< Offenbarung 22 +
1 Und er zeigte mir einen Strom vom Wasser des Lebens, glänzend wie Kristall, der vom Throne Gottes und des Lammes ausging,
इसके बाद उस स्वर्गदूत ने मुझे जीवन के जल की नदी दिखाई, जो स्फटिक के समान निर्मल-पारदर्शी थी, जो परमेश्वर तथा मेमने के सिंहासन से बहती थी.
2 [und] inmitten ihrer Straßen und zu beiden Seiten des Stromes den Baum des Lebens, der zwölfmal Früchte trägt und jeden Monat seine Frucht gibt; und die Blätter des Baumes dienen zur Heilung der Völker.
यह नदी नगर के प्रधान मार्ग से होती हुई बह रही है. नदी के दोनों ओर जीवन के पेड़ है, जिसमें बारह प्रकार के फल उत्पन्न होते हैं. यह पेड़ हर महीने फल देता है. इस पेड़ की पत्तियों में राष्ट्रों को चंगा करने की क्षमता है.
3 Und nichts Gebanntes wird mehr sein. Und der Thron Gottes und des Lammes wird in ihr sein, und seine Knechte werden ihm dienen;
अब से वहां श्रापित कुछ भी न रहेगा. परमेश्वर और मेमने का सिंहासन उस नगर में होगा, उनके दास उनकी आराधना करेंगे.
4 und sie werden sein Angesicht sehen, und sein Name wird auf ihren Stirnen sein.
वे उनका चेहरा निहारेंगे तथा उनका ही नाम उनके माथे पर लिखा होगा.
5 Und es wird keine Nacht mehr sein, und sie bedürfen nicht des Lichtes eines Leuchters, noch des Sonnenscheines; denn Gott der Herr wird sie erleuchten, und sie werden herrschen von Ewigkeit zu Ewigkeit. (aiōn )
वहां अब से रात होगी ही नहीं. न तो उन्हें दीपक के प्रकाश की ज़रूरत होगी और न ही सूर्य के प्रकाश की क्योंकि स्वयं प्रभु परमेश्वर उनका उजियाला होगे. वह हमेशा शासन करेंगे. (aiōn )
6 Und er sprach zu mir: Diese Worte sind wahrhaftig und gewiß; und der Herr, der Gott der Geister der Propheten, hat seinen Engel gesandt, um seinen Knechten zu zeigen, was in Bälde geschehen soll.
तब स्वर्गदूत ने मुझसे कहा, “जो कुछ अब तक कहा गया है, वह सच और विश्वासयोग्य है. प्रभु ने जो भविष्यद्वक्ताओं को आत्माओं के परमेश्वर है, अपने स्वर्गदूत को अपने दासों के पास वह सब प्रकट करने को भेजा है, जिनका जल्द पूरा होना ज़रूरी है.”
7 Siehe, ich komme bald! Selig, wer die Worte der Weissagung dieses Buches bewahrt!
“देखों, मैं जल्द आने पर हूं. धन्य है वह, जो इस अभिलेख की भविष्यवाणी के अनुसार चालचलन करता है.”
8 Und ich, Johannes, bin es, der solches gesehen und gehört hat; und als ich es gehört und gesehen hatte, fiel ich nieder, um anzubeten vor den Füßen des Engels, der mir solches zeigte.
मैं, योहन वही हूं, जिसने स्वयं यह सब सुना और देखा है. यह सब सुनने और देखने पर मैं उस स्वर्गदूत को दंडवत करने उसके चरणों पर गिर पड़ा, जिसने मुझे यह सब दिखाया था,
9 Und er sprach zu mir: Sieh zu, tue es nicht! Denn ich bin dein Mitknecht und der deiner Brüder, der Propheten, und derer, welche die Worte dieses Buches bewahren. Bete Gott an!
किंतु स्वर्गदूत ने मुझसे कहा, “देख ऐसा मत करो! मैं तो तुम्हारे, तुम्हारे भाई भविष्यद्वक्ताओं तथा इस अभिलेख के पालन करनेवालों के समान ही परमेश्वर का दास हूं. दंडवत परमेश्वर को करो.”
10 Und er sprach zu mir: Versiegle die Worte der Weissagung dieses Buches nicht; denn die Zeit ist nahe.
तब उसने आगे कहा, “इस अभिलेख की भविष्यवाणी को मोहर नहीं लगाना, क्योंकि इसके पूरा होने का समय निकट है.
