, और तंबुओं का त्योहार मनायेंगे.
17 Welche aber von den Geschlechtern der Erde nicht nach Jerusalem hinaufziehen werden, um anzubeten den König, den HERRN der Heerscharen, über die wird kein Regen fallen.
और यदि पृथ्वी के लोगों में से कोई भी राजा, सर्वशक्तिमान याहवेह की आराधना करने के लिये येरूशलेम नहीं जाएगा, तो उनके यहां वर्षा न होगी.
18 Und wenn das Geschlecht der Ägypter nicht heraufkommen will, dann wird auch über sie die Plage kommen, mit welcher der HERR die Heiden schlagen wird, die nicht heraufkommen wollen, das Laubhüttenfest zu feiern.
यदि मिस्र के लोग आराधना और उत्सव में भाग लेने के लिये नहीं जाएंगे, तो उनके यहां भी वर्षा न होगी. याहवेह उन पर वह महामारी लायेगा, जो वह उन जनताओं पर लाता है, जो तंबुओं का उत्सव मनाने नहीं जाते हैं.
19 Das wird die Strafe der Ägypter und die Strafe aller Heiden sein, welche nicht hinaufziehen wollen, das Laubhüttenfest zu feiern.
यह मिस्र देश के लोगों की सजा और उन सब जनताओं की सजा होगी, जो तंबुओं का उत्सव मनाने नहीं जाते हैं.
20 An jenem Tage wird auf den Schellen der Rosse stehen: «Heilig dem HERRN»; und die Töpfe im Hause des HERRN werden sein wie die Sprengbecken vor dem Altar.
उस दिन घोड़ों की गर्दन में लटकी घण्टियों पर ये शब्द खुदे हुए होंगे, “याहवेह के लिए पवित्र,” और याहवेह के भवन में भोजन पकाने के बर्तन, वेदी के सामने रखे पवित्र कटोरों के समान होंगे.
21 Es wird auch jeder Topf in Jerusalem und in Juda dem HERRN der Heerscharen heilig sein, so daß alle, die da opfern wollen, kommen werden und davon nehmen und darin kochen. An jenem Tage wird kein Kanaaniter mehr im Hause des HERRN der Heerscharen sein.
येरूशलेम और यहूदिया में हर एक बर्तन सर्वशक्तिमान याहवेह के लिये पवित्र होगा, और वे सब जो बलि चढ़ाने के लिए आएंगे, वे उन बर्तनों में से कुछ को लेंगे और उनमें पकायेंगे. और उस दिन सर्वशक्तिमान याहवेह के भवन में फिर कोई कनानी (व्यापारी) न होगा.