11 Wer Unrecht tut, der tue weiter Unrecht, und wer unrein ist, verunreinige sich weiter, und der Gerechte übe weiter Gerechtigkeit, und der Heilige heilige sich weiter.
जो दुराचारी है, वह दुराचार में लीन रहे; जो पापी है, वह पापी बना रहे; जो धर्मी है, वह धार्मिकता का स्वभाव करे तथा जो पवित्र है, वह पवित्र बना रहे.”
12 Siehe, ich komme bald und mein Lohn mit mir, um einem jeglichen zu vergelten, wie sein Werk sein wird.
“देखों! मैं जल्द आने पर हूं! हर एक मनुष्य को उसके कामों के अनुसार जो बदला दिया जाएगा, वह मैं अपने साथ ला रहा हूं.
13 Ich bin das A und das O, der Erste und der Letzte, der Anfang und das Ende.
मैं ही अल्फ़ा और ओमेगा हूं, पहला तथा अंतिम, आदि तथा अंत.
14 Selig sind, die ihre Kleider waschen, damit sie Macht erlangen über den Baum des Lebens und durch die Tore in die Stadt eingehen.
“धन्य हैं वे, जिन्होंने अपने वस्त्र धो लिए हैं कि वे द्वार से नगर में प्रवेश कर सकें और जीवन के पेड़ का फल प्राप्त कर सकें.
15 Draußen aber sind die Hunde und die Zauberer und die Unzüchtigen und die Mörder und die Götzendiener und alle, welche die Lüge lieben und üben.
कुत्ते, टोन्हे, व्यभिचारी, हत्यारे, मूर्तिपूजक तथा झूठ के समर्थक या वे, जो झूठ गढ़ते हैं, बाहर ही रह जाएंगे.
16 Ich, Jesus, habe meinen Engel gesandt, euch solches für die Gemeinden zu bezeugen. Ich bin die Wurzel und der Sproß Davids, der glänzende Morgenstern.
“मैं, येशु, मैंने कलीसियाओं के हित में अपने स्वर्गदूत को इस घटनाक्रम के प्रकाशन के लिए तुम सबके पास गवाह के रूप में भेजा है. मैं ही दावीद का वंशमूल और वंशज हूं, और भोर का चमकता हुआ तारा.”
17 Und der Geist und die Braut sprechen: Komm! Und wer es hört, der spreche: Komm! Und wen dürstet, der komme; wer will, der nehme das Wasser des Lebens umsonst.
आत्मा तथा वधू, दोनों ही की विनती है, “आइए!” जो सुन रहा है, वह भी कहे, “आइए!” वह, जो प्यासा है, आए; कोई भी, जो अभिलाषी है, जीवन का जल मुफ़्त में पिए.
18 Ich bezeuge jedem, der die Worte der Weissagung dieses Buches hört: Wenn jemand etwas hinzufügt, so wird Gott ihm die Plagen zufügen, von denen in diesem Buche geschrieben ist;
मैं हर एक को, जो इस अभिलेख की भविष्यवाणी को सुनता है, चेतावनी देता हूं: यदि कोई इसमें कुछ भी जोड़ता है, तो परमेश्वर उसकी विपत्तियों को, जिनका वर्णन इस अभिलेख में है, बढ़ा देंगे.
19 und wenn jemand etwas hinwegnimmt von den Worten des Buches dieser Weissagung, so wird Gott wegnehmen seinen Anteil am Baume des Lebens und an der heiligen Stadt, von denen in diesem Buche geschrieben steht.
यदि कोई भविष्यवाणी के इस अभिलेख में से कुछ भी निकालता है तो परमेश्वर जीवन के पेड़ तथा पवित्र नगर में से, जिनका वर्णन इस अभिलेख में है, उसके भाग से उसे दूर कर देंगे.
20 Es spricht, der dieses bezeugt: Ja, ich komme bald! Amen, komm, Herr Jesus!
वह, जो इस घटनाक्रम के प्रत्यक्षदर्शी हैं, कहते हैं, “निश्चित ही मैं शीघ्र आने पर हूं.” आमेन! आइए, प्रभु येशु!
21 Die Gnade des Herrn Jesus sei mit allen Heiligen!
प्रभु येशु का अनुग्रह सब पर बना रहे. आमेन.